जींद। बिजली चोरी को पकड़ने के लिए निगम ने दो साल पहले मुखबिर योजना शुरू थी। योजना के तहत बिजली चोरी की सूचना देने वाले को बिजली चोरी पर वसूले जाने वाले राशि का दस प्रतिशत हिस्सा दिया जाता है। योजना में निगम अधिकारियों व कर्मचारियों को शामिल नहीं किया गया है। 2022 से अब तक मुखबिर योजना के तहत 499 उपभोक्ता बिजली चोरी करते पकड़े जा चुके हैं। इनमें से निगम ने 113 उपभोक्ता पांच लाख 60 हजार की राशि वसूली जा चुकी है। एसई हरि दत्त ने कहा कि निगम ने मुखबिर और प्रोत्साहन योजना शुरू की हुई है। इसमें मुखबिरों की सूचना पूर्ण रूप से गोपनीय रखी जाएगी। जींद। बिजली चोरी को पकड़ने के लिए निगम ने दो साल पहले मुखबिर योजना शुरू थी। योजना के तहत बिजली चोरी की सूचना देने वाले को बिजली चोरी पर वसूले जाने वाले राशि का दस प्रतिशत हिस्सा दिया जाता है। योजना में निगम अधिकारियों व कर्मचारियों को शामिल नहीं किया गया है। 2022 से अब तक मुखबिर योजना के तहत 499 उपभोक्ता बिजली चोरी करते पकड़े जा चुके हैं। इनमें से निगम ने 113 उपभोक्ता पांच लाख 60 हजार की राशि वसूली जा चुकी है। एसई हरि दत्त ने कहा कि निगम ने मुखबिर और प्रोत्साहन योजना शुरू की हुई है। इसमें मुखबिरों की सूचना पूर्ण रूप से गोपनीय रखी जाएगी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा चुनाव में कंगना रनोट ने BJP की टेंशन बढ़ाई:भाजपा नेताओं ने चुप्पी साधी; कांग्रेस बोली- नशा कैसा भी हो, ज्यादा दिन नहीं टिकता
हरियाणा चुनाव में कंगना रनोट ने BJP की टेंशन बढ़ाई:भाजपा नेताओं ने चुप्पी साधी; कांग्रेस बोली- नशा कैसा भी हो, ज्यादा दिन नहीं टिकता बॉलीवुड एक्ट्रेस व BJP सांसद कंगना रनोट के किसान आंदोलन के दौरान हत्या और रेप वाले बयान के बाद घमासान मचा हुआ है। कंगना के बयान के बाद हरियाणा BJP के नेताओं ने चुप्पी साध ली है। विधानसभा चुनाव सिर पर होने के चलते प्रदेश का कोई नेता अपने सांसद के बयान पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। इस पर हरियाणा कांग्रेस ने प्रतिक्रिया दी है। इनके X हैंडल पर लिखा गया, ‘750 किसानों की शहादत को अपमानित करते हुए भाजपा सांसद हरियाणा के किसानों को देशद्रोही बता रही है। मैडम, सत्ता का नशा हो या किसी और तरह का, ज्यादा दिन नहीं टिकता। हरियाणा से भाजपा का सूपड़ा साफ होने वाला है।’ हरियाणा कांग्रेस ने यह भी लिखा, ‘सांसद @KanganaTeam जी, हो सकता है कि आप खुद अपनी कोई फसल उगाकर उसका सेवन करती हों, लेकिन बाकी देश किसानों के उगाए हुए अन्न पर ही पलता है। आपको हमारे किसानों को इस तरह अपमानित करने का कोई अधिकार नहीं। आपका बयान बेहद शर्मनाक है।’ कंगना को पद की मर्यादा का ध्यान रखना चाहिए
