भिवानी जिले के बवानी खेड़ा में आवारा पशुओं की संख्या बढ़ने के कारण लोगों को परेशानियों का समाना करना पड़ रहा है। आए दिन भीड़भाड़ में ये पशु आपस में लड़कर लोगों को जान माल की हानि पहुंचा रहे है। जिसके कारण कई लोग हादसों का शिकार हो गए है। लोगों का कहना है कि कस्बे में गौशाला होने के बाद भी इनका समाधान नहीं हो पाया है। कस्बे में हैं 2-2 गौशाला समाजसेवी मनीष शंकर, हनुमान पारासर, सोमबीर वाल्मीकि, ओमप्रकाश बुवानीवाला, महेश कुमार, सुरेश कुमार आदि ने बताया कि कस्बे में दो-दो बड़ी गौशालाएं हैं। लेकिन आवारा कहे या बेसहारा, इन पशुओं ने जीना दुभर किया हुआ है। तुलसीपुर परिवार में एक महिला इनकी चपेट में आने से स्वर्ग सिधार गई। इससे पहले भी अनेक लोग घायल हो चुके हैं। एक तरफ विभाग ने डिवाइडर पर लंबे लंबे लोहे के ग्रिल को लगा दिए, जिससे सड़क पर आने जाने वालों का पता नहीं चलता। प्रशासन से समाधान की मांग वहीं ये पशु भी आपस में लड़ते हुए राहगीरों पर टूट पड़ते हैं। लेकिन न प्रशासन इनकी कोई सुध ले रहा है और ना सरकार। उन्होंने कहा कि शहीद गुलाब सिंह पार्क के पास स्थित सब्जी मंडी के पास आवारा पशुओं का इतना जमावड़ा रहता है कि वहां से गुजरना मुश्किल हो जाता है। लेकिन प्रशासन और गौशालाओं की तरफ से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। जिससे कस्बे के लोगों में रोष बढ़ता जा रहा है। कस्बे के लोगों ने प्रशासन से समाधान कराने की बात कही है। भिवानी जिले के बवानी खेड़ा में आवारा पशुओं की संख्या बढ़ने के कारण लोगों को परेशानियों का समाना करना पड़ रहा है। आए दिन भीड़भाड़ में ये पशु आपस में लड़कर लोगों को जान माल की हानि पहुंचा रहे है। जिसके कारण कई लोग हादसों का शिकार हो गए है। लोगों का कहना है कि कस्बे में गौशाला होने के बाद भी इनका समाधान नहीं हो पाया है। कस्बे में हैं 2-2 गौशाला समाजसेवी मनीष शंकर, हनुमान पारासर, सोमबीर वाल्मीकि, ओमप्रकाश बुवानीवाला, महेश कुमार, सुरेश कुमार आदि ने बताया कि कस्बे में दो-दो बड़ी गौशालाएं हैं। लेकिन आवारा कहे या बेसहारा, इन पशुओं ने जीना दुभर किया हुआ है। तुलसीपुर परिवार में एक महिला इनकी चपेट में आने से स्वर्ग सिधार गई। इससे पहले भी अनेक लोग घायल हो चुके हैं। एक तरफ विभाग ने डिवाइडर पर लंबे लंबे लोहे के ग्रिल को लगा दिए, जिससे सड़क पर आने जाने वालों का पता नहीं चलता। प्रशासन से समाधान की मांग वहीं ये पशु भी आपस में लड़ते हुए राहगीरों पर टूट पड़ते हैं। लेकिन न प्रशासन इनकी कोई सुध ले रहा है और ना सरकार। उन्होंने कहा कि शहीद गुलाब सिंह पार्क के पास स्थित सब्जी मंडी के पास आवारा पशुओं का इतना जमावड़ा रहता है कि वहां से गुजरना मुश्किल हो जाता है। लेकिन प्रशासन और गौशालाओं की तरफ से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। जिससे कस्बे के लोगों में रोष बढ़ता जा रहा है। कस्बे के लोगों ने प्रशासन से समाधान कराने की बात कही है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में नए साल की कोल्ड डे से शुरुआत:13 जिलों में यलो अलर्ट; 4 जिलों में हालात बिगड़े, 13.0 डिग्री से कम हुआ दिन का पारा हरियाणा में नए साल का आगाज कोल्ड डे से होगा। इसको देखते हुए मौसम विभाग ने 13 जिलों में कोल्ड-डे का यलो अलर्ट जारी किया है। इनमें पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, कैथल, करनाल, रोहतक, भिवानी, चरखी-दादरी, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, मेवात और पलवल शामिल हैं। मंगलवार को 4 जिलों में हालात खराब रहे, यहां दिन का अधिकतम पारा 13 डिग्री से कम रिकॉर्ड किया गया। इन जिलों में रोहतक, करनाल, अंबाला और पलवल जिले शामिल