हम लोग बदायूं के बिल्सी इलाके के रहने वाले हैं। मैं अपनी भाभी और मम्मी के साथ आज ही सत्संग में आया था। सत्संग खत्म होते ही अचानक भगदड़ मच गई। जब तक मैं मम्मी को लेकर निकल पाता, लोग उन्हें कुचलते हुए निकल गए। मैं भी गिरा, लेकिन किसी तरह उठकर बाहर भागा, तब जाकर जान बच सकी। भगदड़ के बाद पहुंचा तो देखा कि मेरी मम्मी की सांसें थम गई थीं। मेरी भाभी घायल हैं। उनका इलाज चल रहा है। मेरी आंखों के सामने लोगों ने मेरी मां को कुचल डाला। मैं चीखता-चिल्लाता रहा, लेकिन उस भगदड़ में कोई किसी की सुन नहीं रहा था। हर कोई खुद की और अपनों की जान बचाने की मशक्कत में लगा रहा। ये कहना है हाथरस सत्संग में अपनी मां को खोने वाले वीरेश का। ऐसे ही 4 और प्रत्यक्षदर्शियों से दैनिक भास्कर ने बात की। पढ़िए हादसे का मंजर, उनकी जुबानी… मां बोली- मेरी बेटी को सैकड़ों लोग रौंदते निकल गए
सिकंदराराऊ सीएचसी के बाहर एक महिला अपनी बेटी की लाश से लिपटकर रो रही थी। उसने बताया- मेरी बेटी रोशनी की जान चली गई। बड़ी देर बाद उसे भीड़ में ढूंढ पाए। जब उठाया तो सांसें चल रही थीं। अस्पताल लेकर आए तो उसने दम तोड़ दिया। मेरी बेटी को सैकड़ों लोग रौंदते हुए निकल गए। हम परिवार के साथ सत्संग में आए थे। किसी का कुछ पता नहीं चल रहा है। दो लोगों के शव मेरे सामने हैं। मेरे बेटे, बहू और पोते अभी तक नहीं मिले। भगदड़ में बेटी का हाथ छूटा, फिर लाश मिली
जलेसर से आई एक महिला ने बताया- मैं अपने पति और बेटी खुशबू के साथ सत्संग सुनने आई थी। सत्संग खत्म होने के बाद हम लोग जैसे ही निकलने लगे, लोग अचानक बाहर भागने लगे। फिर भगदड़ मच गई। मैं और मेरे पति अपनी बेटी को लेकर भागे, लेकिन लोग मेरी बेटी को रौंदते निकल गए। बेटी की जान चली गई और पति घायल हैं। गोद में शव लिए बोली- सत्संग सुनने आए थे
हाथरस की रहने वाली सीता ने बताया- आज हम अपनी बहन मंजू राने और उसके 5 साल के बेटे पीके के साथ सत्संग सुनने आए थे। हादसे में मेरी बहन और उसके बेटे की मौत हो गई। मैं खेतों की तरफ भागी, तब जाकर बच सकी। हजारों की भीड़ में लोग एक-दूसरे को रौंदते रहे। कोई किसी को देखने वाला नहीं था। देखा तो मां मरी पड़ी थी- स्वामी
हाथरस के छोटनीपुर में रहने वाले स्वामी ने बताया- मेरी मां की मौत हो गई है। मां मुन्नी देवी आज ही सत्संग सुनने के लिए यहां आई थी। बुजुर्ग थी, मुझे बोलकर आई थी कि बेटा सत्संग में जा रही हूं। भगदड़ की सूचना मिली तो यहां पहुंचा। देखा तो मेरी मां मरी पड़ी थी। ये खबर भी पढ़ें हाथरस में सत्संग के बाद भगदड़, 122 की मौत:भास्कर रिपोर्टर ने अस्पताल के बाहर लाशें गिनीं; शवों को देख हार्टअटैक से पुलिसवाले की मौत यूपी के हाथरस में भोले बाबा के सत्संग के बाद भगदड़ मच गई। इसमें 122 लोगों की मौत हो गई। 