Delhi News: डबल मर्डर केस में उम्र कैद की सजा काट रहा दोषी पैरोल मिलते फरार, पुलिस ने ऐसे दबोचा

Delhi News: डबल मर्डर केस में उम्र कैद की सजा काट रहा दोषी पैरोल मिलते फरार, पुलिस ने ऐसे दबोचा

<p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi News Update:</strong> दिल्ली की क्राइम ब्रांच पुलिस ने एक ऐसे अपराधी को दबोचने में कमायाबी हासिल की है, जिसे दो हत्याओं और एक जानलेवा हमले के मामले में कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई थी. दोषी मार्च 2021 में 25 दिनों की पैरोल पर बाहर आने के बाद से वह फरार चल रहा था.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>आरोपी ने साल 2006 में अपनी बहन की सास और देवर की गोली मार कर हत्या कर दी थी, जबकि उसकी नंद के गले मे सरिया घोंप दिया था. वह भी सिर्फ इसलिए क्योंकि उसकी बहन ने उसकी मर्जी के विरुद्ध घर के सामने रह रहे एक युवक से प्रेम-विवाह कर लिया था.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>जिससे वह काफी नाराज़ चल रहा था, इसलिए उसने मौका मिलते ही 27 मार्च 2006 को अंजोने परिवार के सदस्यों और करीबी दोस्तों के साथ मिल कर बहन की ससुराल में घुस कर खौफनाक वारदात को अंजाम दिया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पैरोल जंप कर हो गया था फरार</strong><br />इस मामले में आरोपी पहचान वेलकम के रहने वाले दिलशाद के रूप में हुई थी, उसे कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई है. दोषी को मार्च 2021 में पैरोल पर 25 दिनों के लिए छोड़ा गया था और वापस उसे 6 अप्रैल 2021 को जेल में सरेंडर करना था, लेकिन वह इस पैरोल का फायदा उठा कर फरार हो गया और तभी से पुलिस को इसकी तलाश थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>18 साल पहले दोषी की फैमिली ने छोड़ दिया था घर</strong><br />पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, जेल अधिकारियों से इसके बारे में मिली सूचना औऱ मामले की गंभीरता को देखते हुए एक टीम गठित की गई. &nbsp;एसीपी रमेश चंद्र लांबा की देखरेख में इंस्पेक्टर पवन कुमार और इंस्पेक्टर सतेंद्र मोहन के निर्देशन में एसआई राकेश शर्मा, एएसआई सुरेश गुप्ता, हेड कांस्टेबल सुरेंद्र, ब्रिजेश और ललित की टीम का गठन कर इसकी पकड़ के लिए लगाया गया था.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>दोषी दिलशाद की तलाश में जुटी पुलिस टीम ने जब इलाके के लोगों से इसके बारे में पूछताछ की, तो पता चला कि आरोपी का परिवार 18 साल पहले उस घर को छोड़ कर जा चुका है.हालांकि कुछ समय पहले उसको कैलाश नगर इलाके में देखा गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पुलिस ने दोषी यमुना विहार से दबोचा</strong><br />इस पर पुलिस ने डोर टू डोर पूछताछ शुरू की और सूत्रों को भी सक्रिय किया. जिससे टीम को आरोपी दिलशाद के 18 महीने पहले फिर से कैलाश नगर से यमुना विहार शिफ्ट हो जाने की जानकारी मिली. इसके अलावा पुलिस को यह भी पता चला कि वह रात के समय सीलमपुर से भजनपुरा तक ऑटो चलता है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस अहम जानकारी के बिना पर पुलिस ने सीलमपुर से भजनपुरा के बीच चलने वाले सभी ऑटो वालों से पूछताछ की. इसके बाद पुलिस ने दोषी को फिर से ट्रेस कर बीते गुरुवार को यमुना विहार स्थित उसके घर से दबोच लिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पुलिस से बचने के लिए बदली पहचान</strong><br />पूछताछ में उसने बताया कि वह पुलिस से बचने के लिए लगातार अपने ठिकाने बदलता रहता था. उसे ट्रेस न किया जा सके, इसलिए उसने अपनी पहचान भी बदल ली थी और वह मोबाइल फोन भी इस्तेमाल नहीं करता था. पुलिस की नजर में आने से बचने के लिए वह रात के वक्त सीलमपुर से भजनपुरा तक ऑटो चलाया करता था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”Arvind Kejriwal Surrenders: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने तिहाड़ जेल में किया सरेंडर, बोले- मैं फिर