हरियाणा भिवानी पहुंची राज्यसभा सांसद किरण चौधरी ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि हुड्डा को सलाह दी कि उनकी उम्र अधिक हो गई है, अब उन्हें आराम कर कांग्रेस के नए नेताओं को संरक्षण देना चाहिए। उन्होंने कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष उदयभान द्वारा जारी पदाधिकारियों की लिस्ट प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया द्वारा वापस लौटाए जाने के मुद्दे पर कहा कि यह लिस्ट हुड्डा के कहने पर उदयभान ने बनाई होगी। जिसे कांग्रेस प्रभारी ने लौटा दिया। किरण चौधरी ने कहा कि राज्यसभा में पीठाधीन उपाध्यक्ष की भूमिका के दौरान उन्होंने कांग्रेस की सदन ना चलने देने की मंशा को नजदीक से देखा है। उन्होंने प्रदेश भर से आए भाजपा कार्यकर्ताओं की जन समस्याओं को खुला दरबार लगाकर सुना। किरण चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर बाबा साहेब अंबेडकर को भारत रत्न की उपाधि देने के साथ ही उनके नाम से अंबेडकर भवन का निर्माण भी करवाया। कांग्रेस सिर्फ बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के नाम पर वोट बटोरने व जातिगत विभाजन में ही लगी रही। नशाखोरी पर जताई चिंता किरण चौधरी ने प्रदेश में नशाखोरी पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि अधिकत्तर नशा पंजाब से हरियाणा में प्रवेश करता है। पुलिस को और अधिक सतर्कता बरतने की जरूरत है। पत्रकारों द्वारा किसान नेता डल्लेवाल के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में किरण चौधरी ने कहा कि किसान नेता डल्लेवाल लंबे समय से बीमार है। वे उनकी लंबी आयु की कामना करती है। हरियाणा भिवानी पहुंची राज्यसभा सांसद किरण चौधरी ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि हुड्डा को सलाह दी कि उनकी उम्र अधिक हो गई है, अब उन्हें आराम कर कांग्रेस के नए नेताओं को संरक्षण देना चाहिए। उन्होंने कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष उदयभान द्वारा जारी पदाधिकारियों की लिस्ट प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया द्वारा वापस लौटाए जाने के मुद्दे पर कहा कि यह लिस्ट हुड्डा के कहने पर उदयभान ने बनाई होगी। जिसे कांग्रेस प्रभारी ने लौटा दिया। किरण चौधरी ने कहा कि राज्यसभा में पीठाधीन उपाध्यक्ष की भूमिका के दौरान उन्होंने कांग्रेस की सदन ना चलने देने की मंशा को नजदीक से देखा है। उन्होंने प्रदेश भर से आए भाजपा कार्यकर्ताओं की जन समस्याओं को खुला दरबार लगाकर सुना। किरण चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर बाबा साहेब अंबेडकर को भारत रत्न की उपाधि देने के साथ ही उनके नाम से अंबेडकर भवन का निर्माण भी करवाया। कांग्रेस सिर्फ बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के नाम पर वोट बटोरने व जातिगत विभाजन में ही लगी रही। नशाखोरी पर जताई चिंता किरण चौधरी ने प्रदेश में नशाखोरी पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि अधिकत्तर नशा पंजाब से हरियाणा में प्रवेश करता है। पुलिस को और अधिक सतर्कता बरतने की जरूरत है। पत्रकारों द्वारा किसान नेता डल्लेवाल के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में किरण चौधरी ने कहा कि किसान नेता डल्लेवाल लंबे समय से बीमार है। वे उनकी लंबी आयु की कामना करती है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में BJP-कांग्रेस नेताओं के पोस्टरों पर कालिख पोती:PM मोदी से लेकर राहुल गांधी के चेहरे काले किए; जगह-जगह लगे हुए हैं बैनर
हरियाणा में BJP-कांग्रेस नेताओं के पोस्टरों पर कालिख पोती:PM मोदी से लेकर राहुल गांधी के चेहरे काले किए; जगह-जगह लगे हुए हैं बैनर हरियाणा में विधानसभा चुनाव ऐलान के साथ ही आचार संहिता लागू हो चुकी है। प्रशासनिक टीमें लगातार राजनीतिक पार्टियों के बैनर व पोस्टर हटाने का काम कर रही है। रविवार सुबह फरीदाबाद में सड़कों व फ्लाईओवर पर लगे भाजपा और कांग्रेस के पोस्टर व बैनर पर नेताओं के चेहरों पर कालिख पोती हुई मिली। इनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री नायब सैनी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली, केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर, फरीदाबाद विधायक नागेंद्र गुप्ता, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, दीपक बाबरिया, भूपेंद्र हुड्डा और दीपेंद्र हुड्डा के अलावा लोकल नेताओं के पोस्टरों पर कालिख पोती गई। अभी यह सामने नहीं आया है कि पोस्टरों पर कालिख किसने पोती है। 4 दिन पहले प्रशासन ने मीटिंग कर पोस्टर व बैनर हटाने का निर्णय लिया था। अमूमन चुनाव आयोग आचार संहिता लागू होने पर पोस्टर व बैनर को हटा देता है या फिर सफेद या आसमानी कलर से रंग देता है। इस मामले पर सहायक रिटर्निंग ऑफिसर आनंद शर्मा से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने कॉल नहीं उठाई। पोस्टरों पर पोती गई कालिख के PHOTOS… हरियाणा CM और केंद्रीय मंत्री के लगाए रोने वाले पोस्टर करनाल में पिछले दिनों विभिन्न स्थानों पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर के विवादित पोस्ट लगाए गए। इन पोस्टरों में सैनी और खट्टर को रोता हुआ दिखाया गया था। पोस्टरों पर ‘म्हारा हरियाणा नान स्टॉप हरियाणा’ का स्लोगन लिखा गया था। भाजपा के नेताओं ने इन पोस्टरों के पीछे कांग्रेस का हाथ बताया था, लेकिन कांग्रेस ने इस मामले से किनारा कर लिया। जिसके बाद नगर निगम के सहायक अभियंता की शिकायत पर सिविल लाइन पुलिस ने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया था।
हरियाणा में आचार संहिता लागू:क्या नई स्कीमें शुरू हो सकेंगी, सरकारी भर्तियों का क्या होगा, ऐसे 11 महत्वपूर्ण सवालों के जवाब पढ़िए
हरियाणा में आचार संहिता लागू:क्या नई स्कीमें शुरू हो सकेंगी, सरकारी भर्तियों का क्या होगा, ऐसे 11 महत्वपूर्ण सवालों के जवाब पढ़िए हरियाणा विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है। इसी के साथ इन राज्यों में आदर्श आचार संहिता भी लागू हो गई। इस दौरान ज्यादातर सरकारी कामों पर अस्थाई रोक लगी रहेगी। ये वो काम होते हैं, जिनसे सरकार को फायदा होने का अंदेशा होता है। हरियाणा में राजनीतिक दलों को चुनाव प्रचार के लिए इस चुनाव में 17 अगस्त से 29 सितंबर तक कुल 44 दिन मिलेंगे। 2019 में 21 सितंबर को आचार संहिता लागू हुई थी। पिछली बार 2019 में 21 अक्टूबर को वोटिंग हुई थी। इस हिसाब से 2019 में उम्मीदवारों को प्रचार के लिए एक महीना मिला था, लेकिन इस बार अगस्त में आचार संहिता लगी है और अक्टूबर में वोटिंग होने के कारण डेढ़ महीने का समय मिल रहा है। ऐसे में आम लोगों के मन में कई तरह के सवाल हैं। मसलन- हरियाणा में सरकारी भर्तियां क्या होती रहेंगी, अगर कोई सड़क आधी बनी है तो क्या काम रुक जाएगा, क्या ड्राइविंग लाइसेंस और पासपोर्ट जैसे डॉक्यूमेंट बनने भी बंद हो जाएंगे?। सबसे पहले हरियाणा विधानसभा चुनाव का शेड्यूल जानिए… आचार संहिता से जुड़े 11 सवाल और उनके जवाब… सवाल 1 : आज से राज्य में लागू हुई आदर्श आचार संहिता होती क्या है?