150 से अधिक घायल हैं। कई लोगों की हालत गंभीर है। ऐसे में मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। हादसा हाथरस जिले से 47 किमी दूर फुलरई गांव में मंगलवार दोपहर 11 बजे हुआ। पूरी खबर पढ़ें हम लोग बदायूं के बिल्सी इलाके के रहने वाले हैं। मैं अपनी भाभी और मम्मी के साथ आज ही सत्संग में आया था। सत्संग खत्म होते ही अचानक भगदड़ मच गई। जब तक मैं मम्मी को लेकर निकल पाता, लोग उन्हें कुचलते हुए निकल गए। मैं भी गिरा, लेकिन किसी तरह उठकर बाहर भागा, तब जाकर जान बच सकी। भगदड़ के बाद पहुंचा तो देखा कि मेरी मम्मी की सांसें थम गई थीं। मेरी भाभी घायल हैं। उनका इलाज चल रहा है। मेरी आंखों के सामने लोगों ने मेरी मां को कुचल डाला। मैं चीखता-चिल्लाता रहा, लेकिन उस भगदड़ में कोई किसी की सुन नहीं रहा था। हर कोई खुद की और अपनों की जान बचाने की मशक्कत में लगा रहा। ये कहना है हाथरस सत्संग में अपनी मां को खोने वाले वीरेश का। ऐसे ही 4 और प्रत्यक्षदर्शियों से दैनिक भास्कर ने बात की। पढ़िए हादसे का मंजर, उनकी जुबानी… मां बोली- मेरी बेटी को सैकड़ों लोग रौंदते निकल गए
सिकंदराराऊ सीएचसी के बाहर एक महिला अपनी बेटी की लाश से लिपटकर रो रही थी। उसने बताया- मेरी बेटी रोशनी की जान चली गई। बड़ी देर बाद उसे भीड़ में ढूंढ पाए। जब उठाया तो सांसें चल रही थीं। अस्पताल लेकर आए तो उसने दम तोड़ दिया। मेरी बेटी को सैकड़ों लोग रौंदते हुए निकल गए। हम परिवार के साथ सत्संग में आए थे। किसी का कुछ पता नहीं चल रहा है। दो लोगों के शव मेरे सामने हैं। मेरे बेटे, बहू और पोते अभी तक नहीं मिले। भगदड़ में बेटी का हाथ छूटा, फिर लाश मिली
जलेसर से आई एक महिला ने बताया- मैं अपने पति और बेटी खुशबू के साथ सत्संग सुनने आई थी। सत्संग खत्म होने के बाद हम लोग जैसे ही निकलने लगे, लोग अचानक बाहर भागने लगे। फिर भगदड़ मच गई। मैं और मेरे पति अपनी बेटी को लेकर भागे, लेकिन लोग मेरी बेटी को रौंदते निकल गए। बेटी की जान चली गई और पति घायल हैं। गोद में शव लिए बोली- सत्संग सुनने आए थे
हाथरस की रहने वाली सीता ने बताया- आज हम अपनी बहन मंजू राने और उसके 5 साल के बेटे पीके के साथ सत्संग सुनने आए थे। हादसे में मेरी बहन और उसके बेटे की मौत हो गई। मैं खेतों की तरफ भागी, तब जाकर बच सकी। हजारों की भीड़ में लोग एक-दूसरे को रौंदते रहे। कोई किसी को देखने वाला नहीं था। देखा तो मां मरी पड़ी थी- स्वामी
हाथरस के छोटनीपुर में रहने वाले स्वामी ने बताया- मेरी मां की मौत हो गई है। मां मुन्नी देवी आज ही सत्संग सुनने के लिए यहां आई थी। बुजुर्ग थी, मुझे बोलकर आई थी कि बेटा सत्संग में जा रही हूं। भगदड़ की सूचना मिली तो यहां पहुंचा। देखा तो मेरी मां मरी पड़ी थी। ये खबर भी पढ़ें हाथरस में सत्संग के बाद भगदड़, 122 की मौत:भास्कर रिपोर्टर ने अस्पताल के बाहर लाशें गिनीं; शवों को देख हार्टअटैक से पुलिसवाले की मौत यूपी के हाथरस में भोले बाबा के सत्संग के बाद भगदड़ मच गई। इसमें 122 लोगों की मौत हो गई। 150 से अधिक घायल हैं। कई लोगों की हालत गंभीर है। ऐसे में मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। हादसा हाथरस जिले से 47 किमी दूर फुलरई गांव में मंगलवार दोपहर 11 बजे हुआ। पूरी खबर पढ़ें उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर