<p style=”text-align: justify;”><strong>Lucknow News:</strong> उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उद्योग और निवेश के क्षेत्र में नया कीर्तिमान बन रहा है. राज्य सरकार के निर्देश पर काम कर रहे उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) ने बीते सात वर्षों में औद्योगिक क्षेत्रों की तस्वीर बदल दी है. 2018-19 में जहां औद्योगिक क्षेत्रों के विकास, उन्नयन और अनुरक्षण पर सिर्फ 104 करोड़ रुपये खर्च हुए थे, वहीं 2024-25 में यह आंकड़ा 551 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. यानी बीते सात वर्षों में औद्योगिक विकास पर 430 प्रतिशत अधिक खर्च किया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सरकार के लगातार निवेश और प्रयासों का असर साफ दिखता है. हर साल विकास खर्च बढ़ता गया. 2019-20 में 207 करोड़, 2020-21 में 234 करोड़, 2022-23 में 287 करोड़ और 2023-24 में 415 करोड़ रुपये खर्च किए गए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>रोजगार और इकाइयों की संख्या में भी रिकॉर्ड बढ़त</strong><br />इन प्रयासों का असर रोजगार और उत्पादन पर भी पड़ा है. जहां 2017-18 में मात्र 11,577 लोगों को रोजगार मिला था, वहीं अब 2024-25 में यह संख्या बढ़कर 51,761 तक पहुंच गई है. इसी तरह औद्योगिक इकाइयों की संख्या भी 403 से बढ़कर 1634 हो गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><iframe title=”YouTube video player” src=”https://www.youtube.com/embed/kmaeoZ5CAZs?si=Qy8IHM42_r34IjYG” width=”560″ height=”315″ frameborder=”0″ allowfullscreen=”allowfullscreen”></iframe></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बड़े निवेशक यूपी की ओर आकर्षित</strong><br />वित्तीय वर्ष 2024-25 में यूपीसीडा ने 10 से ज्यादा मेगा और सुपर मेगा इकाइयों को भूमि आवंटित की है. इनमें कई नामी कंपनियां शामिल हैं—जैसे सोम बेवरेजेस (600 करोड़), बीपीसीएल कानपुर (500 करोड़), इंडोरेमा (400 करोड़), अशोक लीलेंड (186 करोड़), क्रिभको (145 करोड़) आदि. इन निवेशों से न केवल उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि स्थानीय युवाओं को बड़े स्तर पर नौकरी के अवसर मिलेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>हर सुविधा देने के लिए प्रतिबद्ध है सरकार</strong><br />मुख्यमंत्री <a title=”योगी आदित्यनाथ” href=”https://www.abplive.com/topic/yogi-adityanath” data-type=”interlinkingkeywords”>योगी आदित्यनाथ</a> का स्पष्ट निर्देश है कि उद्योगों को जमीन, बिजली, पानी, सड़क जैसी सुविधाएं बिना किसी देरी के दी जाएं. यूपीसीडा के सीईओ मयूर माहेश्वरी ने बताया कि सरकार का लक्ष्य उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाना है, और उसी दिशा में तेजी से कार्य हो रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यूपीसीडा की स्थापना 1961 में हुई थी और इसका मकसद राज्य में योजनाबद्ध तरीके से औद्योगिक क्षेत्रों का विकास करना है. योगी सरकार आने के बाद इस संस्था को आधुनिक रूप में ढाला गया और अब यह राज्य के औद्योगिक इंफ्रास्ट्रक्चर को नई दिशा दे रही है. अब यूपी निवेशकों के लिए सबसे पसंदीदा राज्य बनता जा रहा है, जहां उन्हें पारदर्शी नीतियां, बेहतर माहौल और हर जरूरी सुविधा समय पर उपलब्ध कराई जा रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ये भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/up-ncw-vice-president-aparna-yadav-angry-on-ullu-app-ajaz-khan-show-house-arrest-2936472″><strong>एजाज खान के शो को लेकर यूपी से भी उठी मांग, अपर्णा यादव बोलीं- ‘अभद्रता कतई बर्दाश्त नहीं'</strong></a></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Lucknow News:</strong> उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उद्योग और निवेश के क्षेत्र में नया कीर्तिमान बन रहा है. राज्य सरकार के निर्देश पर काम कर रहे उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) ने बीते सात वर्षों में औद्योगिक क्षेत्रों की तस्वीर बदल दी है. 