हिमाचल प्रदेश के मनाली क्षेत्र के बुरुआ गांव में ढाई मंजिला स्लेटपोश मकान में आग लग लग गई। जिससे लाखों रुपए का नुकसान हुआ है। सूचना के बाद मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की टीम और ग्रामीणों ने तत्काल कार्रवाई करते हुए आग पर काबू पाया। जिससे आसपास के मकानों को बचाया गया। बुरुआ पंचायत के प्रधान चूड़ामणि के अनुसार शनिवार शाम करीब 7 बजे मकान में आग लगी। मकान की ऊपरी मंजिल में घास, खेती के औजार और लकड़ी रखी थी। निचली मंजिल में बंधी 4 गायों और कुछ लकड़ी को ग्रामीणों ने समय रहते बचा लिया। जबकि घास पूरी तरह से मकान के साथ जल गई। गांव की कूहल (पानी का स्रोत) के सूखे होने के कारण आग बुझाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। लाखों रुपए का सामन जलकर हुआ नष्ट मनाली अग्निशमन केंद्र के अधिकारी एस पी बिष्ट ने बताया कि शाम 8 बजे सूचना मिलते ही दो दमकल गाड़ियों के साथ 7 जवानों को मौके पर भेजा गया। आग में करीब 10 लाख रुपए की संपत्ति जलकर नष्ट हो गई। जबकि समय पर कार्रवाई से लगभग 20 लाख की संपत्ति को बचा लिया गया। आग लगने की इस घटना में कोई जानी नुकसान नहीं हुआ। अज्ञात कारणों से लगी आग अग्निशमन विभाग को अभी तक आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है। मकान में 12 कमरे थे, जो मान चंद, अनंत राम और चेत राम की संयुक्त संपत्ति थी। जिसमें आग से लाखों का नुकसान हुआ है। हिमाचल प्रदेश के मनाली क्षेत्र के बुरुआ गांव में ढाई मंजिला स्लेटपोश मकान में आग लग लग गई। जिससे लाखों रुपए का नुकसान हुआ है। सूचना के बाद मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की टीम और ग्रामीणों ने तत्काल कार्रवाई करते हुए आग पर काबू पाया। जिससे आसपास के मकानों को बचाया गया। बुरुआ पंचायत के प्रधान चूड़ामणि के अनुसार शनिवार शाम करीब 7 बजे मकान में आग लगी। मकान की ऊपरी मंजिल में घास, खेती के औजार और लकड़ी रखी थी। निचली मंजिल में बंधी 4 गायों और कुछ लकड़ी को ग्रामीणों ने समय रहते बचा लिया। जबकि घास पूरी तरह से मकान के साथ जल गई। गांव की कूहल (पानी का स्रोत) के सूखे होने के कारण आग बुझाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। लाखों रुपए का सामन जलकर हुआ नष्ट मनाली अग्निशमन केंद्र के अधिकारी एस पी बिष्ट ने बताया कि शाम 8 बजे सूचना मिलते ही दो दमकल गाड़ियों के साथ 7 जवानों को मौके पर भेजा गया। आग में करीब 10 लाख रुपए की संपत्ति जलकर नष्ट हो गई। जबकि समय पर कार्रवाई से लगभग 20 लाख की संपत्ति को बचा लिया गया। आग लगने की इस घटना में कोई जानी नुकसान नहीं हुआ। अज्ञात कारणों से लगी आग अग्निशमन विभाग को अभी तक आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है। मकान में 12 कमरे थे, जो मान चंद, अनंत राम और चेत राम की संयुक्त संपत्ति थी। जिसमें आग से लाखों का नुकसान हुआ है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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राजेश शर्मा ने बढ़ाई कांग्रेस की टेंशन:मनाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे नेता; CM की पत्नी ने प्रचार अभियान का किया आगाज
राजेश शर्मा ने बढ़ाई कांग्रेस की टेंशन:मनाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे नेता; CM की पत्नी ने प्रचार अभियान का किया आगाज हिमाचल प्रदेश की देहरा विधानसभा सीट पर बगावत के संकेत दे चुके डॉ. राजेश शर्मा को मनाने की जिम्मेदारी पार्टी ने कृषि मंत्री चंद्र कुमार को सौंपी है। लेकिन अब कोई भी नेता राजेश शर्मा से बात करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है, क्योंकि उन्होंने मुख्यमंत्री सुक्खू समेत कांग्रेस नेताओं पर दबाव बनाकर मानसिक रूप से परेशान करने का आरोप लगाया है। राजेश शर्मा ने कहा कि अगर उनकी मौत भी हार्ट अटैक से होती है तो इसके लिए मुख्यमंत्री सुक्खू ही जिम्मेदार होंगे। उन्होंने कहा कि कई प्रभावशाली लोग उन पर दबाव बना रहे हैं। उन्हें अपना कारोबार बंद करने की धमकी दी जा रही है। इससे डरे कांग्रेस नेता राजेश शर्मा से बात नहीं कर पा रहे हैं। इस संबंध में जब कृषि मंत्री चंद्र कुमार से बात की गई तो उन्होंने कहा कि वह जल्द ही राजेश शर्मा से बात करेंगे। उन्हें पूरा विश्वास है कि राजेश शर्मा चुनाव नहीं लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि राजेश शर्मा कांग्रेस के सच्चे सिपाही हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी ने सर्वे रिपोर्ट के आधार पर मुख्यमंत्री की पत्नी कमलेश ठाकुर को टिकट दिया है। कांग्रेस एक बार देहरा से राजेश शर्मा को टिकट भी दे चुकी है। राजेश से तार भिड़ाने लगी बीजेपी बेशक, राजेश शर्मा के तल्ख तेवर के बाद कांग्रेस नेता उनसे बात नहीं कर पा रहे। मगर भारतीय जनता पार्टी के नेता राजेश शर्मा से तार भिड़ाने की कोशिश कर रहे हैं। बीती शाम को पूर्व मंत्री विपिन सिंह परमार, देहरा सीट से बीजेपी प्रत्याशी होशियार सिंह, बीजेपी विधायक राकेश जम्वाल राजेश शर्मा का कुशल क्षेम जानने सिविल अस्पताल पहुंचे, क्योंकि पिछले कल बीपी कम होने के बाद होशियार सिंह अस्पताल में भर्ती हो गए थे। CM की पत्नी प्रचार को देहरा पहुंची इस बीच मुख्यमंत्री सुक्खू की पत्नी कमलेश ठाकुर आज चुनाव प्रचार के लिए देहरा पहुंच गईं। नामांकन भरने से एक दिन पहले उनका जगह-जगह जोरदार स्वागत किया गया। इस दौरान उन्होंने ठाकुरद्वारा लक्ष्मीनारायण मंदिर चनौर में माथा टेकने के बाद प्रचार अभियान का आगाज किया। बाद में उन्होने माता बगलामुखी मंदिर में भी अपना शीश नवाया। कांग्रेस देहरा सीट से कमलेश ठाकुर को प्रत्याशी बनाया है। देहरा, कमलेश ठाकुर का माइका है। इस सीट को कांग्रेस कभी नहीं जीत पाई। इसलिए पार्टी ने मुख्यमंत्री की पत्नी पर दांव खेला है। उनको टिकट देने की वजह से ही राजेश शर्मा ने खुले तौर पर बागी तेवर दिखाए हैं। राजेश शर्मा पिछले कल अपने समर्थकों के बीच फूट फूट कर रोए और निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया। 2022 में कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़ चुके डॉ. राजेश देहरा से डॉ. राजेश का टिकट पहले से तय माना जा रहा था। साल 2022 में पार्टी ने राजेश को ही टिकट दिया था। हालांकि तब वह निर्दलीय होशियार से चुनाव हार गए थे। इस बार पार्टी हाईकमान ने कभी नहीं जीत पाने वाली देहरा सीट को जीतने के लिए सीएम की पत्नी पर दांव खेला है। इससे पहले एक बार वह कांगड़ा सीट से भी निर्दलीय चुनाव लड़ चुके हैं।
शिमला में आपदा प्रबंधन विभाग ने लगाई प्रदर्शनी:हिमाचल में लगातार बढ़ रही प्राकृतिक आपदाएं, 2 साल में गई 900 लोगों की जान
शिमला में आपदा प्रबंधन विभाग ने लगाई प्रदर्शनी:हिमाचल में लगातार बढ़ रही प्राकृतिक आपदाएं, 2 साल में गई 900 लोगों की जान अंतर्राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण दिवस के मौके पर आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ राजस्व विभाग द्वारा शिमला के गेयटी थिएटर में “समर्थ 2024” आपदा प्रबंधन जन जागरण अभियान और प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। सोमवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इसका शुभारंभ किया। इस दौरान सीएम सुक्खू ने कहा कि सरकार आपदा से निपटने के लिए अपने स्तर पर प्रयास कर रही है और केंद्र को भी इस पर अध्ययन करने के लिए लेटर लिख चुके हैं। अंतर्राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण दिवस पर शिमला में आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ राजस्व विभाग द्वारा अभियान व प्रदर्शनी लगाई गई है। इसके माध्यम से लोगों को आपदा से निपटने के गुण सिखाए जा रहे हैं। क्योंकि हिमाचल प्रदेश बीते 2 सालों से लगातार आपदा से जूझ रहा है। ऐसे में आपदा में नुकसान को कम करने के लिए विभाग लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। “प्राकृतिक आपदा के लिए क्लाइमेट चेंज हो सकता है एक मुख्य कारण”- सीएम सुक्खू
