हरियाणा के करनाल के कैमला गांव के बलराज पंवार ने ओलिंपिक रोइंग में क्वार्टरफाइनल मुकाबले के लिए क्वालिफाई कर लिया है। आपको बता दें कि 27 जुलाई को हिट्स राउंड में बलराज पंवार चौथे स्थान पर रहे थे, जिसके बाद उनके पास एक रिपीचेज राउंड का मौका था और इसको उन्होंने नहीं गंवाया। आज रिपीचेज राउंड में बलराज दूसरे स्थान पर रहे। उन्होंने 7 मिनट 12 सेकेंड और 41 मिलीसेकेंड में अपनी रेस को पूरा किया। पेरिस ओलिंपिक में मुकाबले में मोनाको के खिलाड़ी ने उन्हें दो सेकेंड से मात दी, लेकिन बलराज से मेडल की उम्मीद अब भी बरकरार है। आपको बता दें कि प्रत्येक रिपीचेज में पहले 2 खिलाड़ी क्वार्टरफाइनल के लिए क्वालिफाई करेंगे। शेष खिलाड़ी सेमीफाइनल ई/एफ में जाएंगे। पहले मुकाबले में चौथे स्थान पर था बलराज बलराज ने शुरुआत में तेज गति दिखाई और तीसरे स्थान पर थे, लेकिन एल्बन्ना ने जल्दी ही उन्हें पीछे छोड़ दिया। पहले 500 मीटर का चेकपॉइंट एल्बन्ना ने 1:41.94 में पार किया जबकि बलराज 1:43.53 पर थे। 1000 मीटर के निशान पर बलराज और एल्बन्ना एक दूसरे के करीब थे, जबकि मैकिन्टोश ने बड़ी बढ़त बना रखी थी। बलराज ने अंतिम 100 मीटर में भी मिस्री खिलाड़ी पर दबाव बनाए रखा, लेकिन 2000 मीटर की हीट 7:07.11 में पूरी की, जो एल्बन्ना से 2 सेकेंड पीछे थी। उम्मीद है गोल्ड मेडल आएगा: मां बलराज की मां कमला, बहन मनीषा, भाई संदीप व पत्नी सोनिया का कहना है कि हमें बलराज की मेहनत पर पूरा भरोसा है। जिस तरह से आज बलराज ने अपना प्रदर्शन दिखाया है, वह दूसरे स्थान पर रहा है और क्वार्टर फाइनल में पहुंच गया है। वह सेमीफाइनल में भी पहुंचेगा और फाइनल में भी। वह जीतकर देश का नाम जरूर रोशन करेगा और इसकी उम्मीदें हमें भी है और पूरे देश को भी। हरियाणा के करनाल के कैमला गांव के बलराज पंवार ने ओलिंपिक रोइंग में क्वार्टरफाइनल मुकाबले के लिए क्वालिफाई कर लिया है। आपको बता दें कि 27 जुलाई को हिट्स राउंड में बलराज पंवार चौथे स्थान पर रहे थे, जिसके बाद उनके पास एक रिपीचेज राउंड का मौका था और इसको उन्होंने नहीं गंवाया। आज रिपीचेज राउंड में बलराज दूसरे स्थान पर रहे। उन्होंने 7 मिनट 12 सेकेंड और 41 मिलीसेकेंड में अपनी रेस को पूरा किया। पेरिस ओलिंपिक में मुकाबले में मोनाको के खिलाड़ी ने उन्हें दो सेकेंड से मात दी, लेकिन बलराज से मेडल की उम्मीद अब भी बरकरार है। आपको बता दें कि प्रत्येक रिपीचेज में पहले 2 खिलाड़ी क्वार्टरफाइनल के लिए क्वालिफाई करेंगे। शेष खिलाड़ी सेमीफाइनल ई/एफ में जाएंगे। पहले मुकाबले में चौथे स्थान पर था बलराज बलराज ने शुरुआत में तेज गति दिखाई और तीसरे स्थान पर थे, लेकिन एल्बन्ना ने जल्दी ही उन्हें पीछे छोड़ दिया। पहले 500 मीटर का चेकपॉइंट एल्बन्ना ने 1:41.94 में पार किया जबकि बलराज 1:43.53 पर थे। 1000 मीटर के निशान पर बलराज और एल्बन्ना एक दूसरे के करीब थे, जबकि मैकिन्टोश ने बड़ी बढ़त बना रखी थी। बलराज ने अंतिम 100 मीटर में भी मिस्री खिलाड़ी पर दबाव बनाए रखा, लेकिन 2000 मीटर की हीट 7:07.11 में पूरी की, जो एल्बन्ना से 2 सेकेंड पीछे थी। उम्मीद है गोल्ड मेडल आएगा: मां बलराज की मां कमला, बहन मनीषा, भाई संदीप व पत्नी सोनिया का कहना है कि हमें बलराज की मेहनत पर पूरा भरोसा है। जिस तरह से आज बलराज ने अपना प्रदर्शन दिखाया है, वह दूसरे स्थान पर रहा है और क्वार्टर फाइनल में पहुंच गया है। वह सेमीफाइनल में भी पहुंचेगा और फाइनल में भी। वह जीतकर देश का नाम जरूर रोशन करेगा और इसकी उम्मीदें हमें भी है और पूरे देश को भी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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विनेश का फाइनल में पहुंचकर आलोचकों को जवाब:महावीर फोगाट बोले-बृजभूषण के मुंह पर तमाचा; सोशल मीडिया पर BJP-गोदी मीडिया मीम्स की बाढ़ पेरिस ओलिंपिक में एक ही दिन में दुनिया की 3 बड़ी महिला पहलवानों को पटकनी देकर भारत की स्टार पहलवान विनेश फोगाट ने मंगलवार को इतिहास रच दिया। ओलिंपिक फाइनल में प्रवेश लेने वाली विनेश पहली महिला पहलवान बन गई हैं। उनका सिल्वर मेडल तो पक्का हो गया, लेकिन आज रात वह गोल्ड के लिए जी-जान लगा देंगी। हालांकि, इस बात से दुनिया अनजान नहीं है कि विनेश कुछ समय पहले भारत की राजधानी दिल्ली की सड़कों पर घसीटी गईं थीं। विनेश ने दूसरे पहलवानों के साथ भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर न्याय के लिए लंबे समय तक धरना-प्रदर्शन किया। उस वक्त देश की सत्ता विनेश के विरोध में थी। इन्हीं विनेश फोगाट को टोक्यो ओलिंपिक में हार के बाद खोटा सिक्का और लंगड़ा घोड़ा तक कहा गया। जंतर-मंतर पर धरने के दौरान काफी टाइम तक कुश्ती की प्रैक्टिस भी नहीं कर पाईं। विनेश पर बिना ट्रायल दिए चयन के आरोप भी लगे। तमाम ताने सुनने के बाद भी दृढ़ संकल्प वाली पहलवान विनेश फोगाट ने हार नहीं मानी। विनेश के ताऊ द्रोणाचार्य अवॉर्डी महावीर फोगाट ने कहा, ‘पहली फाइट में वर्ल्ड चैम्पियन युई सुसाकी को हराकर ही विनेश गोल्ड मेडल की दावेदार बन गई थी। इस बार पूरी उम्मीद है कि विनेश गोल्ड मेडल लेकर आएगी। विनेश ने जो कर के दिखाया है, यह बृजभूषण सिंह के मुंह पर तमाचा है। बृजभूषण हराने के लिए पीछे लगा हुआ था, लेकिन विनेश की मेहनत रंग लाई है। विनेश ने अब 24 साल की ख्वाहिश पूरी की है, उसे लेने मैं खुद एयरपोर्ट पर जाऊंगा।’ एक्सपर्ट बोले- विनेश ने बाउट कंट्रोल किया भास्कर एक्सपर्ट और पूर्व नेशनल कोच कुलदीप मलिक ने कहा कि विनेश के खेल की सबसे अच्छी शैली बाउट को कंट्रोल करने की रही। चाहे पहले मुकाबले में वर्ल्ड नंबर-1 खिलाड़ी की बात हो या फिर तीसरे मैच में क्यूबा की पहलवान, जिसे उन्होंने पिछले महीने ही स्पेन ग्रांप्री में हराया था, दोनों को विनेश ने अपने हिसाब से कंट्रोल किया। उन्होंने अपनी शैली के विपरीत होकर डिफेंस इतना बेहतर किया कि विपक्षी पहलवान को उन्हीं के जाल में फंसा दिया। मजबूत डिफेंस से पहले एक अंक पेसेवेटी का लिया। सिंगल लेग अटैक किया। फिर घूमते हुए पहले डबल लेग अटैक के जरिए विरोधी को नीचे गिराकर दो। पहली फाइट में विनेश ने अपने स्वभाव के विपरीत खेल दिखाया, जो उनके गेम प्लान का हिस्सा था। आइए पढ़ते हैं विनेश के संघर्ष की कहानी… टोक्यो हारीं तो दिल तोड़ने वाले शब्दों ने डाला डिप्रेशन में
