भास्कर न्यूज | लुधियाना लुधियाना ही नहीं बल्कि पंजाब भर में प्राइवेट वाहन को टैक्सी के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है जोकि अवैध टैक्सी है। इसका चलन बढ़ता जा रहा है। इसे लेकर प्रशासन व पुलिस सक्रिय नहीं है, जिसका फायदा आसानी से प्राइवेट टैक्सी चालकों द्वारा उठाया जा रहा है और इसका नुकसान यात्रियों को हो रहा है। हालांकि प्राइवेट टैक्सी द्वारा कम रेट में बुकिंग करने पर लोग आसानी से इसका आसरा ले लेते है, परंतु दुर्घटना होने पर सवारी को इसका क्लेम नहीं मिलता। वहीं, आजाद टैक्सी यूनियन पंजाब के प्रधान शरणजीत सिंह कलसी ने बताया कि पीली नंबर प्लेट लगी टैक्सी में सफर के दौरान जैसे ही सवारी गाड़ी में बैठती है उसका इंश्योरेंस कवर हो जाता है। उन्होंने यह भी बताया कि लुधियाना शहर में 30 हजार अवैध टैक्सी चल रही हैं। प्राइवेट टैक्सी चालकों द्वारा ट्रांसपोर्ट विभाग को भी चुना लगाया जा रहा है, क्योंकि यह वाहन कर्मिशयल न होने के कारण टैक्स जमा नहीं करते। यहीं नहीं वाहन बुक करने वाली एप कंपनियां भी इस चीज को अनदेखा कर रही हैं कि उनके द्वारा रखे वाहन चालकों की गाड़ी पूरी तरह से कमर्शियल है भी या नहीं। आजाद टैक्सी यूनियन पंजाब के प्रधान शरणजीत सिंह कलसी ने बताया कि वह पिछले लंबे समय से लुधियाना के प्रशासन, ट्रैफिक पुलिस, आरटीओ के अलावा पंजाब के एसटीसी व अन्य उच्च अधिकारियों को पत्र लिख कर इस बारे में सूचित कर चुके है कि शहर में प्राइवेट टेक्सी चलन बंद किया जाए और सख्ती से नकेल कसी जाए। पंजाब को छोड़ सभी स्टेट में इस पर सख्ती है परंतु पंजाब में यह प्राइवेट टैक्सी की संख्या 2 लाख आस-पास है। पंजाब भर के डीसी, आरटीओ, ट्रैफिक पुलिस इसे लगाम लगाने में नाकाम है। कई बार मांग पत्र भी सौंप चुके है। इसलिए वह कुछ ही दिनों में अब कोर्ट की ओर रुख करने जा रहे है। उन्होंने यह भी बताया कि उड़ीसा सरकार ने 2020 में पॉलिसी बनाई है। इसमें प्राइवेट टैक्सी चालक सवारियों की ढुलाई करता पाया गया तो बनती कार्रवाई के साथ जुर्माना भी लगाया जा रहा है, परंतु पंजाब में सभी को खुली छुट्टी है। अवैध टैक्सी स्टैंड पूरे पंजाब के विभिन्न कस्बों में बने हुए है। प्राइवेट गाड़ियों द्वारा सरकार का टैक्स चोरी किया जा रहा है। जबकि समूह डीसी को पंजाब मोटर व्हीकल रुल्स 1989 के रुल 197 के तहत लीग टेक्सी स्टैंड स्थापित करने चाहिए। जिससे लोगो को रोजगार मिलेगा और टैक्स चोरी करने वाली गाड़ियों से सरकार को रेवन्यू भी आएंगा। यूनियन के नेताओं ने कहा कि पंजाब भर में नए एटीओ लगाए गए है, लेकिन उनके द्वारा आज तक किसी भी प्राइवेट टेक्सी पर कोई कार्रवाई नहीं की है। इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है। नोटिस की कॉपी उनके पास पहुंचते ही वह आरटीओ से बात कर इसके समाधान निकलने के लिए विचार