होली के ग्राम पंचायत गरोला में पिल्ली वार्ड के लोगों ने पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा सड़क की मरम्मत न करने पर खुद ही सड़क की मरम्मत करके विभाग को आइना दिखाया है। ग्रामीणों का कहना है कि पिछले 6 महीने से बार-बार विभाग के पास सड़क को दुरुस्त करने की मांग की गई थी, लेकिन विभाग उनकी बातों को अनसुना कर रहा था। लिहाजा वार्ड के लोगों ने इकट्ठे होकर खुद ही डैमेज हुई सड़क का निर्माण खुद ही कर डाला है। पिली वार्ड की वार्ड मेंबर सीमा देवी ने बताया कि हमारे गांव तक पहुंचने वाली सड़क की हालत खस्ता थी, जिसकी शिकायत हमने लोक निर्माण विभाग गरोला से कई बार की। लेकिन विभाग द्वारा इस सड़क मार्ग की मरम्मत नहीं कर पाया। लिहाजा अब गांववासियों ने स्वयं ही इस सड़क का मरम्मत कार्य शुरू कर दिया है। क्या कहते हैं सहायक अभियंता भालचंद इस विषय पर PWD विभाग गरोला के सहायक अभियंता भालचंद ने कहा है की एक किलोमीटर जीप योग्य 650 मीटर सड़क विभाग ने बनाकर तैयार कर दी है। आगे का बचा भाग प्राइवेट लैंड होने की वजह से बंद पड़ा हुआ है, फिर भी मलबा हटाने के लिए मशीनें भेज दी हैं। भरमौर के विधायक डॉ. जनकराज ने कहा है कि व्यवस्था परिवर्तन के नाम पर इस तरह का खिलवाड़ कतई भी सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा है सड़क संबंधी लोगों को किसी भी प्रकार की असुविधा ना हो इसके लिए सरकार से प्राथमिकता के आधार पर बात की जाएगी। होली के ग्राम पंचायत गरोला में पिल्ली वार्ड के लोगों ने पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा सड़क की मरम्मत न करने पर खुद ही सड़क की मरम्मत करके विभाग को आइना दिखाया है। ग्रामीणों का कहना है कि पिछले 6 महीने से बार-बार विभाग के पास सड़क को दुरुस्त करने की मांग की गई थी, लेकिन विभाग उनकी बातों को अनसुना कर रहा था। लिहाजा वार्ड के लोगों ने इकट्ठे होकर खुद ही डैमेज हुई सड़क का निर्माण खुद ही कर डाला है। पिली वार्ड की वार्ड मेंबर सीमा देवी ने बताया कि हमारे गांव तक पहुंचने वाली सड़क की हालत खस्ता थी, जिसकी शिकायत हमने लोक निर्माण विभाग गरोला से कई बार की। लेकिन विभाग द्वारा इस सड़क मार्ग की मरम्मत नहीं कर पाया। लिहाजा अब गांववासियों ने स्वयं ही इस सड़क का मरम्मत कार्य शुरू कर दिया है। क्या कहते हैं सहायक अभियंता भालचंद इस विषय पर PWD विभाग गरोला के सहायक अभियंता भालचंद ने कहा है की एक किलोमीटर जीप योग्य 650 मीटर सड़क विभाग ने बनाकर तैयार कर दी है। आगे का बचा भाग प्राइवेट लैंड होने की वजह से बंद पड़ा हुआ है, फिर भी मलबा हटाने के लिए मशीनें भेज दी हैं। भरमौर के विधायक डॉ. जनकराज ने कहा है कि व्यवस्था परिवर्तन के नाम पर इस तरह का खिलवाड़ कतई भी सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा है सड़क संबंधी लोगों को किसी भी प्रकार की असुविधा ना हो इसके लिए सरकार से प्राथमिकता के आधार पर बात की जाएगी। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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कंगना रनोट की फिल्म इमरजेंसी का नया ट्रेलर आया:भिंडरांवाला-सिखों के गोलियां चलाने वाले सीन हटाए; रिलीज की नई डेट तय
