<p style=”text-align: justify;”>मुंबई में आसमान में लालटेन उड़ाने पर बैन लगा दिया गया है. साथ ही इसकी बिक्री पर भी प्रतिबंध रहेगा. सुरक्षा कारणों के तरह पुलिस ने ये फैसला लिया है. 21 नवंबर तक ये प्रतिबंध रहेगा. यानी एक महीने तक मुंबई में न तो इसे बेचा जाएगा और न ही उड़ाया जाएगा.</p> <p style=”text-align: justify;”>मुंबई में आसमान में लालटेन उड़ाने पर बैन लगा दिया गया है. साथ ही इसकी बिक्री पर भी प्रतिबंध रहेगा. सुरक्षा कारणों के तरह पुलिस ने ये फैसला लिया है. 21 नवंबर तक ये प्रतिबंध रहेगा. यानी एक महीने तक मुंबई में न तो इसे बेचा जाएगा और न ही उड़ाया जाएगा.</p> महाराष्ट्र बजरंग पूनिया की ताजपोशी में कुमारी सैलजा और बीरेंद्र सिंह रहे मौजूद, हुड्डा परिवार रहा दूर
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लहंदे पंजाब के उजड़े परिवारों के हरियाणा में तोड़े घर:SGPC प्रतिनिधिमंडल ने किया दौरान; सरकार से सहायता की रखी मांग
लहंदे पंजाब के उजड़े परिवारों के हरियाणा में तोड़े घर:SGPC प्रतिनिधिमंडल ने किया दौरान; सरकार से सहायता की रखी मांग शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने लहंदे पंजाब (पश्चिमी पंजाब) से बंटवारे के समय हरियाणा के करनाल जिले में अमुपुर गांव में में बसे चार सिख परिवारों के मकानों को तोड़ने की कार्रवाई का विरोध किया है। हरियाणा सरकार की तरफ से की गई कार्रवाई का संज्ञान लेते हुए आज मंगलवार को SGPC का एक प्रतिनिधिमंडल गांव अमुपुर पहुंचा। प्रभावित परिवारों से मुलाकात की और 1-1 लाख रुपए का चैक सौंपा। SGPC अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने एक कमेटी का गठन किया, जिसमें शिरोमणि कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष हरभजन सिंह मसाना, जूनियर उपाध्यक्ष गुरबख्श सिंह खालसा, सदस्य भाई गुरचरण सिंह ग्रेवाल और धर्म प्रचार समिति के सदस्य तेजिंदरपाल सिंह लाडवां शामिल हैं। SGPC के इस प्रतिनिधिमंडल ने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और जमीनी स्तर पर पूरी स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि SGPC की तरफ से हरियाणा सरकार की धक्केशाही और दमन का पुरजोर विरोध किया जाएगा। सहायता देने की घोषणा SGPC ने चारों पीड़ित सिख परिवारों को एक-एक लाख रुपए की प्रारंभिक सहायता देने की घोषणा की और राज्य में हरियाणा की भाजपा सरकार के अमानवीय कृत्य की कड़ी निंदा की। हरियाणा सरकार से इन परिवारों के साथ न्याय करने को कहा। भाजपा की सिख विरोधी नीतियां इससे उजागर हुई SGPC ने मानवाधिकार से जुड़े संगठनों और कार्यकर्ताओं से हरियाणा में भाजपा सरकार द्वारा सिखों के खिलाफ इस धक्के के खिलाफ आवाज उठाने की अपील की। मसाना ने सभी सिख संगठनों और संगठनों से भी अपील की कि वे इन परिवारों की यथासंभव मदद करें, ताकि इस दुख की घड़ी में उन्हें सहारा मिल सके। शिरोमणि कमेटी के सदस्य भाई गुरचरण सिंह ग्रेवाल ने हरियाणा की भाजपा सरकार की सिख विरोधी कार्रवाई की कड़ी निंदा की और कहा कि सरकार की इस कार्रवाई से सिखों में गहरा गुस्सा है। इस कार्रवाई से भाजपा की सिख विरोधी नीति एक बार फिर उजागर हो गई है। हरियाणा सरकार सिखों से कर रही धक्का SGPC सदस्यों ने कहा कि इसकी जिम्मेदारी हरियाणा सरकार की है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देखना चाहिए कि उनकी पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार हरियाणा में सिखों के साथ किस तरह से धक्का कर रही है। खुद को भाजपा नेता बताने वाले सिखों को बताना चाहिए कि बीजेपी सरकार के राज्य में सिखों के घर क्यों तोड़े जा रहे हैं। SGPC ने कुरूक्षेत्र में कार्यरत हरियाणा सरकार द्वारा नामित हरियाणा सिख गुरुद्वारा कमेटी के प्रतिनिधियों की भी कड़ी निंदा की और कहा कि कई दिन बीत जाने के बाद भी उन्होंने अमुपुर में पीड़ित सिख परिवारों से मुलाकात नहीं की नहीं पहुंचे। विभाजन के समय उजड़ कर यहां बसे थे परिवार पीड़ित बूटा सिंह ने जानकारी साझा की कि वे चार भाई हैं। उनका परिवार देश के विभाजन के बाद लहंदे पंजाब से आकर अमूपुर गांव के इस स्थान पर बस गया था। लेकिन 26 जून 2024 को अचानक सरकारी अधिकारियों ने पुलिस बल के साथ चारों परिवारों के घर को तोड़ दिया।
किराया न चुकाना पड़े, इसलिए क्रूज बंद करने की तैयारी:लेक क्वीन क्रूज का 89 लाख से अधिक किराया बाकी, GDA ने भेजी एक और नोटिस
किराया न चुकाना पड़े, इसलिए क्रूज बंद करने की तैयारी:लेक क्वीन क्रूज का 89 लाख से अधिक किराया बाकी, GDA ने भेजी एक और नोटिस गोरखपुर के रामगढ़ताल में चल रहे लेक क्वीन क्रूज को बंद करने का फैसला क्रूज संचालक ने यूं ही नहीं लिया, बल्कि इसके पीछे एक बड़ी वजह निकलकर सामने आई है। क्रूज तो शुरू हो गया लेकिन क्रूज का संचालन करने वाली कंपनी गोरखपुर विकास प्राधिकरण (GDA) को इसका किराया नहीं चुका रही है। GDA के मुताबिक, क्रूज के लिए 89 लाख रुपए से अधिक किराया अभी बकाया है। GDA की ओर से 04 अक्टूबर 2024 को दूसरी नोटिस जारी कर 89 लाख से अधिक बकाया किराया जमा करने को कहा गया था। नोटिस में एक सप्ताह का समय दिया गया था, लेकिन अभी तक बकाया नहीं जमा किया गया है। इससे पहले भी GDA की ओर से संचालक को एक नोटिस जारी की गई थी। सिर्फ नोटिस जारी कर रहा GDA
ऐसे में बकाया किराया हर माह बढ़ता जा रहा है और GDA नोटिस जारी करने के अलावा कुछ नहीं कर पा रहा है। GDA जब भी किराया जमा कराने को नोटिस जारी करता है, तब क्रूज का संचालन ठप होने को लेकर चर्चा शुरू हो जाती है। पिछली नोटिस की तरह इस नोटिस के बाद भी माहौल बनाया जा रहा है, लेकिन GDA की मजबूरी ये है कि वह किराया वसूली के लिए नोटिस पर नोटिस करेगा। साथ ही फर्म की ओर से किराया कम करने के लिए दिए गए आवेदन पर भी GDA ने असमर्थता जताते हुए हाथ खड़े कर दिया है। GDA के अफसरों का कहना है कि ताल में पानी का स्तर भरपूर है। क्योंकि क्रूज का संचालन भी लगातार हो रहा है। बकाया किराया जमा करने से बचने के लिए संचालक की ओर से क्रूज को बंद करने का एक बार फिर शिगुफा छोड़ दिया जाता है। 4 अक्टूबर को किराए की नोटिस जारी होते ही यह मामला फिर चर्चा में आ गया। ताल में पानी भरपूर, कमाई भी कम नहीं