विमर्श करेंगे। अभिषेक बांसल, एटीओ भास्कर न्यूज | लुधियाना लुधियाना ही नहीं बल्कि पंजाब भर में प्राइवेट वाहन को टैक्सी के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है जोकि अवैध टैक्सी है। इसका चलन बढ़ता जा रहा है। इसे लेकर प्रशासन व पुलिस सक्रिय नहीं है, जिसका फायदा आसानी से प्राइवेट टैक्सी चालकों द्वारा उठाया जा रहा है और इसका नुकसान यात्रियों को हो रहा है। हालांकि प्राइवेट टैक्सी द्वारा कम रेट में बुकिंग करने पर लोग आसानी से इसका आसरा ले लेते है, परंतु दुर्घटना होने पर सवारी को इसका क्लेम नहीं मिलता। वहीं, आजाद टैक्सी यूनियन पंजाब के प्रधान शरणजीत सिंह कलसी ने बताया कि पीली नंबर प्लेट लगी टैक्सी में सफर के दौरान जैसे ही सवारी गाड़ी में बैठती है उसका इंश्योरेंस कवर हो जाता है। उन्होंने यह भी बताया कि लुधियाना शहर में 30 हजार अवैध टैक्सी चल रही हैं। प्राइवेट टैक्सी चालकों द्वारा ट्रांसपोर्ट विभाग को भी चुना लगाया जा रहा है, क्योंकि यह वाहन कर्मिशयल न होने के कारण टैक्स जमा नहीं करते। यहीं नहीं वाहन बुक करने वाली एप कंपनियां भी इस चीज को अनदेखा कर रही हैं कि उनके द्वारा रखे वाहन चालकों की गाड़ी पूरी तरह से कमर्शियल है भी या नहीं। आजाद टैक्सी यूनियन पंजाब के प्रधान शरणजीत सिंह कलसी ने बताया कि वह पिछले लंबे समय से लुधियाना के प्रशासन, ट्रैफिक पुलिस, आरटीओ के अलावा पंजाब के एसटीसी व अन्य उच्च अधिकारियों को पत्र लिख कर इस बारे में सूचित कर चुके है कि शहर में प्राइवेट टेक्सी चलन बंद किया जाए और सख्ती से नकेल कसी जाए। पंजाब को छोड़ सभी स्टेट में इस पर सख्ती है परंतु पंजाब में यह प्राइवेट टैक्सी की संख्या 2 लाख आस-पास है। पंजाब भर के डीसी, आरटीओ, ट्रैफिक पुलिस इसे लगाम लगाने में नाकाम है। कई बार मांग पत्र भी सौंप चुके है। इसलिए वह कुछ ही दिनों में अब कोर्ट की ओर रुख करने जा रहे है। उन्होंने यह भी बताया कि उड़ीसा सरकार ने 2020 में पॉलिसी बनाई है। इसमें प्राइवेट टैक्सी चालक सवारियों की ढुलाई करता पाया गया तो बनती कार्रवाई के साथ जुर्माना भी लगाया जा रहा है, परंतु पंजाब में सभी को खुली छुट्टी है। अवैध टैक्सी स्टैंड पूरे पंजाब के विभिन्न कस्बों में बने हुए है। प्राइवेट गाड़ियों द्वारा सरकार का टैक्स चोरी किया जा रहा है। जबकि समूह डीसी को पंजाब मोटर व्हीकल रुल्स 1989 के रुल 197 के तहत लीग टेक्सी स्टैंड स्थापित करने चाहिए। जिससे लोगो को रोजगार मिलेगा और टैक्स चोरी करने वाली गाड़ियों से सरकार को रेवन्यू भी आएंगा। यूनियन के नेताओं ने कहा कि पंजाब भर में नए एटीओ लगाए गए है, लेकिन उनके द्वारा आज तक किसी भी प्राइवेट टेक्सी पर कोई कार्रवाई नहीं की है। इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है। नोटिस की कॉपी उनके पास पहुंचते ही वह आरटीओ से बात कर इसके समाधान निकलने के लिए विचार विमर्श करेंगे। अभिषेक बांसल, एटीओ पंजाब | दैनिक भास्कर
