बांग्लादेश में पाकिस्तानी नेताओं का दबदबा चल रहा है। वह लोग साजिश करके हम हिंदुओं को वहां से भगा रहे। घरों में घुसकर महिलाओं से रेप कर रहे। मंदिरों में मांस फेंका जा रहा। हम लोग जान बचाकर भारत चले आए हैं। यह कहना है वाराणसी पहुंचे 12 बांग्लादेशियों का, जो हिंदू हैं। सनातन को मानते हैं। ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद से मुलाकात करने के बाद उन्होंने बांग्लादेश के हालात बताए। कहा- वहां भीड़ हम लोगों से कहती है कि तुम लोग पाकिस्तान चले जाओ। हम वहां जा नहीं सकते हैं। इसलिए मदद की दरकार लेकर भारत आए हैं। बांग्लादेश से आए लोगों ने अपने चेहरे ढक रखे थे। उन्होंने कहा- अब बांग्लादेश के हालात रहने लायक नहीं रहे। हर वक्त जान का खतरा बना हुआ है। वहां हिंदू लोग नहीं रह सकते हैं। यही वजह है कि हम काशी में शंकराचार्य से मुलाकात करने के लिए आए हैं। ताकि भारत सरकार बांग्लादेश में हिंदुओं के हालात पर हस्तक्षेप करें और वहां एक अलग स्थान स्थापित किया जाए जहां हिंदू रह सकें। कम्युनिस्ट कर रहे अत्याचार
एक बांग्लादेशी हिंदू ने कहा- इस समय वहां रहने वाले कम्युनिस्ट लोगों का एक ही एजेंडा है कि पूरे बांग्लादेश को मुस्लिम राष्ट्र घोषित कर दिया जाए। जहां भी हिंदू दिखाई दे रहे हैं, उनके साथ हिंसा की जा रही है। हिंदू मंदिरों पर भी कब्जा कर लिया गया है। हमें घर से निकलने में भी दिक्कत हो रही है। हम किसी तरह अपनी पहचान छुपाते हुए दिल्ली पहुंचे और वहां से सीधे शंकराचार्य के सानिध्य में आए। वहां हमारा परिवार है, हमें उनकी बहुत चिंता है, हम किसी तरह जान बचाकर वहां से निकले हैं। हिंदू महिलाओं पर सबसे ज्यादा अत्याचार
बांग्लादेश से आई एक महिला ने बताया- हम हिंदू हैं, लेकिन बांग्लादेश में रहना काफी खतरनाक हो गया है, वहां पर हिंदुओं के ऊपर काफी अत्याचार हो रहा है। खासकर महिलाओं का वहां रहना मुश्किल है। वहां रहने वाले लोग घरों में घुसकर बलात्कार कर रहे हैं, मारपीट कर रहे हैं। इसलिए हम लोग किसी तरह से भारत आए हैं। उम्मीद है कि यहां हमें न्याय मिलेगा। हमने अपने धर्मगुरू से इस बारे में चर्चा भी की है। शंकराचार्य बोल- भारत सरकार बांग्लादेश को कड़ा संदेश दे
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा- उनकी वेदना इतनी भयावह थी कि सुना भी नहीं जा रहा था। उनका मात्र इसलिए उत्पीड़न हो रहा है कि वह हिंदू हैं। हम भारत सरकार से मांग करते है कि बांग्लादेश को कड़ा संदेश दें। अगर वह हमारे हिंदू भाई-बहन को सुरक्षा नहीं दे सकते तो यहां से हम भी बांग्लादेश के मुस्लिमों को उनके देश भेजे और अपने हिन्दू भाई-बहन को सुरक्षित वापस लाएं। अब समय है भारत सरकार बांग्लादेश को कड़ा संदेश दे। बांग्लादेशी हिंदुओं की प्रमुख 7 मांगें ————————- ये भी पढ़ें : संभल में 5वें दिन मिली लालरंग की फर्श और झरोखे: बावड़ी का ASI टीम ने 4 घंटे किया सर्वे, सुरंग में घुसकर की कार्बन डेटिंग संभल में खुदाई के दौरान मिली प्राचीन बावड़ी का ASI ने बुधवार को सर्वे किया। बावड़ी और सुरंग की कार्बन डेटिंग की। इस दौरान टीम को मिट्टी के नीचे लाल रंग के पत्थर की एक फर्श और झरोखों जैसी कलाकृतियां दिखीं। दीवारों कीे दरख्तों दवार के फोटो और वीडियो बनाए। वहीं 5वें दिन भी बावड़ी की खुदाई जारी है। बावड़ी को नुकसान न हो इसलिए अब जेसीबी से खुदाई रुकवा दी गई है। मजदूर ही काम करेंगे। ASI की टीम सुबह 10:15 बजे चंदौसी के लक्ष्मणगंज पहुंची। दोपहर में 1:08 मिनट पर बावड़ी का सर्वे करके लौट गई। टीम ने मोबाइल और कैमरों की फ्लैश लाइट व टॉर्च जलाकर करीब 4 घंटे तक बावड़ी के अंदर बारीकी से जांच-पड़ताल की। इस दौरान बावड़ी के अंदर मिट्टी के नीचे एक पक्की फर्श सामने आई, जो लाल रंग के पत्थर से बनी हुई थी। सर्वे टीम के जाने के बाद फिर खुदाई का काम शुरू हुआ। पढ़िए पूरी खबर… बांग्लादेश में पाकिस्तानी नेताओं का दबदबा चल रहा है। वह लोग साजिश करके हम हिंदुओं को वहां से भगा रहे। घरों में घुसकर महिलाओं से रेप कर रहे। मंदिरों में मांस फेंका जा रहा। हम लोग जान बचाकर भारत चले आए हैं। यह कहना है वाराणसी पहुंचे 12 बांग्लादेशियों का, जो हिंदू हैं। सनातन को मानते हैं। ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद से मुलाकात करने के बाद उन्होंने बांग्लादेश के हालात बताए। कहा- वहां भीड़ हम लोगों से कहती है कि तुम लोग पाकिस्तान चले जाओ। हम वहां जा नहीं सकते हैं। इसलिए मदद की दरकार लेकर भारत आए हैं। बांग्लादेश से आए लोगों ने अपने चेहरे ढक रखे थे। उन्होंने कहा- अब बांग्लादेश के हालात रहने लायक नहीं रहे। हर वक्त जान का खतरा बना हुआ है। वहां हिंदू लोग नहीं रह सकते हैं। यही वजह है कि हम काशी में शंकराचार्य से मुलाकात करने के लिए आए हैं। ताकि भारत सरकार बांग्लादेश में हिंदुओं के हालात पर हस्तक्षेप करें और वहां एक अलग स्थान स्थापित किया जाए जहां हिंदू रह सकें। कम्युनिस्ट कर रहे अत्याचार
एक बांग्लादेशी हिंदू ने कहा- इस समय वहां रहने वाले कम्युनिस्ट लोगों का एक ही एजेंडा है कि पूरे बांग्लादेश को मुस्लिम राष्ट्र घोषित कर दिया जाए। जहां भी हिंदू दिखाई दे रहे हैं, उनके साथ हिंसा की जा रही है। हिंदू मंदिरों पर भी कब्जा कर लिया गया है। हमें घर से निकलने में भी दिक्कत हो रही है। हम किसी तरह अपनी पहचान छुपाते हुए दिल्ली पहुंचे और वहां से सीधे शंकराचार्य के सानिध्य में आए। वहां हमारा परिवार है, हमें उनकी बहुत चिंता है, हम किसी तरह जान बचाकर वहां से निकले हैं। हिंदू महिलाओं पर सबसे ज्यादा अत्याचार
बांग्लादेश से आई एक महिला ने बताया- हम हिंदू हैं, लेकिन बांग्लादेश में रहना काफी खतरनाक हो गया है, वहां पर हिंदुओं के ऊपर काफी अत्याचार हो रहा है। खासकर महिलाओं का वहां रहना मुश्किल है। वहां रहने वाले लोग घरों में घुसकर बलात्कार कर रहे हैं, मारपीट कर रहे हैं। इसलिए हम लोग किसी तरह से भारत आए हैं। उम्मीद है कि यहां हमें न्याय मिलेगा। हमने अपने धर्मगुरू से इस बारे में चर्चा भी की है। शंकराचार्य बोल- भारत सरकार बांग्लादेश को कड़ा संदेश दे
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा- उनकी वेदना इतनी भयावह थी कि सुना भी नहीं जा रहा था। उनका मात्र इसलिए उत्पीड़न हो रहा है कि वह हिंदू हैं। हम भारत सरकार से मांग करते है कि बांग्लादेश को कड़ा संदेश दें। अगर वह हमारे हिंदू भाई-बहन को सुरक्षा नहीं दे सकते तो यहां से हम भी बांग्लादेश के मुस्लिमों को उनके देश भेजे और अपने हिन्दू भाई-बहन को सुरक्षित वापस लाएं। अब समय है भारत सरकार बांग्लादेश को कड़ा संदेश दे। बांग्लादेशी हिंदुओं की प्रमुख 7 मांगें ————————- ये भी पढ़ें : संभल में 5वें दिन मिली लालरंग की फर्श और झरोखे: बावड़ी का ASI टीम ने 4 घंटे किया सर्वे, सुरंग में घुसकर की कार्बन डेटिंग संभल में खुदाई के दौरान मिली प्राचीन बावड़ी का ASI ने बुधवार को सर्वे किया। बावड़ी और सुरंग की कार्बन डेटिंग की। इस दौरान टीम को मिट्टी के नीचे लाल रंग के पत्थर की एक फर्श और झरोखों जैसी कलाकृतियां दिखीं। दीवारों कीे दरख्तों दवार के फोटो और वीडियो बनाए। वहीं 5वें दिन भी बावड़ी की खुदाई जारी है। बावड़ी को नुकसान न हो इसलिए अब जेसीबी से खुदाई रुकवा दी गई है। मजदूर ही काम करेंगे। ASI की टीम सुबह 10:15 बजे चंदौसी के लक्ष्मणगंज पहुंची। दोपहर में 1:08 मिनट पर बावड़ी का सर्वे करके लौट गई। टीम ने मोबाइल और कैमरों की फ्लैश लाइट व टॉर्च जलाकर करीब 4 घंटे तक बावड़ी के अंदर बारीकी से जांच-पड़ताल की। इस दौरान बावड़ी के अंदर मिट्टी के नीचे एक पक्की फर्श सामने आई, जो लाल रंग के पत्थर से बनी हुई थी। सर्वे टीम के जाने के बाद फिर खुदाई का काम शुरू हुआ। पढ़िए पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर