मुक्तसर में शिरोमणि अकाली दल ने चुनाव में धक्केशाही के खिलाफ प्रदर्शन किया। पार्टी ने डीसी कार्यालय के समक्ष धरना देकर पंजाब सरकार और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। इस मौके पर सुखबीर बादल ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि यह पहली बार है, जब मैंने अपने राजनीतिक जीवन में देखा है कि चुनाव चिन्ह आवंटित होने के बाद भी नामांकन रद्द कर दिए गए। उन्होंने बिना हरदीप सिंह डिंपी ढिल्लों का नाम लिए कहा कि गिदड़बाहा उपचुनाव में नए बने झाड़ू वाले नेताओं की जमानत जब्त हो जाएगी। गिदड़बाहा के कई गांवों में विरोधी दल के नामांकन रद्द कर दिए गए हैं, जिससे पूरा गिदड़बाहा हड़ताल पर बैठ गया है। सुखबीर ने कहा कि अब उनके नामांकन रद्द हो गए हैं, लेकिन वे उपचुनाव में नामांकन रद्द नहीं कर सकेंगे। गिदड़बाहा उपचुनाव डेढ़-दो महीने बाद होंगे। गुरुवार को एसडीएम दफ्तर का घेराव करेंगे
सुखबीर बादल ने आगे कहा कि पंजाब सरकार की तानाशाही के विरोध में गुरुवार सुबह 11 बजे गिदड़बाहा के एसडीएम दफ्तर का घेराव करेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि डीसी मुक्तसर के इशारे पर विरोधी दल के नामांकन रद्द किए गए हैं। वे इस मामले को हाईकोर्ट में ले जाएंगे और अधिकारियों को अदालत में भी घसीटा जाएगा। उन्होंने कहा कि पंचायती चुनावों में चाहे जितनी धांधली कर लो, लेकिन उपचुनावों में आप बुरी तरह हारोगे। उन्होंने कहा कि बदलाव ने पंजाब की स्थिति को बदतर कर दिया है। नौजवान विदेश जा रहे हैं, व्यापारी समेत अन्य वर्गों के लोग दुखी हैं। सुखबीर ने कहा कि सही मायनों में भगवंत मान मुख्यमंत्री ही नहीं हैं। केजरीवाल दिल्ली से सरकार चला रहे हैं, और भगवंत मान तो अपनी मर्जी से दफ्तर के कर्मचारियों की नियुक्ति भी नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि भगवंत मान ने मुख्यमंत्री बनने के बाद से कुछ नहीं किया, जबकि अकाली दल ने पंजाब में कई विकास कार्य किए हैं। मुक्तसर में शिरोमणि अकाली दल ने चुनाव में धक्केशाही के खिलाफ प्रदर्शन किया। पार्टी ने डीसी कार्यालय के समक्ष धरना देकर पंजाब सरकार और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। इस मौके पर सुखबीर बादल ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि यह पहली बार है, जब मैंने अपने राजनीतिक जीवन में देखा है कि चुनाव चिन्ह आवंटित होने के बाद भी नामांकन रद्द कर दिए गए। उन्होंने बिना हरदीप सिंह डिंपी ढिल्लों का नाम लिए कहा कि गिदड़बाहा उपचुनाव में नए बने झाड़ू वाले नेताओं की जमानत जब्त हो जाएगी। गिदड़बाहा के कई गांवों में विरोधी दल के नामांकन रद्द कर दिए गए हैं, जिससे पूरा गिदड़बाहा हड़ताल पर बैठ गया है। सुखबीर ने कहा कि अब उनके नामांकन रद्द हो गए हैं, लेकिन वे उपचुनाव में नामांकन रद्द नहीं कर सकेंगे। गिदड़बाहा उपचुनाव डेढ़-दो महीने बाद होंगे। गुरुवार को एसडीएम दफ्तर का घेराव करेंगे
सुखबीर बादल ने आगे कहा कि पंजाब सरकार की तानाशाही के विरोध में गुरुवार सुबह 11 बजे गिदड़बाहा के एसडीएम दफ्तर का घेराव करेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि डीसी मुक्तसर के इशारे पर विरोधी दल के नामांकन रद्द किए गए हैं। वे इस मामले को हाईकोर्ट में ले जाएंगे और अधिकारियों को अदालत में भी घसीटा जाएगा। उन्होंने कहा कि पंचायती चुनावों में चाहे जितनी धांधली कर लो, लेकिन उपचुनावों में आप बुरी तरह हारोगे। उन्होंने कहा कि बदलाव ने पंजाब की स्थिति को बदतर कर दिया है। नौजवान विदेश जा रहे हैं, व्यापारी समेत अन्य वर्गों के लोग दुखी हैं। सुखबीर ने कहा कि सही मायनों में भगवंत मान मुख्यमंत्री ही नहीं हैं। केजरीवाल दिल्ली से सरकार चला रहे हैं, और भगवंत मान तो अपनी मर्जी से दफ्तर के कर्मचारियों की नियुक्ति भी नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि भगवंत मान ने मुख्यमंत्री बनने के बाद से कुछ नहीं किया, जबकि अकाली दल ने पंजाब में कई विकास कार्य किए हैं। पंजाब | दैनिक भास्कर