मंत्री-विधायकों में से बनेगा हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष:एक व्यक्ति एक पद का सिद्धांत लागू नहीं होगा, अग्निहोत्री-राठौर सहित 6 दावेदार, राहुल गांधी करेंगे फैसला

मंत्री-विधायकों में से बनेगा हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष:एक व्यक्ति एक पद का सिद्धांत लागू नहीं होगा, अग्निहोत्री-राठौर सहित 6 दावेदार, राहुल गांधी करेंगे फैसला

हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस अध्यक्ष के चयन में ‘एक व्यक्ति एक पद का सिद्धांत’ लागू नहीं होगा। प्रदेश अध्यक्ष पद पर किसी मंत्री या फिर विधायक की ताजपोशी की जा सकती है। मंत्रियों में डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री और पंचायतीराज मंत्री अनिरुद्ध सिंह का नाम पार्टी अध्यक्ष की रेस में माना जा रहा है। वहीं, विधायकों में ठियोग के MLA कुलदीप राठौर, अर्की से संजय अवस्थी, भोरंज से सुरेश कुमार और कसौली से विनोद सुल्तानपुरी का नाम अध्यक्ष के लिए चर्चा में है। इन्हीं में से किसी एक को पार्टी अध्यक्ष बनाया जा सकता है। इसे लेकर राहुल गांधी अंतिम फैसला करेंगे। संभव है कि 21 या 22 मई को राहुल दिल्ली में हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष को लेकर प्रदेश के सीनियर नेताओं से मीटिंग करेंगे। इसके लिए CM सुखविंदर सुक्खू, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह, सभी कैबिनेट मंत्री और पूर्व में अध्यक्ष रहे सभी लोगों को दिल्ली बुलाया जाएगा। राहुल गांधी यह मीटिंग बीते 8 मई को भी बुला चुके है। मगर तब भारत-पाक में तनाव की वजह से इसे पोस्टपोन किया गया। अब सिलसिलेवार पढ़िए, किस नेता की अध्यक्ष पद के लिए दावेदारी मजबूत… 1. मुकेश अग्निहोत्री- सूत्र बताते हैं कि प्रदेश कांग्रेस के कुछ नेताओं ने मुकेश को कैबिनेट से ड्रॉप करके पार्टी अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव हाईकमान के समक्ष रखा है। मगर मुकेश इससे खुश नहीं हैं, इसके बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करके भी अपनी नाराजगी भी जाहिर की, जिसमे उन्होंने लिखा, साजिशों का दौर शुरू, झूठ के पांव नहीं होते। मुकेश अग्निहोत्री 5 बार के विधायक, दो मंत्री और एक बार नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभा चुके हैं। कांग्रेस पार्टी में इस वक्त मुकेश सबसे अनुभवी नेताओं में एक हैं। वह वीरभद्र स्कूल ऑफ थॉट का शिष्य रहे हैं। 2. अनिरुद्ध सिंह- अनिरुद्ध सिंह कसुम्पटी से लगातार तीसरी बार विधायक चुने गए हैं। सुक्खू सरकार में वह पहली बार मंत्री बने हैं। वह सुक्खू खेमे के नेता है। सूत्र बताते हैं कि सीएम सुक्खू उन्हें कैबिनेट से ड्रॉप करके प्रदेश अध्यक्ष बनाना चाहते हैं, क्योंकि सुक्खू कैबिनेट में अभी पूरी तरह शिमला संसदीय क्षेत्र का बोलबाला है। इस वजह से कांगड़ा और मंडी संसदीय क्षेत्र को कैबिनेट में जगह नहीं मिल पाई। 