पानीपत में फर्जी हलफनामा देकर पाई नौकरी:5 अंकों के दम पर बनी फार्मासिस्ट, अब हाईकोर्ट के आदेश पर महिला बर्खास्त

पानीपत में फर्जी हलफनामा देकर पाई नौकरी:5 अंकों के दम पर बनी फार्मासिस्ट, अब हाईकोर्ट के आदेश पर महिला बर्खास्त

पानीपत जिले के सिविल अस्पताल से एक महिला फार्मासिस्ट को ड्यूटी से मुक्त कर दिया गया है। कर्मचारी को बर्खास्त करने का आदेश पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने दिया था। दरअसल, ड्यूटी ज्वाइन करने के समय मुख्यालय में फर्जी हलफनामा देने पर यह कार्रवाई की गई है। फार्मासिस्ट 2021 से अब तक जिला सिविल अस्पताल में कार्यरत थी। ज्वाइन करने के समय उसने परिवार के किसी सदस्य के नौकरी पर न होने का हलफनामा दिया था। 2022 में शिकायतकर्ता ने उसके खिलाफ कोर्ट में केस दायर कर दिया। अब हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग को फार्मासिस्ट को बर्खास्त करने के आदेश दिए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने उसे नौकरी से निकाल दिया है। झूठे शपथ पत्र से मिले थे 5 अंक बताया जा रहा है मूल रूप से जींद की रहने वाली मीनाक्षी नैन हाल ही में पानीपत के भूल भुलैया चौक के पास रहती है। वह 2021 में स्वास्थ्य विभाग में बतौर फार्मासिस्ट भर्ती हुई थी। भर्ती होने के दौरान उसने विभाग में शपथ-पत्र दिया था कि उसके परिवार का कोई सदस्य सरकारी नौकरी में नहीं है। इससे उसे साक्षात्कार में पांच नंबर अतिरिक्त मिले थे। इन्हीं पांच नंबर से उसको नौकरी मिल गई थी। 2022 में उसके खिलाफ एक व्यक्ति ने हाई कोर्ट में केस दायर किया था। लगभग तीन साल चली मामले की सुनवाई के बाद अब हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ अपना फैसला सुनाया है। उनको नौकरी से रिलीव कर दिया गया है। ड्यूटी से कर दिया गया रिलीव: SMO
जिला नागरिक अस्पताल के एसएमओ डा. श्यामलाल महाजन ने बताया कि मीनाक्षी नैन को हाईकोर्ट ने बर्खास्त किया है। उनके कार्यालय में इस संबंध में आर्डर भी प्राप्त हुए हैं। उनको यहां से रिलीव कर दिया गया है। मीनाक्षी पर नौकरी में दौरान ज्वाइनिंग के दौरान फर्जी तरीके से पांच नंबर लेने का दोष साबित हुआ है। पानीपत जिले के सिविल अस्पताल से एक महिला फार्मासिस्ट को ड्यूटी से मुक्त कर दिया गया है। कर्मचारी को बर्खास्त करने का आदेश पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने दिया था। दरअसल, ड्यूटी ज्वाइन करने के समय मुख्यालय में फर्जी हलफनामा देने पर यह कार्रवाई की गई है। फार्मासिस्ट 2021 से अब तक जिला सिविल अस्पताल में कार्यरत थी। ज्वाइन करने के समय उसने परिवार के किसी सदस्य के नौकरी पर न होने का हलफनामा दिया था। 2022 में शिकायतकर्ता ने उसके खिलाफ कोर्ट में केस दायर कर दिया। अब हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग को फार्मासिस्ट को बर्खास्त करने के आदेश दिए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने उसे नौकरी से निकाल दिया है। झूठे शपथ पत्र से मिले थे 5 अंक बताया जा रहा है मूल रूप से जींद की रहने वाली मीनाक्षी नैन हाल ही में पानीपत के भूल भुलैया चौक के पास रहती है। वह 2021 में स्वास्थ्य विभाग में बतौर फार्मासिस्ट भर्ती हुई थी। भर्ती होने के दौरान उसने विभाग में शपथ-पत्र दिया था कि उसके परिवार का कोई सदस्य सरकारी नौकरी में नहीं है। इससे उसे साक्षात्कार में पांच नंबर अतिरिक्त मिले थे। इन्हीं पांच नंबर से उसको नौकरी मिल गई थी। 2022 में उसके खिलाफ एक व्यक्ति ने हाई कोर्ट में केस दायर किया था। लगभग तीन साल चली मामले की सुनवाई के बाद अब हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ अपना फैसला सुनाया है। उनको नौकरी से रिलीव कर दिया गया है। ड्यूटी से कर दिया गया रिलीव: SMO
जिला नागरिक अस्पताल के एसएमओ डा. श्यामलाल महाजन ने बताया कि मीनाक्षी नैन को हाईकोर्ट ने बर्खास्त किया है। उनके कार्यालय में इस संबंध में आर्डर भी प्राप्त हुए हैं। उनको यहां से रिलीव कर दिया गया है। मीनाक्षी पर नौकरी में दौरान ज्वाइनिंग के दौरान फर्जी तरीके से पांच नंबर लेने का दोष साबित हुआ है।   हरियाणा | दैनिक भास्कर