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महाकुंभ में बॉलीवुड एक्टर राजपाल यादव भी रमाएंगे धूनी, बनाएंगे सवा करोड़ पार्थिव शिवलिंग
महाकुंभ में बॉलीवुड एक्टर राजपाल यादव भी रमाएंगे धूनी, बनाएंगे सवा करोड़ पार्थिव शिवलिंग <p style=”text-align: justify;”><strong>Maha Kumbh Mela 2025:</strong> संगम नगरी प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू हो रहे महाकुंभ में चर्चित फिल्म अभिनेता राजपाल यादव भी संत महात्माओं के बीच धूनी रमाएंगे. राजपाल यादव यहां सेक्टर नौ में गंगा किनारे लगाए गए कैंप में सवा करोड़ पार्थिव शिवलिंग का निर्माण कराएंगे. यह कैंप राजपाल यादव के आध्यात्मिक गुरु और गृहस्थ संत दिवंगत देव प्रभाकर शास्त्री उर्फ दद्दा जी की संस्था के द्वारा लगाया जा रहा है. इस कैंप में राजपाल यादव के साथ ही आशुतोष राणा और रेणुका शहाणे समेत बॉलीवुड के तमाम कलाकार एक आम श्रद्धालु की तरह पार्थिव शिवलिंग का निर्माण करेंगे. </p>
<p style=”text-align: justify;”>महाकुंभ में दिवंगत संत देव प्रभाकर शास्त्री की संस्था द्वारा लगाए जा रहे शिविर के भूमि पूजन कार्यक्रम में खुद राजपाल यादव भी शामिल हुए. इस मौके पर उन्होंने विधिवत पूजन अर्चन किया और अपने कैंप में आयोजित कार्यक्रम के साथ ही महाकुंभ के सकुशल संपन्न होने की कामना की. उन्होंने बताया कि महाकुंभ में 24 जनवरी से 30 जनवरी तक उनके शिविर में सवा करोड़ पार्थिव शिवलिंग का निर्माण किया जाएगा. शिवलिंग निर्माण के कार्यक्रम में दिवंगत देव प्रभाकर शास्त्री के सुपुत्र अनिल कुमार समेत देशभर से आए हुए श्रद्धालु शामिल होंगे. इन श्रद्धालुओं में कई नामचीन लोग भी शामिल रहेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अभिनेता राजपाल यादव ने इस मौके पर बताया कि संगम की धरती पर वह पिछले दो दशकों से कुंभ और माघ के मौके पर आते हैं. यहां जो आध्यात्मिक ऊर्जा और शांति मिलती है, वह पूरे साल मेहनत और ईमानदारी के साथ काम करने के लिए प्रेरित करती रहती है. उनके मुताबिक तंबुओं के शहर में एक दूसरे से अनजान लोग इस तरह घुल मिल जाते हैं, मानो वह बरसों से एक दूसरे को जानते हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>योगी सरकार के इंतजामों की दिल खोलकर की तारीफ </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>राजपाल यादव ने इस मौके पर महाकुंभ में योगी सरकार द्वारा किए जा रहे इंतजामों की दिल खोलकर तारीफ की. उन्होंने कहा कि जिस तरह की तैयारियां की जा रही है, उसके आधार पर कहा जा सकता है कि इस बार का महाकुंभ समूची दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाएगा. यहां से धर्म – आध्यात्म और संस्कृति का जो संदेश मिलता है, वह सकारात्मक जीवन बिताने में काफी कारगर साबित होता है. उन्होंने बताया कि इस बार के पार्थिव शिवलिंग निर्माण कार्यक्रम में बॉलीवुड के तमाम दूसरे कलाकार भी शामिल होंगे और त्रिवेणी की धारा में आस्था की डुबकी लगाकर महाकुंभ में पूजा अर्चना करते हुए पुण्य लाभ अर्जित करेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/bjp-mp-ravi-kishan-reaction-on-rahul-gandhi-statement-said-dronacharya-not-cut-eklavya-thumb-ann-2842839″>’द्रोणाचार्य ने एकलव्य का अंगूठा नहीं काटा था’, राहुल गांधी के बयान पर BJP सांसद रवि किशन की प्रतिक्रिया</a></strong></p>
BHU के छात्रों ने माइनस 20°C पर फतह किया पर्वत:रोंगटे खड़े कर देगी इस लड़की की कहानी; बोलीं- परिवार वालों को नहीं दी थी पूरी जानकारी
BHU के छात्रों ने माइनस 20°C पर फतह किया पर्वत:रोंगटे खड़े कर देगी इस लड़की की कहानी; बोलीं- परिवार वालों को नहीं दी थी पूरी जानकारी 22,500 हजार फीट से ज्यादा ऊंचाई पर जहां पर जीवन ही नहीं है। ठीक से सांस भी नहीं ली जा सकती। खून जम जाता है, वहां पर बीएचयू के पर जांबाज स्टूडेंट्स ने तिरंगा फहराया है। पर्वत पर तिरंगा लहराने वाले छात्रों ने कहा कि जब हम इस यात्रा पर निकले थे तो अपने परिवार के लोगों से यह बात कर नहीं निकले थे कि हम 22 हजार फीट ऊंचाई पर ट्रैकिंग करने जा रहे हैं। मन में डर था, लेकिन हमने यह ठान रखा था कि हम इस चैलेंज को पूरा करेंगे। छात्रों के इस चुनौतीपूर्ण सफर के बारे में दैनिक भास्कर की टीम ने उनसे बात की पेश है एक रिपोर्ट…. अंजली ने कहा- ऐसी ट्रिप जरूर करनी चाहिए
उत्तराखंड के चमौली स्थित 16,500 फीट की ऊंचाई वाले रूपकुंड शिखर पर जाने वाली अंजली शर्मा ने बताया- हर साल एक ट्रिप जरूर करना चाहिए। इससे हमारा कॉन्फिडेंस बूस्ट होता है। चुनौती पूर्ण समय में डिसीजन लेने का एक अच्छा अनुभव हमें प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि जब हमें पहाड़ चढ़ने होता है तो हम यह डिसाइड कर लेते हैं कि कहां हमें पर रहना है। डर लगता है कि क्या पता पहाड़ से चट्टाने गिरने लगे। जब हमने बताया तो परिवार के लोगों को थोड़ा डर लगा लेकिन सभी ने सपोर्ट किया। अंजलि ने बताया कि मुझे माइग्रेन की दिक्कत थी। मैं दवा लेकर गई थी। इसके अलावा हमें हमारे टीचर ने योग भी सिखाया था। उसने काफी मदद की। उन्होंने कहा कि जब हम पहाड़ पर चढ़ते हैं तो हमारे पीठ पर 10 किलो का वजन रहता है। -20 डिग्री पर पर्वत पर की चढ़ाई
धूपगढ़ पर्वत 4,429 फीट की चढ़ाई करने वाली पूनम सौनी ने बताया- हमें ट्रैकिंग करने के लिए 10 दिन का समय दिया गया था। लेकिन हम लोगों ने 7 दिन में अपने प्रोजेक्ट को सबमिट कर दिया। उन्होंने कहा कि जब हमने अपनी यात्रा शुरू की तो तापमान सही था लेकिन जैसे-जैसे ऊपर जाना शुरू किया तो वहां तापमान -20 डिग्री हो गया। उन्होंने कहा कि पर्वत पर ट्रैकिंग करने वाले को सबसे ज्यादा योग करना चाहिए। हमारे टीचर ने हमें अनलोम-विलोम के बारे में बताया था। उसने काफी ज्यादा मदद किया। पहाड़ों पर नहीं करनी चाहिए गंदगी
