<p style=”text-align: justify;”><strong>Varanasi News:</strong> केंद्र सरकार सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों को बढ़ावा दे रही है. इसके लिए कई योजनाएं भी चलाई गई हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सपने से प्रेरित होकर युवा स्वरोजगार की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के तीन भाइयों ने लाखों की नौकरी छोड़कर मोती और शहद की खेती शुरू की है. इससे उन्होंने अपनी एक नई पहचान बनाई है और हर साल करोड़ों का मुनाफा भी कमा रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>वाराणसी के नारायणपुर के रहने वाले तीन भाई रोहित, श्वेतांग और मोहित पाठक कुछ साल पहले तक एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी कर रहे थे. इसी बीच जीवन के प्रति उनका नजरिया बदल गया. उन्होंने लाखों की नौकर छोड़कर मोती और शहद की खेती करने की योजना बनाई.</p>
<p style=”text-align: justify;”>श्वेतांग पाठक ने बताया कि मोती की खेती करना एक बहुत ही धैर्य का काम है. हम लोगों ने साल 2018 में इसकी शुरुआत की थी. नदियों से सीपियों को इकट्ठा किया जाता है. इसके बाद मोती बनाने के लिए उनकी सर्जरी की जाती है, फिर दो साल तक इसकी देखरेख के बाद मोती तैयार होता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>रोहित पाठक ने बताया कि स्टार्टअप योजना के तहत उन्होंने 2018 में इसकी शुरुआत की थी. उन्होंने कहा, “हमने ‘अग्रिकाश उदेस पर्ल फार्मिंग’ नाम की एक कंपनी बनाई है, जिसमें 10 लोगों की एक टीम काम करती है. सभी ट्रेनर लखनऊ विश्वविद्यालय और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय जैसे संस्थानों से पढ़े हैं.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा, “मोती पालन के साथ-साथ हमने मधुमक्खी पालन, बकरी पालन और डेयरी फार्मिंग पर जोर दिया है. पिछले साल 2,300 लोगों को प्रशिक्षण दिया गया था. हमारे इस प्रोजेक्ट के साथ 70 किसान जुड़े हुए हैं.” मोहित पाठक ने बताया कि दिल्ली में रहते हुए उन्होंने मधुमक्खी पालन की ट्रेनिंग ली थी. इसके बाद गांव आकर काम शुरू किया. वह प्रधानमंत्री <a title=”नरेंद्र मोदी” href=”https://www.abplive.com/topic/narendra-modi” data-type=”interlinkingkeywords”>नरेंद्र मोदी</a> के ‘स्वीट क्रांति’ मिशन के साथ भी जुड़े हैं. उन्होंने ट्रेनर के रूप में काम किया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा कि मैं अभी वाराणसी मंडल के ट्रेनर के रूप में लोगों को इस काम का प्रशिक्षण दे रहा हूं. मधुमक्खी पालन के क्या उपयोग हैं. शहद के अलावा भी मधुमक्खी का पालन किया जाता है, इसकी जानकारी लोगों को देकर मुझे अच्छा लगता है. पीएम मोदी भी करीब चार साल पहले इन तीन भाइयों की मोती की खेती की तारीफ कर चुके हैं. प्रधानमंत्री ने कहा “वाराणसी के नारायणपुर गांव में मोती की खेती करने वाले तीन युवकों ने हर किसी के लिए एक मिसाल पेश की है. इन युवाओं ने यह दिखाया है कि अगर सही दिशा में परिश्रम किया जाए तो मिट्टी से मोती उगाए जा सकते हैं.