हिमाचल के मंडी जिला में दिनदिहाड़े चोरी का मामला सामने आया है। जिला की लडभड़ोल तहसील के नागर-खोला गांव में रविवार को एक घर में चोरों ने अपना हाथ साफ कर लिया। अपने नए घर से पुराने घर पर सुरेश खाना खाने के लिए गया था। इतनी देर में चोरों ने वारदात को अंजाम दिया। ॉ वापस लौटा घर की हालत देख हो गया हैरान शिकायतकर्ता सुरेश कुमार ने बताया कि उसका बेटा अंशुल कुमार जब अपने घर पर मौजूद था, तो उस दौरान सुबह 09:30 बजे वह अपने पुराने घर खाना खाने गया हुआ था। खाना खा कर जब वह पहुंचा तो वह हक्का बक्का रह गया। घर के ताले टूटे हुए थे और घर का सारा सामान उथल-पुथल हो गया था। 5000 नकदी गायब उन्होंने बताया कि घर में रखी अलमारी में 5000 नगदी सहित एक मोबाइल फोन व अन्य सामान चोर हो गया है। शिकायतकर्ता ने पुलिस प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द इन चोरों को पकड़ा जाए। पुलिस ने अज्ञात चोरों के खिलाफ किया मामला दर्ज घटना के बाद मौके पर पहुंची लडभड़ोल पुलिस ने घटनास्थल का जायजा लिया और घरवालों के बयान भी दर्ज किए हैं। इस संदर्भ में लडभड़ोल पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी हैं। थाना प्रभारी जोगिंदरनगर सकीना कपूर ने बताया कि लगातार चोरों की धरपकड़ की जा रही है और पुलिस टीम द्वारा रात्रि गश्त भी लगातार की जा रही है। उन्होंने कहा कि जो भी इस माममे में सलिप्त पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। हिमाचल के मंडी जिला में दिनदिहाड़े चोरी का मामला सामने आया है। जिला की लडभड़ोल तहसील के नागर-खोला गांव में रविवार को एक घर में चोरों ने अपना हाथ साफ कर लिया। अपने नए घर से पुराने घर पर सुरेश खाना खाने के लिए गया था। इतनी देर में चोरों ने वारदात को अंजाम दिया। ॉ वापस लौटा घर की हालत देख हो गया हैरान शिकायतकर्ता सुरेश कुमार ने बताया कि उसका बेटा अंशुल कुमार जब अपने घर पर मौजूद था, तो उस दौरान सुबह 09:30 बजे वह अपने पुराने घर खाना खाने गया हुआ था। खाना खा कर जब वह पहुंचा तो वह हक्का बक्का रह गया। घर के ताले टूटे हुए थे और घर का सारा सामान उथल-पुथल हो गया था। 5000 नकदी गायब उन्होंने बताया कि घर में रखी अलमारी में 5000 नगदी सहित एक मोबाइल फोन व अन्य सामान चोर हो गया है। शिकायतकर्ता ने पुलिस प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द इन चोरों को पकड़ा जाए। पुलिस ने अज्ञात चोरों के खिलाफ किया मामला दर्ज घटना के बाद मौके पर पहुंची लडभड़ोल पुलिस ने घटनास्थल का जायजा लिया और घरवालों के बयान भी दर्ज किए हैं। इस संदर्भ में लडभड़ोल पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी हैं। थाना प्रभारी जोगिंदरनगर सकीना कपूर ने बताया कि लगातार चोरों की धरपकड़ की जा रही है और पुलिस टीम द्वारा रात्रि गश्त भी लगातार की जा रही है। उन्होंने कहा कि जो भी इस माममे में सलिप्त पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में पब्बर नदी में गिरी स्विफ्ट कार:दंपत्ति की मौत, डेढ़ साल का बेटा लापता, देर शाम पेश आया हादसा
हिमाचल में पब्बर नदी में गिरी स्विफ्ट कार:दंपत्ति की मौत, डेढ़ साल का बेटा लापता, देर शाम पेश आया हादसा हिमाचल प्रदेश के शिमला जिला के जुब्बल क्षेत्र के अंटी में देर शाम एक गाड़ी पब्बर नदी में जा गिरी। इस हादसे में दंपत्ति की मौत हो गई, जबकि उनकी डेढ़ साल बेटी लापता है। पुलिस ने मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। सूचना के अनुसार, वीरवार देर शाम यह हादसा अंटी में भालू क्यारी घेली प्रोजेक्ट के समीप पेश आया। इस हादसे में मृत व्यक्ति की पहचान सुशील कपरेट (29) पुत्र साहबू राम निवासी झालटा जुब्बल और सुशील की पत्नी ममता (27) के तौर पर हुई है। लापता बच्चे की तलाश में देर शाम तक सर्च ऑपरेशन चलता रहा। आधी रात में घना अंधेरा होने के बाद सर्च ऑपरेशन रोक दिया गया। आज सुबह फिर से लापता बच्ची की तलाश की जा रही है। खाई से लुढ़कते हुए पब्बर में जा पहुंची गाड़ी पुलिस के अनुसार, HP HP-10-9397 नंबर की गाड़ी अंटी के भालू क्यारी गेली प्रोजेक्ट के पास गहरी खाई में लुढ़कते हुए पब्बर नदी में जा गिरी। स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी और राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया गया। गाड़ी में 3 ही लोग सवार थे। देश शाम पेश आया हादसा: DSP DSP रोहड़ू ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि देर शाम यह हादसा पेश आया। हादसे में 2 लोगो की मौत हो गई है। मृतकों के शवों का आज पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंपे जाएंगे। हादसे के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है।
हिमाचल में 6 इको टूरिज्म साइट बनेंगी:साथ लगते हरियाणा-पंजाब को फायदा; हरे-भरे जंगलों, ऊंचे पहाड़ों, झरनों के बीच जा सकेंगे
हिमाचल में 6 इको टूरिज्म साइट बनेंगी:साथ लगते हरियाणा-पंजाब को फायदा; हरे-भरे जंगलों, ऊंचे पहाड़ों, झरनों के बीच जा सकेंगे देश-दुनिया से हिमाचल प्रदेश पहुंचने वाले पर्यटक अब नजदीक से प्रकृति की खूबसूरती को निहार सकेंगे। राज्य सरकार जल्द 6 इको-टूरिज्म साइट आवंटित करने जा रही है। वन विभाग ने इसके लिए 12 नवंबर को एग्जीक्यूटिव काउंसिल (EC) की मीटिंग बुलाई है। इसमें साइट के आवंटन का फैसला होगा। इसका सबसे ज्यादा फायदा साथ लगते राज्य हरियाणा और पंजाब होगा। दरअसल, वन विभाग ने इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के मकसद से पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मोड पर कुल्लू की केसधार, कसौल, खीरगंगा, सुमारोपा, बिंद्रवणी और कांगड़ा जिले में बीड़ बिलिंग साइट के लिए एप्लीकेशन इनवाइट किए हैं। इन 6 जगहों पर 16 बिडर ने इको-टूरिज्म यूनिट खोलने में दिलचस्पी दिखाई है। जंगलों में पक्का स्ट्रक्चर बनाने की इजाजत नहीं होगी
इन साइट का एरिया एक हैक्टेयर या इससे कम होगा। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की शर्त के अनुसार, प्रकृति से छेड़छाड़ की किसी को भी इजाजत नहीं दी जाएगी। जंगलों में पक्के स्ट्रक्चर नहीं बनाए जा सकेंगे। स्थानीय लोगों को इन साइट पर अनिवार्य रूप से रोजगार देना होगा। इन साइट को 10 साल के लिए दिया जा रहा है। शहरों की चकाचौंध से दूर भाग रहे पर्यटक
पिछले एक दशक के दौरान पर्यटक सुकून की तलाश में शहरों की चकाचौंध से दूर भागने लगा है। वह प्रकृति की खूबसूरती निहारना चाहता है। इसी उम्मीद के साथ पर्यटक पहाड़ों पर पहुंच रहे हैं। प्रकृति की गोद में इन साइट के बनने के बाद पर्यटक सीधे हरे भरे जंगलों, झर-झर बहते झरनों, ऊंचे पहाड़ों और बहती नदियों के किनारे पहुंच सकेंगे। इको-टूरिज्म को बढ़ावा दे रही सरकार
इसे देखते हुए राज्य सरकार पर्यटन के नए कॉन्सेप्ट इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने जा रही है। प्रकृति की गोद में बनी प्रस्तावित साइटों पर टूरिस्ट ट्रैकिंग का भी आनंद उठा सकेंगे। इन साइटों के लिए बीते फरवरी माह में भी टेंडर निकाले गए थे, लेकिन तब इन साइटों के लिए आवेदन नहीं मिल पाए। हालांकि, शिमला की पोटरहिल और शोघी साइट मार्च में ही अलॉट कर दी गई थी। फर्म को खुद तैयार करना होगा इन्फ्रास्ट्रक्चर
संबंधित फर्म को साइट पर इन्फ्रास्ट्रक्चर खुद फॉरेस्ट-लॉ का पालन करते हुए तैयार करना होगा। वन और जैव विविधता को नुकसान पहुंचाने की किसी को भी इजाजत नहीं होगी, क्योंकि हिमाचल में 2020-21 में वन संपदा को नुकसान पहुंचाने और बिना FCA के आरोपों की वजह से पूर्व में चल रही 11 इको-टूरिज्म साइट का ऑपरेशन केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय बंद कर चुका है। FCA में मिली छूट