लौटूंगा…” href=”https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/arvind-kejriwal-surrendered-in-tihar-jail-after-completing-bail-period-aap-2705580″ target=”_blank” rel=”noopener”>Arvind Kejriwal Surrenders: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने तिहाड़ जेल में किया सरेंडर, बोले- मैं फिर लौटूंगा…</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi News Update:</strong> दिल्ली की क्राइम ब्रांच पुलिस ने एक ऐसे अपराधी को दबोचने में कमायाबी हासिल की है, जिसे दो हत्याओं और एक जानलेवा हमले के मामले में कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई थी. दोषी मार्च 2021 में 25 दिनों की पैरोल पर बाहर आने के बाद से वह फरार चल रहा था.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>आरोपी ने साल 2006 में अपनी बहन की सास और देवर की गोली मार कर हत्या कर दी थी, जबकि उसकी नंद के गले मे सरिया घोंप दिया था. वह भी सिर्फ इसलिए क्योंकि उसकी बहन ने उसकी मर्जी के विरुद्ध घर के सामने रह रहे एक युवक से प्रेम-विवाह कर लिया था.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>जिससे वह काफी नाराज़ चल रहा था, इसलिए उसने मौका मिलते ही 27 मार्च 2006 को अंजोने परिवार के सदस्यों और करीबी दोस्तों के साथ मिल कर बहन की ससुराल में घुस कर खौफनाक वारदात को अंजाम दिया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पैरोल जंप कर हो गया था फरार</strong><br />इस मामले में आरोपी पहचान वेलकम के रहने वाले दिलशाद के रूप में हुई थी, उसे कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई है. दोषी को मार्च 2021 में पैरोल पर 25 दिनों के लिए छोड़ा गया था और वापस उसे 6 अप्रैल 2021 को जेल में सरेंडर करना था, लेकिन वह इस पैरोल का फायदा उठा कर फरार हो गया और तभी से पुलिस को इसकी तलाश थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>18 साल पहले दोषी की फैमिली ने छोड़ दिया था घर</strong><br />पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, जेल अधिकारियों से इसके बारे में मिली सूचना औऱ मामले की गंभीरता को देखते हुए एक टीम गठित की गई. &nbsp;एसीपी रमेश चंद्र लांबा की देखरेख में इंस्पेक्टर पवन कुमार और इंस्पेक्टर सतेंद्र मोहन के निर्देशन में एसआई राकेश शर्मा, एएसआई सुरेश गुप्ता, हेड कांस्टेबल सुरेंद्र, ब्रिजेश और ललित की टीम का गठन कर इसकी पकड़ के लिए लगाया गया था.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>दोषी दिलशाद की तलाश में जुटी पुलिस टीम ने जब इलाके के लोगों से इसके बारे में पूछताछ की, तो पता चला कि आरोपी का परिवार 18 साल पहले उस घर को छोड़ कर जा चुका है.हालांकि कुछ समय पहले उसको कैलाश नगर इलाके में देखा गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पुलिस ने दोषी यमुना विहार से दबोचा</strong><br />इस पर पुलिस ने डोर टू डोर पूछताछ शुरू की और सूत्रों को भी सक्रिय किया. जिससे टीम को आरोपी दिलशाद के 18 महीने पहले फिर से कैलाश नगर से यमुना विहार शिफ्ट हो जाने की जानकारी मिली. इसके अलावा पुलिस को यह भी पता चला कि वह रात के समय सीलमपुर से भजनपुरा तक ऑटो चलता है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस अहम जानकारी के बिना पर पुलिस ने सीलमपुर से भजनपुरा के बीच चलने वाले सभी ऑटो वालों से पूछताछ की. इसके बाद पुलिस ने दोषी को फिर से ट्रेस कर बीते गुरुवार को यमुना विहार स्थित उसके घर से दबोच लिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पुलिस से बचने के लिए बदली पहचान</strong><br />पूछताछ में उसने बताया कि वह पुलिस से बचने के लिए लगातार अपने ठिकाने बदलता रहता था. उसे ट्रेस न किया जा सके, इसलिए उसने अपनी पहचान भी बदल ली थी और वह मोबाइल फोन भी इस्तेमाल नहीं करता था. पुलिस की नजर में आने से बचने के लिए वह रात के वक्त सीलमपुर से भजनपुरा तक ऑटो चलाया करता था.</p>
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