बिना शौचालय वाले मतदान केंद्र पर महिला कर्मियों की ड्यूटी:हिसार लोकसभा में प्रेसिडिंग ऑफिसर ने की थी शिकायत, निर्माण कार्य शुरू

बिना शौचालय वाले मतदान केंद्र पर महिला कर्मियों की ड्यूटी:हिसार लोकसभा में प्रेसिडिंग ऑफिसर ने की थी शिकायत, निर्माण कार्य शुरू

चुनाव आयोग के मुताबिक, मतदान के लिए जहां पोलिंग बूथ हो वहां शौचालय की व्यवस्था होनी चाहिए। इतना ही नहीं जहां पोलिंग हो रही है उस कमरे के दो गेट होने चाहिए। मगर हिसार लोकसभा में अधिकांश पोलिंग बूथ ऐसे थे जहां शौचालय और कमरे के दो गेट नहीं थे। मगर चुनाव आयोग के नियमों की जानकारी नहीं के कारण कोई इस बारे में आवाज नहीं उठाता। हिसार निर्वाचन लोकसभा में एक ऐसा मामला सामने आया है जहां एक प्रेसिडिंग ऑफिसर (पीठासीन अधिकारी ) ने मतदान केंद्र पर शौचालय बनाने के लिए चुनाव आयोग तक लड़ाई लड़ी। इस जागरूकता के कारण चुनाव आयोग को मजबूरन जल्द फैसला लेना पड़ा और शौचालय का निर्माण शुरू हो गया है। उचाना कलां के गांव संडील के बूथ पर नहीं था शौचालय 24-25 मई को लोक सभा चुनाव में हिसार लोक सभा क्षेत्र के अधीन उचाना कलां विधान सभा क्षेत्र में बूथ नंबर 21, रामदासिया चौपाल, गांव संडील में पीठासीन अधिकारी सुरेश कुमार ने टॉयलेट और बाथरूम जैसी मूलभूत व्यवस्था नहीं होने की लिखित शिकायत ईमेल द्वारा 26 मई को भारत निर्वाचन आयोग के पास भेजी थी। जिस पर भारत निर्वाचन आयोग ने बड़ी गंभीरता से संज्ञान लिया और उस शिकायत को 27 मई को भारत निर्वाचन आयोग ने हरियाणा निर्वाचन आयोग के पास भेज दिया था। हरियाणा निर्वाचन आयोग ने इस शिकायत को जींद निर्वाचन ऑफिस में भेज दिया था और 31 मई को बूथ नम्बर 21, रामदासिया चौपाल, गांव संडील में टॉयलेट और बाथरुम बनने शुरू हो गए हैं। शौचालय नहीं था महिला कर्मचारी की लगा दी थी ड्यूटी पीठासीन अधिकारी सुरेश कुमार ने शिकायत में लिखा था कि उनकी पोलिंग पार्टी में एक महिला पोलिंग ऑफिसर की भी ड्यूटी लगी हुई थी और पोलिंग पार्टी की सुरक्षा में एक महिला पुलिस कर्मचारी की भी ड्यूटी लगी हुई थी। निर्वाचन आयोग ने महिला पोलिंग ऑफिसर को 24 मई को रात को पोलिंग बूथ पर ठहरने से छूट दी हुई थी लेकिन महिला पुलिस कर्मचारी के लिए ऐसी किसी छूट के बारे में उनको कोई जानकारी नहीं थी। महिला पोलिंग ऑफिसर को 25 मई को सुबह 5 बजे बूथ पर पहुंचने के निर्देश थे क्योंकि सुबह 5:30 बजे मोक पोल शुरू करना था। सुबह 5 बजे से शाम 6 बजे तक टॉयलेट और बाथरुम जैसी मूलभूत व्यवस्था के बिना पोलिंग बूथ पर 2 महिला कर्मचारियों का ड्यूटी पर तैनात होना पड़ा। 12 घंटे बिना शौचालय जाए बिताए पीठासीन अधिकारी ने बताया कि सुबह 5:30 बजे मॉक पोल शुरू करने से पहले टॉयलेट और बाथरुम जैसी मूलभूत व्यवस्था के बिना पूरी पोलिंग पार्टी को तैयार होना और पूरा दिन बिना टॉयलेट की व्यवस्था के निर्वाचन करवाना काफी कष्टदायक था। अक्टूबर 2024 में होने वाले हरियाणा विधान सभा के चुनाव से पहले बूथ नम्बर 21, रामदासिया चौपाल, गांव संडील में टॉयलेट और बाथरुम जैसी मूलभूत व्यवस्था करवाने के लिए भारत निर्वाचन आयोग से पीठासीन अधिकारी सुरेश कुमार ने उम्मीद की थी। लिखित शिकायत के बिना नहीं होती कार्रवाई पीठासीन अधिकारी सुरेश कुमार ने इस कार्रवाई पर खुशी जाहिर की है और बताया कि हरियाणा में ऐसे कई बूथ होंगे जो गांव की चौपाल या सरकारी प्राइमरी स्कूल में हैं, जहां टॉयलेट और बाथरुम जैसी मूलभूत व्यवस्था नहीं होगी। लेकिन जब तक कोई पीठासीन अधिकारी इसकी लिखित शिकायत नहीं करेगा तब तक ऐसे बूथ पर टॉयलेट और बाथरुम जैसी मूलभूत व्यवस्था करवाना प्रशासन के लिए आसान नहीं होगा। वर्तमान लोक सभा चुनाव के समय जिस भी बूथ पर टॉयलेट और बाथरुम जैसी