वहीं, भारतीय किसान यूनियन (अंबावता) के प्रदेशाध्यक्ष दिलबाग सिंह हुड्डा ने कहा, ‘कंगना को सोच समझकर बयानबाजी करनी चाहिए। किसानों की शहीदी का कंगना मजाक बना रही है। किसानों को रेपिस्ट कहना घोर निंदनीय है। कम से कम अपने पद की मर्यादा का ध्यान रखना चाहिए। कंगना को तुरंत अपने बयान पर माफी मांगनी चाहिए, नहीं तो किसान इसका पुरजोर विरोध करेंगे। इधर, भारतीय किसान यूनियन शहीद भगत सिंह के प्रवक्ता तेजवीर सिंह ने कहा, ‘कंगना रनोट मंदबुद्धि है। उसे हम कभी सीरियस नहीं लेते। उसने पहले भी किसान आंदोलन के समय इसी तरह की गलत बयानबाजी की थी। उसका काम ही गलत बयानबाजी कर सस्ती लोकप्रियता हासिल करना रहा है।’ कंगना का बयान बेहूदा
संयुक्त किसान मोर्चा गैर राजनीतिक के नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा, ‘कंगना रनोट का बयान बेहूदा है। उनका इतिहास रहा है कि वह इस तरह की बयानबाजी करती हैं। उनका बॉलीवुड में बैकग्राउंड किस तरह का रहा है, वह पूरा देश जानता है। एक फिल्मी लाइफ, रील लाइफ होती है। रियल लाइफ में कोई फर्जी कैरेक्टर करने से महान नहीं बन जाता। कंगना के बयान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संज्ञान लेना चाहिए, वर्ना इस बयान का प्रधानमंत्री द्वारा समर्थन माना जाएगा। किसान जींद के उचाना की अनाजमंडी में 15 सिंतबर को बड़ी रैली कर रहे हैं। कंगना में रैली का मुद्दा उठाया जाएगा।’ पहले भी किसानों पर विवादित बयान दे चुकी कंगना…. आंदोलनकारी किसानों की तुलना खालिस्तानी आतंकियों से की
कंगना ने किसान आंदोलन के दौरान कई बयान दिए थे। उन्होंने सोशल मीडिया पर आंदोलनकारियों की तुलना खालिस्तानी आतंकियों से की थी। उन्होंने लिखा था- ‘खालिस्तानी आतंकवादी आज सरकार पर दबाव बना रहे हैं, लेकिन हमें एक महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को नहीं भूलना चाहिए। इंदिरा गांधी ने इन्हें अपनी जूती के नीचे कुचल दिया था। भले उन्होंने इस देश को कितनी भी पीड़ा दी हो, लेकिन उन्होंने अपनी जान की कीमत पर इन्हें मच्छरों की तरह कुचल दिया, लेकिन देश के टुकड़े नहीं होने दिए। उनकी मृत्यु के दशकों बाद भी आज भी उनके नाम से कांपते हैं, इनको वैसा ही गुरू चाहिए।’ कंगना ने कहा था- किसान आंदोलन में महिलाएं 100 रुपए में शामिल होती हैं किसान आंदोलन के वक्त कंगना ने 27 नवंबर 2020 को एक सोशल मीडिया पोस्ट की। जिसमें कंगना रनोट ने रात 10 बजे एक महिला का फोटो पोस्ट करते हुए लिखा था कि किसानों के प्रदर्शन में शामिल हुई यह महिला वही मशहूर बिलकिस दादी है, जो शाहीन बाग के प्रदर्शन में थी, जो 100 रुपए लेकर उपलब्ध है। कंगना ने जिस महिला की तस्वीर पोस्ट की, वह पंजाब में मानसा की किसान मोहिंदर कौर थीं। कंगना को बिलकिस बानो और मोहिंदर कौर को पहचानने में गलती हुई। हालांकि, कंगना ने बाद में यह पोस्ट डिलीट कर दी, लेकिन तब तक इसके स्क्रीनशॉट वायरल हो चुके थे। इसके बाद किसान मोहिंदर कौर ने कोर्ट में भी मानहानि का केस कर दिया। जिसकी सुनवाई चल रही है। कंगना के बयान पर CISF कॉन्स्टेबल ने जड़ा था थप्पड़ 3 महीने पहले कंगना रनोट जब चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर आईं तो यहां CISF की महिला कॉन्स्टेबल कुलविंदर कौर ने उन्हें थप्पड़ जड़ दिया। CISF कॉन्स्टेबल की वीडियो भी सामने आई थी, जिसमें वह कह रही थीं कि कंगना ने जब किसान आंदोलन में शामिल महिला को 100 रुपए में धरना देने वाली कहा था तो उसकी मां भी धरने पर बैठी थीं। थप्पड़ जड़ने के बाद एयरपोर्ट पर अधिकारियों ने कुलविंदर कौर को हिरासत में ले लिया था। इसके बाद उन्हें सस्पेंड कर दिया गया।