2018-19 में जहां औद्योगिक क्षेत्रों के विकास, उन्नयन और अनुरक्षण पर सिर्फ 104 करोड़ रुपये खर्च हुए थे, वहीं 2024-25 में यह आंकड़ा 551 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. यानी बीते सात वर्षों में औद्योगिक विकास पर 430 प्रतिशत अधिक खर्च किया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सरकार के लगातार निवेश और प्रयासों का असर साफ दिखता है. हर साल विकास खर्च बढ़ता गया. 2019-20 में 207 करोड़, 2020-21 में 234 करोड़, 2022-23 में 287 करोड़ और 2023-24 में 415 करोड़ रुपये खर्च किए गए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>रोजगार और इकाइयों की संख्या में भी रिकॉर्ड बढ़त</strong><br />इन प्रयासों का असर रोजगार और उत्पादन पर भी पड़ा है. जहां 2017-18 में मात्र 11,577 लोगों को रोजगार मिला था, वहीं अब 2024-25 में यह संख्या बढ़कर 51,761 तक पहुंच गई है. इसी तरह औद्योगिक इकाइयों की संख्या भी 403 से बढ़कर 1634 हो गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><iframe title=”YouTube video player” src=”https://www.youtube.com/embed/kmaeoZ5CAZs?si=Qy8IHM42_r34IjYG” width=”560″ height=”315″ frameborder=”0″ allowfullscreen=”allowfullscreen”></iframe></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बड़े निवेशक यूपी की ओर आकर्षित</strong><br />वित्तीय वर्ष 2024-25 में यूपीसीडा ने 10 से ज्यादा मेगा और सुपर मेगा इकाइयों को भूमि आवंटित की है. इनमें कई नामी कंपनियां शामिल हैं—जैसे सोम बेवरेजेस (600 करोड़), बीपीसीएल कानपुर (500 करोड़), इंडोरेमा (400 करोड़), अशोक लीलेंड (186 करोड़), क्रिभको (145 करोड़) आदि. इन निवेशों से न केवल उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि स्थानीय युवाओं को बड़े स्तर पर नौकरी के अवसर मिलेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>हर सुविधा देने के लिए प्रतिबद्ध है सरकार</strong><br />मुख्यमंत्री <a title=”योगी आदित्यनाथ” href=”https://www.abplive.com/topic/yogi-adityanath” data-type=”interlinkingkeywords”>योगी आदित्यनाथ</a> का स्पष्ट निर्देश है कि उद्योगों को जमीन, बिजली, पानी, सड़क जैसी सुविधाएं बिना किसी देरी के दी जाएं. यूपीसीडा के सीईओ मयूर माहेश्वरी ने बताया कि सरकार का लक्ष्य उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाना है, और उसी दिशा में तेजी से कार्य हो रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यूपीसीडा की स्थापना 1961 में हुई थी और इसका मकसद राज्य में योजनाबद्ध तरीके से औद्योगिक क्षेत्रों का विकास करना है. योगी सरकार आने के बाद इस संस्था को आधुनिक रूप में ढाला गया और अब यह राज्य के औद्योगिक इंफ्रास्ट्रक्चर को नई दिशा दे रही है. अब यूपी निवेशकों के लिए सबसे पसंदीदा राज्य बनता जा रहा है, जहां उन्हें पारदर्शी नीतियां, बेहतर माहौल और हर जरूरी सुविधा समय पर उपलब्ध कराई जा रही है.</p>
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योगी सरकार ने औद्योगिक क्षेत्रों पर 7 सालों में 430% ज्यादा किए खर्च, निवेश-रोजगार में बढ़ोतरी
