बिना परमिशन प्लॉट बेचकर 400 करोड़ ठगने का आरोप:चंडीगढ़ में मनोहर इन्फ्रास्ट्रक्चर के निदेशकों पर FIR, 2000 से ज्यादा लोगों से लिए रुपए

बिना परमिशन प्लॉट बेचकर 400 करोड़ ठगने का आरोप:चंडीगढ़ में मनोहर इन्फ्रास्ट्रक्चर के निदेशकों पर FIR, 2000 से ज्यादा लोगों से लिए रुपए

चंडीगढ़ पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने M/S मनोहर इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। यह मामला मोहाली निवासी सुरिंदर सिंह की शिकायत पर दर्ज किया गया है। उनका आरोप है कि बिल्डर कंपनी ने पाम स्प्रिंग, पाम गार्डन, पाम इको जैसे प्रोजेक्ट शुरू कर बिना मंजूरी के प्लॉट बेचे और लोगों से 400 करोड़ रुपए से ज्यादा ले लिए। बुकिंग के बाद भी नहीं मिला अलॉटमेंट
शिकायतकर्ता ने बताया कि उन्होंने 2012 में अपने बेटे वनीत सिंह (यूएसए निवासी) के लिए 250 गज का प्लॉट बुक किया था, जिसकी कुल कीमत 42.50 लाख रुपए थी। उन्होंने 21.25 लाख रुपए (50% रकम) जमा कर दी, लेकिन बिल्डर ने न तो अलॉटमेंट लेटर दिया और न ही खरीदार समझौते पर हस्ताक्षर कराए। 2010-11 में बिल्डर ने बिना सरकारी मंजूरी के प्रोजेक्ट लॉन्च किया और 850 प्लॉट ही उपलब्ध थे, लेकिन 2000 से ज्यादा लोगों से बुकिंग कर पैसे ले लिए। शिकायतकर्ता का कहना है कि बिल्डर कंपनी ने 7% ब्याज पर पैसे लौटाने का समझौता किया, लेकिन बाद में भुगतान करने में देरी करने लगी। मामला अब राज्य आयोग में लंबित है। इन धाराओं में केस दर्ज
पुलिस ने धारा – 406 (विश्वासघात), 420 (धोखाधड़ी), 464 (जालसाजी) और 120-बी (आपराधिक साजिश) के तहत केस दर्ज किया है। चंडीगढ़ पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने M/S मनोहर इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। यह मामला मोहाली निवासी सुरिंदर सिंह की शिकायत पर दर्ज किया गया है। उनका आरोप है कि बिल्डर कंपनी ने पाम स्प्रिंग, पाम गार्डन, पाम इको जैसे प्रोजेक्ट शुरू कर बिना मंजूरी के प्लॉट बेचे और लोगों से 400 करोड़ रुपए से ज्यादा ले लिए। बुकिंग के बाद भी नहीं मिला अलॉटमेंट
शिकायतकर्ता ने बताया कि उन्होंने 2012 में अपने बेटे वनीत सिंह (यूएसए निवासी) के लिए 250 गज का प्लॉट बुक किया था, जिसकी कुल कीमत 42.50 लाख रुपए थी। उन्होंने 21.25 लाख रुपए (50% रकम) जमा कर दी, लेकिन बिल्डर ने न तो अलॉटमेंट लेटर दिया और न ही खरीदार समझौते पर हस्ताक्षर कराए। 2010-11 में बिल्डर ने बिना सरकारी मंजूरी के प्रोजेक्ट लॉन्च किया और 850 प्लॉट ही उपलब्ध थे, लेकिन 2000 से ज्यादा लोगों से बुकिंग कर पैसे ले लिए। शिकायतकर्ता का कहना है कि बिल्डर कंपनी ने 7% ब्याज पर पैसे लौटाने का समझौता किया, लेकिन बाद में भुगतान करने में देरी करने लगी। मामला अब राज्य आयोग में लंबित है। इन धाराओं में केस दर्ज
पुलिस ने धारा – 406 (विश्वासघात), 420 (धोखाधड़ी), 464 (जालसाजी) और 120-बी (आपराधिक साजिश) के तहत केस दर्ज किया है।   पंजाब | दैनिक भास्कर