दरअसल, रामगढ़ ताल में पानी और जेटी पर पर्यटकों की संख्या में कमी को लेकर गोरखपुर विकास प्राधिकरण (GDA) ने जानकारी लेना शुरू कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक GDA को जानकारी मिली है फर्म की ओर से बैंक की भारी किस्त नियमित जमा की जा रही है, लेकिन GDA को मासिक किराया नहीं दिया जा रहा है। जबकि, क्रूज पर पर्यटक पहुंच रहे हैं। हर रात हो रही क्रूज पर पार्टी की बुकिंग
औसतन हर दिन रात 8 बजे की शिफ्ट में पार्टी बुकिंग भी हो रही है। GDA ने रामगढ़ताल के जल स्तर के बारे में भी जानकारी हासिल किया है। ताल के बीच में तीन मीटर और किनारों पर एक से लेकर दो मीटर तक जलस्तर बना हुआ है। सितंबर में हुई जोरदार बारिश के चलते रामगढ़ताल में पानी का स्तर इतना बढ़ गया था कि सभी गेट खोलने पड़े थे। ऐसे में इस समय ताल में पानी की कमी का सवाल ही नहीं उठता है। GDA के लिए बवाल-ए-जान बना इतिहास बनाना
रामगढ़ताल में क्रूज चलाने का इतिहास बनाना GDA के लिए बवाल-ए-जान बन गया है। ताल में क्रूज की शुरुआत कर GDA ने बड़ी उपलब्धि दर्ज कराया। लेकिन, अब क्रूज का संचालन कठिन सवाल बन गया है। क्रूज का संचालन कई महीने से हो रहा है, लेकिन GDA को किराए के तौर पर एक रुपए नहीं मिल रहे हैं। सर्वाधिक बोली लगाकर क्रूज चलाने का ठेका हासिल करने वाली फर्म ने एडवांस छोड़ कर एक माह का भी किराया नहीं जमा किया है। 3 लाख था बेस किराया, 7.41 लाख की लगी बोली
रामगढ़ ताल में क्रूज का किराये पर संचालन को लेकर GDA की ओर से GST रहित बेस फेयर 03 लाख रुपए प्रतिमाह रखा गया था। कई फर्मो ने टेंडर डाला था, लेकिन क्रूज का संचालन करने वाली फर्म ने 7.41 लाख प्रतिमाह की बोली लगाकर टेंडर पाने में कामयाब रही। क्रूज का संचालन शुरू करने के बाद से ही फर्म ने किराया जमा करने में कोई रुचि नहीं ली। समय के साथ बकाया राशि बढ़क कर अब 89 लाख रुपए से अधिक हो गई है। यह भी पढ़ें:- गोरखपुर में नहीं आ रहे पर्यटक, क्रूज चलाना मुश्किल: संचालक ने कहा- लाखों का नुकसान; रामगढ़ताल में पानी कम, नहीं मिल रही सुविधाएं गोरखपुर के रामगढ़ताल में 2 साल पहले शुरू हुआ लेक क्वीन क्रूज आर्थिक तंगी से जूझ रहा है। शिप संचालक ने नुकसान का हवाला देते हुए इसके परिचालन को बंद करने की मांग की है। संचालक राजकुमार राय ने गोरखपुर विकास प्राधिकरण (GDA) को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने पर्यटकों की कमी का जिक्र किया। 2 साल पहले ही सीएम योगी ने इस क्रूज का उद्घाटन किया था। ऐसे में अगर क्रूज का संचालन बंद होता है, तो इससे गोरखपुर में पर्यटन को बड़ा झटका लग सकता है। पूरी खबर पढ़ें…