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दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल के भाई के घर घुसा चोर:अबोहर में रहता है परिवार, कांच लगने से हुआ घायल, पकड़कर पुलिस को सौंपा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के चचेरे भाई एवं अबोहर के गली नंबर 1 के साथ वाली गली निवासी महेंद्र बिंदल के घर में आज दिन दहाड़े एक चोर घुस गया और टोंटियां आदि चोरी कर ली। चोरी कर घर से भागते हुए चोर कांच लगने से घायल हो गया। भागते चोर को परिजनों द्वारा पकड़ लिया गया है। जानकारी के अनुसार, मकान मालिक महेंद्र कुमार ने बताया कि, वह दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के चचेरे भाई हैं। आज सुबह करीब साढे 7 बजे एक चोर उनके मकान की दिवार फांदकर घर में घुस आया और उनके कमरे का शीशा तोड़कर अंदर प्रवेश करते हुए वहां पर लगी टूटियां तोड़कर चुरा ली। चोरी करने के बाद चोर वापस मेन गेट से भागने लगा तो सामने के घर में रहने वाले परिवार की सदस्यों ने उसे काबू कर लिया। जिसके बाद उन्होंने इसकी सूचना सिटी वन पुलिस को दी। लेकिन करीब डेढ घंटे तक पुलिस मौके पर ही नहीं पहुंची। एसएसपी के आदेश पर पहुंची पुलिस इसके बाद उनके बेटे ने जिले की डीसी और एसएसपी को फोन लगाकर घर में चोर घुसे होने की सूचना दी तो उनके आदेश पर पुलिस कर्मचारी बाद में मौके पर आए। पुलिस कर्मचारियों ने मकान का जायजा लिया। जिसके बाद चोर को पुलिस के हवाले कर दिया गया। शीशा लगने से घायल हुए चोर को सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया। महिंद्र बिंदल ने पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर रोष जताते हुए कहा कि शहर में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है।

पंजाब की केंद्र से कर्ज सीमा बढ़ाने की मांग:वित्त मंत्रालय को पत्र लिखा, 10 हजार करोड़ बढ़ोतरी की डिमांड, पहले हुई थी कटौती
पंजाब की केंद्र से कर्ज सीमा बढ़ाने की मांग:वित्त मंत्रालय को पत्र लिखा, 10 हजार करोड़ बढ़ोतरी की डिमांड, पहले हुई थी कटौती पंजाब सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष में अपने कर्ज की सीमा बढ़ाने की मांग केंद्र सरकार के सामने रखी है। सरकार ने कर्ज सीमा 10 हजार करोड़ बढ़ोतरी की मांग की है। इसके लिए सरकार की तरफ से वित्त मंत्रालय को पत्र लिखा गया । वित्तीय संकट से जूझ रही सरकार ने पत्र में अपने खर्च का हवाला दिया है। सरकार को लगता है कि मौजूदा सालाना कर्ज सीमा से मौजूदा वित्तीय साल की भरपाई नहीं होगी। सरकार अधिक कर्ज उठाकर अपने खर्चों की पूर्ति करना चाहती है। विरासत में मिले कर्ज और ब्याज का दिया हवाला साल 2024-25 के लिए पंजाब में कर्ज की सीमा 