मंडी जिला के नेरचौक शहर के चाक का गोहर इलाके में स्थित एक ढाबे में सिलेंडर फटने से एक बड़ा हादसा हो गया। इस हादसे में 7 लोग झुलस गए, जिन्हें तुरंत नेरचौक मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। सिलेंडरों में आग कैसे लगी यह जांच का विषय है। हादसे के दौरान ढाबे में मौजूद 3 कामगार और 4 ग्राहक झुलस गए। घायलों में कामगार महेंद्र, संतोष, और केशव के साथ ग्राहक अमर चंद, गिरधारी लाल, प्रवीण कुमार और तेज सिंह शामिल हैं। बताया जा रहा है कि घटना के तुरंत बाद स्थानीय लोगों ने सक्रियता दिखाते हुए सभी घायलों को नजदीकी अस्पताल पहुंचाया। घटना के तुरंत बाद मौके पर स्थानीय प्रशासन, व्यापार मंडल अध्यक्ष अमृतपाल सिंह और पटवारी ने पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने ढाबे के संचालक राकेश कुमार को प्रशासन द्वारा हर संभव मदद का भरोसा दिया गया है। जांच ऑफिसर अनिल कटोच ने बताया कि ढाबे में जोरदार धमाका हुआ है जिसमें काफी लोग जख्मी हुए हैं। अभी घायलों का उपचार किया जा रहा है। स्थानीय लोगों की मदद से आग पर काबू पाया गया। आग लगने के कारणों की जांच की जाएगी। घटनास्थल पर एक सिलेंडर जिसमें आग लगी हुई थी तथा एक छोटा सिलेंडर भी था वो फट गया है, हर पहलू की जांच की जा रही है। मंडी जिला के नेरचौक शहर के चाक का गोहर इलाके में स्थित एक ढाबे में सिलेंडर फटने से एक बड़ा हादसा हो गया। इस हादसे में 7 लोग झुलस गए, जिन्हें तुरंत नेरचौक मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। सिलेंडरों में आग कैसे लगी यह जांच का विषय है। हादसे के दौरान ढाबे में मौजूद 3 कामगार और 4 ग्राहक झुलस गए। घायलों में कामगार महेंद्र, संतोष, और केशव के साथ ग्राहक अमर चंद, गिरधारी लाल, प्रवीण कुमार और तेज सिंह शामिल हैं। बताया जा रहा है कि घटना के तुरंत बाद स्थानीय लोगों ने सक्रियता दिखाते हुए सभी घायलों को नजदीकी अस्पताल पहुंचाया। घटना के तुरंत बाद मौके पर स्थानीय प्रशासन, व्यापार मंडल अध्यक्ष अमृतपाल सिंह और पटवारी ने पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने ढाबे के संचालक राकेश कुमार को प्रशासन द्वारा हर संभव मदद का भरोसा दिया गया है। जांच ऑफिसर अनिल कटोच ने बताया कि ढाबे में जोरदार धमाका हुआ है जिसमें काफी लोग जख्मी हुए हैं। अभी घायलों का उपचार किया जा रहा है। स्थानीय लोगों की मदद से आग पर काबू पाया गया। आग लगने के कारणों की जांच की जाएगी। घटनास्थल पर एक सिलेंडर जिसमें आग लगी हुई थी तथा एक छोटा सिलेंडर भी था वो फट गया है, हर पहलू की जांच की जा रही है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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कुल्लू के खाइण में मनाया गया दियाली मेला:हिरण स्वांग नृत्य से हुआ मनोरंजन, मनु महाराज ने की थी शुरुआत
कुल्लू के खाइण में मनाया गया दियाली मेला:हिरण स्वांग नृत्य से हुआ मनोरंजन, मनु महाराज ने की थी शुरुआत हिमाचल प्रदेश कुल्लू जिला की शैंशर कोठी के खाइण गांव में दियाली मेले में अद्धभुत परम्परा का नजारा देखने को मिला। कुल्लू जिला में विभिन्न स्थानों पर पहाड़ी दियाली में अश्लील गाली गलौज व्यंग्यात्मक तरीके से होता है लेकिन शेंशर के दियाली (दीपावली) मेले में हॉर्न यानी हिरण स्वांग नृत्य से मनोरंजन हुआ। वहीं रातभर कुल्लू नाटी भी वाद्य यंत्रों की थाप होती रही। सुबह 4 बजे का आसपास खेत में घास जलाकर दियाली की परम्परा का निर्वहन किया गया। कुल्लू नाटी और हिरण स्वांग
दियाली मेले के दौरान रात भर कुल्लवी नाटी डाली गई, जिसमें स्थानीय लोगों ने भाग लिया। सुबह के समय खेत में घास जलाकर दियाली मनाई। जिसमें हिरण स्वांग का अद्भुत दृश्य देखने को मिला। हिरण स्वांग में विभिन्न पात्रों ने मुखौटे लगाकर नृत्य किया। दर्शकों ने खूब मनोरंजन करने के साथ ही उक्त देवी-देवताओं का आशीर्वाद भी लिया। मनु महाराज ने किया था दियाली का शुभारंभ
दियाली का शुभारंभ स्थानीय देवता मनु महाराज, माता शतरूपा व कशु नारायण के भव्य मिलन से हुआ। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मनु शतरूपा ने धरती पर सृष्टि का विस्तार महाप्रलय के बाद किया। यह 7वें मनु माने जाते हैं। इससे पहले भृगु ऋषि के पास मनु की उपाधि थी। क्या है हिरण स्वांग?