विनेश के भाई हरविंदर ने बताया कि टोक्यो ओलिंपिक के समय रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष ने विनेश के फिजियोथेरेपिस्ट को वीजा नहीं दिया था। फेडरेशन ने जो किट दी थी, विनेश उसमें कम्फर्टेबल नहीं थी। मैचों के बीच विनेश को अपना सारा सामान खुद ही उठाकर ले जाना पड़ रहा था। विनेश एक्स्ट्रा मेहनत और किट के कारण क्वार्टर फाइनल से ठीक पहले बीमार हो गई। प्रैक्टिस के दौरान उसकी पुरानी चोट भी उभर आई, लेकिन उसे डॉक्टर तक नहीं दिया गया। जिस कारण वो हार गई। टोक्यो से लौटी तो फेडरेशन अध्यक्ष ने विनेश को खोटा सिक्का कहा, बोले- लंगड़े घोड़े पर दांव नहीं लगाना था। इन तानों ने विनेश को तोड़ दिया। बचपन से विनेश ने कई दिक्कतें देखी थीं, लेकिन देश के लिए खेलने पर भी मिले दिल तोड़ने वाले शब्दों ने उसे डिप्रेशन में डाल दिया था। विनेश ने बृजभूषण के खिलाफ धरने की अगुआई की
भारतीय खेलों के लिहाज से साल 2023 का शुरुआती महीना एक अलग ही बड़े विवाद के कारण चर्चा में रहा था। जब कुछ ओलिंपियनों सहित करीब 23 खिलाड़ी रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) के तत्कालीन अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ शारीरिक शोषण के आरोप लगाने के साथ ही उन्हें हटाने की मांग के साथ सड़कों पर आ गए थे। कई दिनों तक धरना-प्रदर्शन चला और इसकी मुख्य रूप से अगुआई 3 पहलवान बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट ने की। पहलवान बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट ने अपने सरकारी सम्मान खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार दिल्ली में फुटपाथ पर छोड़ दिए थे। दोनों पहलवानों ने पुलिस से इसे प्रधानमंत्री को सौंपने का अनुरोध किया था। विनेश फोगाट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक खुला खत लिखा था, जिसमें उन्होंने कहा था कि वो मेडल लौटा देंगी। इन पुरस्कारों का मेरी जिंदगी में अब कोई मतलब नहीं रह गया है। इससे पहले पहलवान साक्षी मलिक ने खेल से संन्यास लेने की घोषणा की थी। पहलवान बजरंग पूनिया ने भी अपना पद्मश्री पुरस्कार सरकार को लौटा दिया था। पहलवानों के आरोपों पर बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आरोप तय हो चुके हैं। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने टिप्पणी में कहा था कि उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। चयन को लेकर भी हुआ था बवाल
पेरिस ओलिंपिक चयन ट्रायल को लेकर भी खूब बवाल हुआ। पहलवान अंतिम पंघाल भारत का उभरता सितारा साबित हुईं। ऐसे में विनेश को अपना मूल भारवर्ग 53 किलोग्राम छोड़ना पड़ा और वह भार घटाकर 50 किलोग्राम कैटेगरी में आ गईं। हालांकि, बवाल यहीं तक नहीं रुका। कौन सी एथलीट जाएगी और कौन नहीं, इसको लेकर कुश्ती संघ को फैसला करना था और उन्होंने ओलिंपिक कोटा हासिल करने वाले एथलीट्स के लिए 2 चयन ट्रायल रखवाए। हालांकि, बाद में कुश्ती संघ ने चयन ट्रायल रद्द कर दिया और इस तरह विनेश ही ओलिंपिक में उतरीं। आंदोलन में शामिल होने के कारण कहा गया कि उनकी तैयारी अच्छी नहीं है। विनेश हमेशा कहती रहीं कि उनका सपना भारत को ओलिंपिक मेडल दिलाना रहा है सोशल मीडिया पर मीम्स शेयर हो रहे…
रेवाड़ी में चेहरा कुचलकर शख्स की हत्या:सिर पर चोट के निशान मिले; तेजधार हथियार से हमला करने का शक, सड़क किनारे मिली लाश