सीएम सूक्खु ने कहा कि पिछली बार हिमाचल प्रदेश ने भयंकर आपदा का सामना किया पूरे प्रदेश ने कभी ऐसी आपदा नही देखी लेकिन सरकार ने जनता के सहयोग से उस पर नियंत्रण पाया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बादल फटने की घटनाएं बड़ी है क्लाइमेट चेंज इसका एक बड़ा कारण हो सकता है।
इसकी स्टडी करने को प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार को भी पत्र लिखा है और प्रदेश सरकार केके अपने स्तर पर भी प्रयास जारी हैं । अपने स्तर पर आपदा के लिए सरकार ने एक प्रोजेक्ट बनाया है जो करीब 800 करोड़ का है SDRF को मजबूत कर रहे हैं ताकि भविष्य में जो भी आपदा है उसका सामना कर सकें। हिमाचल में दो सालों में प्राकृतिक आपदा में करीब 900 लोगो की गई जान
बता दें कि बीते दो वर्षो से हिमाचल प्रदेश ने बड़ी आपदा का सामना किया है ।वर्ष 2023 में पूरे मानसून के दौरान हिमाचल प्रदेश में 10 हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान व 500 से ज्यादा लोग आपदा में काल का ग्रास बने । वहीं साल 2024 में आई आपदा से प्रदेश में 1200 करोड़ से ज्यादा का नुकसान व 340 से ज्यादा लोगों ने जान गंवाई है।
हिमाचल CM ने चेकअप को IGMC पहुंचे:आधी रात घर में लौटें; पेट व सीने में उठा दर्द, चैस्ट-एक्सरे व इको टेस्ट नॉर्मल
हिमाचल CM ने चेकअप को IGMC पहुंचे:आधी रात घर में लौटें; पेट व सीने में उठा दर्द, चैस्ट-एक्सरे व इको टेस्ट नॉर्मल हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की मंगलवार देर शाम एक बार फिर से बीमार पड़ गए। इसके बाद सीएम मंगलवार शाम करीब पौने 9 बजे उपचार को IGMC शिमला पहुंचे। जहां उन्हें स्पेशल वार्ड कमरा नंबर 634 में भर्ती किया गया। IGMC में श्वास रोग, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी और एनेस्थीसिया और मेडिकल विभाग के डॉक्टरों की टीम मौजूद रही। IGMC के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राहुल राव ने देर रात CM की मेडिकल बुलेटिन जारी कर दावा किया कि मुख्यमंत्री की छाती का एक्सरा और इको टेस्ट रिपोर्ट सामान्य है। आधी रात में सीएम सुक्खू वापस घर लौट गए। बता दें कि बीते मंगलवार को मुख्यमंत्री सुक्खू सरकारी आवास ओक ओवर में फाइलें निपटा रहे थे। दिन में उनका स्वास्थ्य ठीक था। शाम करीब 7.30 बजे उनके पेट व छाती में हल्का दर्द उठा। कुछ देर घर पर बिताने के बाद 8.30 बजे के करीब सीएम ओक ओवर से आईजीएमसी को चले। सभी टेस्ट रिपोर्ट नॉर्मल होने का दावा सीएम सुक्खू गाड़ी से उतरने के बाद खुद चल कर अस्पताल आए। मगर सप्ताह के भीतर वह दूसरी बार आईजीएमसी पहुंचे हैं। बीते 21 सितंबर को भी वह सुबह 6 बजे IGMC शिमला पहुंचे। तब उनके पेट में ही दर्द था। 3 दिन बाद आज सीएम दोबारा IGMC आए। पहले भी बिगड़ चुकी तबीयत, एम्स भर्ती करवाना पड़ा था मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू बीते साल भी अक्टूबर बीमार पड़े थे। तब डॉक्टरों ने उनके पेट में इन्फेक्शन के साथ साथ पैंक्रियाटाइटिस बताया था। एक सप्ताह तक AIIMS दिल्ली में भर्ती होने के बाद सीएम स्वस्थ होकर लौटें थे। जून 2023 में भी सीएम बीमार पड़े। तब उन्होंने चंडीगढ़ के एक प्राइवेट अस्पताल से उपचार कराया था।