हरण लोकनाट्य हिमाचल के सर्वाधिक क्षेत्र में प्रदर्शित होता है। चम्बा में हरणेतर, किन्नौर में होरिंगफो, कुल्लू में हॉर्न भी कहते हैं। कुल्लू दशहरा में हिरण स्वांग नृत्य लंका दहन के दिन होता है। इसमें दो पक्षों का नृत्य और स्वांग होता है। नृत्य में तीन पात्र हरण, बूढ़ी और कान्हा चित्रा पट्टू डालकर हिरण बनते हैं और दाएं-बाएं चलकर नृत्य करते हैं। यह नृत्य 15 पौष, कुछ स्थानों पर माघी त्योहार, कई स्थानों पर होली तक रातभर आयोजित किया जाता है। हिरण खलियानों के बीच में धीरे-धीरे नाचती है। ढोल नगारा, काहल, रणसिंगा, शहनाई, बांसुरी और भाणा वाद्य यंत्रों के संगीत पर हरण, बूढ़ी और कान्हा बारह प्रकार के वशिष्ठ नृत्य करते हैं। यह नृत्य घर-घर जाकर खोली में भी किया जाता है। लोग उनको अनाज और पैसे भी भेंट करते हैं।
बीड़ बिलिंग में होगा पैराग्लाइडिंग वर्ल्ड कप:50 देशों के पायलटों ने करवाया रजिस्ट्रेशन, पर्यटन विभाग ने किया 3 करोड़ का बजट प्रस्तावित
बीड़ बिलिंग में होगा पैराग्लाइडिंग वर्ल्ड कप:50 देशों के पायलटों ने करवाया रजिस्ट्रेशन, पर्यटन विभाग ने किया 3 करोड़ का बजट प्रस्तावित हिमाचल के कांगड़ा में पैराग्लाइडिंग के लिए विश्व में दूसरे और एशिया में पहले स्थान पर बीड़ बिलिंग घाटी में दूसरी बार 2 से 10 नवंबर तक पैराग्लाइडिंग वर्ल्ड कप का आयोजन किया जा रहा है। बिलिंग पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन (बीपीए) हिमाचल पर्यटन विकास विभाग के सौजन्य से आयोजित करने जा रहा है। वर्ल्ड कप आयोजन के लिए 44 दिन शेष बचे हैं। 2 अक्टूबर तक कर सकते हैं रजिस्ट्रेशन पर्यटन विभाग और बीपीए ने सभी प्रकार की तैयारियों को अमलीजामा पहनाना शुरू कर दिया है। विश्व विख्यात पैराग्लाइडिंग के लिए प्रसिद्ध घाटी बीड़ बिलिंग मे नवंबर महीने में एक बार फिर विश्वभर के मानव परिंदे हवा में अठखेलियां करते नज़र आएंगे। अभी तक 50 देशों के 95 पायलट ने रजिस्ट्रेशन करवाया है। वर्ल्ड कप में हिस्सा लेने वाले किसी भी देश के पायलट 2 अक्टूबर तक 25 हज़ार रुपए या 270 यूरो शुल्क अदा कर रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। 9 रेस्क्यू टीमों का किया गया गठन हिमाचल पर्यटन विकास विभाग के डिप्टी डायरेक्टर विनय धीमान ने बताया कि बिलिंग घाटी में मूलभूत सुविधाओं जिनमें आधुनिक शेल्टर, आधुनिक शौचालय, बेंच, सोलर लाइटों की व्यवस्था के लिए 3 करोड़ रुपए के बजट की प्रोपोजल प्रदेश सरकार को प्रेषित की गई है। टेक ऑफ साइट में पहली बार सोलर लाइट्स लगाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त कनेक्टिविटी के लिए सड़क की रिपेयर को इवेंट से पहले शुरू करने के लिए संबंधित विभाग से आग्रह किया गया है। पैराग्लाइडिंग वर्ल्ड कप क्रॉस कंट्री के पायलट की सुरक्षा की दृष्टि से 9 रेस्क्यू टीमों का गठन किया गया है जबकि रिट्रीवल के लिए 5 टीमें इवेंट के दौरान चॉपर और एम्बुलेंस सेवा के साथ बीड़-बिलिंग घाटी में तैनात रहेंगी। पैराग्लाइडिंग वर्ल्ड कप की तैयारी शुरू बीपीए के प्रेसिडेंट अनुराग शर्मा ने कहा कि बीपीए ने पैराग्लाइडिंग वर्ल्ड कप की तैयारी शुरू कर दी है। उन्होंने कहा बीड़ बिलिंग में होने वाले इस वर्ल्ड कप से हिमाचल को दुनियाभर में पहचान मिलेगी। इससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।