उत्तर प्रदेश के बाराबंकी के सफदरगंज थाना व कस्बा के नई बस्ती मोहल्ले में बीती रात एक 50 वर्षीय भाई ने अपनी विवाहिता बहन की कुल्हाड़ी से हमला कर निर्मम हत्या कर दी। आरोपी भाई ने स्वयं जाकर थाने में घटना की सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव के पास से खून से सनी कुल्हाड़ी बरामद कर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। पुलिस आरोपी व उसकी मां को थाने लाकर पूछताछ कर रही है। सूचना पर पहुंचे एसपी दिनेश कुमार सिंह ने घटनास्थल का निरीक्षण कर पूछताछ की। सफदरगंज थाना व कस्बा के मोहल्ला नई बस्ती में रहने वाले मोहम्मद उस्मान (50) पुत्र इस्लाम ने बीती गुरुवार की रात घर में रह रही अपनी विवाहिता बहन जमीला बानो (30) की कुल्हाड़ी से गला काटकर निर्मम हत्या कर दी। शुक्रवार की सुबह जब सो कर उठी। उसकी मां जोहरा ने कमरे में जमीला का खून से लथपथ शव देखकर जोर-जोर से रोने लगी। चीख पुकार सुनकर आसपास के मोहल्ले वाले लोग एकत्रित हो गए। जामीला बानो का विवाह करीब ढाई वर्ष पूर्व मसौली थाना अंतर्गत त्रिलोक पुर गांव के रहने वाले मोहम्मद आसिफ के साथ हुआ था। आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ जमीला लगभग 15 दिन पूर्व अपने मायके से आई थी। संबंधित मामले में प्रभारी निरीक्षक सुधीर कुमार सिंह सफदरगंज का कहना है कि हत्या का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है। शुरुआती जांच में बहन के कैरेक्टर पर शक करने की बात सामने आ रही है। आरोपी उस्मान व उसकी मां जोहरा से पूछताछ की जा रही है। उत्तर प्रदेश के बाराबंकी के सफदरगंज थाना व कस्बा के नई बस्ती मोहल्ले में बीती रात एक 50 वर्षीय भाई ने अपनी विवाहिता बहन की कुल्हाड़ी से हमला कर निर्मम हत्या कर दी। आरोपी भाई ने स्वयं जाकर थाने में घटना की सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव के पास से खून से सनी कुल्हाड़ी बरामद कर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। पुलिस आरोपी व उसकी मां को थाने लाकर पूछताछ कर रही है। सूचना पर पहुंचे एसपी दिनेश कुमार सिंह ने घटनास्थल का निरीक्षण कर पूछताछ की। सफदरगंज थाना व कस्बा के मोहल्ला नई बस्ती में रहने वाले मोहम्मद उस्मान (50) पुत्र इस्लाम ने बीती गुरुवार की रात घर में रह रही अपनी विवाहिता बहन जमीला बानो (30) की कुल्हाड़ी से गला काटकर निर्मम हत्या कर दी। शुक्रवार की सुबह जब सो कर उठी। उसकी मां जोहरा ने कमरे में जमीला का खून से लथपथ शव देखकर जोर-जोर से रोने लगी। चीख पुकार सुनकर आसपास के मोहल्ले वाले लोग एकत्रित हो गए। जामीला बानो का विवाह करीब ढाई वर्ष पूर्व मसौली थाना अंतर्गत त्रिलोक पुर गांव के रहने वाले मोहम्मद आसिफ के साथ हुआ था। आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ जमीला लगभग 15 दिन पूर्व अपने मायके से आई थी। संबंधित मामले में प्रभारी निरीक्षक सुधीर कुमार सिंह सफदरगंज का कहना है कि हत्या का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है। शुरुआती जांच में बहन के कैरेक्टर पर शक करने की बात सामने आ रही है। आरोपी उस्मान व उसकी मां जोहरा से पूछताछ की जा रही है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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बस्ती: 10 साल पहले बनकर तैयार नहर के नाम पर करोड़ों का गबन, डीएम को सौंपी गई जांच
बस्ती: 10 साल पहले बनकर तैयार नहर के नाम पर करोड़ों का गबन, डीएम को सौंपी गई जांच <p style=”text-align: justify;”><strong>Basti Latest News:</strong> योगी सरकार में भ्रष्टाचार को लेकर तमाम नेताओं ने आरोप लगाया है, जिसको लेकर मुख्यमंत्री <a title=”योगी आदित्यनाथ” href=”https://www.abplive.com/topic/yogi-adityanath” data-type=”interlinkingkeywords”>योगी आदित्यनाथ</a> ने साफ तौर पर कहा है कि आप सबूत दीजिए हम अपने भ्रष्ट अधिकारी के खिलाफ तत्काल एक्शन लेंगे. बस्ती के एक इंजीनियर साहब का कारनामा सुनेंगे तो आपको यकीन नहीं होगा. कैसे 10 साल पहले पूर्ण हो चुकी एक नहर के नाम पर सरकार का करोड़ों रुपए पानी में बहा दिया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जमीन अधिग्रहण के नाम पर इंजीनियर ने ऐसा खेल खेला कि सारे नियम कानून धरे रह गए, जिस नहर में लगातार पानी बह रहा है उस नहर को कागजों में अधूरा दिखाकर किसानों की जमीन की खरीद फरोख्त की गई और लगभग 3 करोड़ से अधिक के सरकारी बजट का बंदरबांट कर लिया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>आपदा में भी घोटाले का अवर ढूंढ लिया </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल यह मामला भानपुर तहसील क्षेत्र के भगवानपुर गांव का है, जहां गांव के किनारे से होकर सरयू नहर वर्ष 2000 में बनाई गई. उस वक्त नहर बनाने के लिए 17 से 18 किसानों की जमीन भी अधिग्रहण किया गया, और वर्ष 2005 में नहर का कार्य पूरा हो गया. इसके 15 साल बाद भ्रष्ट इंजीनियर राकेश गौतम बस्ती की कमान संभालने पहुंचे और उन्होंने इस आपदा में भी अवसर ढूंढ लिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>किसानों की जमीन दोबारा खरीदी गई </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>अधिशाषी अभियंता आरके गौतम ने सरयू नहर को अधूरी दिखाकर फिर से पहले अपनी जमीन नहर के नाम पर अपनी जमीन दे चुके किसानों के 7 से 8 रिश्तेदार किसानों की जमीन अधिग्रहण कर साढ़े तीन करोड़ का भुगतान कर दोबारा न्यारा कर दिया गया. शिकायतकर्ता लाल बिहारी का आरोप है कि किसानों से सांठगांठ कर सरयू नहर के अधिकारियों ने दोबारा से किसानों की फर्जी तरीके से जमीन खरीदी गई. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>किसान ने लगाया गंभीर आरोप </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बस्ती जनपद के भगवानपुर के रहने वाले किसान लाल बिहारी ने सरयू नहर में हुए भ्रष्टाचार और गबन की जांच सतर्कता आयोग से करने की मांग की थी. पूर्वांचल विकास बोर्ड के सदस्य बौद्ध अरविंद सिंह पटेल ने भी इसके लिए मुख्य सचिव को पत्र लिखा था, जिस पर जांच शुरू हो गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>शिकायतकर्ता लाल बिहारी ने बताया कि उनके गांव से सरयू नहर की एक शाखा जा रही थी, जिसका गजट सन 2000 में हुआ था जिसमें कुछ काश्तकारों से नहर विभाग ने 26 अगस्त 2000 को नहर की जमीन के अधिग्रहण के लिए अधिग्रहित भूमि का बैनामा करवाया गया. इसी दौरान गांव की चकबंदी का बजट हो गया था. उसके बाद बैनामा फार्म 23 के आधार पर करवाया गया था, लेकिन ग्राम-भगवानपुर की चकबन्दी निरस्त कर दी गयी और अभिलेख पुनः तहसील में वापस कर दिये गये.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सरकारी धन का किया गया दुरुपयोग </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं चकबन्दी निरस्त होने से चौकीदारों का चेक निरस्त हो गया और मूल काश्तकार दोबारा से अपने चको पर कायम हो गये. सरयू नहर विभाग ने जिन नंबरों का दस्तावेज बैनामा वर्ष 2000 को कराया था, जिसके बाद चकबन्दी निरस्त होने पर दोबारा उन्हीं नंबरों का दस्तावेज बैनामा साल 2017 को उसी भूमि का चार गुना दर से बैनामा करा कर सरयू नहर योजना के अधिशाषी अभियंता आरके गौतम ने करोड़ों का गबन किया. वर्ष 2000 में हुए किसानों के जमीन अधिग्रहण के बैनामा के वजूद में रहते दोबारा 15 साल बाद दिनांक 16.12.2017 व 18.12.2017 को फिर से बैनामा करा कर चार गुना धन देकर किसानों से मिलीभगत कर सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी मिली </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>शिकायतकर्ता का कहना है कि उक्त बैनामे की कार्यवाही में अधिशाषी अभियन्ता राकेश कुमार गौतम, अवर अभियन्ता बलिकरन चौहान, तत्कालीन इंजीनियर सींचपाल और स्टेनो देवेन्द्र की आपसी सहमति और असली किसानों को धोखा देकर भूमिधरों से अच्छी-खासी कमीशन की राशि ली गई और दोबारा भुगतान कर दिया गया है. इस बैनामे की कार्रवाई धोखाधड़ी, सरकारी धन का दुरुपयोग का जब शिकायतकर्ता लाल बिहारी ने विरोध किया तो दबंगों ने उसे जान से मारने की धमकी दिए, जिसकी सूचना स्थानीय थाने पर दी गयी मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बस्ती के जिलाधिकारी को सौंपी गई घोटाले की जांच</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>इस संबंध में किसान लाल बिहारी ने शासन को एक शिकायती पत्र के माध्यम से जानकारी दिया गया, जिसमें सिंचाई विभाग लखनऊ के जांच अधिकारी निष्पक्ष जांच करने के बजाय जांच को ही बंद कर दिया. इस बात की जानकारी होते ही पूरे मामले की शिकायत मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन को दिया गया है. इस मामले में मुख्य सचिव कार्यालय से जिलाधिकारी बस्ती को इस घोटाले की जांच सौंपी गई है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बस्ती के जिलाधिकारी ने क्या बताया?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>चीफ सेक्रेटरी उत्तर प्रदेश के आदेश के बाद जिलाधिकारी बस्ती रवीश कुमार गुप्ता के निर्देश पर मुख्य राजस्व अधिकारी संजीव ओझा इस गबन की जांच कर रहे हैं. मुख्य राजस्व अधिकारी से जब हमने बात की तो उन्होंने बताया कि शासन में शिकायत हुई थी जिसकी जांच की जा रही है. कहा कि शिकायतकर्ता को बुलाकर उनका बयान ले लिया गया है. इस संबंध में सभी साक्ष्य लिए गए हैं. प्रकरण अत्यंत गंभीर है जिसके क्रम में जांच की जा रही है. जांच रिपोर्ट जल्द शासन को भेज दी जाएगी ताकि जल्द कार्रवाई हो सके.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अधिशासी अभियंता राकेश कुमार गौतम ने दिया ये जवाब</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>अधिशासी अभियंता राकेश कुमार गौतम से जब हमने इस मामले पर उनका पक्ष लेने के लिए बात किया तो उन्होंने गोलमोल जवाब देते हुए कहा कि सरयू नहर बनाने के लिए विभाग की तरफ से 2017 में कुछ किसानों की जमीन का बैनामा कराया गया था, शिकायतकर्ता लाल बिहारी ने शासन में कुछ आरोप लगाए है, जो सरासर गलत है. किसानों की जमीन लेकर सरयू नहर के लिए नहर बनाई गई है. इस प्रकरण की कई जांच हो चुकी है. उन्होंने अपना पक्ष जांच अधिकारियों के सामने रख दिया है. उनकी तरफ से कोई जमीन घोटाला नहीं किया गया है. मगर जब उनसे पूछा गया कि जब सरयू नहर का काम वर्ष 2005 में ही पूरा हो चुका था तो फिर 15 साल पर फिर क्यों किसानों का जमीन अधिग्रहण किया गया तो इसका सवाल का वो कोई जवाब नहीं दे सके.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”बस्ती में बेसमेंट में चल रही 4 लाइब्रेरी सील, दिल्ली कोचिंग के हादसे के बाद BDA ने लिया एक्शन” href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/basti-district-four-libraries-sealed-action-taken-after-delhi-rao-ias-coaching-accident-ann-2754339″ target=”_self”>बस्ती में बेसमेंट में चल रही 4 लाइब्रेरी सील, दिल्ली कोचिंग के हादसे के बाद BDA ने लिया एक्शन</a></strong></p>
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यूपी में केशव बनाम योगी की लड़ाई तेज:सहयोगी दलों के मंत्रियों ने की गुटबाजी, सीएम की समीक्षा में ना पहुंच कर…केशव से मिले राजभर
यूपी में केशव बनाम योगी की लड़ाई तेज:सहयोगी दलों के मंत्रियों ने की गुटबाजी, सीएम की समीक्षा में ना पहुंच कर…केशव से मिले राजभर उत्तर प्रदेश में योगी और केशव की ठाना ठनी की चर्चा लखनऊ से दिल्ली तक है । लेकिन अब इस सरकार और संगठन के वर्चस्व की लड़ाई में उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्रियों के साथ ही बीजेपी के सहयोगी दलों ने भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को घेरना शुरू कर दिया है। प्रदेश सरकार में पिछड़ों के नेता मानने वाले मंत्री अब केशव प्रसाद मौर्य के दरबार में जाते और उनसे मुलाकात करते नजर आ रहे हैं। सीएम की मंडलीय समीक्षा में ना बैठकर केशव से मिले राजभर लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार अलग-अलग मंडलों की हर की समीक्षा करते और जनप्रतिनिधियों से कारण को पूछते नजर आ रहे हैं।जिसको लेकर बीते सोमवार को आजमगढ़ में बैठक बुलाई गई । जिसमे सभी जनप्रतिनिधि शामिल हुए लेकिन सुभासपा अध्यक्ष और पंचायती राज मंत्री ओम प्रकाश राजभर नहीं पहुंचे।लेकिन उन्होंने लखनऊ में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या से मुलाकात कर एक नई सियासी चर्चा को जन्म दें दिया है। केशव के आवास पर देर शाम ओपी ओपी राजभर मुलाकात करने पहुंचे। इन दोनों नेताओं के बीच करीब आधे घंटे तक बातचीत हुई।जिसका फोटो वायरल भी हुआ लेकिन उनकी केशव से किस मुद्दे पर बात हुई, यह किसी से शेयर नहीं किया। राजभर की केशव से मुलाकात को भाजपा के भीतर चल रही खिंचतान के तहत हो रही लामबंदी से जोड़कर देखा जा रहा है। संजय निषाद ने भी किया था केशव से मुलाकात बता दें की केशव प्रसाद मौर्य की कुछ दिन पहले निषाद पार्टी के अध्यक्ष डॉक्टर संजय निषाद से भी मुलाकात की थी। संजय निषाद ने मौर्य के साथ मुलाकात करने के बाद सरकार और संगठन पर दिए गए उनके बयान का समर्थन भी किया था। माना जा रहा है कि केशव प्रसाद मौर्य अपनी इन गतिविधियों के माध्यम से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं। इस शक्ति प्रदर्शन का नतीजा निकट भविष्य में सामने आ सकता है।
पंचायत चुनाव मामले की आज HC में सुनवाई:100 से अधिक याचिकाएं हुई हैं दाखिल, कल 250 पंचायतों के चुनाव पर लगी थी स्टे
पंचायत चुनाव मामले की आज HC में सुनवाई:100 से अधिक याचिकाएं हुई हैं दाखिल, कल 250 पंचायतों के चुनाव पर लगी थी स्टे पंजाब में पंचायत चुनावों से जुड़े मामले की आज (वीरवार) को फिर से पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में अहम सुनवाई होगी। इस दौरान सुनवाई के लिए 100 से अधिक याचिकाएं लगी हैं। इसमें अधिकतर याचिकाएं शिरोमणि अकाली दल, कांग्रेस व अन्य लोगों द्वारा दायर की गई हैं। इससे पहले बुधवार को अदालत ने 250 के करीब याचिकाओं की सुनवाई पर करते अदालत ने उनकी चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगा दी थीं। मामले की अगली सुनवाई 14 अक्टूबर तय की है। पार्टी निशान पर चुनाव नहीं, फिर भी हो रहा है विवाद पंजाब में 15 अक्टूबर को पंचायत चुनाव तय है। वहीं, इस बार पार्टी निशान पर भी चुनाव नहीं हो रहे हैं। लेकिन इसके बावजूद भी विरोधी पार्टियों का आरोप है कि उनसे जुड़े लोगों और उम्मीदवारों के नामांकन धक्के से कैंसिल कर दिए गए हैं। किसी को NOC जारी नहीं की गई। कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल की तरफ से आम आम आदमी पार्टी की पर सवाल उठाए जा रहे हैं। मामला निर्वाचन आयोग तक भी पहुंचा है। हालांकि आम आदमी पार्टी का कहना है कि अकाली दल और कांग्रेस वाले धक्का कर रहे हैं। हमारे कार्यकर्ता तक हत्या कर दी गई है। वहीं, अब लोगों की तरफ से पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की शरण ली गई है। 1.33 करोड़ लोग करेंगे मतदान राज्य में इस समय 13937 गांव पंचायतें हैं। जिनमें चुनाव करवाए जा रहे हैं। 15 अक्टूबर को चुनाव में कुल 1 करोड़ 33 लाख मतदाता अपने मत का प्रयोग करेंगे। 96 हजार मुलाजिम इलेक्शन में तैनात किए गए हैं। चुनावों को शांतिपूर्ण तरीके से करवाना सरकार ने कई कदम उठाए हैं। चुनाव तक सारे पुलिस मुलाजिमों व अफसरों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। इसके अलावा मतदान वाले दिन पूरे पंजाब में छुट्टी घोषित कर दी गई है। कंट्रोल रूम भी किया है गठित पंचायत चुनावों के लिए राज्य इलेक्शन कमीशन की तरफ से चंडीगढ़ के सेक्टर 17-ई स्थित अपने कार्यालय एससीओ नंबर 49 में कंट्रोल रूम गठित किया गया है। इसके अलावा लोगों की सुविधा के लिए एक स्पेशल नंबर पर शुरू किया है। जहां पर रोजाना सुबह साढ़े आठ बजे से रात नौ बजे तक लोगों की शिकायतों को सुना जाता है। कंट्रोल रूम पर संपर्क करने के लिए लोगों को लैंडलाइन नंबर 0172- 2771326 पर कॉल करनी होगी। इसके अलावा विभाग की वेबसाइट पर भी जानकारी अपलोड की गई है।