कंगना रनोट की फिल्म इमरजेंसी का नया ट्रेलर आया:भिंडरांवाला-सिखों के गोलियां चलाने वाले सीन हटाए; रिलीज की नई डेट तय बॉलीवुड एक्टर एवं हिमाचल के मंडी से BJP सांसद कंगना रनोट की पूर्व PM इंदिरा गांधी पर बनाई फिल्म इमरजेंसी का नया ट्रेलर जारी हो गया है। कंगना ने सोशल मीडिया (X) पर ट्रेलर को शेयर किया। इसमें से जरनैल सिंह भिंडरांवाला और सिखों को खालिस्तानी और दूसरे गलत तरीके से पेश करने वाले सारे सीन हटा लिए गए हैं। 14 अगस्त को जारी ट्रेलर में सिखों को गोलियां चलाते हुए दिखाया गया था। सिखों का आरोप था कि इसमें उन्हें आतंकी दिखाने की कोशिश की गई है। इन्हीं सीन पर फरीदकोट से निर्दलीय सांसद सरबजीत सिंह के अलावा सिखों की सर्वोच्च संस्था शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने एतराज जताया था। सेंसर बोर्ड की तरफ से हरी झंडी मिलने के बाद 17 जनवरी को फिल्म रिलीज होगी। इससे पहले ये फिल्म 6 सितंबर 2024 को रिलीज होने वाली थी, लेकिन इसे सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) से क्लीयरेंस ही नहीं मिला था। पंजाब के सांसद ने कहा था- सिखों के खिलाफ गहरी साजिश
5 महीने पहले पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या करने वाले उनके सुरक्षाकर्मी बेअंत सिंह के बेटे एवं फरीदकोट से निर्दलीय सांसद सरबजीत सिंह खालसा ने ट्रेलर में दिखाए गए सीनों पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने कहा था कि फिल्म इमरजेंसी में सिखों को गलत तरीके से पेश करने की खबरें सामने आ रही हैं, जिससे समाज में शांति और कानून की स्थिति बिगड़ने की आशंका है। अगर इस फिल्म में सिखों को अलगाववादी या आतंकवादी के रूप में दिखाया गया है तो यह एक गहरी साजिश है। सरबजीत ने कहा था कि यह फिल्म एक मनोवैज्ञानिक हमला है, जिस पर सरकार को पहले से ध्यान देकर दूसरे देशों में सिखों के प्रति नफरत भड़काना बंद कर देना चाहिए। सिख समुदाय के लोगों का आरोप- फिल्म में उनकी छवि गलत दिखाई गई
वहीं SGPC ने भी आरोप लगाया था कि फिल्म में सिखों की छवि को गलत तरीके से दिखाया गया है। MP की जबलपुर सिख संगत ने जबलपुर में कलेक्ट्रेट तक रैली निकाली थी। यहां कलेक्टर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम ज्ञापन सौंपते हुए फिल्म पर पूरी तरह रोक लगाने की मांग की गई थी। 10 बदलाव करने के लिए कहा गया था
इमरजेंसी के विवादित सीनों पर सेंसर बोर्ड ने फैक्ट्स दिखाने को कहा था। CBFC ने कहा था कि मेकर्स को इस फिल्म में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति रिचर्ड मिल्हौस निक्सन द्वारा भारतीय महिलाओं के प्रति की गई अपमानजनक टिप्पणी और ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल के भारतीयों को खरगोशों की तरह प्रजनन करने वाले बयानों के सोर्स पेश करने होंगे। सेंसर बोर्ड ने मणिकर्णिका फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड को 10 बदलावों की लिस्ट भेजी थी। इनमें अधिकतर सीन वे थे, जिन पर सिख संगठनों की तरफ से आपत्ति जताई गई थी। फिल्म के एक सीन में पाकिस्तानी सैनिकों को बांग्लादेश शरणार्थियों पर हमला करते हुए दिखाया गया है। इसमें उन्हें बच्चों व महिलाओं पर हमला करते हुए दिखाया गया है। CBFC ने इस सीन पर भी अपनी आपत्ति जताई थी। बोर्ड ने मेकर्स को फिल्म से इस सीन को बदलने या फिर पूरी तरह डिलीट करने के लिए कहा था। फिल्म से 3 सीन करवाए गए थे डिलीट
करीब 4 महीने पहले सिख संगठनों के आपत्ति के बाद CBFC ने फिल्म का सर्टिफिकेट को रोक दिया था। CBFC ने इस फिल्म से 3 सीन डिलीट करने के निर्देश दिए थे। इसके साथ सख्त हिदायत भी दी थी कि फिल्म को रिलीज करने से पहले इसमें 10 बदलाव किए जाएं। कंगना ने इस पर रोष भी व्यक्त किया था। कंगना ने कहा था- सेंसर बोर्ड वालों को धमकियां मिल रहीं
फिल्म को रिलीज करने से रोकने पर कंगना ने कहा था कि CBFC ने फिल्म को क्लियर कर दिया था, लेकिन बाद में सर्टिफिकेशन पर रोक लगा दी गई। ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि जान से मारने की बहुत ज्यादा धमकियां आ रही हैं। सेंसर बोर्ड वालों को भी धमकियां मिल रही हैं। हम पर यह प्रेशर है कि इंदिरा गांधी की हत्या न दिखाएं, भिंडरावाले को न दिखाएं, पंजाब दंगे न दिखाएं। मुझे नहीं पता कि फिर क्या दिखाएं। पता नहीं क्या हुआ कि अचानक से फिल्म को ब्लैक आउट कर दिया गया। इस पर भरोसा नहीं किया जा सकता। देश में जो हालात हैं, उसे देखकर मुझे बहुत बुरा लग रहा है।
शिमला में कांग्रेस के टिकट पर मंथन:CM की अध्यक्षता में चल रही कांग्रेस विधायक दल मीटिंग; हाईकमान को संभावित प्रत्याशियों का पैनल भेजेगी पार्टी
शिमला में कांग्रेस के टिकट पर मंथन:CM की अध्यक्षता में चल रही कांग्रेस विधायक दल मीटिंग; हाईकमान को संभावित प्रत्याशियों का पैनल भेजेगी पार्टी हिमाचल प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस तीनों सीटों पर उप चुनाव की तैयारियों में जुट गई है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू विधानसभा में ही कांग्रेस विधायक दल की मीटिंग ले रहे हैं। इसमें नालागढ़, हमीरपुर और देहरा विधानसभा सीट से संभावित प्रत्याशियों के नाम का पैनल तैयार कर कांग्रेस हाईकमान को भेजा जाएगा। विधायक दल की मीटिंग में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह भी पहुंची हैं। सूत्र बताते हैं कि आज की मीटिंग में तीन सीटों पर प्रत्याशियों के नाम, लोकसभा व छह सीटों पर हुए विधानसभा उप चुनाव पर मंथन के साथ साथ तीन सीटें जीतने को लेकर चर्चा होगी। प्रदेश में आगामी 10 जुलाई को तीन सीटों पर विधानसभा उप चुनाव होना है। इसके लिए कांग्रेस और भाजपा को अगले चार-पांच दिन के भीतर प्रत्याशी तय करने हैं क्योंकि 14 से 21 जून तक नामांकन प्रक्रिया चलने वाली है। इसे लेकर कांग्रेस आज शिमला में मंथन कर रही