भाखड़ा नहर विवाद: BBMB पंजाब सरकार से करेगा बातचीत:हम किसी का हक छीन नहीं रहे; सुक्खू के बयान पर कांग्रेस सफाई दे

भाखड़ा नहर विवाद: BBMB पंजाब सरकार से करेगा बातचीत:हम किसी का हक छीन नहीं रहे; सुक्खू के बयान पर कांग्रेस सफाई दे

भाखड़ा नहर से पानी के मुद्दे पर पंजाब-हरियाणा सरकार में एक सप्ताह से जंग जारी है। केंद्र सरकार के प्रयास के बाद भी अभी तक सहमति नहीं बन पाई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर शनिवार शाम को बीबीएमबी द्वारा चंडीगढ़ में आयोजित मीटिंग में पंजाब ने बायकॉट कर दिया। इसके बावजूद हरियाणा, हिमाचल और राजस्थान के अधिकारियों में एक घंटे तक मीटिंग हुई। सूत्रों के मुताबिक बैठक में तय हुआ है कि भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (बीबीएमबी) के चेयरमैन मनोज त्रिपाठी इस मामले में पंजाब सरकार से समन्वय करेंगे। डैम से पानी छोड़ने और सुरक्षा हटाने पर बात की जाएगी। वहीं, पंजाब के सिंचाई मंत्री बरिंदर कुमार गोयल का कहना है कि हम किसी का हक नहीं छीन रहे हैं, बल्कि हिफाजत कर रहे हैं। उन्होंने LOP प्रताप बाजवा और राजा वड़िंग के साथ-साथ हिमाचल के मुख्यमंत्री सुक्खू के दिए गए बयान हिमाचल के पानी पर पंजाब हरियाणा लड़ रहे है, को लेकर घेरा। उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं की चुप्पी भी पंजाब के साथ गद्दारी है। पंजाब के सिंचाई मंत्री बरिंदर कुमार गाेयल के बयान के 5 मुख्य प्वाइंट:
भाखड़ा डैम ने जितना पानी नहीं जख्म दिए हैं गोयल ने कहा कि भाखड़ा डैम 1963 में बना था, उस समय पंजाब के 370 गांव उजड़ गए। 27,000 एकड़ जमीन डैम में है। लाखों लोग घर से बेघर हो गए, जिन्हें आज तक भी उचित मुआवजा नहीं मिला। इस डैम ने हमें सिर्फ जख्म दिए हैं। इस डैम में उतना पानी नहीं दिया गया। 65 प्रतिशत पानी तो डैम से दूसरे राज्यों ले जाते हैं। हमें तो 35 प्रतिशत मिलता है। हम किसी का हक नहीं छीन रहे हैं। हितों की रक्षा कर रहे हैं, यह आग बबूला गोयल ने कहा कि हम अपने हितों की रक्षा कर रहे हैं, जिस पर यह आग बबूला हो रहे हैं। कभी हिमाचल सीएम सुक्खू ने कुछ कह दिया, कभी किसी ने कुछ कह दिया। दूसरे राज्य हमसे धक्का कर रहे हैं। हरियाणा का हिस्सा 2.987 MFA बनता था, वह अपने हिस्से से ज्यादा 3.019 MFA प्रयोग कर चुका है। जबकि उसे 21 मई तक यह पानी प्रयोग करना था। हम योजना से चलने वाले लोग हैं। हमारे मुख्यमंत्री, मंत्री, और मेरा विभाग रात दिन इस पर लगा हुआ है। हमने नहरों का पानी खेतों तक पहुंचाया है। हमारा पानी नौ प्रतिशत बचा हुआ है। हम गलत होते तो बीबीएमबी छोड़ने वाली नहीं थी बीबीएमबी मीटिंग पर मीटिंग बुलाई जा रही है। मीटिंग में भी बीबीएमबी हमें छोड़ने वाली नहीं थी कि अगर एक भी बात हमारे खिलाफ होती। क्योंकि सारी बात रिकॉर्ड में है। रिकॉर्ड में लिखा है कि हरियाणा और पंजाब को इतना पानी मिलेगा। तो इसमें बीबीएमबी वाले आदेश नहीं कर पाएंगे।
केंद्र ने हरियाणा से भी प्लान बारे पूछा गोयल ने कहा कि केंद्र सरकार ने भी हरियाणा को मीटिंग में कहा है कि आपने अपना प्लान क्यों नहीं बनाया। पंजाब का स्टैंड स्पष्ट है। हम न किसी को दबाते हैं, हम पानी की हिफाजत करते हैं और करते रहेंगे। अब यह बातों को बढ़ा चढ़ाकर बोल रहे हैं। सुक्खू के बयान पर कांग्रेस की चुप्पी गद्दारी हिमाचल के सीएम सुक्खू जो कर रहे हैं, पंजाब में कांग्रेस के LOP प्रताप सिंह बाजवा या प्रधान अमरिंदर सिंह और राज वडिंग क्या उनसे सहमत हैं। अगर वे चुप रहते हैं तो यह भी पंजाब के साथ गद्दारी है। उन्हें बताना चाहिए कि वे सहमत हैं या नहीं। हम सुक्खू के बयान की निंदा करते हैं। बिना मतलब एक बबाल उठा हुआ है, जिसे यह और बढ़ावा दे रहे हैं। हरियाणा में सर्वदलीय बैठक हुई
इससे पहले दिन तीन तारीख को हरियाणा में इस मामले को लेकर सर्वदलीय बैठक हुई है। साथ ही इस मामले को इकट्ठा होकर लड़ने की रणनीति बनी। वहीं, हरियाणा के वकील ने इस मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। साथ ही मांग की है कि वहां पर लगाई फोर्स हटाई जाए। साथ ही इस मामले को हल किया जाए। क्योंकि पंजाब के कई हिस्सों में पानी की दिक्कत है। सुखविंदर सुक्खू बोले- हिमाचल के पानी पर पंजाब-हरियाणा लड़ रहे: जो पानी हिमाचल से आता है, उसका अधिकतर बंटवारा, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में होता है। जब हमने पानी से आय कमाने की सोची तो दोनों की राज्यों ने विरोध कर दिया। हम पानी पर अधिकार नहीं मांग रहे। हिमाचल के लोगों की जमीन गई और लड़ाई पंजाब और हरियाणा के बीच हो रही है। उन्हें हमारा भी सहयोग करना चाहिए। हमें पॉलिसी के हिसाब से 12% रॉयल्टी मिले। हरियाणा के 9 जिलों में पानी का संकट हो रहा सरकार से जुड़े सूत्रों का कहना है कि हरियाणा के 9 जिलों में पानी का संकट होने लगा है। अगर स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो दिल्ली और राजस्थान जाने वाले पानी में कटौती की जा सकती है। हरियाणा से ही दोनों राज्यों को पेयजल और सिंचाई के लिए पानी की आपूर्ति होती है भाखड़ा नहर से पानी के मुद्दे पर पंजाब-हरियाणा सरकार में एक सप्ताह से जंग जारी है। केंद्र सरकार के प्रयास के बाद भी अभी तक सहमति नहीं बन पाई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर शनिवार शाम को बीबीएमबी द्वारा चंडीगढ़ में आयोजित मीटिंग में पंजाब ने बायकॉट कर दिया। इसके बावजूद हरियाणा, हिमाचल और राजस्थान के अधिकारियों में एक घंटे तक मीटिंग हुई। सूत्रों के मुताबिक बैठक में तय हुआ है कि भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (बीबीएमबी) के चेयरमैन मनोज त्रिपाठी इस मामले में पंजाब सरकार से समन्वय करेंगे। डैम से पानी छोड़ने और सुरक्षा हटाने पर बात की जाएगी। वहीं, पंजाब के सिंचाई मंत्री बरिंदर कुमार गोयल का कहना है कि हम किसी का हक नहीं छीन रहे हैं, बल्कि हिफाजत कर रहे हैं। उन्होंने LOP प्रताप बाजवा और राजा वड़िंग के साथ-साथ हिमाचल के मुख्यमंत्री सुक्खू के दिए गए बयान हिमाचल के पानी पर पंजाब हरियाणा लड़ रहे है, को लेकर घेरा। उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं की चुप्पी भी पंजाब के साथ गद्दारी है। पंजाब के सिंचाई मंत्री बरिंदर कुमार गाेयल के बयान के 5 मुख्य प्वाइंट:
भाखड़ा डैम ने जितना पानी नहीं जख्म दिए हैं गोयल ने कहा कि भाखड़ा डैम 1963 में बना था, उस समय पंजाब के 370 गांव उजड़ गए। 27,000 एकड़ जमीन डैम में है। लाखों लोग घर से बेघर हो गए, जिन्हें आज तक भी उचित मुआवजा नहीं मिला। इस डैम ने हमें सिर्फ जख्म दिए हैं। इस डैम में उतना पानी नहीं दिया गया। 65 प्रतिशत पानी तो डैम से दूसरे राज्यों ले जाते हैं। हमें तो 35 प्रतिशत मिलता है। हम किसी का हक नहीं छीन रहे हैं। हितों की रक्षा कर रहे हैं, यह आग बबूला गोयल ने कहा कि हम अपने हितों की रक्षा कर रहे हैं, जिस पर यह आग बबूला हो रहे हैं। कभी हिमाचल सीएम सुक्खू ने कुछ कह दिया, कभी किसी ने कुछ कह दिया। दूसरे राज्य हमसे धक्का कर रहे हैं। हरियाणा का हिस्सा 2.987 MFA बनता था, वह अपने हिस्से से ज्यादा 3.019 MFA प्रयोग कर चुका है। जबकि उसे 21 मई तक यह पानी प्रयोग करना था। हम योजना से चलने वाले लोग हैं। हमारे मुख्यमंत्री, मंत्री, और मेरा विभाग रात दिन इस पर लगा हुआ है। हमने नहरों का पानी खेतों तक पहुंचाया है। हमारा पानी नौ प्रतिशत बचा हुआ है। हम गलत होते तो बीबीएमबी छोड़ने वाली नहीं थी बीबीएमबी मीटिंग पर मीटिंग बुलाई जा रही है। मीटिंग में भी बीबीएमबी हमें छोड़ने वाली नहीं थी कि अगर एक भी बात हमारे खिलाफ होती। क्योंकि सारी बात रिकॉर्ड में है। रिकॉर्ड में लिखा है कि हरियाणा और पंजाब को इतना पानी मिलेगा। तो इसमें बीबीएमबी वाले आदेश नहीं कर पाएंगे।
केंद्र ने हरियाणा से भी प्लान बारे पूछा गोयल ने कहा कि केंद्र सरकार ने भी हरियाणा को मीटिंग में कहा है कि आपने अपना प्लान क्यों नहीं बनाया। पंजाब का स्टैंड स्पष्ट है। हम न किसी को दबाते हैं, हम पानी की हिफाजत करते हैं और करते रहेंगे। अब यह बातों को बढ़ा चढ़ाकर बोल रहे हैं। सुक्खू के बयान पर कांग्रेस की चुप्पी गद्दारी हिमाचल के सीएम सुक्खू जो कर रहे हैं, पंजाब में कांग्रेस के LOP प्रताप सिंह बाजवा या प्रधान अमरिंदर सिंह और राज वडिंग क्या उनसे सहमत हैं। अगर वे चुप रहते हैं तो यह भी पंजाब के साथ गद्दारी है। उन्हें बताना चाहिए कि वे सहमत हैं या नहीं। हम सुक्खू के बयान की निंदा करते हैं। बिना मतलब एक बबाल उठा हुआ है, जिसे यह और बढ़ावा दे रहे हैं। हरियाणा में सर्वदलीय बैठक हुई
इससे पहले दिन तीन तारीख को हरियाणा में इस मामले को लेकर सर्वदलीय बैठक हुई है। साथ ही इस मामले को इकट्ठा होकर लड़ने की रणनीति बनी। वहीं, हरियाणा के वकील ने इस मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। साथ ही मांग की है कि वहां पर लगाई फोर्स हटाई जाए। साथ ही इस मामले को हल किया जाए। क्योंकि पंजाब के कई हिस्सों में पानी की दिक्कत है। सुखविंदर सुक्खू बोले- हिमाचल के पानी पर पंजाब-हरियाणा लड़ रहे: जो पानी हिमाचल से आता है, उसका अधिकतर बंटवारा, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में होता है। जब हमने पानी से आय कमाने की सोची तो दोनों की राज्यों ने विरोध कर दिया। हम पानी पर अधिकार नहीं मांग रहे। हिमाचल के लोगों की जमीन गई और लड़ाई पंजाब और हरियाणा के बीच हो रही है। उन्हें हमारा भी सहयोग करना चाहिए। हमें पॉलिसी के हिसाब से 12% रॉयल्टी मिले। हरियाणा के 9 जिलों में पानी का संकट हो रहा सरकार से जुड़े सूत्रों का कहना है कि हरियाणा के 9 जिलों में पानी का संकट होने लगा है। अगर स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो दिल्ली और राजस्थान जाने वाले पानी में कटौती की जा सकती है। हरियाणा से ही दोनों राज्यों को पेयजल और सिंचाई के लिए पानी की आपूर्ति होती है   पंजाब | दैनिक भास्कर