एशिया में पहले नंबर पर है पैराग्लाइडिंग साइटबीड़-बिलिंग पैराग्लाइडिंग के लिए विश्व में दूसरे और एशिया में पहले स्थान पर है। दुनिया भर के पैराग्लाइडिंग के शौकीनों का बीड़-बिलिंग घाटी पसंदीदा स्थान है। यहां पैराग्लाइडिंग के लिए दुनिया भर से आते हैं लोग दुनिया भर से साहसिक पर्यटन के शौकीन यहां पैराग्लाइडिंग करने के लिए यहां आते हैं। यहां के युवा पैराग्लाइडिंग केवल रोजगार के लिए नहीं पैराग्लाइडिंग करते, बल्कि यहां पैराग्लाइडर पायलट ज्योति ठाकुर, अरविंद, प्रकाश, मंजीत, कमल, सुरेश जैसे दर्जनों होनहार पैराग्लाइडर्स ने चीन, नेपाल, बुलगारिया, जापान इत्यादि देशों में भारत का प्रतिनिधित्व कर प्रदेश का नाम भी रोशन किया है। 2600 मीटर की ऊंचाई से उड़ान भरी जाएगी बीड़-बिलिंग की टेक आफ साइट समुद्र तल से 2600 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, जबकि लैंडिंग साइट बीड़ (क्योर) समुद्र तल से 2080 मीटर की ऊंचाई पर है। 2002 से बीड़-बिलिंग में पैराग्लाइडिंग प्री-वर्ल्ड कप का आयोजन आरंभ हुआ था, 2003 ,2008,2013 और 2015 में बीपीए और प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा बीड़-बिलिंग में पैराग्लाइडिंग प्री-वर्ल्ड और वर्ल्ड कप का आयोजन किया जा चुका है। 2015 में हुआ था वर्ल्ड कप साल 2015 में बिलिंग पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन (बीपीए) बीड़ बिलिंग घाटी में पैराग्लाइडिंग क्रॉस कंट्री के वर्ल्ड कप का सफल आयोजन कर चुकी है। 2013 में पैराग्लाइडिंग प्री वर्ल्ड कप का पहला आयोजन हुआ था। उसके बाद दूसरा आयोजन 2015 में पैराग्लाइडिंग वर्ल्ड कप हुआ था। उसके बाद 2016 में तीसरा आयोजन राष्ट्रीय ओपन एक्यूरेसी चैम्पियनशिप, 2017 में चौथा आयोजन एएफ डेयर डेविल स्काई डाइविंग शो, 2023 में 5वां आयोजन एक्यूरेसी पैराग्लाइडिंग प्री वर्ल्ड कप इंडिया, फिर 2023 में एक्ससी पैराग्लाइडिंग प्री वर्ल्ड कप का छठा आयोजन हुआ था। कैसे पहुंचे बीड़? हवाई मार्ग से बीड़ पहुंचने के लिए कांगड़ा एयरपोर्ट तक हवाई सेवा उपलब्ध है। कांगड़ा एयरपोर्ट से बीड़ 65 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। रेलमार्ग से आने वाले पर्यटक पठानकोट के चक्की बैंक तक रेल यात्रा कर पहुंच सकते हैं। बैजनाथ से बीड़ की दूरी 11 किलोमीटर है। इसके अतिरिक्त पठानकोट, दिल्ली, चंडीगढ़ से पर्यटक सड़क मार्ग से भी बैजनाथ पहुंच सकते हैं। बैजनाथ से बस या टैक्सी के माध्यम से बीड़ पहुंचा जा सकता है।
महिला की टांग का दर्द छीन ले गया 7 जिंदगियां:कुल्लू में बाढ़ पर घर से निकल रहे थे, घर-गाड़ी समेत पानी में बह गए