फरीदाबाद में जंगल में मिला युवक का शव:घसीटकर फेंके जाने के मिले सबूत, सैर पर गए ग्रामीणों की पड़ी नजर
फरीदाबाद में जंगल में मिला युवक का शव:घसीटकर फेंके जाने के मिले सबूत, सैर पर गए ग्रामीणों की पड़ी नजर हरियाणा के फरीदाबाद जिले के गांव ताजू पुर के जंगल में एक 25 वर्षीय अज्ञात युवक का शव मिलने से सनसनी फैल गई। सुबह सैर के लिए गए ग्रामीणों को जंगल में शव दिखाई दिया, जिसके बाद पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। मामले की सूचना मिलने पर पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए सिविल अस्पताल में भिजवा दिया है। वहीं मामले की जांच शुरू कर दी है। कोई नहीं कर पाया शव की पहचान जानकारी के अनुसार सरपंच पवन ने बताया कि कुछ युवक दातून लेने जंगल में गए थे, जहां उन्होंने शव को देखा। शुरुआत में उन्होंने आसपास के खेतों में काम करने वाले किसानों से संपर्क किया, लेकिन कोई भी मृतक की पहचान नहीं कर पाया। धीरे-धीरे यह खबर आसपास के गांवों तक पहुंची, लेकिन वहां से भी कोई शव की शिनाख्त नहीं कर सका। पुलिस ने मौके से जुटाए साक्ष्य घटनास्थल की जांच से यह संदेह गहरा हुआ है कि युवक की हत्या कहीं और की गई और शव को यहां घसीटकर फेंका गया है। मौके पर जमीन पर घसीटने के निशान मिले हैं। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए बादशाह खान सिविल अस्पताल की शवगृह में भिजवा दिया है। फरीदाबाद पुलिस प्रवक्ता यशपाल के मुताबिक सूचना मिलते ही थाना भूपानी और क्राइम ब्रांच की टीमें मौके पर पहुंची। टीमें घटनास्थल से साक्ष्य जुटाने के साथ-साथ आसपास के सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रही हैं। काफी दूर मिला दूसरे पांव का जूता पुलिस मृतक की पहचान और हत्या के कारणों का पता लगाने में जुटी है और एक जैकेट पहनी हुई है, जिसके पांव में एक जूता था और एक जूता काफी दूर मिला, शरीर पर कुछ चोट के निशान मिले है। फिलहाल शव को पोस्टमॉर्टम के लिए बादशाह खान सिविल अस्पताल में रखवाकर मामले की जांच में जुटी है।

हरियाणा चुनाव के बीच BJP मंत्री-सावित्री जिंदल समर्थकों में टकराव:आचार्य तुलसी चौक पर लाल किले का मॉडल लगाया; जैन समाज बोला-स्मृतियां मिटाने की कोशिश
हरियाणा चुनाव के बीच BJP मंत्री-सावित्री जिंदल समर्थकों में टकराव:आचार्य तुलसी चौक पर लाल किले का मॉडल लगाया; जैन समाज बोला-स्मृतियां मिटाने की कोशिश हरियाणा के हिसार में जैन धर्म गुरु आचार्य तुलसी चौक पर लाल किले का मॉडल बनाए जाने से समाज के लोगों ने नाराजगी व्यक्त की है। जैन समाज में इसको लेकर रोष है और समाज की मीटिंग भी इस बारे में हो चुकी है। समाज के लोगों का कहना है कि यह चौक 20 साल पहले आचार्य तुलसी के नाम पर बनाया गया था। जिन्होंने समाज को नई राह दिखाई। अब उनकी स्मृतियों को मिटाने का प्रयास किया गया है। वहीं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने कहा कि “चौक की हालत पहले खराब थी। इसे नया आकार दिया गया है। इसका नाम नहीं बदला गया है और ना ही इस चौक पर किसी तरह की कोई प्रतिमा हटाई गई है। हमने चौक की देखरेख की है। आज भी चौक को आचार्य तुलसी के नाम से ही जाना जाता है। जब इस मॉडल को यहां रखा गया अगर तब भी मुझे बताया गया होता कि इससे जैन समाज को आपत्ति है वह इसे यहां ना लगवाते। शहर के सौंदर्यीकरण के लिए लाल किला का मॉडल रखा गया है लाल किला भी देशभक्ति का एक प्रतीक है”। हिसार में 46 लाख रुपए से बनाए गए थे 3 मॉडल
हिसार में मंत्री डॉ. कमल गुप्ता की तरफ से 46 लाख रुपए के सौंदर्यीकरण के 3 कार्यों का 26 जुलाई को उद्घाटन किया गया था। डॉ. कमल गुप्ता ने तुलसी चौक पर लगभग 20 लाख रुपए की लागत से बने लाल किले के प्रतिरूप और लक्ष्मीबाई चौक के समीप 17 लाख रुपए की लागत से बने चंद्रयान के प्रतिरूप और सेक्टर 9-11 दिल्ली रोड से एंट्री पॉइंट पर लगभग 9 लाख रुपए की लागत से बने इंडिया गेट के प्रतिरूप का उद्घाटन किया था। कौन थे आचार्य तुलसी
आचार्य तुलसी जैन धर्म के श्वेतांबर तेरापंथ के 9वें आचार्य थे। वो अणुव्रत और जैन विश्व भारती विश्वविद्यालय के प्रवर्तक हैं। वे 100 से भी अधिक पुस्तकों के लेखक हैं। सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने अपनी पुस्तक “लिविंग विद पर्पज” में उन्हें विश्व के 15 महान लोगों में शामिल किया था। उन्हें भारत के पूर्व राष्ट्रपति वीवी गिरि ने 1971 में एक कार्यक्रम में “युग-प्रधान” की उपाधि से विभूषित किया। उन्होंने आचार्य महाप्रज्ञ एवं साध्वी कनकप्रभा का विकास करने में महत्वपूर्ण कार्य किया था। पार्षद टीनू जैन बोले- जैन समाज में रोष
इस बारे में भाजपा पार्षद टीनू जैन ने कहा कि इस फैसले से जैन समाज में रोष है। जब यह चौक पहले बना हुआ था और आचार्य तुलसी की स्मृतियों में बनाया गया था तो इससे छेड़छाड़ ही नहीं की जानी चाहिए थी। इस चौक पर लाल किला के मॉडल लगा दिया। कम से कम प्रशासन को चाहिए यहां एक ग्रिल लगाकर बोर्ड लगा दें। हमने 25 दिन पहले नगर निगम कमिश्नर को भी शिकायत की थी। उन्होंने कहा था कि बोर्ड लग जाएगा मगर आज तक नहीं लगा। प्रवीण जैन बोले- समाज लड़ाई लड़ेगा
सेक्टर 9-11 आरडब्ल्यूए प्रधान प्रवीण जैन ने कहा कि आचार्य तुलसी चौक पर लाल किले की डमी बनाकर रख दी। इससे समाज में क्या संदेश जाएगा। जैन धर्मगुरु के चौक से छेड़छाड़ नहीं की जानी चाहिए थी। समाज के लोगों ने इसको लेकर बैठक की थी। इसको लेकर समाज में रोष है। समाज अपनी लड़ाई लड़ेगा। यहां आचार्य तुलसी की प्रतिमा लगाई जानी चाहिए। 20 साल से यहां चौक बना हुआ है।