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/kanpur-factory-incident-two-workers-died-after-falling-into-the-tank-in-kanpur-ann-2745159″>कानपुर की लेदर फैक्ट्री में बड़ा हादसा, टैंक में गिरने से दो मजदूरों की दर्दनाक मौत</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Varanasi News:</strong> केंद्र सरकार सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों को बढ़ावा दे रही है. इसके लिए कई योजनाएं भी चलाई गई हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सपने से प्रेरित होकर युवा स्वरोजगार की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के तीन भाइयों ने लाखों की नौकरी छोड़कर मोती और शहद की खेती शुरू की है. इससे उन्होंने अपनी एक नई पहचान बनाई है और हर साल करोड़ों का मुनाफा भी कमा रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>वाराणसी के नारायणपुर के रहने वाले तीन भाई रोहित, श्वेतांग और मोहित पाठक कुछ साल पहले तक एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी कर रहे थे. इसी बीच जीवन के प्रति उनका नजरिया बदल गया. उन्होंने लाखों की नौकर छोड़कर मोती और शहद की खेती करने की योजना बनाई.</p>
<p style=”text-align: justify;”>श्वेतांग पाठक ने बताया कि मोती की खेती करना एक बहुत ही धैर्य का काम है. हम लोगों ने साल 2018 में इसकी शुरुआत की थी. नदियों से सीपियों को इकट्ठा किया जाता है. इसके बाद मोती बनाने के लिए उनकी सर्जरी की जाती है, फिर दो साल तक इसकी देखरेख के बाद मोती तैयार होता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>रोहित पाठक ने बताया कि स्टार्टअप योजना के तहत उन्होंने 2018 में इसकी शुरुआत की थी. उन्होंने कहा, “हमने ‘अग्रिकाश उदेस पर्ल फार्मिंग’ नाम की एक कंपनी बनाई है, जिसमें 10 लोगों की एक टीम काम करती है. सभी ट्रेनर लखनऊ विश्वविद्यालय और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय जैसे संस्थानों से पढ़े हैं.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा, “मोती पालन के साथ-साथ हमने मधुमक्खी पालन, बकरी पालन और डेयरी फार्मिंग पर जोर दिया है. पिछले साल 2,300 लोगों को प्रशिक्षण दिया गया था. हमारे इस प्रोजेक्ट के साथ 70 किसान जुड़े हुए हैं.” मोहित पाठक ने बताया कि दिल्ली में रहते हुए उन्होंने मधुमक्खी पालन की ट्रेनिंग ली थी. इसके बाद गांव आकर काम शुरू किया. वह प्रधानमंत्री <a title=”नरेंद्र मोदी” href=”https://www.abplive.com/topic/narendra-modi” data-type=”interlinkingkeywords”>नरेंद्र मोदी</a> के ‘स्वीट क्रांति’ मिशन के साथ भी जुड़े हैं. उन्होंने ट्रेनर के रूप में काम किया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा कि मैं अभी वाराणसी मंडल के ट्रेनर के रूप में लोगों को इस काम का प्रशिक्षण दे रहा हूं. मधुमक्खी पालन के क्या उपयोग हैं. शहद के अलावा भी मधुमक्खी का पालन किया जाता है, इसकी जानकारी लोगों को देकर मुझे अच्छा लगता है. पीएम मोदी भी करीब चार साल पहले इन तीन भाइयों की मोती की खेती की तारीफ कर चुके हैं. प्रधानमंत्री ने कहा “वाराणसी के नारायणपुर गांव में मोती की खेती करने वाले तीन युवकों ने हर किसी के लिए एक मिसाल पेश की है. इन युवाओं ने यह दिखाया है कि अगर सही दिशा में परिश्रम किया जाए तो मिट्टी से मोती उगाए जा सकते हैं.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/kanpur-factory-incident-two-workers-died-after-falling-into-the-tank-in-kanpur-ann-2745159″>कानपुर की लेदर फैक्ट्री में बड़ा हादसा, टैंक में गिरने से दो मजदूरों की दर्दनाक मौत</a></strong></p> उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड दिनदहाड़े बाजार से व्यापारियों को उठाया, अब फर्जी महिला एसपी की तलाश में जुटी पुलिस