महाकुंभ नगर में वेदों की हाईटेक पाठशाल चल रही है। यहां वेद संहिता का अध्ययन कर रहे बाल बटुकों के हाथों में न केवल धर्म-ग्रंथ और वेद पुराण हैं। बल्कि, कंप्यूटर और लैपटॉप पर इनकी अंगुलियों तेजी के साथ दौड़ती नजर आती हैं। प्रयागराज के झूंसी स्थित श्री स्वामी नरोत्तमानंद गिरि वेद विद्यालय में 60 वेदपाठी हैं। यहां चार वेदों के लिए अलग-अलग क्लासरूम और गुरु हैं। वेदपाठियों को धर्म-अध्यात्म के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए टेक्नोलॉजी का मंत्र भी दिया जा रहा है, जिसके लिए बाकायदा डिजिटल क्लासरूम भी बनाई गई है। वेदपाठी छात्रों के कंप्यूटर टीचर अंजनी कुमार सिंह बताते हैं- वेदों के संरक्षण, संवर्धन और उन्नयन में कंप्यूटर का ज्ञान अत्यंत जरूरी है। यहां बटुक बचपन से ही वेद संहिता अध्ययन और सस्वर कंठस्थीकरण में जुटे हैं। अब डिजिटल विधा में भी निपुण हो रहे हैं। वेदपाठियों को हिंदी टाइपिंग सिखाई जा रही है, ताकि वो आगे चलकर पांडुलिपियों को सेफ कर सकें। वेदपाठी सुंदरम चौबे और अभिनव शुक्ला कहते हैं- यह डिजिटल युग है। इसके लिए टेक्नोलॉजी का ज्ञान अति आवश्यक है, ताकि समाज में किसी तरह की असुविधा न हो। स्कूल में AI यानी आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस, कंप्यूटर पर हिंदी व अंग्रेजी टाइपिंग, माइक्रोसॉफ्ट वर्ड, पावर पॉइंट, एक्सेल, पीपीटी, फोटोशॉप आदि का ट्रेनिंग भी दी जा रही है। अथर्ववेद के वैदिक गुरु अजय मिश्र ने बताया- कंप्यूटर के ज्ञान से प्राचीन ग्रंथों, श्लोकों, और मंत्रों को संरक्षित करना, उनका अध्ययन करना और उन्हें वैश्विक स्तर पर साझा करना आसान है। वेदों के हस्तलिखित और मुद्रित संस्करणों को स्कैन करके डिजिटल स्वरूप में संग्रहीत किया जा सकता है। देखें वीडियो… महाकुंभ नगर में वेदों की हाईटेक पाठशाल चल रही है। यहां वेद संहिता का अध्ययन कर रहे बाल बटुकों के हाथों में न केवल धर्म-ग्रंथ और वेद पुराण हैं। बल्कि, कंप्यूटर और लैपटॉप पर इनकी अंगुलियों तेजी के साथ दौड़ती नजर आती हैं। प्रयागराज के झूंसी स्थित श्री स्वामी नरोत्तमानंद गिरि वेद विद्यालय में 60 वेदपाठी हैं। यहां चार वेदों के लिए अलग-अलग क्लासरूम और गुरु हैं। वेदपाठियों को धर्म-अध्यात्म के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए टेक्नोलॉजी का मंत्र भी दिया जा रहा है, जिसके लिए बाकायदा डिजिटल क्लासरूम भी बनाई गई है। वेदपाठी छात्रों के कंप्यूटर टीचर अंजनी कुमार सिंह बताते हैं- वेदों के संरक्षण, संवर्धन और उन्नयन में कंप्यूटर का ज्ञान अत्यंत जरूरी है। यहां बटुक बचपन से ही वेद संहिता अध्ययन और सस्वर कंठस्थीकरण में जुटे हैं। अब डिजिटल विधा में भी निपुण हो रहे हैं। वेदपाठियों को हिंदी टाइपिंग सिखाई जा रही है, ताकि वो आगे चलकर पांडुलिपियों को सेफ कर सकें। वेदपाठी सुंदरम चौबे और अभिनव शुक्ला कहते हैं- यह डिजिटल युग है। इसके लिए टेक्नोलॉजी का ज्ञान अति आवश्यक है, ताकि समाज में किसी तरह की असुविधा न हो। स्कूल में AI यानी आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस, कंप्यूटर पर हिंदी व अंग्रेजी टाइपिंग, माइक्रोसॉफ्ट वर्ड, पावर पॉइंट, एक्सेल, पीपीटी, फोटोशॉप आदि का ट्रेनिंग भी दी जा रही है। अथर्ववेद के वैदिक गुरु अजय मिश्र ने बताया- कंप्यूटर के ज्ञान से प्राचीन ग्रंथों, श्लोकों, और मंत्रों को संरक्षित करना, उनका अध्ययन करना और उन्हें वैश्विक स्तर पर साझा करना आसान है। वेदों के हस्तलिखित और मुद्रित संस्करणों को स्कैन करके डिजिटल स्वरूप में संग्रहीत किया जा सकता है। देखें वीडियो… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
महाकुंभ में बाल बटुकों के स्कूल का VIDEO:वेदों के ज्ञान के साथ हो रहे हाईटेक, बोले- डिजिटल युग में जरूरी है आधुनिक ज्ञान
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