महाकुंभ से चर्चा में आईं हर्षा ने संन्यास नहीं लिया:पिता का दावा, बोले- बेटी ने सिर्फ गुरु दीक्षा ली, जल्द शादी करेंगे

महाकुंभ से चर्चा में आईं हर्षा ने संन्यास नहीं लिया:पिता का दावा, बोले- बेटी ने सिर्फ गुरु दीक्षा ली, जल्द शादी करेंगे

प्रयागराज महाकुंभ में पेशवाई के रथ पर बैठने के बाद चर्चा में आईं हर्षा रिछारिया ने संन्यास नहीं लिया है। ऐसा दावा उनके माता-पिता ने किया। पिता दिनेश रिछारिया ने कहा- बेटी पर साध्वी का टैग गलत लगाया गया। उसने सिर्फ दीक्षा ली है। संन्यास नहीं लिया है, जल्द ही उसकी शादी करेंगे। दिनेश ने बुधवार को एक मीडिया चैनल से ये बातें कहीं। हालांकि, शादी को लेकर मॉडल हर्षा का अब तक कोई बयान सामने नहीं आया है। बच्चे सही रास्ते पर जाएं तो हस्तक्षेप न करें
हर्षा के पिता ने कहा- आजकल बच्चे जन्मदिन पर लेट नाइट पार्टियां कर रहे हैं, लेकिन हर्षा ने ऐसा कुछ नहीं किया। जन्मदिन जब भी मनाया, मंदिर में जाकर मनाया। रही बात मॉडलिंग की तो मैं प्राइवेट बस का कंडक्टर रहा हूं। मेरा जीवन संघर्ष में बीता। मेरी हालत देखकर बेटी ने 19 साल की उम्र से मॉडलिंग और एंकरिंग शुरू कर दी, जिससे घर के खर्चे में हाथ बंटा सके। अगर बच्चे अगर सही रास्ते पर जा रहे हैं, तो मां-बाप को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। बेटी ने इंस्टाग्राम से अपने पुराने वीडियो नहीं डिलीट किए, क्योंकि आज के युवाओं को बताना चाहती है कि अध्यात्म का रास्ता सही है। उसकी शादी की बात चल रही है। इस साल या फिर अगले साल तक शादी कर देंगे। मां बोलीं- बेटी बचपन से पूजा करने लगी थी मां किरण ने कहा- बेटी का बचपन से रुझान अध्यात्म की ओर रहा है। 10 साल की उम्र से ही पूजा-पाठ करने लगी थी। पूजा करके ही स्कूल जाती थी। हर्षा ने हरिद्वार में कैलाशानंद जी महाराज से निवेदन किया तो उन्होंने 2 साल पहले दीक्षा दी। वहीं रहकर उनके सानिध्य में उसने मंत्र, पूजा-पाठ सीखा। महाकुंभ में जाने की बात उसने 30 दिसंबर को बताई। बेटी ने अपने पापा से फोन पर कहा था- हम गुरुजी के साथ महाकुंभ जा रहे हैं। लगभग 1 महीने रहकर वहीं कल्पवास करेंगे। हम दोनों ने इसकी इजाजत दे दी। संन्यास की खबर सुनी तो बहुत रोई थी मां ने कहा- हर्षा के कपड़े मैं ही डिजाइन करती हूं। जब संन्यास की खबर मैंने सुनी तो बहुत रोई। तुरंत उसको फोन किया तो हर्षा ने बताया कि उसने सिर्फ दीक्षा ली है, संन्यास नहीं। भगवान की पूजा करना या दीक्षा लेना कोई गलत काम नहीं है। वह दो से 4 साल पहले अपने प्रोग्राम के हिसाब से कपड़े पहनती थी, लेकिन आज वह सब छोड़कर सनातन से जुड़ गई है। धर्म से जोड़ना है तो अमीर-गरीब, सुंदरता कुछ भी नहीं देखना है। यह अपना गुण होता है, जो भगवान की तरफ ले जाता है। मुझे अपनी बेटी पर गर्व है। ट्रोल करने वालों को मां-पिता ने जवाब दिया
हर्षा के ट्रोल होने पर मां ने कहा- ऐसा देखकर बहुत दुख होता है। जहां तक उसके पहनावे और तस्वीरों की बात है, तो उसने सीरियल में काम किया है। एंकरिंग की। मैं हर किसी से निवेदन करती हूं कि प्लीज ऐसा न करें। कैसे सुर्खियों में आईं हर्षा 4 जनवरी को महाकुंभ के लिए निरंजनी अखाड़े की पेशवाई निकली थी। उस वक्त 30 साल की मॉडल हर्षा रिछारिया संतों के साथ रथ पर बैठी नजर आई थीं। पेशवाई के दौरान हर्षा रिछारिया से पत्रकारों ने साध्वी बनने पर सवाल किया था। इस पर हर्षा ने बताया था कि मैंने सुकून की तलाश में यह जीवन चुना है। मैंने वह सब छोड़ दिया, जो मुझे आकर्षित करता था। इसके बाद हर्षा सुर्खियों में आ गईं। वह ट्रोलर्स के भी निशाने पर हैं। मीडिया चैनल ने उन्हें ‘सुंदर साध्वी’ का नाम भी दे दिया। इसके बाद हर्षा फिर से मीडिया के सामने आईं। कहा- मैं साध्वी नहीं हूं। मैं केवल दीक्षा ग्रहण कर रही हूं। उत्तराखंड में रहती हैं हर्षा, इंस्टाग्राम पर 10 लाख फॉलोअर्स हर्षा मूलरूप से मध्यप्रदेश के भोपाल की रहने वाली हैं, लेकिन उत्तराखंड में रहती हैं। उन्होंने BBA की पढ़ाई की है। वह पीले वस्त्र, रुद्राक्ष माला और माथे पर तिलक धारण करती हैं। उनके इंस्टाग्राम पर 10 लाख से अधिक फॉलोअर्स हैं। हर्षा इंस्टाग्राम पर धार्मिक और आध्यात्मिक विषयों से जुड़े कंटेंट साझा करती हैं। वह निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी स्वामी कैलाशानंद गिरि महाराज की शिष्या हैं। ———————- ये खबर भी पढ़ें- महाकुंभ में मॉडल को रथ पर बैठाने पर भड़के संत: कहा- धर्म को प्रदर्शन का हिस्सा बनाना खतरनाक, परिणाम भुगतने होंगे प्रयागराज महाकुंभ में पेशवाई के दौरान मॉडल को रथ पर बैठाने को लेकर विवाद छिड़ गया है। शांभवी पीठाधीश्वर स्वामी आनंद स्वरूप महाराज ने कहा- यह उचित नहीं है। इससे समाज में गलत संदेश फैलता है। धर्म को प्रदर्शन का हिस्सा बनाना खतरनाक है। साधु-संतों को इससे बचना चाहिए, नहीं तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। दरअसल, 4 जनवरी को महाकुंभ के लिए निरंजनी अखाड़े की पेशवाई निकली थी। उस वक्त 30 साल की मॉडल हर्षा रिछारिया संतों के साथ रथ पर बैठी नजर आई थीं। पढ़ें पूरी खबर… प्रयागराज महाकुंभ में पेशवाई के रथ पर बैठने के बाद चर्चा में आईं हर्षा रिछारिया ने संन्यास नहीं लिया है। ऐसा दावा उनके माता-पिता ने किया। पिता दिनेश रिछारिया ने कहा- बेटी पर साध्वी का टैग गलत लगाया गया। उसने सिर्फ दीक्षा ली है। संन्यास नहीं लिया है, जल्द ही उसकी शादी करेंगे। दिनेश ने बुधवार को एक मीडिया चैनल से ये बातें कहीं। हालांकि, शादी को लेकर मॉडल हर्षा का अब तक कोई बयान सामने नहीं आया है। बच्चे सही रास्ते पर जाएं तो हस्तक्षेप न करें
हर्षा के पिता ने कहा- आजकल बच्चे जन्मदिन पर लेट नाइट पार्टियां कर रहे हैं, लेकिन हर्षा ने ऐसा कुछ नहीं किया। जन्मदिन जब भी मनाया, मंदिर में जाकर मनाया। रही बात मॉडलिंग की तो मैं प्राइवेट बस का कंडक्टर रहा हूं। मेरा जीवन संघर्ष में बीता। मेरी हालत देखकर बेटी ने 19 साल की उम्र से मॉडलिंग और एंकरिंग शुरू कर दी, जिससे घर के खर्चे में हाथ बंटा सके। अगर बच्चे अगर सही रास्ते पर जा रहे हैं, तो मां-बाप को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। बेटी ने इंस्टाग्राम से अपने पुराने वीडियो नहीं डिलीट किए, क्योंकि आज के युवाओं को बताना चाहती है कि अध्यात्म का रास्ता सही है। उसकी शादी की बात चल रही है। इस साल या फिर अगले साल तक शादी कर देंगे। मां बोलीं- बेटी बचपन से पूजा करने लगी थी मां किरण ने कहा- बेटी का बचपन से रुझान अध्यात्म की ओर रहा है। 