महेंद्रगढ़ में मोदाश्रम मंदिर परिसर में भगवान शंकर के मंदिर के नवनिर्माण की प्रक्रिया का शुरू हो गई। जिसमें साधु संतों के सानिध्य में विधिवत भूमि पूजन किया गया। यह मंदिर लगभग 200 वर्ष पुराना है। इसके निर्माण में करीब 4 करोड़ रुपए खर्च होंगे और करबी डेढ़ से 2 साल में बनकर तैयार होगा। मोदाश्रम मंदिर समिति प्रधान सुधीर ने बताया कि यह प्राचीन शिव मंदिर शहर के दोहन नदी में स्थित है। शहर के ही गुलाब राय लोहिया ने इसकी शुरुआत की थी। उनको भगवान शंकर का दृष्टांत हुआ था। इसके बाद उसने यहां एक मंदिर का निर्माण करवाया और मेला भरवाया। तब से लेकर आज तक यहां साल में दो बार शिवरात्रि पर मेला लगता है। प्रधान ने कहा कि यह शिव मंदिर काफी साल पुराना हो गया था और श्रद्धालुओं की बढ़ती हुई संख्या को देखते हुए हमें प्रेरणा हुई कि इस मंदिर को बड़ा किया जाए। उसी के प्रारूप के लिए भूमि पूजन किया गया। यह मंदिर 90 फीट लंबा और 63 फीट चौड़ा बनेगा। इस मंदिर को बनाने के लिए लगभग डेढ़ से 2 वर्ष लग का समय लग जाएगा। यह क्षेत्र का बहुत सुंदर मंदिर बन रहा है। मंदिर पर लगभग 4 करोड़ रुपए का खर्चा आएगा। मंत्रोच्चारण और धार्मिक विधियों के साथ हुए इस भूमि पूजन कार्यक्रम में क्षेत्र के प्रसिद्ध संत विट्ठल गिरी महाराज, ज्ञानेश्वर गिरी, भवानी शंकर गिरी, शंकर गिरी, योगी वचनाई नाथ, इतवार गिरी, संतू नाथ, श्याम प्रिय फतेहचंद वशिष्ठ सहित कई संतों ने सहभागिता की। कार्यक्रम में क्षेत्र के सामाजिक और धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ-साथ बड़ी संख्या में स्थानीय श्रद्धालु भी मौजूद रहे। श्रद्धालुओं ने भरपूर सहयोग का आश्वासन दिया इस अवसर पर संतों ने प्रवचन दिए और भजन-कीर्तन का आयोजन किया गया, जिससे वातावरण भक्तिमय हो गया। हर-हर महादेव के जयघोष के साथ मंदिर की नींव रखी गई। भूमि पूजन के उपरांत सभी श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया गया। मंदिर कमेटी प्रधान ने कहा कि समिति का पूरा प्रयास रहेगा कि मंदिर के प्रथम लेटर तक का कार्य आने वाली शिवरात्रि तक पूरा हो जाए। इस अवसर पर उपस्थित श्रद्धालुओं ने भरपूर सहयोग करते हुए सभी तरह के सहयोग का आश्वासन समिति को दिया। समिति का लक्ष्य क्षेत्र को धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करना समिति द्वारा दो एकड़ भूमि पर शिव पार्क विकसित किया जा रहा है, जिसमें लगभग 51 फीट ऊंची भगवान शंकर की विशाल प्रतिमा स्थापित की गई है। यहां सुबह-शाम क्षेत्र के कई लोग भ्रमण व ध्यान के लिए आते हैं। समिति का लक्ष्य इस क्षेत्र को धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करना है। इसी दिशा में कदम बढ़ाते हुए नगर पालिका द्वारा भी मंदिर परिसर के पास एजेंसी के माध्यम से सर्वेक्षण करवाया गया है। महेंद्रगढ़ में मोदाश्रम मंदिर परिसर में भगवान शंकर के मंदिर के नवनिर्माण की प्रक्रिया का शुरू हो गई। जिसमें साधु संतों के सानिध्य में विधिवत भूमि पूजन किया गया। यह मंदिर लगभग 200 वर्ष पुराना है। इसके निर्माण में करीब 4 करोड़ रुपए खर्च होंगे और करबी डेढ़ से 2 साल में बनकर तैयार होगा। मोदाश्रम मंदिर समिति प्रधान सुधीर ने बताया कि यह प्राचीन शिव मंदिर शहर के दोहन नदी में स्थित है। शहर के ही गुलाब राय लोहिया ने इसकी शुरुआत की थी। उनको भगवान शंकर का दृष्टांत हुआ था। इसके बाद उसने यहां एक मंदिर का निर्माण करवाया और मेला भरवाया। तब से लेकर आज तक यहां साल में दो बार शिवरात्रि पर मेला लगता है। प्रधान ने कहा कि यह शिव मंदिर काफी साल पुराना हो गया था और श्रद्धालुओं की बढ़ती हुई संख्या को देखते हुए हमें प्रेरणा हुई कि इस मंदिर को बड़ा किया जाए। उसी के प्रारूप के लिए भूमि पूजन किया गया। यह मंदिर 90 फीट लंबा और 63 फीट चौड़ा बनेगा। इस मंदिर को बनाने के लिए लगभग डेढ़ से 2 वर्ष लग का समय लग जाएगा। यह क्षेत्र का बहुत सुंदर मंदिर बन रहा है। मंदिर पर लगभग 4 करोड़ रुपए का खर्चा आएगा। मंत्रोच्चारण और धार्मिक विधियों के साथ हुए इस भूमि पूजन कार्यक्रम में क्षेत्र के प्रसिद्ध संत विट्ठल गिरी महाराज, ज्ञानेश्वर गिरी, भवानी शंकर गिरी, शंकर गिरी, योगी वचनाई नाथ, इतवार गिरी, संतू नाथ, श्याम प्रिय फतेहचंद वशिष्ठ सहित कई संतों ने सहभागिता की। कार्यक्रम में क्षेत्र के सामाजिक और धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ-साथ बड़ी संख्या में स्थानीय श्रद्धालु भी मौजूद रहे। श्रद्धालुओं ने भरपूर सहयोग का आश्वासन दिया इस अवसर पर संतों ने प्रवचन दिए और भजन-कीर्तन का आयोजन किया गया, जिससे वातावरण भक्तिमय हो गया। हर-हर महादेव के जयघोष के साथ मंदिर की नींव रखी गई। भूमि पूजन के उपरांत सभी श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया गया। मंदिर कमेटी प्रधान ने कहा कि समिति का पूरा प्रयास रहेगा कि मंदिर के प्रथम लेटर तक का कार्य आने वाली शिवरात्रि तक पूरा हो जाए। इस अवसर पर उपस्थित श्रद्धालुओं ने भरपूर सहयोग करते हुए सभी तरह के सहयोग का आश्वासन समिति को दिया। समिति का लक्ष्य क्षेत्र को धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करना समिति द्वारा दो एकड़ भूमि पर शिव पार्क विकसित किया जा रहा है, जिसमें लगभग 51 फीट ऊंची भगवान शंकर की विशाल प्रतिमा स्थापित की गई है। यहां सुबह-शाम क्षेत्र के कई लोग भ्रमण व ध्यान के लिए आते हैं। समिति का लक्ष्य इस क्षेत्र को धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करना है। इसी दिशा में कदम बढ़ाते हुए नगर पालिका द्वारा भी मंदिर परिसर के पास एजेंसी के माध्यम से सर्वेक्षण करवाया गया है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
