यूपी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (CHC) को रात में भी एक्टिव मोड़ पर रखा जाएगा। ताकि मरीजों को इलाज के लिए भटकना न पड़े। डॉक्टरों और अन्य चिकित्सकीय स्टाफ को रात में भी CHC पर मौजूद रहना होगा। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी रात में CHC का दौरा करने पहुंचेंगे। अगर स्टाफ नहीं मिला तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। शासन ने सभी अपर स्वास्थ्य निदेशकों को सीएचसी को रात में खुलवाने की जिम्मेदारी सौंपी है। 856 CHC पर नियम होगा लागू प्रदेश में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की संख्या 856 से अधिक है। हर CHC के तहत तीन से पांच तक PHCसंचालित हैं। अस्पतालों का यह नेटवर्क सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था की रीढ़ है। प्रदेश के तमाम CHC दिन में तो बेहतर सेवाएं दे रहे हैं लेकिन अधिकांश में रात के समय सन्नाटा पसरा रहता है। वहां डॉक्टर या अन्य चिकित्सकीय स्टाफ नहीं मिलता। ऐसे में लोगों को रात में कोई दिक्कत होने पर निजी अस्पतालों की दौड़ लगानी पड़ती है। चिकित्सक और स्टाफ को वहीं निवास के लिए पूर्व में भी आदेश जारी हो चुके हैं, लेकिन उस पर अमल नहीं हो पाया था। CHC के साथ पूरा मेडिकल तंत्र रहे एक्टिव अब स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने प्रदेश के सभी अपर स्वास्थ्य निदेशकों को यह जिम्मेदारी सौंपी है। सभी अपर निदेशक से कहा गया है कि वे अपने अधिकार क्षेत्र वाले जिलों में सभी सीएचसी को रात में भी क्रियाशील बनाएं। वहां स्टाफ की उपलब्धता सुनिश्चित कराएं। साथ ही उन्हें यह भी सुनिश्चित कराना होगा कि सभी CHC पर मौजूद सारे उपकरण क्रियाशील रहें। प्रमुख सचिव के निर्देश के बाद अब सभी अपर स्वास्थ्य निदेशकों ने इसे अमल में लाने की कवायद शुरू कर दी है। लखनऊ मंडल में बहुत जल्द शुरू होंगे औचक निरीक्षण लखनऊ मंडल के अपर निदेशक चिकित्सा और स्वास्थ्य डॉ.जीपी गुप्ता ने बताया कि लखनऊ मंडल के अंतर्गत आने वाले सभी सीएससी में तैनात डाक्टर और उन स्टाफ को कैंपस में ही नाइट स्टे करने के निर्देश दिए गए हैं। जो भी स्टाफ इसको लेकर लापरवाही बरतेंगे उनके खिलाफ एक्शन होगा। बहुत जल्द औचक निरीक्षण की शुरुआत होगी। यूपी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (CHC) को रात में भी एक्टिव मोड़ पर रखा जाएगा। ताकि मरीजों को इलाज के लिए भटकना न पड़े। डॉक्टरों और अन्य चिकित्सकीय स्टाफ को रात में भी CHC पर मौजूद रहना होगा। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी रात में CHC का दौरा करने पहुंचेंगे। अगर स्टाफ नहीं मिला तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। शासन ने सभी अपर स्वास्थ्य निदेशकों को सीएचसी को रात में खुलवाने की जिम्मेदारी सौंपी है। 856 CHC पर नियम होगा लागू प्रदेश में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की संख्या 856 से अधिक है। हर CHC के तहत तीन से पांच तक PHCसंचालित हैं। अस्पतालों का यह नेटवर्क सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था की रीढ़ है। प्रदेश के तमाम CHC दिन में तो बेहतर सेवाएं दे रहे हैं लेकिन अधिकांश में रात के समय सन्नाटा पसरा रहता है। वहां डॉक्टर या अन्य चिकित्सकीय स्टाफ नहीं मिलता। ऐसे में लोगों को रात में कोई दिक्कत होने पर निजी अस्पतालों की दौड़ लगानी पड़ती है। चिकित्सक और स्टाफ को वहीं निवास के लिए पूर्व में भी आदेश जारी हो चुके हैं, लेकिन उस पर अमल नहीं हो पाया था। CHC के साथ पूरा मेडिकल तंत्र रहे एक्टिव अब स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने प्रदेश के सभी अपर स्वास्थ्य निदेशकों को यह जिम्मेदारी सौंपी है। सभी अपर निदेशक से कहा गया है कि वे अपने अधिकार क्षेत्र वाले जिलों में सभी सीएचसी को रात में भी क्रियाशील बनाएं। वहां स्टाफ की उपलब्धता सुनिश्चित कराएं। साथ ही उन्हें यह भी सुनिश्चित कराना होगा कि सभी CHC पर मौजूद सारे उपकरण क्रियाशील रहें। प्रमुख सचिव के निर्देश के बाद अब सभी अपर स्वास्थ्य निदेशकों ने इसे अमल में लाने की कवायद शुरू कर दी है। लखनऊ मंडल में बहुत जल्द शुरू होंगे औचक निरीक्षण लखनऊ मंडल के अपर निदेशक चिकित्सा और स्वास्थ्य डॉ.जीपी गुप्ता ने बताया कि लखनऊ मंडल के अंतर्गत आने वाले सभी सीएससी में तैनात डाक्टर और उन स्टाफ को कैंपस में ही नाइट स्टे करने के निर्देश दिए गए हैं। जो भी स्टाफ इसको लेकर लापरवाही बरतेंगे उनके खिलाफ एक्शन होगा। बहुत जल्द औचक निरीक्षण की शुरुआत होगी। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
यूपी में अब रात में भी CHC होंगी ऑपरेशनल:डॉक्टर समेत स्टाफ को कैंपस में रुकने के निर्देश, अपर निदेशक करेंगे औचक निरीक्षण