रेवाड़ी में चेहरा कुचलकर शख्स की हत्या:सिर पर चोट के निशान मिले; तेजधार हथियार से हमला करने का शक, सड़क किनारे मिली लाश हरियाणा में रेवाड़ी जिले के धारूहेड़ा कस्बा स्थित गांव मालाहेड़ा में शनिवार को करीब 50 साल के एक शख्स की लाश बरामद हुई। उसके सिर और चेहरे पर चोट के निशान मिले हैं। आशंका जताई जा रही है कि उसकी तेजधार हथियार से हमला कर हत्या की गई। हालांकि मृतक की शिनाख्त नहीं हो पाई है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए शवगृह में रखवा दिया है। मिली जानकारी अनुसार, शनिवार को गांव मालाहेड़ा के कुछ ग्रामीणों को मंदिर की तरफ जाने वाले रास्ते पर एक शव पड़ा दिखाई दिया। इससे ग्रामीणों में सनसनी फैल गई। सरपंच ने इसकी सूचना धारूहेड़ा थाना पुलिस को दी। सूचना मिलने के बाद एसएचओ अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। मृतक के सिर पर धारदार हथियार से वार किए हुए थे। उसका चेहरा पत्थर से कुचला हुआ था। शरीर पर पूरे कपड़े भी नहीं थे। हत्या कर फेंका शव शव को सड़क पर काफी दूर तक घसीटने के बाद मंदिर के रास्ते पर डाला गया था, जिससे सड़क पर दूर तक खून के निशान पाए गए। व्यक्ति की हत्या करने के बाद उसे फेंका गया था। पुलिस ने आसपास के इलाके में कई लोगों से पूछताछ भी की, लेकिन कुछ पता नहीं चल पाया। सीन ऑफ क्राइम की टीम ने की जांच एसएचओ धारूहेड़ा ने मौके पर पहुंचने के बाद सीन ऑफ क्राइम टीम को मौके पर बुलाया। टीम ने घटनास्थल व शव का बारीकी से निरीक्षण किया। पुलिस ने आसपास के गांवों में सूचना भिजवाकर शव की शिनाख्त कराने का प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिली। बाद में पुलिस ने हत्या का केस दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी। बता दें कि एक दिन पहले बावल में भी एक महिला की हत्या करने के बाद शव को एग्रीकल्चर कॉलेज के पास डाल दिया था। दो दिन में जिले में हत्या की यह दूसरी वारदात है।
मतलौडा में कार ने तीन लोगों को कुचला:ससुर-जमाई व एक अन्य की मौत, फैक्ट्री से घर जा रहे थे; गड्ढे में पलटी गाड़ी
मतलौडा में कार ने तीन लोगों को कुचला:ससुर-जमाई व एक अन्य की मौत, फैक्ट्री से घर जा रहे थे; गड्ढे में पलटी गाड़ी पानीपत जिले के मतलौडा में सड़क पर पैदल जा रहे ससुर- जमाई व एक अन्य को कार ने कुच दिया । जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। हादसे के बाद कार बेकाबू होकर गड्ढे में जाकर के पलट गई। लेकिन ड्राइवर का कहीं पता नहीं चला है। हादसा ब्राह्मणवास गांव के पास हुआ है। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच पड़ताल की। तीनों के शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए पानीपत सिविल अस्पताल में भेज दिया । एक ही फैक्ट्री में काम करते थे तीनों मृतक नामदेव महतो की बेटी शिल्पी देवी ने बताया है कि उसका पिताजी ननदेव मैहतो रोह गांव जिला नवादा बिहार व उसका पति अनिल प्रसाद गांव सौदा जिला शेखपुरा बिहार व पश्चिम बंगाल निवासी कार्तिक एक ही फैक्ट्री में काम करते थे। छुट्टी के बाद घर जा रहे थे तीनों तीनों सायं के समय छुट्टी करके अपने घर वापस बिझोंल गांव जा रहे थे। जहां पर तीनों किराए के मकान में रहते थे। इसी दौरान रास्ते में पीछे से कर आई और तीनों को कुचल दिया। जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।