मुख्तार अंसारी गैंग का शूटर एनकाउंटर में ढेर:2.5 लाख का इनाम था, झारखंड में यूपी STF ने मार गिराया

मुख्तार अंसारी गैंग का शूटर एनकाउंटर में ढेर:2.5 लाख का इनाम था, झारखंड में यूपी STF ने मार गिराया

इस वक्त की बड़ी खबर झारखंड के जमशेदपुर से आ रही है। यहां एनकाउंटर में मुख्तार अंसारी गैंग के 2.5 लाख रुपए के इनामी शूटर अनुज कनौजिया को एनकाउंटर में ढेर कर दिया गया है। शनिवार को जमशेदपुर में यूपी STF और झारखंड पुलिस के संयुक्त अभियान में मुठभेड़ में मार गिराया गया। ADG UP STF अमिताभ यश ने बताया- STF और झारखंड पुलिस ने सूचना के आधार पर अनुज कनौजिया को पकड़ने की कोशिश की, लेकिन उसने सुरक्षा बलों की ओर फायरिंग शुरू कर दी। क्रॉस फायरिंग में अनुज कनौजिया मारा गया। शूटर अनुज कनौजिया को जानिए- मऊ से 40 किमी दूर गाजीपुर और आजमगढ़ के बॉर्डर पर चिरैयाकोट कस्बा है। इससे 10 किमी दूर, सड़क से 2 किमी अंदर बहलोलपुर गांव है। अनुज कनौजिया इसी गांव का है। गांव में घुसते ही दो टूटे मकान दिखते हैं। एक अनुज के मां-बाप का है और दूसरा भाई का। अनुज 17 साल का था, जब घर छोड़कर भागा था। भाई की हत्या हुई, फिर खुद की जान पर आई तो अपराधी बन गया
अनुज अपराधी कैसे बना? इसका जवाब उसके बड़े भाई विनोद से मिला। विनोद मजदूरी करते हैं। उन्होंने 17 साल पुराने किस्से से शुरुआत की। कहने लगे, ‘हमारे पिता हनुमान कनौजिया सरकारी स्कूल में टीचर थे। हम तीन भाई थे। मैं, मनोज और अनुज। 2006-07 की बात है। हमारा पट्टीदारों से झगड़ा हुआ था। बीच में बाबूसाहब (ठाकुर) लोग आ गए। झगड़ा होने पर वे मनोज के पीछे पड़ गए।’ ‘एक दिन मनोज को बहुत पीटा और अधमरी हालत में खेत में फेंक गए। मनोज ने बदला लेने के लिए बाबूसाहब के परिवार के एक आदमी का मर्डर कर दिया और भाग गया। कुछ साल फरार रहा। उसके साथ एक लड़का और था, उसने मुखबिरी कर दी।’ ‘पुलिस ने मनोज को पकड़ लिया और बाबूसाहब लोगों को सौंप दिया। उन लोगों ने उसे इतना मारा कि उसकी जान निकल गई। पुलिस ने मनोज का एनकाउंटर दिखा दिया। इसके बाद बाबूसाहब लोग अनुज के पीछे पड़ गए। अनुज ने बाबूसाहब के परिवार के शरद सिंह की हत्या कर दी और फरार हो गया। तब वो 17 साल का था।’ ‘गांव से भागकर अनुज मुख्तार अंसारी के पास पहुंच गया। मुख्तार उससे अपने काम कराता और बदले में उसे पुलिस और जेल जाने से बचाता। हालांकि 6-7 महीने में ही अनुज मुख्तार से अलग हो गया था। इधर झगड़ा बढ़ने के बाद हम अपने परिवार के साथ मुंबई चले गए।’ ‘मामला शांत हो गया, तभी लौटे। अब प्रशासन हमारे ऊपर कार्रवाई कर रहा है। हमारा घर तोड़ दिया। कहते हैं कि तालाब की जमीन पर कब्जा किया है। अनुज की कमाई से घर बना है।’ खबर अपडेट की जा रही है… इस वक्त की बड़ी खबर झारखंड के जमशेदपुर से आ रही है। यहां एनकाउंटर में मुख्तार अंसारी गैंग के 2.5 लाख रुपए के इनामी शूटर अनुज कनौजिया को एनकाउंटर में ढेर कर दिया गया है। शनिवार को जमशेदपुर में यूपी STF और झारखंड पुलिस के संयुक्त अभियान में मुठभेड़ में मार गिराया गया। ADG UP STF अमिताभ यश ने बताया- STF और झारखंड पुलिस ने सूचना के आधार पर अनुज कनौजिया को पकड़ने की कोशिश की, लेकिन उसने सुरक्षा बलों की ओर फायरिंग शुरू कर दी। क्रॉस फायरिंग में अनुज कनौजिया मारा गया। शूटर अनुज कनौजिया को जानिए- मऊ से 40 किमी दूर गाजीपुर और आजमगढ़ के बॉर्डर पर चिरैयाकोट कस्बा है। इससे 10 किमी दूर, सड़क से 2 किमी अंदर बहलोलपुर गांव है। अनुज कनौजिया इसी गांव का है। गांव में घुसते ही दो टूटे मकान दिखते हैं। एक अनुज के मां-बाप का है और दूसरा भाई का। अनुज 17 साल का था, जब घर छोड़कर भागा था। भाई की हत्या हुई, फिर खुद की जान पर आई तो अपराधी बन गया
अनुज अपराधी कैसे बना? इसका जवाब उसके बड़े भाई विनोद से मिला। विनोद मजदूरी करते हैं। उन्होंने 17 साल पुराने किस्से से शुरुआत की। कहने लगे, ‘हमारे पिता हनुमान कनौजिया सरकारी स्कूल में टीचर थे। हम तीन भाई थे। मैं, मनोज और अनुज। 2006-07 की बात है। हमारा पट्टीदारों से झगड़ा हुआ था। बीच में बाबूसाहब (ठाकुर) लोग आ गए। झगड़ा होने पर वे मनोज के पीछे पड़ गए।’ ‘एक दिन मनोज को बहुत पीटा और अधमरी हालत में खेत में फेंक गए। मनोज ने बदला लेने के लिए बाबूसाहब के परिवार के एक आदमी का मर्डर कर दिया और भाग गया। कुछ साल फरार रहा। उसके साथ एक लड़का और था, उसने मुखबिरी कर दी।’ ‘पुलिस ने मनोज को पकड़ लिया और बाबूसाहब लोगों को सौंप दिया। उन लोगों ने उसे इतना मारा कि उसकी जान निकल गई। पुलिस ने मनोज का एनकाउंटर दिखा दिया। इसके बाद बाबूसाहब लोग अनुज के पीछे पड़ गए। अनुज ने बाबूसाहब के परिवार के शरद सिंह की हत्या कर दी और फरार हो गया। तब वो 17 साल का था।’ ‘गांव से भागकर अनुज मुख्तार अंसारी के पास पहुंच गया। मुख्तार उससे अपने काम कराता और बदले में उसे पुलिस और जेल जाने से बचाता। हालांकि 6-7 महीने में ही अनुज मुख्तार से अलग हो गया था। इधर झगड़ा बढ़ने के बाद हम अपने परिवार के साथ मुंबई चले गए।’ ‘मामला शांत हो गया, तभी लौटे। अब प्रशासन हमारे ऊपर कार्रवाई कर रहा है। हमारा घर तोड़ दिया। कहते हैं कि तालाब की जमीन पर कब्जा किया है। अनुज की कमाई से घर बना है।’ खबर अपडेट की जा रही है…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर