<p style=”text-align: justify;”><strong>Allahabad High Court:</strong> इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चार साल की मासूम बच्ची से रेप की कोशिश के आरोपी की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है. जमानत अर्जी खारिज करते हुए हाईकोर्ट ने तल्ख टिप्पणी भी की है. हाईकोर्ट ने कहा है कि जिस देश में बच्चियों की पूजा की जाती है, उस देश में छोटी बच्चियों के साथ रेप जैसा घृणित अपराध किया जा रहा है. कोर्ट ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं. कोर्ट ने कहा यह केवल पीड़िता ही नहीं, बल्कि समाज के खिलाफ भी गंभीर अपराध है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>कोर्ट के मुताबिक ऐसा अपराध अनुच्छेद 21 में मिले जीवन के मूल अधिकारों का हनन है. ऐसे मामलों में यदि सही निर्णय नहीं लिया गया तो न्याय व्यवस्था से जन विश्वास उठ जाएगा. कोर्ट ने याची को जमानत देने से इंकार करते हुए ट्रायल एक साल में पूरा करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने कहा जिस बच्ची को अपराध का मतलब नहीं मालूम, उसके साथ रेप की कोशिश की गई.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मुरादाबाद के कटघर थाना क्षेत्र के अभियुक्त अहसान की जमानत अर्जी कोर्ट ने खारिज कर दी है. इसी साल 21 अप्रैल को दिन में तीन बजे बच्ची घर के बाहर हो रहे शो को देखने गई थी. लोगों ने बताया कि याची उसे अपने साथ ले गया है. परिवार ने लड़की की तलाश शुरू की. रेलवे गेट क्रासिंग के पास आवाज सुनाई दी तो परिवार वालों को आता देख याची भाग खड़ा हुआ. बच्ची बेहोश थी, कपड़े उतरे थे, शरीर पर कई चोटें थी. मासूम बच्ची से रेप की कोशिश की गई थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>याचिकाकर्ता ने लगाया झूठा फंसाने का आरोप</strong><br />याची का कहना था कि वह निर्दोष है, उसे झूठा फंसाया गया है. 21 अप्रैल की घटना की एफआईआर छह दिन बाद 27 अप्रैल को लिखाई गई है, लेकिन देरी का कारण नहीं बताया गया. याची 31 मई से जेल में बंद है. याची ने शिकायतकर्ता के ड्राइवर वसीम के खिलाफ शिकायत की थी. उसने गलत काम किया और भाग कर मेरे घर में घुस गया. उसके खिलाफ झूठी एफआईआर दर्ज कराई गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>याची का यह भी कहना था कि पीड़िता के दोनों बयानों में विरोधाभास है, मेडिकल रिपोर्ट के विपरीत है. मेडिकल रिपोर्ट में अंदरूनी व बाहरी कोई चोट नहीं पाई गई है, जबकि एफआईआर में शरीर पर चोटों का जिक्र किया गया है. याची ने अपने खिलाफ दर्ज चार आपराधिक केसों के इतिहास का खुलासा किया है. सरकारी वकील ने भी जमानत का विरोध किया और कहा यह अपराध जघन्य है. आरोपी जमानत पर रिहा किए जाने लायक नहीं है. कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद जमानत अर्जी खारिज कर दी. मामले की सुनवाई जस्टिस शेखर कुमार यादव की सिंगल बेंच में हुई.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ये भी पढे़ं: <a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/yogi-cabinet-minister-dinesh-pratap-singh-reaction-on-wayanad-congress-candidate-priyanaka-gandhi-2804823″><strong>प्रियंका गांधी को उम्मीदवार बनाए जाने पर योगी के मंत्री बोले- ‘लड़की लड़ नहीं पाई और भाग ही गई'</strong></a></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Allahabad High Court:</strong> इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चार साल की मासूम बच्ची से रेप की कोशिश के आरोपी की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है. जमानत अर्जी खारिज करते हुए हाईकोर्ट ने तल्ख टिप्पणी भी की है. हाईकोर्ट ने कहा है कि जिस देश में बच्चियों की पूजा की जाती है, उस देश में छोटी बच्चियों के साथ रेप जैसा घृणित अपराध किया जा रहा है. कोर्ट ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं. कोर्ट ने कहा यह केवल पीड़िता ही नहीं, बल्कि समाज के खिलाफ भी गंभीर अपराध है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>कोर्ट के मुताबिक ऐसा अपराध अनुच्छेद 21 में मिले जीवन के मूल अधिकारों का हनन है. ऐसे मामलों में यदि सही निर्णय नहीं लिया गया तो न्याय व्यवस्था से जन विश्वास उठ जाएगा. कोर्ट ने याची को जमानत देने से इंकार करते हुए ट्रायल एक साल में पूरा करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने कहा जिस बच्ची को अपराध का मतलब नहीं मालूम, उसके साथ रेप की कोशिश की गई.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मुरादाबाद के कटघर थाना क्षेत्र के अभियुक्त अहसान की जमानत अर्जी कोर्ट ने खारिज कर दी है. इसी साल 21 अप्रैल को दिन में तीन बजे बच्ची घर के बाहर हो रहे शो को देखने गई थी. लोगों ने बताया कि याची उसे अपने साथ ले गया है. परिवार ने लड़की की तलाश शुरू की. रेलवे गेट क्रासिंग के पास आवाज सुनाई दी तो परिवार वालों को आता देख याची भाग खड़ा हुआ. बच्ची बेहोश थी, कपड़े उतरे थे, शरीर पर कई चोटें थी. मासूम बच्ची से रेप की कोशिश की गई थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>याचिकाकर्ता ने लगाया झूठा फंसाने का आरोप</strong><br />याची का कहना था कि वह निर्दोष है, उसे झूठा फंसाया गया है. 21 अप्रैल की घटना की एफआईआर छह दिन बाद 27 अप्रैल को लिखाई गई है, लेकिन देरी का कारण नहीं बताया गया. याची 31 मई से जेल में बंद है. याची ने शिकायतकर्ता के ड्राइवर वसीम के खिलाफ शिकायत की थी. उसने गलत काम किया और भाग कर मेरे घर में घुस गया. उसके खिलाफ झूठी एफआईआर दर्ज कराई गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>याची का यह भी कहना था कि पीड़िता के दोनों बयानों में विरोधाभास है, मेडिकल रिपोर्ट के विपरीत है. मेडिकल रिपोर्ट में अंदरूनी व बाहरी कोई चोट नहीं पाई गई है, जबकि एफआईआर में शरीर पर चोटों का जिक्र किया गया है. याची ने अपने खिलाफ दर्ज चार आपराधिक केसों के इतिहास का खुलासा किया है. सरकारी वकील ने भी जमानत का विरोध किया और कहा यह अपराध जघन्य है. आरोपी जमानत पर रिहा किए जाने लायक नहीं है. कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद जमानत अर्जी खारिज कर दी. मामले की सुनवाई जस्टिस शेखर कुमार यादव की सिंगल बेंच में हुई.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ये भी पढे़ं: <a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/yogi-cabinet-minister-dinesh-pratap-singh-reaction-on-wayanad-congress-candidate-priyanaka-gandhi-2804823″><strong>प्रियंका गांधी को उम्मीदवार बनाए जाने पर योगी के मंत्री बोले- ‘लड़की लड़ नहीं पाई और भाग ही गई'</strong></a></p> उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड बहराइच हिंसा: रामगोपाल को लगे थे करीब 30 छर्रे, आंख के ऊपर मारा गया था ब्लंट ऑब्जेक्ट, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कई खुलासे