10 साल की उम्र से ही पूजा-पाठ करने लगी थी। पूजा करके ही स्कूल जाती थी। हर्षा ने हरिद्वार में कैलाशानंद जी महाराज से निवेदन किया तो उन्होंने 2 साल पहले दीक्षा दी। वहीं रहकर उनके सानिध्य में उसने मंत्र, पूजा-पाठ सीखा। महाकुंभ में जाने की बात उसने 30 दिसंबर को बताई। बेटी ने अपने पापा से फोन पर कहा था- हम गुरुजी के साथ महाकुंभ जा रहे हैं। लगभग 1 महीने रहकर वहीं कल्पवास करेंगे। हम दोनों ने इसकी इजाजत दे दी। संन्यास की खबर सुनी तो बहुत रोई थी मां ने कहा- हर्षा के कपड़े मैं ही डिजाइन करती हूं। जब संन्यास की खबर मैंने सुनी तो बहुत रोई। तुरंत उसको फोन किया तो हर्षा ने बताया कि उसने सिर्फ दीक्षा ली है, संन्यास नहीं। भगवान की पूजा करना या दीक्षा लेना कोई गलत काम नहीं है। वह दो से 4 साल पहले अपने प्रोग्राम के हिसाब से कपड़े पहनती थी, लेकिन आज वह सब छोड़कर सनातन से जुड़ गई है। धर्म से जोड़ना है तो अमीर-गरीब, सुंदरता कुछ भी नहीं देखना है। यह अपना गुण होता है, जो भगवान की तरफ ले जाता है। मुझे अपनी बेटी पर गर्व है। ट्रोल करने वालों को मां-पिता ने जवाब दिया
हर्षा के ट्रोल होने पर मां ने कहा- ऐसा देखकर बहुत दुख होता है। जहां तक उसके पहनावे और तस्वीरों की बात है, तो उसने सीरियल में काम किया है। एंकरिंग की। मैं हर किसी से निवेदन करती हूं कि प्लीज ऐसा न करें। कैसे सुर्खियों में आईं हर्षा 4 जनवरी को महाकुंभ के लिए निरंजनी अखाड़े की पेशवाई निकली थी। उस वक्त 30 साल की मॉडल हर्षा रिछारिया संतों के साथ रथ पर बैठी नजर आई थीं। पेशवाई के दौरान हर्षा रिछारिया से पत्रकारों ने साध्वी बनने पर सवाल किया था। इस पर हर्षा ने बताया था कि मैंने सुकून की तलाश में यह जीवन चुना है। मैंने वह सब छोड़ दिया, जो मुझे आकर्षित करता था। इसके बाद हर्षा सुर्खियों में आ गईं। वह ट्रोलर्स के भी निशाने पर हैं। मीडिया चैनल ने उन्हें ‘सुंदर साध्वी’ का नाम भी दे दिया। इसके बाद हर्षा फिर से मीडिया के सामने आईं। कहा- मैं साध्वी नहीं हूं। मैं केवल दीक्षा ग्रहण कर रही हूं। उत्तराखंड में रहती हैं हर्षा, इंस्टाग्राम पर 10 लाख फॉलोअर्स हर्षा मूलरूप से मध्यप्रदेश के भोपाल की रहने वाली हैं, लेकिन उत्तराखंड में रहती हैं। उन्होंने BBA की पढ़ाई की है। वह पीले वस्त्र, रुद्राक्ष माला और माथे पर तिलक धारण करती हैं। उनके इंस्टाग्राम पर 10 लाख से अधिक फॉलोअर्स हैं। हर्षा इंस्टाग्राम पर धार्मिक और आध्यात्मिक विषयों से जुड़े कंटेंट साझा करती हैं। वह निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी स्वामी कैलाशानंद गिरि महाराज की शिष्या हैं। ———————- ये खबर भी पढ़ें- महाकुंभ में मॉडल को रथ पर बैठाने पर भड़के संत: कहा- धर्म को प्रदर्शन का हिस्सा बनाना खतरनाक, परिणाम भुगतने होंगे प्रयागराज महाकुंभ में पेशवाई के दौरान मॉडल को रथ पर बैठाने को लेकर विवाद छिड़ गया है। शांभवी पीठाधीश्वर स्वामी आनंद स्वरूप महाराज ने कहा- यह उचित नहीं है। इससे समाज में गलत संदेश फैलता है। धर्म को प्रदर्शन का हिस्सा बनाना खतरनाक है। साधु-संतों को इससे बचना चाहिए, नहीं तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। दरअसल, 4 जनवरी को महाकुंभ के लिए निरंजनी अखाड़े की पेशवाई निकली थी। उस वक्त 30 साल की मॉडल हर्षा रिछारिया संतों के साथ रथ पर बैठी नजर आई थीं। पढ़ें पूरी खबर…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर