​​​​​बेटे की हार पर फूटा पूर्व कांग्रेस मंत्री का गुस्सा:अजय बोले-हमने अपने दम पर प्रचारक बुलाए, मैं फैक्ट फाइंडिंग कमेटी को सब बताऊंगा

​​​​​बेटे की हार पर फूटा पूर्व कांग्रेस मंत्री का गुस्सा:अजय बोले-हमने अपने दम पर प्रचारक बुलाए, मैं फैक्ट फाइंडिंग कमेटी को सब बताऊंगा

हरियाणा विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस में घमासान मच गया है। कांग्रेस OBC सेल के राष्ट्रीय चेयरमैन और पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अजय यादव लगातार पार्टी नेताओं पर सवाल उठा रहे हैं। उन्होंने कहा- फैक्ट फाइंडिंग कमेटी को आने दीजिए। हम जरूर बताएंगे कि चुनाव में क्या-क्या हुआ। कैप्टन ने विधानसभा चुनाव में मिली हार के कई अलग-अलग कारण गिनाएं। इनमें EVM, फिरोजपुर-झिरका सीट से चुनाव जीते नूंह हिंसा के आरोपी मामन खान के अलावा सीनियर नेताओं द्वारा खुद को दरकिनार करने जैसे कारण गिनाएं। दरअसल, कैप्टन अजय यादव के बेटे और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के दामाद चिरंजीव राव रेवाड़ी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे थे। उन्हें बीजेपी प्रत्याशी लक्ष्मण सिंह यादव ने 28 हजार से ज्यादा वोटों से हरा दिया। बेटे की हार के बाद कैप्टन अजय यादव का गुस्सा लगातार सीनियर नेताओं पर फूट रहा है। कैप्टन में कहीं 5 बड़ी बातें 1. कैंपेन कमेटी ने हमसे संपर्क नहीं किया
कैप्टन अजय यादव ने कहा कि हम लोगों से पूरे चुनाव में कैंपेन कमेटी के किसी भी सदस्य ने संपर्क नहीं किया। किस तरीके से रणनीति बनाना है, किस तरह से लोगों के बीच पहुंचना है। हमें कुछ नहीं बताया गया। हमने तो अपने दम पर अपने हिसाब से प्रचार करने के लिए लोगों को अपने क्षेत्र में बुलाया। 2. सीएम कौन, इसमें व्यस्त रहे नेता
हमारे नेता सीएम कौन, सीएम कौन में व्यस्त थे। पीसीसी प्रेसिडेंट खुद चुनाव लड़ रहे थे। प्रभारी बीमार हो गए थे। प्रभारी अगर बीमार थे तो उनको अपनी जगह सीनियर्स को कह कर किसी और को प्रभारी बनवाना चाहिए था। ताकि वह चुनावों के ठीक पहले तमाम जरूरत को पूरा कर पाते। हमारी बात सुनने के लिए कोई फ्रंट फुट पर उपलब्ध नहीं था। 3. मुख्यमंत्री का फैसला विधायक दल की बैठक में होता है
जब चुनाव होते हैं तो सबसे बड़ा लक्ष्य जीतने का होता है। उस वक्त मुख्यमंत्री बनने की बातें मीडिया में आती हैं तो वह पार्टी के लिए कोई अच्छे संकेत नही हैं। पहले बहुमत तो आने दीजिए। उसके बाद ही आप क्लेम करें। कौन मुख्यमंत्री होगा। इसका फैसला विधायक दल की बैठक में होता है। इसके बाद हाईकमान जिसे चाहे उसका नाम मुख्यमंत्री के लिए मनोनीत कर सकता है 4. मामन खान के बयान का असर पड़ा
मामन खान ने जो बयान दिया वो दुर्भाग्यपूर्ण था। उन्हें जनता से इस बात को लेकर माफी मांगनी चाहिए। उनकी जीत में कोई शंका नहीं थी, लेकिन उनके बयान का असर बाकी जगह पड़ा। ये बात मैं पहले भी कह सकता था, लेकिन चुनाव के बीच इस तरह की बात कहना मैंने ठीक नहीं समझा। 5. संगठन में बदलाव की जरूरत
संगठन में आज बदलाव की जरूरत है। आज तक हमारे जिला अध्यक्ष नहीं बन पाए ना ही ब्लॉक अध्यक्ष बन पाए। ये आत्मचिंतन की बात है। इस चुनाव में हमारी सबसे बड़ी कमजोरी हमारा संगठन नहीं होना ही था। कैप्टन खुद और बेटे चिरंजीव रह चुके विधायक