30,464, 92 करोड़ रुपए है। जिसमें जुलाई तक सरकार 13,094 करोड़ का कर्जा उठा लिया है। इसके अलावा सरकार ने चालू वित्तीय साल में दस हजार करोड़ कर्ज सीमा की और जरूरत है। वित्तीय साल 2023-24 में सूबा सरकार ने कर्ज लेने की सीमा 45,730 करोड़ थी। गत साल एक बार केंद्र सरकार पंजाब की कर्ज सीमा मे 2387 करोड़ की कटौती की थी। अगस्त महीने में हुई कैबिनेट मीटिंग में केंद्रीय वित्त मंत्रायल को कर्ज सीमा बढ़ाने के लिए पत्र लिखने को मंजूरी दी थी। राज्य सरकार ने पत्र में दलील दी है कि गत सरकारों से उन्हें कर्ज विरासत के रूप में मिला है। जिसे वापस किया जाना है। पंजाब सरकार की तरफ से 69, 867 करोड़ रुपए कर्ज की अदायगी की जानी है। 23,900 करोड़ की राशि केवल कर्ज और ब्याज की अदायगी है। गत दिनों में वित्तीय संकट के मद्देनजर पंजाब सरकार ने कई फैसले लिए हैं। इसमें सात किलोवाट पर तीन रुपए बिजली सब्सिडी खत्म करने, तेल कीमतों में बढ़ोतरी, ग्रीन टैक्स लगाना शामिल है। इससे सरकार को आमदन होगी। सरकार को समय से मुलाजिमों को उनके बेतन देने की है। अगस्त माह को बेतन चार सितंबर को देनी है। मंत्रालय ने नहीं सुनी तो पीएम के समक्ष उठाएंगे मुद्दा अगर वित्त मंत्रालय कर्ज की सीमा को बढ़ाने के लिए कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई तो ऐसे में सीएम भगवंत मान इस मामले को प्रधानमंत्री भगवंत मान के समक्ष उठा सकते है। क्योंकि केंद्र सरकार ने नेशनल सेहत मिशन व ग्रामीण विकास फंड की बकाया राशि जारी नहीं की है। साथ ही जीएसटी लागू होने मुआवजा भी बंद है। इसी तरह वित्त कमीशन द्वारा दी गई राजस्व घाटा ग्रांट चालू वित्तीय साल के लिए कम होकर 1995 करोड़ रुपए रह गई ।

अमेरिका जाने के डंकी रूट का VIDEO:रात के अंधेरे में कीचड़ पर चल रहा पंजाबी, सांप-मगरमच्छों से सामना, पीने को गंदा पानी
अमेरिका जाने के डंकी रूट का VIDEO:रात के अंधेरे में कीचड़ पर चल रहा पंजाबी, सांप-मगरमच्छों से सामना, पीने को गंदा पानी भारत से अमेरिका जाने के डंकी रूट के नए वीडियो सामने आए हैं। अमेरिका से डिपोर्ट हुए गुरदासपुर के युवक गुरविंदर ने यह 2 वीडियो जारी किए हैं। गुरविंदर 112 भारतीयों वाले तीसरे बैच में डिपोर्ट होकर लौटा है। उसने बताया कि किस तरह सांप-मगरमच्छों से बचते हुए वह पनामा के जंगलों (डेरियन गैप) से मैक्सिको बॉर्डर के जरिए अमेरिका में दाखिल हुआ। युवक ने जो वीडियो जारी किए, उनमें दिख रहा है कि रात के अंधेरे में वह कीचड़ के ऊपर से गुजर रहा है। लाइट के लिए उनके पास टॉर्च है। दूसरे वीडियो में वह एक छोटी सी नांव पर सवार हैं। जिसमें बैठकर वह नदी पार कर रहे हैं। बता दें कि अमेरिका से अब तक 3 बैच में 332 लोग डिपोर्ट किए जा चुके हैं। जिनमें 128 पंजाब के रहने वाले हैं। पंजाबी युवक के जारी किए डंकी रूट के PHOTOS… डंकी रूट से अमेरिका पहुंचे युवक गुरविंदर की कहानी… 1. एजेंट ने डायरेक्ट फ्लाइट से भेजने की बात की
