मंडी जिले के वार्ड पैलेस कॉलोनी-1 में जेल रोड के पास बने अवैध मस्जिद मामले में आयुक्त कोर्ट में सुनवाई से पहले स्थानीय लोग विरोध में उतर आए हैं। लोग निगम कार्यालय के बाहर जुटे और मस्जिद को सील करने की मांग रखी। इस दौरान कार्यालय के बाहर लोगों ने हनुमान चालीसा भी गाया। गोपाल कपूर ने कहा कि अगर मामले में आज मस्जिद को सील करने के आदेश नहीं दिए, तो विरोध प्रदर्शन तेज किया जाएगा। उधर स्थानीय लोगों के विरोध को देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिस तैनात कर दी है। मामले की आयुक्त कोर्ट में सुनवाई बता दें कि जेल रोड पर बनी मस्जिद मामले कि आयुक्त कोर्ट में सुनवाई हो रही है। कोर्ट की ओर से मस्जिद वालों को नक्शा दिखाने और लोक निर्माण विभाग की एनओसी दिखाने के लिए कहा गया है। आरोप है कि लोक निर्माण विभाग की जमीन पर मस्जिद का ढांचा बनाया गया है। आज मस्जिद के अवैध निर्माण मामले की सुनवाई नगर निगम आयुक्त मंडी के न्यायालय में होनी है। फिलहाल नोटिस जारी करने के बाद मस्जिद में निर्माण कार्य बंद है। मस्जिद के ढांचे का निर्माण करने वाली संस्था से लोक निर्माण विभाग का अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) मांगा गया है। जून 2024 में निगम के ध्यान में आया मामला इसके अलावा नगर निगम की ओर से जारी स्वीकृति के साथ ढांचे का व अन्य प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया है। जून 2024 में यह मामला नगर निगम के ध्यान में आया था। करीब दो माह से इस पर सुनवाई जारी है। मंडी जिले के वार्ड पैलेस कॉलोनी-1 में जेल रोड के पास बने अवैध मस्जिद मामले में आयुक्त कोर्ट में सुनवाई से पहले स्थानीय लोग विरोध में उतर आए हैं। लोग निगम कार्यालय के बाहर जुटे और मस्जिद को सील करने की मांग रखी। इस दौरान कार्यालय के बाहर लोगों ने हनुमान चालीसा भी गाया। गोपाल कपूर ने कहा कि अगर मामले में आज मस्जिद को सील करने के आदेश नहीं दिए, तो विरोध प्रदर्शन तेज किया जाएगा। उधर स्थानीय लोगों के विरोध को देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिस तैनात कर दी है। मामले की आयुक्त कोर्ट में सुनवाई बता दें कि जेल रोड पर बनी मस्जिद मामले कि आयुक्त कोर्ट में सुनवाई हो रही है। कोर्ट की ओर से मस्जिद वालों को नक्शा दिखाने और लोक निर्माण विभाग की एनओसी दिखाने के लिए कहा गया है। आरोप है कि लोक निर्माण विभाग की जमीन पर मस्जिद का ढांचा बनाया गया है। आज मस्जिद के अवैध निर्माण मामले की सुनवाई नगर निगम आयुक्त मंडी के न्यायालय में होनी है। फिलहाल नोटिस जारी करने के बाद मस्जिद में निर्माण कार्य बंद है। मस्जिद के ढांचे का निर्माण करने वाली संस्था से लोक निर्माण विभाग का अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) मांगा गया है। जून 2024 में निगम के ध्यान में आया मामला इसके अलावा नगर निगम की ओर से जारी स्वीकृति के साथ ढांचे का व अन्य प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया है। जून 2024 में यह मामला नगर निगम के ध्यान में आया था। करीब दो माह से इस पर सुनवाई जारी है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल हाईकोर्ट के नए चीफ जस्टिस आज लेंगे शपथ:राजभवन में 11:30 बजे समारोह; राजीव शकधर के रिटायर्ड होने से पद था खाली हिमाचल हाईकोर्ट को करीब सवा दो महीने बाद आज स्थायी मुख्य न्यायाधीश मिल जाएगा। न्यायमूर्ति गुरमीत सिंह संधावालिया आज नए मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेंगे। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला उनको पद व गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे। राजभवन में 11:30 बजे उनका शपथ ग्रहण समारोह होगा। जस्टिस गुरमीत सिंह संधावालिया अभी तक पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में सेवाएं दे रहे थे। जस्टिस संधावालिया 4 फरवरी 2024 को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस का कार्यभार देख चुके हैं। सर्वोच्च न्यायालय के कॉलेजियम ने केंद्र सरकार को उनके नाम की सिफारिश की थी। जस्टिस त्रिलोक चौहान हिमाचल के एक्टिंग चीफ जस्टिस पूर्व चीफ जस्टिस राजीव शकधर के बीते 18 अक्टूबर को रिटायर होने के बाद से अभी त्रिलोक चौहान एक्टिंग चीफ जस्टिस की भूमिका निभा रहे हैं। पूर्व में एक्टिंग चीफ जस्टिस सबीना के रिटायर्ड होने पर जस्टिस त्रिलोक चौहान यह जिम्मा संभाल चुके हैं। चंडीगढ़ के DAV कॉलेज से BA की जस्टिस गुरमीत संधावालिया का जन्म 1 नवंबर 1965 को हुआ था। उन्होंने चंडीगढ़ के डीएवी कॉलेज से बीए (ऑनर्स) और 1989 में चंडीगढ़ के पंजाब विश्वविद्यालय से LLB की पढ़ाई की। पटना और पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस रहे पिता जस्टिस संधावालिया कानूनी परिवार से संबंध रखते हैं। उनके पिता 1978 से 1983 तक पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस और 1983 से 1987 तक पटना हाईकोर्ट में भी चीफ जस्टिस रहे।
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मंडी में एचआरटीसी पेंशनरों की बैठक:सरकार को अल्टीमेटम, जल्द पेंशन जारी नहीं की तो बजट सत्र में करेंगे आंदोलन मंडी में बुधवार को एचआरटीसी पेंशनर कल्याण संगठन की मासिक बैठक का आयोजन किया गया। इसमें हिमाचल रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (एचआरटीसी) के पेंशनरों ने सरकार को चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो आगामी बजट सत्र में सड़कों पर उतर आंदोलन करेंगे। संगठन के प्रधान अनूप कपूर ने बताया कि पेंशनरों को कई महीनों से समय पर पेंशन नहीं मिल पा रही है। लोहड़ी का त्योहार भी पेंशन के बिना फीका रहा, जबकि सेवारत कर्मचारियों को समय पर वेतन मिल गया। उप मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि सरकार हर माह निगम को वेतन और पेंशन के लिए 67 करोड़ रुपए दे रही है, लेकिन पेंशनरों को उनका पैसा नहीं मिल रहा है। अनूप ने बताया कि उनकी मुख्य मांगों में सरकारी पेंशनरों की तरह समय पर पेंशन और पेंशन लाभ, बजट में पेंशन के लिए अलग से राशि का प्रावधान, संशोधित पेंशन के एरियर की पहली किस्त 50,000 रुपए का भुगतान और दूसरी किस्त की अदायगी शामिल हैं। इसके अलावा, मुख्यमंत्री द्वारा अक्टूबर 2024 में स्वर्ण जयंती समारोह में चिकित्सा बिलों के लिए घोषित 9 करोड़ रुपए का भुगतान भी अभी तक नहीं किया गया है। विशेष रूप से चिंता का विषय यह है कि मार्च 2024 के बाद सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों को 10 महीने से पेंशन नहीं मिली है, जिससे वे आर्थिक और मानसिक परेशानी झेल रहे हैं। संगठन ने सरकार से तत्काल समस्याओं का समाधान करने और पदाधिकारियों से संवाद स्थापित करने की मांग की है। पेंशनर्स ने मांगें माने जाने तक संघर्ष जारी रखने की चेतावनी दी है।
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