मूलभूत व्यवस्था नहीं थी, वहां के पीठासीन अधिकारी ने इसकी लिखित शिकायत भारत या हरियाणा निर्वाचन आयोग के पास भेजनी चाहिए। चुनाव आयोग के मुताबिक, मतदान के लिए जहां पोलिंग बूथ हो वहां शौचालय की व्यवस्था होनी चाहिए। इतना ही नहीं जहां पोलिंग हो रही है उस कमरे के दो गेट होने चाहिए। मगर हिसार लोकसभा में अधिकांश पोलिंग बूथ ऐसे थे जहां शौचालय और कमरे के दो गेट नहीं थे। मगर चुनाव आयोग के नियमों की जानकारी नहीं के कारण कोई इस बारे में आवाज नहीं उठाता। हिसार निर्वाचन लोकसभा में एक ऐसा मामला सामने आया है जहां एक प्रेसिडिंग ऑफिसर (पीठासीन अधिकारी ) ने मतदान केंद्र पर शौचालय बनाने के लिए चुनाव आयोग तक लड़ाई लड़ी। इस जागरूकता के कारण चुनाव आयोग को मजबूरन जल्द फैसला लेना पड़ा और शौचालय का निर्माण शुरू हो गया है। उचाना कलां के गांव संडील के बूथ पर नहीं था शौचालय 24-25 मई को लोक सभा चुनाव में हिसार लोक सभा क्षेत्र के अधीन उचाना कलां विधान सभा क्षेत्र में बूथ नंबर 21, रामदासिया चौपाल, गांव संडील में पीठासीन अधिकारी सुरेश कुमार ने टॉयलेट और बाथरूम जैसी मूलभूत व्यवस्था नहीं होने की लिखित शिकायत ईमेल द्वारा 26 मई को भारत निर्वाचन आयोग के पास भेजी थी। जिस पर भारत निर्वाचन आयोग ने बड़ी गंभीरता से संज्ञान लिया और उस शिकायत को 27 मई को भारत निर्वाचन आयोग ने हरियाणा निर्वाचन आयोग के पास भेज दिया था। हरियाणा निर्वाचन आयोग ने इस शिकायत को जींद निर्वाचन ऑफिस में भेज दिया था और 31 मई को बूथ नम्बर 21, रामदासिया चौपाल, गांव संडील में टॉयलेट और बाथरुम बनने शुरू हो गए हैं। शौचालय नहीं था महिला कर्मचारी की लगा दी थी ड्यूटी पीठासीन अधिकारी सुरेश कुमार ने शिकायत में लिखा था कि उनकी पोलिंग पार्टी में एक महिला पोलिंग ऑफिसर की भी ड्यूटी लगी हुई थी और पोलिंग पार्टी की सुरक्षा में एक महिला पुलिस कर्मचारी की भी ड्यूटी लगी हुई थी। निर्वाचन आयोग ने महिला पोलिंग ऑफिसर को 24 मई को रात को पोलिंग बूथ पर ठहरने से छूट दी हुई थी लेकिन महिला पुलिस कर्मचारी के लिए ऐसी किसी छूट के बारे में उनको कोई जानकारी नहीं थी। महिला पोलिंग ऑफिसर को 25 मई को सुबह 5 बजे बूथ पर पहुंचने के निर्देश थे क्योंकि सुबह 5:30 बजे मोक पोल शुरू करना था। सुबह 5 बजे से शाम 6 बजे तक टॉयलेट और बाथरुम जैसी मूलभूत व्यवस्था के बिना पोलिंग बूथ पर 2 महिला कर्मचारियों का ड्यूटी पर तैनात होना पड़ा। 12 घंटे बिना शौचालय जाए बिताए पीठासीन अधिकारी ने बताया कि सुबह 5:30 बजे मॉक पोल शुरू करने से पहले टॉयलेट और बाथरुम जैसी मूलभूत व्यवस्था के बिना पूरी पोलिंग पार्टी को तैयार होना और पूरा दिन बिना टॉयलेट की व्यवस्था के निर्वाचन करवाना काफी कष्टदायक था। अक्टूबर 2024 में होने वाले हरियाणा विधान सभा के चुनाव से पहले बूथ नम्बर 21, रामदासिया चौपाल, गांव संडील में टॉयलेट और बाथरुम जैसी मूलभूत व्यवस्था करवाने के लिए भारत निर्वाचन आयोग से पीठासीन अधिकारी सुरेश कुमार ने उम्मीद की थी। लिखित शिकायत के बिना नहीं होती कार्रवाई पीठासीन अधिकारी सुरेश कुमार ने इस कार्रवाई पर खुशी जाहिर की है और बताया कि हरियाणा में ऐसे कई बूथ होंगे जो गांव की चौपाल या सरकारी प्राइमरी स्कूल में हैं, जहां टॉयलेट और बाथरुम जैसी मूलभूत व्यवस्था नहीं होगी। लेकिन जब तक कोई पीठासीन अधिकारी इसकी लिखित शिकायत नहीं करेगा तब तक ऐसे बूथ पर टॉयलेट और बाथरुम जैसी मूलभूत व्यवस्था करवाना प्रशासन के लिए आसान नहीं होगा। वर्तमान लोक सभा चुनाव के समय जिस भी बूथ पर टॉयलेट और बाथरुम जैसी मूलभूत व्यवस्था नहीं थी, वहां के पीठासीन अधिकारी ने इसकी लिखित शिकायत भारत या हरियाणा निर्वाचन आयोग के पास भेजनी चाहिए।   हरियाणा | दैनिक भास्कर