जवाब : स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग ने कुछ नियम बनाए हैं, जिसे आचार संहिता कहते हैं। चुनाव के समय राजनीतिक दलों और सभी प्रत्याशियों को इसका पालन करना होता है। आचार संहिता के तहत बताया जाता है कि राजनीतिक दलों और कैंडिडेट को चुनाव के दौरान क्या करना है और क्या नहीं करना है। आचार संहिता की सबसे खास बात ये है कि ये नियम किसी कानून के जरिए नहीं बल्कि राजनीतिक पार्टियों की आपसी सहमति से बनाए गए हैं। आदर्श आचार संहिता की वजह से चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों, प्रत्याशियों और सत्ताधारी दलों के कामकाज और उनके व्यवहार पर नजर रखना संभव होता है। सवाल 2: विधानसभा चुनाव में आचार संहिता कब से कब तक लागू रहेगी?
जवाब : चुनाव के कार्यक्रमों की घोषणा के साथ ही आचार संहिता लागू हो जाती है। ये आचार संहिता इलेक्शन की पूरी प्रक्रिया खत्म होने तक जारी रहती है। विधानसभा चुनाव की तारीख का ऐलान 16 अगस्त को किया गया। इस दिन से आचार संहिता लागू हो गई। चुनाव प्रक्रिया पूरी होते ही आचार संहिता खत्म हो जाती है। सवाल 3: आचार संहिता के दौरान कौन से काम रुक जाते हैं और कौन से चालू रहते हैं?
जवाब : आदर्श आचार संहिता की वजह से इन कामों पर रोक लग जाती है… सवाल 4: हरियाणा में 50 हजार से ज्यादा सरकारी पदों पर जारी भर्तियों और अन्य स्कीम और कामों का क्या होगा, जिसकी घोषणा सरकार कर चुकी है?
जवाब : हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी ने 50 हजार भर्तियों का वादा किया है। इनमें से 34 हजार पदों पर भर्ती हो गई है। बाकी पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया जारी है। जो भर्ती प्रक्रिया चल रही है, उस पर कोई रोक नहीं लगेगी, लेकिन मुख्यमंत्री या कोई मंत्री नियुक्ति पत्र अपने हाथों से नहीं दे पाएंगे। आचार संहिता लागू होने के बाद नई भर्तियों निकलती है तो यह चुनाव आयोग को देखना पड़ेगा कि भर्ती अभी क्यों निकाली जा रही है। इस भर्ती के देरी से निकलने की क्या वजहें हैं। अगर इसका उचित जवाब नहीं मिलता है तो यह माना जाएगा कि जान बूझकर देरी की गई है। सवाल 5: आचार संहिता लागू होने के बाद ड्राइविंग लाइसेंस, आवासीय और कास्ट सर्टिफिकेट बनाना संभव है या नहीं?
जवाब : हरियाणा के मुख्य चुनाव अधिकारी पंकज अग्रवाल का कहना है कि चुनाव आचार संहिता के नाम पर जरूरी काम नहीं रोके जा सकते हैं। पहले चल रहे विकास कार्यों को भी बंद नहीं किया जा सकता है। राशन कार्ड में संशोधन, ड्राइविंग लाइसेंस आदि बनाए जाते रहेंगे। जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र बनाने और जमीनों की रजिस्ट्री जैसे काम करने पर कोई रोक नहीं लगती है। सवाल 6: आचार संहिता लागू होने के बाद सड़क बनाने या ठीक करवाने की इजाजत होती है या नहीं?
जवाब : चुनाव आयोग के मुताबिक विधायक, मंत्री या कैंडिडेट आचार संहिता लागू होने के बाद कोई आर्थिक सहायता या उससे संबंधित कोई वादा नहीं कर सकते हैं। इसके अलावा आचार संहिता लागू होने के बाद किसी परियोजना अथवा योजना का शिलान्यास नहीं किया जा सकता है। सड़क बनवाने, पीने के पानी को लेकर काम शुरू करवाना तो दूर, वादा तक नहीं कर सकते हैं। जो काम पहले से चल रहा है वो आचार संहिता की वजह से बाधित नहीं होगा। सवाल 7: आचार संहिता लागू होने के बाद अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग कैसे होती है?
जवाब : आचार संहिता लागू होने के बाद किसी भी सरकारी अधिकारी, कर्मचारी की ट्रांसफर पोस्टिंग सरकार नहीं कर सकती है। ट्रांसफर कराना बेहद जरूरी हो गया हो तब भी सरकार बिना चुनाव आयोग की सहमति के ये फैसला नहीं ले सकती है। इस दौरान राज्य के मुख्य चुनाव आयुक्त जरूरत के हिसाब से अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग कर सकते हैं। सवाल 9: क्या आचार संहिता लागू होने पर कोई मंत्री सरकारी खर्चे पर इलेक्शन रैली कर सकते हैं?
जवाबः आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद सरकारी खर्च पर मंत्री इलेक्शन रैली नहीं कर सकते हैं। इस दौरान मंत्री सरकारी वाहनों का इस्तेमाल भी सिर्फ अपने निवास से ऑफिस तक जाने के लिए कर सकते हैं। चुनावी रैलियों और यात्राओं के लिए इनका इस्तेमाल नहीं हो सकता। सवाल 10: क्या आचार संहिता के दौरान मंत्री अपने आधिकारिक दौरे के समय चुनाव प्रचार कर सकते हैं?
जवाब : नहीं। आचार संहिता लागू होने के बाद मंत्री अपने आधिकारिक दौरे के समय चुनाव प्रचार नहीं कर सकते हैं। यहां तक की चुनाव प्रचार के लिए सरकारी गाड़ियों, विमानों या किसी दूसरे सुविधाओं का भी इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। सवाल 11 : क्या शराब के ठेकों, तेंदू की पत्तियों के टेंडर की नीलामी की जा सकती है?
जवाब : नहीं। इस तरह के किसी टेंडर की नीलामी नहीं की जा सकती है। सरकार जरूरी होने पर आचार संहिता से पहले ही कोई तत्कालिक व्यवस्था कर सकती है। इसके अलावा नगर निगम, नगर पंचायत, नगर क्षेत्र समिति राजस्व संग्रहण का काम जारी रख सकती है।
रोहतक छात्रा अपहरण मामले में सरकार सख्त:स्वास्थ्य मंत्री मेडिकल जाएंगे; बोले- हम वेस्ट बंगाल की सरकार नहीं, आरोपी को नहीं छोड़ेंगे
रोहतक छात्रा अपहरण मामले में सरकार सख्त:स्वास्थ्य मंत्री मेडिकल जाएंगे; बोले- हम वेस्ट बंगाल की सरकार नहीं, आरोपी को नहीं छोड़ेंगे हरियाणा के रोहतक पीजीआई छात्रा अपहरण मामले में सूबे के हेल्थ मिनिस्टर डॉ कमल गुप्ता ने कहा है कि रोहतक से कल एक मामला सामने आया है। हमने इस मामले में एक्शन शुरू कर दिया है। कल ही मैंने वहां के वाइस चांसलर, डायरेक्टर और SP से बात की थी, डीजीपी से भी इस केस को लेकर चर्चा हुई है। गुप्ता ने बताया कि आरोपी डॉक्टर को मेडिकल कॉलेज से रेस्टिगेट कर दिया गया है। उसके खिलाफ FIR भी दर्ज हो चुकी हैं, कई गंभीर धाराएं भी लगी हैं। वह इस समय जेल के अंदर है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हमारी हरियाणा की भारतीय जनता पार्टी की सरकार, वेस्ट बंगाल की TMC की सरकार के तरीके की सरकार नहीं है। अगर कोई हमारी बहन बेटी पर आंख उठाकर देखेगा, तो हम उसका करारा जवाब देंगे। मैं आज रोहतक जा रहा हूं, मुख्यमंत्री नायब सैनी ने भी इस पूरे मामले में सख्त करवाई करने के आदेश दिए हैं। मैं प्रदेश की बेटियों से कहना चाहूंगा कि इस तरीके से किसी भी घटना को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कोलकाता और रोहतक की घटनाओं में समानता कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुई हैवानियत के बाद हरियाणा के रोहतक में मेडिकल कॉलेज की छात्रा के साथ मारपीट की घटना सामने आई थी। इसमें आरोपी मेडिकल कॉलेज का ही पीजी डॉक्टर बताया जा रहा है। पीड़ित छात्रा का आरोप है कि 16 अगस्त की शाम को आरोपी युवक मेडिकल कैंपस से उसे अगवा करके ले गया था। रात को