AAP व भाजपा उम्मीदवारों के घरों के बाहर लगाएंगे मोर्चा:बीकेयू (उगराहां) ने किया ऐलान, धान की उचित लिफ्टिंग व DAP कमी है मुद्दा
AAP व भाजपा उम्मीदवारों के घरों के बाहर लगाएंगे मोर्चा:बीकेयू (उगराहां) ने किया ऐलान, धान की उचित लिफ्टिंग व DAP कमी है मुद्दा धान की लिफ्टिंग व DAP कमी के मुद्दे को लेकर संघर्ष पर चल रही भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां ने अब अपनी स्ट्रेटजी बदली है। यूनियन ने आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायकों-मंत्रियों और भाजपा नेताओं के घरों के बाहर 16 दिन से चल रहे पक्के मोर्चे खत्म करने का फैसला लिया है। यूनियन ने तय किया है कि अब चार विधानसभा सीटों बरनाला, गिद्दड़बाहा, चब्बेवाल व डेरा बाबा नानक में आप और भाजपा द्वारा उतारे गए उम्मीदवारों के घरों के बाहर पक्का मोर्चा लगाया जाएगा। यूनियन के प्रधान जोगिंदर सिंह उगराहां ने इस चीज ऐलान किया है। उन्होंने बताया कि तीन तारीख को जिला स्तर पर बड़ी मीटिंग की जाएंगी। वहीं, चार नवंबर से धरने लगाने की तैयारी है। हालांकि 25 टोल प्लाजा पहले की तरह फ्री रहेंगे। जब उनसे पूछा गया कि क्या उम्मीदवारों को घेरकर सवाल जबाव भी किए जाएंगे, तो उनका कहना था कि इस में बारे भी विचार किया जा सकता है। धान की लिफ्टिंग से संतुष्ट नहीं है उगराहां ने बताया कि राज्य की मंडियों में धान लिफ्टिंग व डीएपी की कमी का मामला केंद्र की भाजपा और पंजाब की सरकार से जुड़ा हुआ है। अभी तक यूनियन धान की लिफ्टिंग के मामले से संतुष्ट नहीं है। ऐसे में अब संघर्ष की रणनीति बदली है। उन्होंने साफ किया है कि 25 टोल प्लाजा पहले की तरह फ्री रहेंगे। अब कुल 33 जगह पर संघर्ष चलेगा। जबकि 25 जगह आप नेता ( विधायक व मंत्री) व भाजपा नेताओं के घरों से मोर्चे हटाए जाएंगे। उन्होंने अन्य किसान यूनियनों को कहा कि 20 से 22 टोल प्लाजा शेष रह गए हैं। ऐसे में वह उन्हें बंद कर दें, ताकि सरकार पर प्रेशर बनाया जा सकें। अब किसान मंडियों में एक्टिव होंगे नेता किसान नेताओं ने बताया कि जो किसान पहले मंत्रियों और नेताओं के घरों के बाहर पक्के मोर्चे पर बैठे थे। वह अब अपने एरिया की मंडियों में जाएंगे। वहां पर देखेंगे कि किसी तरह की किसानों को काेई दिक्कत तो नहीं आ रही है। अगर कोई दिक्कत होती है तो मौके पर ऐक्शन लिया जाएगा। जरूरत पड़ी तो अधिकारियों का घेराव तक किया जाएंगा। याद रहे कि संयुक्त किसान मोर्चा गैर राजनीतिक भी संघर्ष पर चल रहा है। वह पांच हाईवे के किनारे पर बैठा हुआ है। मोर्चा पहले ही साफ कर चुका है कि जरूरत पड़ी तो भी सड़कों पर आने से नहीं रुकेंगे। इससे पहले मोर्चे ने हाईवे जाम किए थे, तो सरकार के कृषि गुरमीत सिंह व फूड सप्लाई मंत्री लाल चंद कटारूचक्क ने फगवाड़ा में पहुंचकर मीटिंग की थी। जिसके बाद किसान सड़कों से हटे थे।