हैं। मौसम विभाग ने 3 जनवरी तक हरियाणा में शीतलहर चलने की संभावना जताई है। इसके चलते न्यूनतम तापमान में 3 से 5 डिग्री की गिरावट आ सकती है। पहाड़ की हवाओं से बढ़ी ठिठुरन नारनौल यूनिवर्सिटी के मौसम विशेषज्ञ डॉ. चंद्र मोहन ने बताया है कि 5-10 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हिमालय की ओर से चलने वाली बर्फीली हवाओं ने हरियाणा के मैदानी इलाकों में ठंड बढ़ा दी है। इसके कारण नमी बढ़ने से राज्य के अधिकांश इलाकों की ऊपरी सतह पर कोहरे की सफेद चादर छाने के आसार हैं। इससे एक बार फिर से रात के तापमान में गिरावट देखने को मिल रही है। पंचकूला का AQI 117 हुआ हरियाणा में बदले मौसम के मिजाज से अधिकांश जिलों की हवा में सुधार हुआ है। बुधवार सुबह चरखी दादरी का AQI 198, गुरुग्राम का 138, फरीदाबाद का 156, रोहतक का 130, पंचकूला का 117 रहा। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि 1-2 दिन में मौसम के खुश्क रहने के साथ प्रदूषण के ग्राफ में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। खासकर NCR के जिलों में प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी होगी। 4-5 जनवरी को बारिश के आसार डॉ. चंद्र मोहन का कहना है कि हरियाणा में 3 जनवरी तक मौसम आमतौर पर खुश्क रहने की संभावना है। 1 जनवरी को पहाड़ों पर एक पश्चिमी विक्षोभ एक्टिव हो रहा है। हालांकि, इसका असर हरियाणा में नहीं दिखेगा। इसके असर से ठंड थोड़ी कम हो सकती है। रात के तापमान में हल्की गिरावट दर्ज हो सकती है।वहीं, मौसम विभाग ने 3 जनवरी से मौसम में बदलाव होने के संकेत दिए हैं। इस दौरान प्रदेश में कुछ इलाकों में 4 और 5 जनवरी को बारिश के आसार बन सकते हैं।
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सिरसा में बारिश के साथ तूफान, भारी नुकसान:बिजली के पोल-पेड़ टूट कर गिरे; रास्ते बंद, लाइट गुल, टीन की छतें उड़ी हरियाणा के सिरसा की उप तहसील गोरीवाला में बारिश के साथ तेज आंधी आयी। इससे मकानों की छतें, सड़क किनारे पेड़ व बिजली के ट्रांसफार्मर व पोल गिरने से भारी नुकसान हुआ है। रास्ते तो अवरुद्ध हुए ही, साथ में बिजली सप्लाई भी कई क्षेत्रों में ठप हो गई है। जानकारी के अनुसार शनिवार शाम अचानक मौसम में परिवर्तन हो गया। बारिश के साथ तबाही मचाने वाला तेज तूफान भी आया। लोगों की घरों की टीन की छत, सड़क किनारे पेड़ व ट्रांसफार्मर व बिजली के पोल लोगों के घरों पर गिरने से भारी नुकसान हुआ है। गांव दारेवाला में तेज तूफान से काफी नुकसान का अंदेशा है। गांव की सड़क पर लगा ट्रांसफार्मर सड़क के बीचो-बीच गिर गया। इससे कई घंटे से आवागमन पूरी तरह से ठप है। सड़क के ऊपर बिजली की तारों का जल बिछ गया है। आने जाने वाले लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। सड़क पर बिजली के तारों के गिरने से लोगों को बिजली के करंट का भय भी सताने लगा है। सड़क किनारे पेड़ सड़क के बीचो-बीच टूट कर गिर गए हैं। गांव में करीब दर्जन भर बिजली के पोल लोगों के घरों पर जा गिरे। इससे घरों को काफी क्षति पहुंची है। सिरसा में केहरवाला से लेकर घोड़ावाली तक तेज तूफान का मंजर लोगों के लिए आफत बनकर गुजरा है। तेज तूफान पुनः: कहर न बरपा जाए, इसके लिए लोग अपने स्तर पर इंतजाम करने में जुटे हुए हैं।
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हरियाणा के 20 खिलाड़ियों को ओलंपिक कोटा:निशा दहिया और मनु भाकर समेत 13 महिला खिलाड़ी शामिल, 26 जुलाई से पेरिस में शुरू आज अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक दिवस है। खेलों का सबसे बड़ा महाकुंभ ओलिंपिक खेल ठीक 32 दिन बाद 26 जुलाई को पेरिस में शुरू होगा। हरियाणा के अब तक 20 खिलाड़ियों ने व्यक्तिगत स्पर्धाओं में ओलिंपिक कोटा हासिल किया है, जो एक रिकॉर्ड है। इनमें से 13 यानी 65% महिलाएं हैं। पिछली बार हरियाणा के पास 17 व्यक्तिगत कोटा थे। एथलेटिक्स के क्वालिफाइड मैच अभी होने बाकी हैं। ओलंपिक में भारत की 10 खेलों में भागीदारी पक्की हो चुकी है। हरियाणा 7 में अपना दमखम दिखाएगा। पहली बार तीरंदाजी में भी भारत का प्रतिनिधित्व होगा। तीरंदाजी, नौकायन, लॉन टेनिस में भी दिखेगा दम तीरंदाजी: सिरसा की भजन कौर ने एशियन गेम्स में कांस्य, ओलिंपिक क्वालिफायर चैंपियनशिप में स्वर्ण जीता।
नौकायन: करनाल के बलराज पंवार एम1एक्स में 2000 मी. रेस में 7:01.27 मिनट का समय ले तीसरे नंबर पर रहे।
लॉन टेनिस: झज्जर के सुमित नागल ने ऑस्ट्रेलियाई ओपन के दूसरे दौर में जगह बनाई। हीलब्रॉन नेकरकप चैलेंजर स्पर्धा व चेन्नई ओपन का खिताब जीता। बॉक्सिंग: पदकों के लिए 4 खिलाड़ी मारेंगे पंच अमित पंघाल (51 किग्रा.): रोहतक के मायना के हैं। एशियाड, कौमनवैल्थ, एशियन चैंपियनशिप में 1-1 स्वर्ण।
निशांत देव (71 किग्रा.): करनाल के हैं। वर्ल्ड चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीता।
प्रीति पंवार (54 किग्रा.): भिवानी की हैं। एशियन चैंपियनशिप में गाेल्ड।
जैस्मिन लेम्बोरिया (57 किग्रा.): भिवानी की हैं। एशियन चैंपियनशिप व कॉमनवेल्थ गेम्स में कांस्य पदक जीते। कुश्ती: पहली बार महिला पहलवान ज्यादा
विनेश फौगाट (50 किग्रा.): चरखी दादरी के बलाली की हैं। कॉमनवेल्थ में 3, एशियन गेम्स में 1 स्वर्ण जीत चुकीं।
अंतिम पंघाल (53 किग्रा.): हिसार की हैं। अंडर-20 वर्ल्ड चैंपियनशिप में 2 स्वर्ण।
अंशु मलिक (57 किग्रा.): जींद के निडानी की हैं। वर्ल्ड चैंपियनशिप और कॉमनवेल्थ गेम्स में रजत जीते।
निशा दहिया (68 किग्रा.): पानीपत के अदियाना की हैं। राष्ट्रीय चैंपियनशिप में 6 गोल्ड। एशियन चैंपियनशिप में रजत।
रीतिका हुड्डा (76 किग्रा.): रोहतक के खरकड़ा की हैं। वर्ल्ड चैंपियनशिप में स्वर्ण।
अमन सहरावत (57 किग्रा.): झज्जर के बिरोहड़ के हैं। एशियन चैंपियनशिप व जाग्रेब ओपन में गोल्ड। इस बार हमारी महिला शक्ति का जोर
2 महिला बॉक्सर जाएंगी। टोक्यो में 1 ही थी।
कुश्ती में पहली बार 5 महिला पहलवान जाएंगी।
शूटिंग में 4 महिला जाएंगी। पिछली बार 2 थीं।
तीरंदाजी में पहला कोटा महिला ने ही दिलाया। उम्मीदें बड़ी क्यों? देश की 2% आबादी वाले हरियाणा ने 33% कोटा दिलाए कृपाशंकर बिश्नोई ने बताया कि पहली बार कुश्ती में 6 में से 5 और शूटिंग में 4 महिलाएं, तीरंदाजी में भी 1 खिलाड़ी एथलेटिक्स: नीरज चोपड़ा: पेरिस ओलिंपिक के लिए डायरेक्ट क्वालीफाइंग मार्क 85.50 मीटर था। इसे पूरा किया। पेरिस ओलिंपिक में जगह बनाने वाले पहले एथलीट हैं। एथलेटिक्स में ओलिंपिक स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय बने। टोक्यो ओलिंपिक के बाद 5 स्पर्धाओं में स्वर्ण और 2 में रजत पदक जीत चुके हैं। ओलिंपिक कोटा जीतने वाले हरियाणवियों में 65% महिलाएं ओलिंपिक मेडलिस्ट साक्षी मलिक, दो बार की ओलिंपियन विनेश फौगाट जैसी खिलाड़ियों को कोचिंग दे चुका हूं। इस बार ओलिंपिक कोटा जीतने वाले हरियाणवियों में 65% महिलाएं हैं। लड़कियां लक्ष्य को लेकर गंभीर और करियर ओरिएंटेड होती हैं। एक बार लग्न से काम शुरू कर दें तो उस पर खरा उतरती हैं। इसी की बदौलत कुश्ती में पहली बार 6 में से 5 और शूटिंग में 6 में से 4 महिला हैं। तीरंदाजी में पहला कोटा दिलाने वाली भी महिला है। कुश्ती में इतना लंबा विवाद चला, पर महिला पहलवानों ने खुद पर इसका असर नहीं पड़ने दिया। तकनीक, जोश और सही समय पर तत्काल निर्णय से हरियाणा के खिलाड़ी देश काे गोल्डन तोहफा दे सकते हैं।