महिला की टांग का दर्द छीन ले गया 7 जिंदगियां:कुल्लू में बाढ़ पर घर से निकल रहे थे, घर-गाड़ी समेत पानी में बह गए हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में बादल फटने से आई बाढ़ में एक ही परिवार के 4 लोगों समेत 7 लोग बह गए। ये सभी परिवार एक सदस्य को बचाने के चक्कर में बहे। परिवार की महिला सदस्य की टांग में दर्द था, ऐसे में जब बाढ़ आई तो महिला भाग नहीं पाई। महिला के साथ उसकी मां, पति, 2 बेटे और 2 नेपाली नौकर बह गए। इनमें से महिला के पति का शव मिल गया है, जबकि बाकी का अभी कोई सुराग नहीं लग पाया है। महिला की पहचान रेवता देवी के रूप में हुई है। महिला के साथ उसका पति जिया लाल, बड़ा बेटा भरत भूषण, छोटा बेटा ब्रिज भूषण, मां (रेवता की मां) दलु देवी और 2 नेपाली बहे। स्थानीय निवासी एरिक कायथ ने बताया कि श्रीखंड के साथ लगते जांओ गांव के निवासियों ने निरमंड के बाघीपुल के लोगों को रात में ही फोन करके बादल फटने की सूचना देकर अलर्ट कर दिया था। इसके बाद निरमंड क्षेत्र में बड़ी संख्या में लोग आधी रात में अपने घर छोड़कर बाहर भाग गए थे। एरिक ने बताया कि जिया लाल का पूरा परिवार भी घर छोड़कर वहां से गाड़ी में निकलने को तैयार था। उनका एक बेटा गाड़ी में बैठ भी गया था। रेवता देवी के टांग में दर्द हो रहा था, ऐसे में दूसरा बेटा और जिया लाल उसे गाड़ी तक ला ही रहे। तब उनके साथ रेवता की मां और नेपाली नौकर भी मौजूद थे। इस कुर्पण खड्ड में जलजला आ गया और आलीशान घर समेत सभी 7 लोगों को अपने साथ बहा ले गया। अब मौके पर मलबा और पत्थर ही बचे है। अब परिवार में बहू और पोता बचा
जिया लाल के परिवार में अब एक बहू और पोता ही बचे हैं। बहू और पोता दोनों दिल्ली में थे। इस वजह से उनकी जान बच गई। जिया लाल का बेटा भरत भूषण दिल्ली में नौकरी कतरा था। वह छुट्टी पर किसी काम से घर आया था। ससुराल रुका होता तो भी बच जाती जान
बताया जा रहा है कि भरत भूषण बुधवार को दिन में निरमंड के साथ लगते रेमू गांव में ससुराल गया था। ससुराल वाले भरत भूषण को जबरदस्ती रात में ठहरने को बोल रहे थे। मगर भरत भूषण घर जाने की जिद करता रहा और रात में परिवार के साथ बह गया। क्षेत्र में लोग अब चर्चा कर रहे हैं कि भरत भूषण काश दिल्ली से ही घर नहीं आया होता या फिर ससुराल रुक गया होता तो उसकी जान बच जाती। जिया लाल की सास और 2 नेपाली भी बहे
जानकारी के मुताबिक जिया लाल की सास दलु देवी भी उन्हीं के घर के साथ बने दूसरे मकान में अपने बेटे राम लाल और बहू निशा देवी के साथ रहती थी। दलु देवी के बेटा और बहू सुरक्षित निकलने में कामयाब हो गए थे, लेकिन वह नहीं भाग पाई। 2 शव मिले, 5 की तलाश
डीएसपी आनी चंद्रशेखर कायथ ने बताया कि लापता जिया लाल और एक महिला का शव बरामद कर लिया है। पांच अन्य लापता लोगों की तलाश जारी है। बाघीपुल में जिया लाल की बिल्डिंग में 2 पटवार सर्कल दफ्तर भी चल रहे थे। वह भी बह गए है। ढांढस भी नहीं बंधा पा रहे लोग
जिया लाल का घर तो नहीं बचा, मगर घटनास्थल पर ढांढस बंधाने के लिए रिश्तेदार पहुंच रहे हैं। ढांढस किसे बंधाया जाए, लोग यह नहीं समझ पा रहे। बहू-पोता अभी दिल्ली से वापस आ रहे हैं। आनी के विधायक लोकेंद्र कुमार भी घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने लापता लोगों के रिश्तेदारों से मुलाकात की।