बता दें कि रेवाड़ी विधानसभा सीट से कैप्टन अजय यादव लगातार 6 बार चुनाव जीते। कैप्टन ने 1991 में हुए उप चुनाव में पहली बार जीत दर्ज की थी। इसके बाद वह इस सीट पर 2014 तक विधायक रहे। हालांकि 2014 के चुनाव में हार के बाद कैप्टन अजय यादव ने 2019 में अपने बेटे चिरंजीव राव को चुनाव लड़ाया। उस चुनाव में चिरंजीव राव ने जीत दर्ज की थी। लेकिन इस बार चिरंजीव राव चुनाव हार गए। हरियाणा विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस में घमासान मच गया है। कांग्रेस OBC सेल के राष्ट्रीय चेयरमैन और पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अजय यादव लगातार पार्टी नेताओं पर सवाल उठा रहे हैं। उन्होंने कहा- फैक्ट फाइंडिंग कमेटी को आने दीजिए। हम जरूर बताएंगे कि चुनाव में क्या-क्या हुआ। कैप्टन ने विधानसभा चुनाव में मिली हार के कई अलग-अलग कारण गिनाएं। इनमें EVM, फिरोजपुर-झिरका सीट से चुनाव जीते नूंह हिंसा के आरोपी मामन खान के अलावा सीनियर नेताओं द्वारा खुद को दरकिनार करने जैसे कारण गिनाएं। दरअसल, कैप्टन अजय यादव के बेटे और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के दामाद चिरंजीव राव रेवाड़ी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे थे। उन्हें बीजेपी प्रत्याशी लक्ष्मण सिंह यादव ने 28 हजार से ज्यादा वोटों से हरा दिया। बेटे की हार के बाद कैप्टन अजय यादव का गुस्सा लगातार सीनियर नेताओं पर फूट रहा है। कैप्टन में कहीं 5 बड़ी बातें 1. कैंपेन कमेटी ने हमसे संपर्क नहीं किया
कैप्टन अजय यादव ने कहा कि हम लोगों से पूरे चुनाव में कैंपेन कमेटी के किसी भी सदस्य ने संपर्क नहीं किया। किस तरीके से रणनीति बनाना है, किस तरह से लोगों के बीच पहुंचना है। हमें कुछ नहीं बताया गया। हमने तो अपने दम पर अपने हिसाब से प्रचार करने के लिए लोगों को अपने क्षेत्र में बुलाया। 2. सीएम कौन, इसमें व्यस्त रहे नेता
हमारे नेता सीएम कौन, सीएम कौन में व्यस्त थे। पीसीसी प्रेसिडेंट खुद चुनाव लड़ रहे थे। प्रभारी बीमार हो गए थे। प्रभारी अगर बीमार थे तो उनको अपनी जगह सीनियर्स को कह कर किसी और को प्रभारी बनवाना चाहिए था। ताकि वह चुनावों के ठीक पहले तमाम जरूरत को पूरा कर पाते। हमारी बात सुनने के लिए कोई फ्रंट फुट पर उपलब्ध नहीं था। 3. मुख्यमंत्री का फैसला विधायक दल की बैठक में होता है
जब चुनाव होते हैं तो सबसे बड़ा लक्ष्य जीतने का होता है। उस वक्त मुख्यमंत्री बनने की बातें मीडिया में आती हैं तो वह पार्टी के लिए कोई अच्छे संकेत नही हैं। पहले बहुमत तो आने दीजिए। उसके बाद ही आप क्लेम करें। कौन मुख्यमंत्री होगा। इसका फैसला विधायक दल की बैठक में होता है। इसके बाद हाईकमान जिसे चाहे उसका नाम मुख्यमंत्री के लिए मनोनीत कर सकता है 4. मामन खान के बयान का असर पड़ा
मामन खान ने जो बयान दिया वो दुर्भाग्यपूर्ण था। उन्हें जनता से इस बात को लेकर माफी मांगनी चाहिए। उनकी जीत में कोई शंका नहीं थी, लेकिन उनके बयान का असर बाकी जगह पड़ा। ये बात मैं पहले भी कह सकता था, लेकिन चुनाव के बीच इस तरह की बात कहना मैंने ठीक नहीं समझा। 5. संगठन में बदलाव की जरूरत
संगठन में आज बदलाव की जरूरत है। आज तक हमारे जिला अध्यक्ष नहीं बन पाए ना ही ब्लॉक अध्यक्ष बन पाए। ये आत्मचिंतन की बात है। इस चुनाव में हमारी सबसे बड़ी कमजोरी हमारा संगठन नहीं होना ही था। कैप्टन खुद और बेटे चिरंजीव रह चुके विधायक
बता दें कि रेवाड़ी विधानसभा सीट से कैप्टन अजय यादव लगातार 6 बार चुनाव जीते। कैप्टन ने 1991 में हुए उप चुनाव में पहली बार जीत दर्ज की थी। इसके बाद वह इस सीट पर 2014 तक विधायक रहे। हालांकि 2014 के चुनाव में हार के बाद कैप्टन अजय यादव ने 2019 में अपने बेटे चिरंजीव राव को चुनाव लड़ाया। उस चुनाव में चिरंजीव राव ने जीत दर्ज की थी। लेकिन इस बार चिरंजीव राव चुनाव हार गए।   हरियाणा | दैनिक भास्कर