अंबाला, चंडीगढ़ घुमाता रहा। लगभग 20 घंटे बाद 17 अगस्त की शाम तकरीबन 3.30 बजे वापस लाया। इस दौरान आरोपी ने पीड़िता के साथ मारपीट भी की। आरोपी एनाटॉमी विभाग का पीजी स्टूडेंट है। उसका नाम मनिंदर कौशिक बताया जा रहा है। कोलकाता की तरह यहां भी मामला मेडिकल कॉलेज का ही है, मगर वहां रेप और हत्या की घटना घटी, और यहां पर मारपीट का मामला सामने आया है। एडमिट कार्ड के बहाने बुलाया पीड़ित छात्रा पीजीआईएमएस में मेडिकल की पढ़ाई कर रही है। वहीं, आरोपी डॉक्टर मनिंदर एमडी एनाटॉमी कोर्स के प्रथम वर्ष का रेजिडेंट है। आरोपी डॉक्टर, छात्रा की कक्षा को कभी-कभी पढ़ाता था। हाल ही में परीक्षाएं होनी है। आरोपी डॉक्टर ने छात्रा को एडमिट कार्ड लेने के लिए बुलाया था। छात्रा जब उसके पास पहुंची, तो आरोपी ने बहाने से कार में बैठा लिया। इसके बाद वह कार घुमाते हुए चंडीगढ़ तक ले गया। आरोप है कि सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर ने छात्रा से शादी और संबंध बनाने का दबाव बनाया। छात्रा ने विरोध किया तो आरोपी ने उसे करीब 20 घंटे तक बंधक बनाकर रखा। इस दौरान छात्रा को बुरी तरह लात-घूसों से पीटा। डॉक्टर की पिटाई से छात्रा के शरीर पर चोट के निशान बन गए। जेल में है आरोपी डॉक्टर शुक्रवार रात ले जाने के बाद आरोपी शनिवार शाम छात्रा को पीजीआईएमएस के गेट पर फेंककर फरार हो गया था। पीड़ित छात्रा ने घटना की सूचना परिजनों को दी। उन्होंने पीजीआईएमएस प्रशासन और पुलिस को मामले से अवगत कराया। पुलिस ने अपहरण और मारपीट का मुकदमा दर्ज कर आरोपी डॉक्टर मनिंदर को गिरफ्तार कर लिया है। मेडिकल के बाद छात्रा के बयान दर्ज रोहतक पीजीआई की मेडिकल छात्रा का अपहरण और बंधक बनाकर मारपीट के मामले में पुलिस ने सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर की गिरफ्तारी के बाद अधिवक्ता और परिजनों के सामने छात्रा की काउंसिलिंग कराई। इसके अलावा छात्रा का मेडिकल भी कराया गया, फिर छात्रा के मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दर्ज कराए गए। छात्रा ने बताया है कि आरोपी 16 अगस्त की रात उसे अपने साथ कार से अंबाला और चंडीगढ़ लेकर गया था, और वहीं से मारपीट करते हुए वापस छोड़ गया था। डीएसपी वीरेंद्र सिंह ने बताया कि पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। उससे पूछताछ की जा रही है। आरोपी को अदालत में पेश किया जाएगा। किसी दूसरे से बात करने पर हो जाता था नाराज पीजीआई थाना के इंस्पेक्टर रोशनलाल ने बताया कि छात्रा किसी से बात करती, तो आरोपी डॉक्टर नाराज हो जाता था। इससे नाराज डॉक्टर छात्रा को अपने साथ ले गया और फिर जबरन कार में घुमाता रहा। विरोध करने पर मारपीट की। पीड़िता की शिकायत पर अपहरण और मारपीट का मामला दर्ज करके उसे गिरफ्तार कर लिया है। पीजीआईएमएस से निष्कासित हुआ आरोपी पीजीआईएमएस के निदेशक डॉ. एसएस लोहचब ने बताया कि स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, रोहतक प्रत्येक छात्रा, महिला कर्मचारी की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। यूएचएस प्राधिकरण ने एक स्नातक महिला छात्रा के साथ हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना का संज्ञान लिया है। पिछली जांच रिपोर्टों एवं हाल की घटनाओं के आधार पर एमडी एनाटॉमी कोर्स के प्रथम वर्ष के रेजिडेंट को पीजीआईएमएस से निष्कासित कर दिया गया है और उसके प्रवेश पर रोक लगा दी है।