पूनम ने कहा कि पहाड़ों पर प्राकृतिक के साथ छेड़छाड़ नहीं करना चाहिए हम लोग जब पहाड़ों की तरफ जा रहे थे तो बीच-बीच में हमने साफ सफाई भी की। उन्होंने कहा कि जब हम लोग अपने आखिरी पड़ाव पर थे तो वहां जाते-जाते कुछ लोगों की तबीयत भी खराब हो गई थी क्योंकि वहां पर ऑक्सीजन लेवल बिल्कुल कम हो गया था। उन्होंने कहा कि हमने शीतली प्राणायाम किया और उसके चलते हमें काफी लाभ मिला। पापा को नहीं दी थी पूरी जानकारी
पूनम ने बताया कि जब हमें जाना था तो हमने सिर्फ अपने मम्मी को बताया था, लेकिन पापा को पूरी जानकारी नहीं दिया था पापा को बस यह पता था कि हम पहाड़ पर जा रहे हैं क्योंकि उन्हें पता चलता तो वह नहीं जाने देते लेकिन जिस दिन मैं वहां से वापस आई तो तुरंत मुझे घर जाना था घर जाने पर सभी ने काफी खुशी जताई।
केन्द्र के तरफ से मिला अच्छा प्रशिक्षण
गोरीचन पर्वत की चोटी पर पहुंचकर अनिल ने राष्ट्रध्वज के साथ ही बीएचयू की पताका फहराई जिसकी ऊंचाई 22,500 फीट थी। उन्होंने कहा कि जब हम लोग यहां से जाते हैं तो हम लोगों को विश्वविद्यालय में ही काफी एक्टिविटी सिखाई जाती है। उसके बाद हमें यहां से रवाना किया जाता है उसमें भी चेक किया जाता है कि कौन पूरी तरह से स्वस्थ है हम जब वहां जाते हैं तो सबसे पहले हमें यह बताया जाता है कि पर्वतों पर किस तरह से हमें स्वच्छता का विशेष ध्यान देना है। योग पहाड़ों पर होता है फायदेमंद
उन्होंने बताया कि हम लोग जब पहाड़ों पर पहुंचे तो वहां काफी गंदगी भी देखने को मिली हमने वहां पर एक दिन स्वच्छता अभियान भी चलाया। उन्होंने बताया कि हम लोगों का सबसे विशेष प्रशिक्षण होता है जब बीच में कभी नदी आ जाए और उसको कैसे क्रॉस करना है वह सबसे कठिनाई और चुनौती पूर्ण रहता है। उसके बाद सबसे दूसरा कठिनाई भरा यात्रा रहता है बर्फ पर चढ़ना। उन्होंने बताया कि हम लोगों के साथ हमारे अध्यापक भी रहते हैं हमें मौसम के बारे में भी बताया जाता है अगर मौसम खराब होने लगता है तो हम वहीं पर कैंप लगाकर मौसम ठीक होने का इंतजार करते हैं। योग करने से पहाड़ों पर काफी लाभ होता है।
चंडीगढ़ में नशा तस्कर गिरफ्तार:चरस बरामद, कांगड़ा से सप्लाई करने आया था; पुलिस को देखकर भागने की कोशिश
चंडीगढ़ में नशा तस्कर गिरफ्तार:चरस बरामद, कांगड़ा से सप्लाई करने आया था; पुलिस को देखकर भागने की कोशिश चंडीगढ़ में पुलिस ने आधा किलो चरस के साथ कांगड़ा के युवक को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपी को कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में बुडैल जेल भेज दिया। आरोपी की पहचान अनुज कुमार उर्फ बंटी(19) के रूप में हुई है। एएनटीएफ थाने को गुप्त सूचना मिली की एक युवक कांगड़ा से चंडीगढ़ में ड्रग्स सप्लाई करने के लिए आ रहा है। पुलिस को देखकर भागने की कोशिश पुलिस ने सूचना के आधार पर सेक्टर-43 बस स्टैंड के पास से आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी ने पुलिस को देखकर बचकर भागने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उसे मौके पर दबोच लिया। पुलिस ने जब उसकी तलाशी ली तो उसके कब्जे से 524 ग्राम चरस बरामद हुई।