मनु भाकर बोलीं-खेल रत्न अवॉर्डी के नाम से जानी जाऊंगी:ये कहलवाना सौभाग्य की बात, सपने पूरे करने के लिए शॉर्टकट नहीं, मेहनत जरूरी पेरिस ओलिंपिक 2024 में डबल ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली शूटर मनु भाकर को शुक्रवार को दिल्ली में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया। दैनिक भास्कर से बातचीत में मनु ने कहा- ‘अवॉर्ड मिलने के बाद उसे ब्लेस्ड जैसी फीलिंग आ रही है। ऐसा लग रहा है, जैसे ये अवॉर्ड प्राप्त करना बहुत बड़ा सम्मान है। ये सम्मान हमेशा रहेगा, क्योंकि मैं मनु भाकर खेल रत्न अवॉर्डी के नाम से जानी जाऊंगी। मेरा सौभाग्य था कि मैं ये अवॉर्ड रिसीव कर पाई। अवॉर्ड मेरे लिए एक मोटिवेशन और प्रेरणा स्त्रोत रहेगा। आगे आने वाले समय में भी मैं और मेहनत करूं और देश के लिए मेडल्स लेकर आऊं। देश की सभी बेटियों के लिए मेरा ये मैसेज है कि अपने ड्रीम्स के लिए आपको मेहनत करनी होगी। आगे बढ़ने के लिए शॉर्टकट नहीं, मेहनत करनी जरूरी है। सभी के माता पिता को उनका साथ देना चाहिए, जो आगे बढ़ना चाहते हैं। जैसे मेरे माता-पिता ने मेरा सपोर्ट किया और मैं आज इस मुकाम तक पहुंच पाई।’ अब सिलसिलेवार ढंग से मनु भाकर के बारे में जानिए….. बॉक्सिंग में नेशनल खेल चुकीं मनु मनु भाकर का जन्म 18 फरवरी 2002 को झज्जर जिले के गोरिया गांव में हुआ था। अब उनका परिवार फरीदाबाद में रहता है। उनके घर में पिता रामकिशन, मां सुमेधा और भाई अखिल हैं। मनु बॉक्सिंग की नेशनल खिलाड़ी रही हैं, हालांकि आंख पर पंच लगने के कारण उन्होंने बॉक्सिंग छोड़ दी थी। इसके बाद मनु ने मार्शल आर्ट्स, आर्चरी, टेनिस, स्केटिंग भी की और आखिर में उन्होंने शूटिंग करना शुरू कर दिया। मनु की मां जिस यूनिवर्सल स्कूल में प्रिंसिपल थीं, वहां शूटिंग रेंज भी है। मां ने मनु को पापा के साथ शूटिंग रेंज भेजा। मनु ने पहला ही शॉट मारा था कि फिजिकल टीचर अनिल जाखड़ ने उनका हुनर पहचान लिया। उन्होंने मनु की मां से कहा कि मनु को इस गेम में टाइम देने दीजिए, ये देश के लिए मेडल लाएगी। मनु को डॉक्टर बनाना चाहती थी मां मनु की मां चाहती थीं कि बेटी डॉक्टर बने क्योंकि घर में कोई डॉक्टर नहीं था। सुमेधा बताती हैं कि मनु पढ़ने में अच्छी थी। खास तौर से बायोलॉजी में बहुत स्ट्रॉन्ग थी। मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी के लिए उसने कोटा में कोचिंग सेंटर भी देख लिया था। तभी फिजिकल टीचर अनिल जाखड़ की एंट्री हुई। उन्होंने मनु की मां से कहा कि आप कुछ दिन के लिए मनु को मुझे दे दो। मैं चाहता हूं कि वो शूटिंग करे। तब मनु की उम्र सिर्फ 14 साल थी। उस वक्त रियो ओलिंपिक-2016 खत्म ही हुआ था। मनु ने एक हफ्ते के अंदर पिता से शूटिंग पिस्टल लाने के लिए कहा। पिता ने बेटी की बात मानकर पिस्टल दिला दी। एक साल बाद ही मनु नेशनल लेवल पर मेडल जीतकर शूटिंग फेडरेशन के जूनियर प्रोग्राम के लिए सिलेक्ट हो गईं। वहां इंटरनेशनल मेडलिस्ट जसपाल राणा का साथ मिल गया। जसपाल राणा ही अभी मनु के कोच हैं। 2021 में शूटिंग छोड़ने वाली थीं हालांकि 2021 के टोक्यो ओलिंपिक के बाद एक वक्त ऐसा आया, जब मनु शूटिंग भी छोड़ने वाली थीं। यहां वह पिस्टल खराब होने से क्वालिफाई राउंड से बाहर हो गईं। वह इतनी उदास हुईं कि मां को पिस्टल तक छिपानी पड़ी। हालांकि उन्होंने फिर शूटिंग शुरू की और नेशनल चैंपियनशिप में वर्ल्ड नंबर वन शूटर हीना सिद्धू को हरा दिया। जिसके बाद वह पेरिस ओलिंपिक तक पहुंचीं। ****************** मनु भाकर से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें :- हरियाणा के 9 खिलाड़ी खेल पुरस्कार से सम्मानित:मनु भाकर को खेल रत्न मिलने पर टीचर-बच्चों का डांस हरियाणा के झज्जर की शूटर मनु भाकर को मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवार्ड मिला है। शुक्रवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में उन्हें अवॉर्ड दिया। मनु भाकर ने पिछले साल पेरिस ओलिंपिक में 2 मेडल जीते थे। पढ़ें पूरी खबर