राहत की बात यह है कि केंद्रीय वन मंत्रालय ने FCA के बगैर इको-टूरिज्म एक्टिविटी शुरू करने की मंजूरी दे दी है, लेकिन वन संपदा को नुकसान पहुंचाने की किसी को इजाजत नहीं दी जाएगी। इसके बाद फॉरेस्ट डिवीजन धर्मशाला के अंतर्गत सवार, सौरव वन विहार, न्यूगल पार्क, बंजार फॉरेस्ट डिवीजन के शौजा, शिमला जिले के कोटगढ़ फॉरेस्ट डिवीजन में नारकंडा और मंडी फॉरेस्ट डिवीजन में गंगा नाल इको-टूरिज्म साइट के लिए भी जल्द एप्लिकेशन इनवाइट की जाएंगी। युवाओं को मिलेगा रोजगार
प्रदेश में इससे युवाओं को रोजगार के अवसर और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही पर्यटक जिस शांति की तलाश में पहाड़ों पर पहुंचते हैं, वह उन्हें प्रकृति की गोद में आसानी से मिलेगी। क्या है इको-टूरिज्म पर्यटन
इको-टूरिज्म आज की नई अवधारणा है। प्रदेश के खूबसूरत स्थलों को सैर-सपाटे के लिए इस तरह तैयार किया जाता है कि वनों को भी नुकसान न हो और सैलानी भी पर्वतीय सैरगाहों, बर्फीले पहाड़, झरनों, नदियों व हरे-भरे वनों का लुत्फ ले सकें। इको-टूरिज्म का मकसद राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देकर ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार देना तथा गांव-गांव तक पर्यटन को पहुंचाना है।
लाहौल स्पीति की ऊंची चोटियों पर गिरे बर्फ के फाहे:धुंध का येलो अलर्ट; गगल में चार उड़ाने नहीं उतरी, 15 को फिर बर्फबारी
लाहौल स्पीति की ऊंची चोटियों पर गिरे बर्फ के फाहे:धुंध का येलो अलर्ट; गगल में चार उड़ाने नहीं उतरी, 15 को फिर बर्फबारी हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति के अधिक ऊंचे क्षेत्र बारालाचा और रोहतांग में बीती रात को कुछ देर के लिए बर्फ के फाहे गिरे। मगर बर्फ की सफेद चादर नहीं बिछ पाई। अन्य क्षेत्रों में मौसम साफ बना रहा। इससे 42 दिनों का लंबा ड्राइ स्पेल नहीं टूट पाया। प्रदेश में इससे सूखे जैसे हालात बने हुए है। प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में आज भी सुबह से ही मौसम साफ बना हुआ है। मौसम विभाग (IMD) ने बिलासपुर और मंडी जिला में घनी धुंध छाने का अलर्ट जारी किया है। इन जिलों के कुछ क्षेत्रों में 16 नवंबर तक धुंध लोगों को परेशान करेगी। विजिबिलिटी 50 मीटर से भी नीचे गिर जाएगी। इसे देखते हुए वाहन चालकों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। वहीं धुंध के कारण कांगड़ा के गगल एयरपोर्ट पर बीते कल चार उड़ाने नहीं उतर पाई और उन्हें रद्द करना पड़ा। 3 दिन साफ रहेगा मौसम IMD के अनुसार, अगले 3 दिन तक मौसम साफ बना रहेगा। 15 नवंबर को वेस्टर्न-डिस्टरबेंस फिर एक्टिव होगा। इससे चंबा और लाहौल स्पीति की अधिक ऊंची चोटियों पर फिर से बर्फबारी के आसार है। मगर अन्य 10 जिलों में मौसम साफ बना रहेगा। 42 दिन से नहीं बरसी पानी की बूंद प्रदेश में बरसात के बाद यानी पोस्ट मानसून सीजन में सामान्य से 98 प्रतिशत कम बारिश हुई है। एक अक्टूबर से 11 नवंबर के बीच 31.8 मिलीमीटर बारिश होती है। लेकिन इस बार 0.7 मिलीमीटर बादल बरसे है। चंबा, हमीरपुर, बिलासपुर, सोलन, सिरमौर और कुल्लू जिला में तो 42 दिन से पानी की एक बूंद नहीं बरसी। अन्य 6 जिलों में भी बूंदाबांदी हुई है। पर्यटन कारोबार और किसानों पर सूखे की मार सूखे के कारण राज्य के पर्यटन कारोबारी भी चिंतित है। किसानों पर भी सूखे की मार पड़ रही है। प्रदेश में इस बार गेंहू की बुवाई का उचित समय बीत चुका है। मगर अब तक 10 फीसदी जमीन पर ही किसान गेंहू की बुवाई कर पाया है।