3. कुलदीप राठौर- ठियोग से कांग्रेस विधायक कुलदीप राठौर अध्यक्ष पद के नंबर-1 दावेदार माने जा रहे हैं। कांग्रेस हाईकमान भी उन्हें अध्यक्ष बनाना चाह रहा है। मगर राठौर खुद ही इसके लिए तैयार नहीं हैं और अध्यक्ष बनने से इन्कार कर चुके हैं, क्योंकि राठौर पहले भी एक बार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रह चुके हैं। उनके अध्यक्ष रहते हुए पार्टी ने प्रदेश में हुए चुनाव में शानदार प्रदर्शन किया था। हाईकमान और प्रदेश के सीनियर नेता भी इस वक्त राठौर को संगठन के लिए सबसे बेहतर विकल्प मानते हैं। कांग्रेस सरकार और मंत्रियों पर भी राठौर ही इकलौते लगाम कसने वाले नेता माने जा रहे हैं। पेशे से एडवोकेट कुलदीप राठौर पहली बार ठियोग से विधायक बने हैं। वर्तमान में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता और गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए पर्यवेक्षक भी बनाए गए हैं। 4. संजय अवस्थी- अर्की के विधायक अवस्थी तीसरी बार चुनकर विधानसभा पहुंचे हैं। मौजूदा सरकार ने उन्हें सीएम सुक्खू का सबसे करीबी माना जाता है। अध्यक्ष पद के लिए उनका नाम भी सुक्खू ने ही आगे किया है। मगर होली लॉज गुट के नेताओं का अवस्थी को समर्थन नहीं मिल पा रहा। इसी सुक्खू सरकार में वह मुख्य संसदीय सचिव (CPS) भी रहे हैं। 5. विनोद सुल्तानपुरी- पार्टी अध्यक्ष के लिए नया नाम युवा नेता विनोद सुल्तानपुरी का चर्चा में आया है। वह 2022 में पहली बार विधानसभा पहुंचे हैं। वह शिमला संसदीय क्षेत्र से छह बार के सांसद केडी सुल्तानपुरी के बेटे हैं। उन्हें युवा कांग्रेस और कांग्रेस संगठन में काम का अनुभव है। 2003 में वह यूथ कांग्रेस के प्रदेश सचिव और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व में महासचिव रह चुके हैं। विनोद सुल्तानपुरी सुक्खू के कट्‌टर समर्थक माने जाते हैं। मगर उनके पिता होली लॉज के करीबी रहे हैं। इस वजह से उनके नाम पर ज्यादा एतराज किसी भी गुट के नेता को नहीं है। इससे उनके अध्यक्ष बनने की चर्चाएं ज्यादा तेज है। साल 2024 में शिमला सीट से वह लोकसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं। ​​​​​​6. सुरेश कुमार- भोरंज से विधायक सुरेश कुमार साल 2022 में पहली बार विधायक बने हैं। उन्हें मुख्यमंत्री सुक्खू का करीबी माना जाता है।सूत्र बताते हैं कि हाईकमान के समक्ष सुक्खू ने ही उनका नाम आगे किया है। एससी समुदाय को साधने के लिए पार्टी उन पर भी दांव खेल सकती है, क्योंकि कांग्रेस हाईकमान काफी समय से दलित नेताओं को आगे लाने पर जोर दे रहे हैं। इस वजह से सुरेश कुमार का नाम भी खूब चर्चा में है। नॉन MP-MLA में आशा के नाम की चर्चा इन छह नेताओं में से किसी एक को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बना सकती है। नॉन एमपी या नॉन एमएलए में से पूर्व मंत्री आशा कुमारी का नाम भी चर्चा में है। मगर कांग्रेस के भीतर बने ताजा हालात के बीच विधायक या मंत्री में से ही किसी एक को अध्यक्ष बनाया जा सकता है। प्रतिभा को इस वजह से हटाया जा रहा वहीं मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह का तीन साल का कार्यकाल 24 अप्रैल को पूरा हो गया है। अब उन्हें हटाकर नया अध्यक्ष बनाने की तैयारी है। मगर गुटबाजी की वजह से कांग्रेस हाईकमान साढ़े छह महीने से फैसला नहीं कर पा रहा। अब पार्टी की अंदरूनी कलह पर राहुल गांधी ने संज्ञान लिया है। इसे देखते हुए राहुल गांधी अगले सप्ताह दिल्ली में प्रदेश कांग्रेस नेताओं के साथ मीटिंग करके नए प्रदेश अध्यक्ष का फैसला करेंगे। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस अध्यक्ष के चयन में ‘एक व्यक्ति एक पद का सिद्धांत’ लागू नहीं होगा। प्रदेश अध्यक्ष पद पर किसी मंत्री या फिर विधायक की ताजपोशी की जा सकती है। मंत्रियों में डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री और पंचायतीराज मंत्री अनिरुद्ध सिंह का नाम पार्टी अध्यक्ष की रेस में माना जा रहा है। वहीं, विधायकों में ठियोग के MLA कुलदीप राठौर, अर्की से संजय अवस्थी, भोरंज से सुरेश कुमार और कसौली से विनोद सुल्तानपुरी का नाम अध्यक्ष के लिए चर्चा में है। इन्हीं में से किसी एक को पार्टी अध्यक्ष बनाया जा सकता है। इसे लेकर राहुल गांधी अंतिम फैसला करेंगे। संभव है कि 21 या 22 मई को राहुल दिल्ली में हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष को लेकर प्रदेश के सीनियर नेताओं से मीटिंग करेंगे। इसके लिए CM सुखविंदर सुक्खू, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह, सभी कैबिनेट मंत्री और पूर्व में अध्यक्ष रहे सभी लोगों को दिल्ली बुलाया जाएगा। राहुल गांधी यह मीटिंग बीते 8 मई को भी बुला चुके है। मगर तब भारत-पाक में तनाव की वजह से इसे पोस्टपोन किया गया। अब सिलसिलेवार पढ़िए, किस नेता की अध्यक्ष पद के लिए दावेदारी मजबूत… 1. मुकेश अग्निहोत्री- सूत्र बताते हैं कि प्रदेश कांग्रेस के कुछ नेताओं ने मुकेश को कैबिनेट से ड्रॉप करके पार्टी अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव हाईकमान के समक्ष रखा है। मगर मुकेश इससे खुश नहीं हैं, इसके बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करके भी अपनी नाराजगी भी जाहिर की, जिसमे उन्होंने लिखा, साजिशों का दौर शुरू, झूठ के पांव नहीं होते। मुकेश अग्निहोत्री 5 बार के विधायक, दो मंत्री और एक बार नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभा चुके हैं। कांग्रेस पार्टी में इस वक्त मुकेश सबसे अनुभवी नेताओं में एक हैं। वह वीरभद्र स्कूल ऑफ थॉट का शिष्य रहे हैं। 2. अनिरुद्ध सिंह- अनिरुद्ध सिंह कसुम्पटी से लगातार तीसरी बार विधायक चुने गए हैं। सुक्खू सरकार में वह पहली बार मंत्री बने हैं। वह सुक्खू खेमे के नेता है। सूत्र बताते हैं कि सीएम सुक्खू उन्हें कैबिनेट से ड्रॉप करके प्रदेश अध्यक्ष बनाना चाहते हैं, क्योंकि सुक्खू कैबिनेट में अभी पूरी तरह शिमला संसदीय क्षेत्र का बोलबाला है। इस वजह से कांगड़ा और मंडी संसदीय क्षेत्र को कैबिनेट में जगह नहीं मिल पाई। 3. कुलदीप राठौर- ठियोग से कांग्रेस विधायक कुलदीप राठौर अध्यक्ष पद के नंबर-1 दावेदार माने जा रहे हैं। कांग्रेस हाईकमान भी उन्हें अध्यक्ष बनाना चाह रहा है। मगर राठौर खुद ही इसके लिए तैयार नहीं हैं और अध्यक्ष बनने से इन्कार कर चुके हैं, क्योंकि राठौर पहले भी एक बार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रह चुके हैं। उनके अध्यक्ष रहते हुए पार्टी ने प्रदेश में हुए चुनाव में शानदार प्रदर्शन किया था। हाईकमान और प्रदेश के सीनियर नेता भी इस वक्त राठौर को संगठन के लिए सबसे बेहतर विकल्प मानते हैं। कांग्रेस सरकार और मंत्रियों पर भी राठौर ही इकलौते लगाम कसने वाले नेता माने जा रहे हैं। पेशे से एडवोकेट कुलदीप राठौर पहली बार ठियोग से विधायक बने हैं। वर्तमान में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता और गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए पर्यवेक्षक भी बनाए गए हैं। 4. संजय अवस्थी- अर्की के विधायक अवस्थी तीसरी बार चुनकर विधानसभा पहुंचे हैं। मौजूदा सरकार ने उन्हें सीएम सुक्खू का सबसे करीबी माना जाता है। अध्यक्ष पद के लिए उनका नाम भी सुक्खू ने ही आगे किया है। मगर होली लॉज गुट के नेताओं का अवस्थी को समर्थन नहीं मिल पा रहा। इसी सुक्खू सरकार में वह मुख्य संसदीय सचिव (CPS) भी रहे हैं। 5. विनोद सुल्तानपुरी- पार्टी अध्यक्ष के लिए नया नाम युवा नेता विनोद सुल्तानपुरी का चर्चा में आया है। वह 2022 में पहली बार विधानसभा पहुंचे हैं। वह शिमला संसदीय क्षेत्र से छह बार के सांसद केडी सुल्तानपुरी के बेटे हैं। उन्हें युवा कांग्रेस और कांग्रेस संगठन में काम का अनुभव है। 2003 में वह यूथ कांग्रेस के प्रदेश सचिव और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व में महासचिव रह चुके हैं। विनोद सुल्तानपुरी सुक्खू के कट्‌टर समर्थक माने जाते हैं। मगर उनके पिता होली लॉज के करीबी रहे हैं। इस वजह से उनके नाम पर ज्यादा एतराज किसी भी गुट के नेता को नहीं है। इससे उनके अध्यक्ष बनने की चर्चाएं ज्यादा तेज है। साल 2024 में शिमला सीट से वह लोकसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं। ​​​​​​6. सुरेश कुमार- भोरंज से विधायक सुरेश कुमार साल 2022 में पहली बार विधायक बने हैं। उन्हें मुख्यमंत्री सुक्खू का करीबी माना जाता है।सूत्र बताते हैं कि हाईकमान के समक्ष सुक्खू ने ही उनका नाम आगे किया है। एससी समुदाय को साधने के लिए पार्टी उन पर भी दांव खेल सकती है, क्योंकि कांग्रेस हाईकमान काफी समय से दलित नेताओं को आगे लाने पर जोर दे रहे हैं। इस वजह से सुरेश कुमार का नाम भी खूब चर्चा में है। नॉन MP-MLA में आशा के नाम की चर्चा इन छह नेताओं में से किसी एक को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बना सकती है। नॉन एमपी या नॉन एमएलए में से पूर्व मंत्री आशा कुमारी का नाम भी चर्चा में है। मगर कांग्रेस के भीतर बने ताजा हालात के बीच विधायक या मंत्री में से ही किसी एक को अध्यक्ष बनाया जा सकता है। प्रतिभा को इस वजह से हटाया जा रहा वहीं मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह का तीन साल का कार्यकाल 24 अप्रैल को पूरा हो गया है। अब उन्हें हटाकर नया अध्यक्ष बनाने की तैयारी है। मगर गुटबाजी की वजह से कांग्रेस हाईकमान साढ़े छह महीने से फैसला नहीं कर पा रहा। अब पार्टी की अंदरूनी कलह पर राहुल गांधी ने संज्ञान लिया है। इसे देखते हुए राहुल गांधी अगले सप्ताह दिल्ली में प्रदेश कांग्रेस नेताओं के साथ मीटिंग करके नए प्रदेश अध्यक्ष का फैसला करेंगे।   हिमाचल | दैनिक भास्कर