है। हमीरपुर से कांग्रेस के संभावित प्रत्याशी हमीरपुर विधानसभा सीट से मुख्यमंत्री सुक्खू के पॉलिटिकल एडवाइजर सुनील शर्मा (बिट्टू) और डॉ. पुष्पेंद्र वर्मा में से किसी एक को टिकट दिया जा सकता है। सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री ने सुनील बिट्टू को चुनाव के लिए जुटने को कह दिया है। आज की मीटिंग में इसे लेकर सहमति बनाकर पार्टी हाईकमान को नाम भेजा जाएगा। देहरा से इन्हें टिकट दे सकती है कांग्रेस कांगड़ा जिला की देहरा विधानसभा सीट से कांग्रेस डॉ. राजेश शर्मा को फिर से टिकट दे सकती हैं। टिकट के तलबगारों में यहां से केसीसी बैंक के डायरेक्टर सुनील शर्मा और मतस्य कल्याण बोर्ड के चेयरमैन नरदेव कंवर का नाम भी बताया जा रहा है। इन नामों पर भी आज चर्चा होगी। नालागढ़ से हरदीप और राणा दौड़ में नालागढ़ से कांग्रेस 2022 के विधानसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशी रहे बाबा हरदीप को टिकट दे सकती है। सूत्र बताते हैं कि यदि कांग्रेस पूर्व विधायक लखविंदर राणा को टिकट ऑफर करती हैं तो राणा बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में आ सकते हैं और उन्हें कांग्रेस का टिकट मिल सकता है। बाबा हरदीप होली लॉज गुट के है। इस वजह से नालागढ़ के टिकट पर पेंच फंसा हुआ है।
मंडी मस्जिद तोड़ने के आदेशों पर रोक:MC आयुक्त ने 30 दिन में हटाने के दे रखे ऑर्डर; मुस्लिम पक्ष की याचिका पर राहत
मंडी मस्जिद तोड़ने के आदेशों पर रोक:MC आयुक्त ने 30 दिन में हटाने के दे रखे ऑर्डर; मुस्लिम पक्ष की याचिका पर राहत हिमाचल प्रदेश की छोटी काशी मंडी की मस्जिद के कथित अवैध हिस्से को हटाने के मामले में नया मोड़ आ गया है। नगर नियोजन विभाग (TCP) के प्रधान सचिव देवेश कुमार ने नगर निगम (MC) आयुक्त मंडी के 13 सितंबर के उन आदेशों पर रोक लगा दी है, जिसमें MC आयुक्त ने मस्जिद की दो मंजिल हटाने के आदेश दिए थे। TCP विभाग के प्रधान सचिव ने यह आदेश मुस्लिम पक्ष ने द्वारा दायर अपील पर सुनवाई के बाद दिए। स्टे-आर्डर के मुताबिक प्रधान सचिव ने निगम को मस्जिद की संपत्ति को लेकर किसी तरह की कार्यवाही करने पर रोक लगा दी है। प्रधान सचिव ने प्रतिवादियों को 3 दिन में पक्ष रखने और संबंधित रिकॉर्ड पेश करने के निर्देश दिए। 10 दिन बाद मामले में अगली सुनवाई होगी। मुस्लिम पक्ष ने स्टे ऑर्डर की प्रति नगर निगम आयुक्त मंडी को सौंप दी है। निगम आयुक्त ने 13 सितंबर को दिए थे तोड़ने के आदेश बता दें कि नगर निगम आयुक्त मंडी एचएस राणा ने बीते 13 सितंबर को मंडी के जेल रोड में बनी मस्जिद ती दो मंजिल 30 दिन के भीतर हटाने के आदेश दिए थे। यहां पर मुस्लिम समुदाय ने तीन मंजिला मस्जिद बना दी थी। हिंदू संगठनों का आरोप है कि मंडी में आजादी के बाद एक मंजिला मस्जिद थी। मगर यहां पर बीते कुछ सालों के दौरान सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करके तीन मंजिला मस्जिद बनाई गई।लिहाजा इसे गिराने के लिए मंडी में हिंदू संगठनों ने दो बार प्रदर्शन किया।