गुरविंदर सिह ने बताया कि उन्होंने एक एजेंट से अमेरिका जाने की बात की। एजेंट ने कहा कि उसे वैलिड तरीके से डायरेक्ट फ्लाइट के जरिए भेज देगा। इसके लिए 50 लाख रुपए मांगे। इसके लिए अपनी डेढ़ एकड़ जमीन बेच दी। पैसे कम पड़े तो 10 लाख का कर्ज भी ले लिया। 2. पनामा के जंगल में ले गए तो डंकी रूट का पता चला
22 सितंबर 2024 को वह यहां से दिल्ली और फिर मुंबई पहुंचा। वहां से उसे फ्लाइट में आगे ले गए। फिर गुयाना, ब्राजील और कोलंबिया से होते हुए उन्हें पनामा के जंगलों तक पहुंचा दिया गया। तब जाकर उन्हें पता चला कि सीधी फ्लाइट के बजाय उन्हें डंकी रूट से भेजा जा रहा है। जब उसके पिता हरभजन सिंह ने एजेंट से बात की तो उसने कहा कि 20 दिन में वह अमेरिका पहुंच जाएगा। 3. 2 दिन में जंगल पार किया, पीने को सिर्फ गंदा पानी था
डंकी रूट पर 23 लोगों का ग्रुप भेजा गया। जब वे डंकी रूट पर अमेरिका की तरफ बढ़े तो रास्ते में डोंकर उनसे दुर्व्यवहार करते थे। उनका मोबाइल छीन लेते। उन्हें परिवार से बात नहीं करने देते। 2 दिन तक वह जंगल से गुजरते रहे। इस दौरान छोटी नांव से नदियां पार करनी पड़ी। इस दौरान वे कीचड़ में चले। वहां उन्हें सांप-मगरमच्छों से भी बचना पड़ा। इस दौरान खाने के लिए सिर्फ चिप्स और पीने के लिए गंदा पानी मिलता था। 4. मैक्सिको बॉर्डर पार करते ही अमेरिकी सेना ने पकड़ा
1 फरवरी को उन्हें मैक्सिको बॉर्डर पर पहुंचा दिया गया। वहां से वह दीवार फांदकर अमेरिकी सीमा में दाखिल हो गया। जहां अमेरिकी सेना की बॉर्डर पेट्रोल टीम ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद 14 दिन उसे आर्मी कैंप में रखा गया। वहां उनके साथ बुरा बर्ताव किया गया। उन्हें रात में नहाने के लिए उठा दिया जाता था। बिना कपड़ों के AC रूम में रखा जाता था। 5. एयरपोर्ट पर विमान उतरने से पहले हथकड़ी-बेड़ियां खोलीं
15 फरवरी को पता चला कि उन्हें जबरन भारत लौटाया जा रहा है। उन्हें कैंप से निकाला गया। फिर हथकड़ियां और पैरों में बेड़ियां डालकर जकड़ दिया गया। इसके बाद सेना के विमान में बैठा दिया गया। विमान के अमृतसर एयरपोर्ट पर उतरने से पहले उनकी हथकड़ी-बेड़ियां खोली गईं। उन्हें पगड़ी भी नहीं पहनने दी गई। अमृतसर एयरपोर्ट पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने सिर ढकने के लिए कपड़ा दिया। हरियाणा का युवक भी शेयर कर चुका डंकी रूट का वीडियो… 7 महीने में दिल्ली से अमेरिका पहुंचा था आकाश
