हिमाचल की मंडी सीट से सांसद एवं अभिनेत्री कंगना रनोट ने कृषि कानून पर दिए बयान पर किसानों से खेद व्यक्त किया हैं। कंगना ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट करके कहा कि यदि उनके शब्दों से किसी को भी ठेस पहुंची हैं, तो वह अपने शब्द वापस लेती हैं। इसका उन्हें खेद रहेगा। कंगना ने कहा कि बीते दिनों मीडिया ने उनसे कुछ सवाल किए और उन्होंने कहा कि किसानों को प्रधानमंत्री से कृषि कानून वापस लाने की अपील करनी चाहिए। मेरी इस बात से बहुत सारे लोग निराश है। सांसद ने कहा, जब कृषि कानून प्रस्तावित किए गए थे, तब इन कानूनों का बहुत सारे लोगों ने समर्थन किया था। मगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सहानुभूति से ये कानून वापस ले लिए थे। इसलिए हम सब कार्यकर्ताओं का कर्तव्य बनता है कि हम PM के शब्दों की गरिमा रखे। उन्हें इस बात की भी गरिमा रखनी होगी कि अब वह एक कलाकार ही नहीं, भारतीय जनता पार्टी की कार्यकर्ता हैं। उनके ओपिनियन अपने नहीं होने चाहिए, वो पार्टी का स्टैंड होना चाहिए। इससे पहले भी कंगना रनोट ने किसान आंदोलन को लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं दे चुकी हैं, जिसकी वजह से किसान कंगना का विरोध करते रहे हैं। हिमाचल में भी संयुक्त किसान मंच ने लोकसभा चुनाव के दौरान कंगना का विरोध किया था। कंगना ने मंडी में किसानों से की थी कानून वापसी की अपील बता दें कि बीते सोमवार को मंडी में कंगना रनोट में मीडिया से बातचीत में किसानों से अपील की थी कि वह 3 कृषि कानून वापस लाने के लिए खुद आवाज उठाए। कंगना के इस बयान का खासकर पंजाब-हरियाणा में किसान और विपक्षी पार्टियां विरोध कर रही है। हरियाणा में विधानसभा चुनाव चल रहे है। इससे कंगना का बयान वहां मुद्दा बन रहा हैं, क्योंकि इन तीनों कानूनों को वापस करने की मांग को लेकर लड़े गए, आंदोलन के दौरान कई किसानों की जान चली गई और कंगना उन्हीं कानूनों की पैरवी कर रही थी। कंगना को हाईकमान से लगी फटकार पार्टी सूत्र बताते हैं कि हाईकमान द्वारा कंगना को भी फटकार लगाई और कहा कि इस तरह के बयान न दें। पहले भी कंगना को एक बार पार्टी हाईकमान द्वारा इस तरह के बयान के लिए अधिकृत नहीं होने की बात कही गई थी। क्योंकि कंगना कई बार संवेदनशील मुद्दों पर बयानबाजी नहीं करती रही है। इससे पार्टी भी बेकफुट पर आ रही है। अब कंगना ने सोशल मीडिया पर एक मिनट से ज्यादा वीडियो डालकर खेद व्यक्त और अपनी राय के बजाय पार्टी के स्टैंड पर कायम रहने का दावा किया है। हिमाचल की मंडी सीट से सांसद एवं अभिनेत्री कंगना रनोट ने कृषि कानून पर दिए बयान पर किसानों से खेद व्यक्त किया हैं। कंगना ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट करके कहा कि यदि उनके शब्दों से किसी को भी ठेस पहुंची हैं, तो वह अपने शब्द वापस लेती हैं। इसका उन्हें खेद रहेगा। कंगना ने कहा कि बीते दिनों मीडिया ने उनसे कुछ सवाल किए और उन्होंने कहा कि किसानों को प्रधानमंत्री से कृषि कानून वापस लाने की अपील करनी चाहिए। मेरी इस बात से बहुत सारे लोग निराश है। सांसद ने कहा, जब कृषि कानून प्रस्तावित किए गए थे, तब इन कानूनों का बहुत सारे लोगों ने समर्थन किया था। मगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सहानुभूति से ये कानून वापस ले लिए थे। इसलिए हम सब कार्यकर्ताओं का कर्तव्य बनता है कि हम PM के शब्दों की गरिमा रखे। उन्हें इस बात की भी गरिमा रखनी होगी कि अब वह एक कलाकार ही नहीं, भारतीय जनता पार्टी की कार्यकर्ता हैं। उनके ओपिनियन अपने नहीं होने चाहिए, वो पार्टी का स्टैंड होना चाहिए। इससे पहले भी कंगना रनोट ने किसान आंदोलन को लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं दे चुकी हैं, जिसकी वजह से किसान कंगना का विरोध करते रहे हैं। हिमाचल में भी संयुक्त किसान मंच ने लोकसभा चुनाव के दौरान कंगना का विरोध किया था। कंगना ने मंडी में किसानों से की थी कानून वापसी की अपील बता दें कि बीते सोमवार को मंडी में कंगना रनोट में मीडिया से बातचीत में किसानों से अपील की थी कि वह 3 कृषि कानून वापस लाने के लिए खुद आवाज उठाए। कंगना के इस बयान का खासकर पंजाब-हरियाणा में किसान और विपक्षी पार्टियां विरोध कर रही है। हरियाणा में विधानसभा चुनाव चल रहे है। इससे कंगना का बयान वहां मुद्दा बन रहा हैं, क्योंकि इन तीनों कानूनों को वापस करने की मांग को लेकर लड़े गए, आंदोलन के दौरान कई किसानों की जान चली गई और कंगना उन्हीं कानूनों की पैरवी कर रही थी। कंगना को हाईकमान से लगी फटकार पार्टी सूत्र बताते हैं कि हाईकमान द्वारा कंगना को भी फटकार लगाई और कहा कि इस तरह के बयान न दें। पहले भी कंगना को एक बार पार्टी हाईकमान द्वारा इस तरह के बयान के लिए अधिकृत नहीं होने की बात कही गई थी। क्योंकि कंगना कई बार संवेदनशील मुद्दों पर बयानबाजी नहीं करती रही है। इससे पार्टी भी बेकफुट पर आ रही है। अब कंगना ने सोशल मीडिया पर एक मिनट से ज्यादा वीडियो डालकर खेद व्यक्त और अपनी राय के बजाय पार्टी के स्टैंड पर कायम रहने का दावा किया है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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