हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की गुरुग्राम टीम ने फरीदाबाद में सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय भारत सरकार के अधीक्षण अधिकारी एएसआई इंचार्ज को 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। उसने नोटिस दाखिल करने और उसकी रिटर्न प्रोसेस करने के बदले रिश्वत मांगी थी। उसके कब्जे से रिश्वत की राशि बरामद हो गई है। टीम की आगे की कार्रवाई के दौरान आरोपी को आज 4 जनवरी यानी आज स्थानीय अदालत में पेश किया गया। जहां से अदालत ने आरोपी राजेश कुमार को 14 दिन की ज्यूडिशियल कस्टडी में भेजने के आदेश दिए हैं। ACB दर्ज कर चुकी है केस हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो की गुरुग्राम टीम ने सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वन मंत्रालय के फरीदाबाद स्थित सीजीओ कॉम्प्लेक्स ऑफिस में शुक्रवार को रेड की थी। वहां पर तैनात अधीक्षण अधिकारी राजेश कुमार को 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए टीम ने पकड़ा था। उसके द्वारा शिकायतकर्ता से सेवा क्षेत्र उद्यमों के वार्षिक सर्वेक्षण की जांच चरण-दो की अनुसूची के लिए नोटिस दाखिल करने, उसकी रिटर्न प्रोसेस करने के बदले में रिश्वत की मांगी गई थी। शिकायत के बाद अधीक्षण अधिकारी राजेश कुमार के खिलाफ फरीदाबाद के एंटी करप्शन ब्यूरो में मुकदमा दर्ज करके कार्रवाई की गई। नोटिस जारी कर की थी रिश्वत की डिमांड एंटी करप्शन ब्यूरो गुरुग्राम की टीम को शिकायतकर्ता ने बताया कि राजेश कुमार द्वारा 16 दिसंबर और 30 दिसंबर को उसे दो नोटिस जारी किए गए थे। इसमें सेवा क्षेत्र उद्योगों के वार्षिक सर्वेक्षण के तहत जांच चरण-दो की अनुसूची के लिए रिटर्न जमा करने की आवश्यकता थी। अधिकारी ने शिकायतकर्ता को चेतावनी दी थी, कि अगर वह उसे रिश्वत नहीं देगा तो उस पर सांख्यिकी संग्रहण अधिनियम के तहत जुर्माना लगाया जाएगा। मामले की जांच पड़ताल करते हुए आरोपी राजेश कुमार को पकड़ने के लिए रणनीति तैयार की गई। एसीबी की टीम ने फरीदाबाद स्थित सीजीओ कॉम्प्लेक्स उसे रिश्वत के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। ऑफिस के और भी अधिकारी संदेह के घेरे में इस मामले में सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए जांच पड़ताल की जा रही है। यह पूरी कार्रवाई गवाहों के समक्ष पूरी पारदर्शिता के साथ की गई। आरोपी के खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरो फरीदाबाद में मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपी राजेश कुमार से एसीबी फरीदाबाद द्वारा इस मामले में उनके कार्यालय में तैनात अन्य अधिकारियों-कर्मचारियों की भूमिका के बारे पूछताछ की गई है। सूत्रों का कहना है कि राजेश कुमार ने ऑफिस में कार्यरत दूसरे अधिकारियों और कर्मचारियों की संलिप्तता के संकेत दिए हैं। हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की गुरुग्राम टीम ने फरीदाबाद में सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय भारत सरकार के अधीक्षण अधिकारी एएसआई इंचार्ज को 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। उसने नोटिस दाखिल करने और उसकी रिटर्न प्रोसेस करने के बदले रिश्वत मांगी थी। उसके कब्जे से रिश्वत की राशि बरामद हो गई है। टीम की आगे की कार्रवाई के दौरान आरोपी को आज 4 जनवरी यानी आज स्थानीय अदालत में पेश किया गया। जहां से अदालत ने आरोपी राजेश कुमार को 14 दिन की ज्यूडिशियल कस्टडी में भेजने के आदेश दिए हैं। ACB दर्ज कर चुकी है केस हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो की गुरुग्राम टीम ने सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वन मंत्रालय के फरीदाबाद स्थित सीजीओ कॉम्प्लेक्स ऑफिस में शुक्रवार को रेड की थी। वहां पर तैनात अधीक्षण अधिकारी राजेश कुमार को 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए टीम ने पकड़ा था। उसके द्वारा शिकायतकर्ता से सेवा क्षेत्र उद्यमों के वार्षिक सर्वेक्षण की जांच चरण-दो की अनुसूची के लिए नोटिस दाखिल करने, उसकी रिटर्न प्रोसेस करने के बदले में रिश्वत की मांगी गई थी। शिकायत के बाद अधीक्षण अधिकारी राजेश कुमार के खिलाफ फरीदाबाद के एंटी करप्शन ब्यूरो में मुकदमा दर्ज करके कार्रवाई की गई। नोटिस जारी कर की थी रिश्वत की डिमांड एंटी करप्शन ब्यूरो गुरुग्राम की टीम को शिकायतकर्ता ने बताया कि राजेश कुमार द्वारा 16 दिसंबर और 30 दिसंबर को उसे दो नोटिस जारी किए गए थे। इसमें सेवा क्षेत्र उद्योगों के वार्षिक सर्वेक्षण के तहत जांच चरण-दो की अनुसूची के लिए रिटर्न जमा करने की आवश्यकता थी। अधिकारी ने शिकायतकर्ता को चेतावनी दी थी, कि अगर वह उसे रिश्वत नहीं देगा तो उस पर सांख्यिकी संग्रहण अधिनियम के तहत जुर्माना लगाया जाएगा। मामले की जांच पड़ताल करते हुए आरोपी राजेश कुमार को पकड़ने के लिए रणनीति तैयार की गई। एसीबी की टीम ने फरीदाबाद स्थित सीजीओ कॉम्प्लेक्स उसे रिश्वत के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। ऑफिस के और भी अधिकारी संदेह के घेरे में इस मामले में सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए जांच पड़ताल की जा रही है। यह पूरी कार्रवाई गवाहों के समक्ष पूरी पारदर्शिता के साथ की गई। आरोपी के खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरो फरीदाबाद में मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपी राजेश कुमार से एसीबी फरीदाबाद द्वारा इस मामले में उनके कार्यालय में तैनात अन्य अधिकारियों-कर्मचारियों की भूमिका के बारे पूछताछ की गई है। सूत्रों का कहना है कि राजेश कुमार ने ऑफिस में कार्यरत दूसरे अधिकारियों और कर्मचारियों की संलिप्तता के संकेत दिए हैं। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा के पूर्व मंत्री केआर पूनिया का निधन:पंचकूला में अंतिम संस्कार; IAS-IPS के पद पर रहे, पहला चुनाव जीते तो देवीलाल ने मंत्री बनाया हरियाणा के पूर्व मंत्री कृपाराम पूनिया का निधन हो गया है। 89 साल की उम्र में उन्होंने अपने पंचकूला निवास पर आखिरी सांस ली। पूनिया लंबे समय से बीमार चल थे। वह मूल रूप से झज्जर के साल्हावास गांव के रहने वाले थे। कृपाराम पुनिया के 5 बेटे और एक बेटी है। उनके भाई बी एल पूनिया राज्यसभा सांसद हैं। उनके बेटे सुनील ने ही मीडिया को पिता के निधन की जानकारी दी थी। देवीलाल सरकार में पहली बार में ही वो चुनाव जीतकर उद्योग मंत्री बन गए थे। सुनील ने बताया कि उसके पिता 1964 में पंजाब हरियाणा के सबसे पहले डायरेक्ट IPS अधिकारी नियुक्त हुए थे। निधन के बाद उनका अंतिम संस्कार आज 2:00 बजे मनी माजरा स्थित शिवपुरी क्रिमिनेशन ग्राउंड में किया गया। दिसंबर के पहले हफ्ते में अस्पताल में भर्ती हुए
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पूर्व मंत्री कृपाराम पूनिया हरियाणा प्रदेश के बनने के बाद 1967 में पहले डायरेक्ट IAS बने थे। उन्होंने SDM के पद पर कार्यभार संभाला और 1970 में जींद डीसी के पद पर कार्य किया। उसके बाद वे कोऑपरेटिव सोसाइटी के रजिस्ट्रार के रूप में कार्यरत रहे और सोशल वेलफेयर में उन्होंने कार्यभार संभाला। उनके बेटे सुनील ने बताया कि उसके बाद वे 1982 में हिसार में कमिश्नर के पद पर भी नियुक्त हुए। कृपाराम पूनिया का राजनीतिक सफर… पहली बार चुनाव जीते, मंत्रीपद मिला
कृपाराम पूनिया ने अपना राजनीतिक सफर 1986 में शुरू किया था। उन्होंने देवीलाल सरकार के समय कमिश्नर पद से इस्तीफा दे दिया और राजनीति में पहला कदम रखा।
1987 में उन्होंने देवीलाल की पार्टी लोकदल से बरोदा से चुनाव लड़ा, इस चुनाव में उन्होंने 50,882 वोट हासिल जीत दर्ज की और पहले ही चुनाव में विधानसभा में पहुंच गए। विधायक बनते ही देवीलाल सरकार में उन्हें उद्योग मंत्रालय, खदान मंत्रालय और टूरिज्म सोशल मंत्रालय सौंपा गया। 1989 में ओम प्रकाश चौटाला द्वारा दिए गए एक भाषण के विरोध में कई मंत्रियों ने इस्तीफा दिया था इसमें कृपाराम भी शामिल थे। पहले कांग्रेस और फिर बसपा में गए
पुनिया पूर्व कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद के करीबी थे। साथ ही 1991 में नरसिम्हा राव की सरकार में मंत्री बनाए गए कांग्रेसी नेता माधवराव सिंधिया के साथ भी उनकी अच्छी दोस्ती थी। जिसके कारण 1991 में कृपाराम कांग्रेस में शामिल हो गए। 2005 में, उन्होंने बड़ौदा विधानसभा से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में हरियाणा विधानसभा का चुनाव लड़ा लेकिन इस चुनाव को वो जीत नहीं पाए वह चौथे स्थान पर रहे थे। 2017 में फिर उन्होंने कांग्रेस छोड़ बहुजन समाज पार्टी जॉइन की थी। हालांकि एक साल बाद ही यानी 2018 में उन्होंने बसपा को भी अलविदा कह दिया। 2018 के बाद से वो किसी भी पार्टी में शामिल नहीं हुए।
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हिसार के युवक की ‘डोली’ लूटी:बिहार में हुई शादी; रास्ते में लड़की वालों ने की लूट, दुल्हन-कैश-मोबाइल ले गए हरियाणा के हिसार के गांव जुगलान के रहने वाले युवक को बिहार की युवती से शादी करना भारी पड़ गया। परदेसी दुल्हन के चक्कर में वह ठगी का शिकार हो गया। युवक शादी के बाद दुल्हन को लेकर जैसे ही बिहार के त्रिवेणगंज से चला तो सुनसान रास्ते मे दुल्हन के परिजनों ने युवक के परिजनों को घेर लिया। पिस्तौल दिखाकर 30 हजार रुपए और मोबाइल फोन भी छीन लिया। इस मामले में बिहार के जदिया पुलिस थाने मे केस दर्ज कराया गया है। हिसार के गांव जुगलान के रहने वाले कुलदीप ने बताया कि उसकी 8 साल पहले बिहार के जिला मधेपुरा के गांव लक्ष्मीपुर की रहने वाली युवती से शादी हुई थी। उसकी गृहस्थी ठीक चल रही है। बिहार के जदिया निवासी पवन मंडल ने उससे कहा कि वह मेरे भाई हंसराज की बिहार में शादी करा देगा। परिवार इसके लिए राजी हो गया। उसने बताया कि 30 अक्टूबर 2024 को पवन मंडल ने कहा कि युवती की मां बीमार है, उसके इलाज के लिए 7 हजार रुपए भेज दो। इसके बाद उसने कहा कि 31 अक्टूबर को हंसराज की शादी करवा देगा। इसके बाद वे परिवार के साथ बिहार के त्रिवेणगंज पहुंचे। वहां पर युवती को देखा तो वह पसंद आ गई। लड़की के कपड़ों और जेवरात के लिए उन्होंने 91 हजार 600 रुपए दे दिए। उसने बताया कि रात को भाई हंसराज की शादी युवती से करवा दी गई। आधी रात को लड़की के परिजनों ने दुल्हन और उन्हें एक कार में बैठाया और बाइकों पर साथ-साथ चलने लगे। जब सुनसान जगह पर पहुंचे तो लड़की के परिजनों ने पिस्तौल दिखाकर उनको रोक लिया। इसके बाद उन्होंने उनसे 30 हजार रुपए व मोबाइल फोन छीन लिया। भाई की नव नवेली दुल्हन को भी वे साथ ले गए। अब कुलदीप ने बिहार के जदिया पुलिस थाना में धोखाधड़ी की शिकायत दी है।
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