आकाश ने बताया कि वह 20 जून 2024 को दिल्ली पहुंचा। एक महीने यहीं रोका गया। फिर मुंबई भेजा गया, वहां 2 महीने रखा गया। मुंबई से वह फ्लाइट के जरिए ब्राजील गया, जहां उसे एक महीना रहना पड़ा। इसके बाद वह बोलीविया पहुंचा। यह बहुत महंगा देश था, इसलिए यहां उसे सिर्फ 5-6 दिन ही रखा गया। फिर वह ग्वाटेमाला गया, जहां उसे एक महीना लगा। उसके बाद पनामा के जंगलों से गुजरना पड़ा, जिसमें 7 दिन लगे। पनामा के बाद वह होंडुरस पहुंचा, जहां 15 दिन रुका। फिर साउथ अमेरिका में 10 दिन रहना पड़ा। अंत में वह मेक्सिको पहुंचा, जहां उसे करीब 35 दिन तक रोका गया। आखिरकार 25 जनवरी 2025 की रात को 12 बजे वह अमेरिका की सीमा पार कर गया। अमेरिका जाने के लिए डंकी के 3 पड़ाव… आखिर इतनी मुसीबतें सहकर अमेरिका क्यों जाते हैं भारतीय? भारतीय लोग बेहतर अवसर के लिए भारत से बाहर जाने का इरादा करते हैं, लेकिन कई लोग एजुकेशन की कमी या किसी अन्य वजह से लीगल तरीके से नहीं जा पाते। विदेश मामलों के जानकार और JNU के प्रोफेसर राजन कुमार बताते हैं कि भारतीय लोगों को अमीर बनने का झूठा सपना दिखाया जाता है कि अमेरिका जाकर वह कामयाब हो जाएंगे… प्रो. राजन कुमार के मुताबिक, भारतीय लोग डंकी रूट से जान जोखिम में डालकर अमेरिका पहुंच तो जाते हैं, लेकिन सालों तक डिटेंशन सेंटर में इंतजार के बाद कोर्ट में सुनवाई होती है। केस जीत भी गए तो 105 दिनों के लिए बर्तन धोने और झाड़ू लगाने जैसे काम करने होते हैं, ताकि वह गुजारा कर सकें। अमेरिका जाकर अमीर हो जाना इतना आसान नहीं है। 8-10 साल बाद भी ग्रीन कार्ड मिलने के चांस ज्यादा नहीं होते। ऐसे में डंकियों को वापस भारत भेज दिया जाता है या फिर सारी जिंदगी जेल में गुजारनी पड़ती है। फॉरेन एक्सपर्ट ए.के. पाशा के मुताबिक, कई लोग भारत में नौकरी नहीं मिलने की वजह से अमेरिका जाते हैं। कुछ मामलों में डंकियों को जॉब मिलती है, लेकिन यह आंकड़े बहुत कम हैं। भारत से अमेरिका जाने वाले ज्यादातर डंकी गुजरात और पंजाब से होते थे। अब हरियाणा भी इस लिस्ट में शामिल हो गया है। सामाजिक बहिष्कार से बचने की कोशिश
अमेरिकी बॉर्डर पर पकड़े जाने के दौरान सबसे ज्यादा लोग यह वजह बताते हैं। इनमें 4 तरह की सामाजिक प्रताड़ना शामिल है… 10 अक्टूबर 2022 की BBC की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जालंधर के जसप्रीत सिंह को गे होने की वजह से घर से निकाल दिया गया। उन पर कई बार जानलेवा हमले हुए। इससे तंग आकर वे डंकी रूट के जरिए अमेरिका चले गए। यहां उन्हें रहने की अनुमति मिल गई। **************** डंकी रूट से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें :- डंकी रूट पर हरियाणा के युवक की लाश का VIDEO:परिवार बोला- डोंकरों ने गोली मारी; ग्वाटेमाला में अमेरिकी बॉर्डर के करीब पहुंच गया था अमेरिकन ड्रीम पूरा करने के लिए डंकी रूट से जाने के चक्कर में हरियाणा के कैथल के रहने वाले एक युवक ने जान गंवा दी थी। जब वह अमेरिकी बॉर्डर के करीब ग्वाटेमाला तक पहुंच गया तो डोंकरों ने उसे गोली मार दी। डोंकर उससे और रुपयों की डिमांड कर रहे थे। पढ़ें पूरी खबर