रोहतक| डाक पासपोर्ट सेवा केंद्र में आज और कल आवेदन नहीं हो सकेंगे। डाक घर प्रशासन के अनुसार 30 अगस्त से तकनीकी अपडेशन का काम चल रहा है। इस करण नए पासपोर्ट बनाने की सेवा पूरी तरह से बाधित रहेगी। इसके बाद सबकुछ ठीक रहा तो 2 सितंबर से पासपोर्ट के लिए आवेदन शुरू हो जाएंगे। जिले में रोजाना करीब 45 हजार से ज्यादा आवेदक पासपोर्ट के लिए आवेदन करते हैं। फिलहाल आवेदन की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन ही होती है। तकनीकी अपडेशन के चलते दो दिन वेरिफिकेशन सहित अन्य कार्य बाधित रहेंगे। पहले आवेदन करने वालो आवेदकों को भी मोबाइल पर मैसेज भेजे गए हैं। रोहतक| डाक पासपोर्ट सेवा केंद्र में आज और कल आवेदन नहीं हो सकेंगे। डाक घर प्रशासन के अनुसार 30 अगस्त से तकनीकी अपडेशन का काम चल रहा है। इस करण नए पासपोर्ट बनाने की सेवा पूरी तरह से बाधित रहेगी। इसके बाद सबकुछ ठीक रहा तो 2 सितंबर से पासपोर्ट के लिए आवेदन शुरू हो जाएंगे। जिले में रोजाना करीब 45 हजार से ज्यादा आवेदक पासपोर्ट के लिए आवेदन करते हैं। फिलहाल आवेदन की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन ही होती है। तकनीकी अपडेशन के चलते दो दिन वेरिफिकेशन सहित अन्य कार्य बाधित रहेंगे। पहले आवेदन करने वालो आवेदकों को भी मोबाइल पर मैसेज भेजे गए हैं। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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57 साल बाद हार, जनता के बीच भजनलाल परिवार:गांव-गांव काम गिनवा रहे भव्य-कुलदीप बिश्नोई; गढ़ वापस पाने को OBC-बिश्नोई वोटर्स को मना रहे
57 साल बाद हार, जनता के बीच भजनलाल परिवार:गांव-गांव काम गिनवा रहे भव्य-कुलदीप बिश्नोई; गढ़ वापस पाने को OBC-बिश्नोई वोटर्स को मना रहे हरियाणा विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद भजनलाल परिवार एक बार फिर लोगों के बीच पहुंचा है। कुलदीप बिश्नोई और उनके बेटे भव्य बिश्नोई आदमपुर के विभिन्न गांव में जाकर धन्यवादी दौरे कर रहे हैं। 3 दिवसीय दौरे का आज अंतिम दिन है। 3 दिन में बिश्नोई परिवार 54 गांव को कवर करेगा। 2 दिनों में आधे से ज्यादा गांव कवर किए गए हैं। दौरे के दौरान भव्य और कुलदीप बिश्नोई लोगों से संवाद कर रहे हैं, वहीं हार पर भी मंथन किया जा रहा है। बिश्नोई परिवार गांव-गांव जाकर कह रहा है कि आदमपुर उनका परिवार है। अगर थोड़ा जोर और लगा देते थे तो भजनलाल परिवार का स्वर्णिम दौर वापस आ सकता था। मगर, फिर भी लोगों के काम न पहले रुके थे, न इस बार रुकेंगे। पहले भी केंद्र और राज्य में भाजपा की सरकार थी और अब भी है। आज भी किसी अधिकारी के पास काम लेकर जाते हैं तो वह मना नहीं करता। बता दें कि 57 साल बाद आदमपुर से बिश्नोई परिवार को हार का मुंह देखना पड़ा। ऐसे में वह जनता के बीच जाकर दोबारा अपनी खिसक चुकी राजनीतिक जमीन तलाश रहे हैं। भव्य बिश्नोई बोले- सेवा के लिए पद जरूरी नहीं
भव्य बिश्नोई ने आदमपुर के एक गांव में लोगों से कहा कि चौधरी भजनलाल परिवार को सेवा करने के लिए किसी पद की आवश्यकता नहीं है। अगर परिणाम हमारे पक्ष में आते तो आदमपुर को बहुत बड़ी ताकत मिलने वाली थी। जो स्वर्णिम दौर चौधरी भजनलाल लाने की बात करते थे, वह दौर कुलदीप जी और सबके प्रयास से हमारे नजदीक आ गया था। आप सभी और हमसे भूल चूक हुई। मगर, आप चिंता मत करें, ऊपर और नीचे सरकार हमारी है। आप सभी ने पिता जी का कद इतना बड़ा बनाया है। मंत्री और अधिकारी कोई कितना बड़ा क्यों न हो, यदि कोई काम उनके पास लेकर जाते हैं तो वह तुरंत प्रभाव से पूरा होता है। आपके काम में कभी रुकावट नहीं आएगी। पहले की तरह ही हम आपका काम करते रहेंगे। नाराज बिश्नोई और ओबीसी वोटरों को मनाने का प्रयास
आदमपुर विधानसभा सीट पर करीब 1.78 लाख वोटर हैं। इनमें पुरुष वोटर 94 हजार 940 और महिला वोटर 93 हजार 708 हैं। इस सीट पर जाट और ओबीसी वोटर निर्णायक भूमिका निभाते हैं। आदमपुर में सबसे ज्यादा जाट वोटर करीब 55 हजार हैं। बिश्नोई समुदाय के 28 हजार वोट हैं। अगर ओबीसी में बिश्नोई समुदाय के वोटों को छोड़ दें तो करीब 29 हजार वोट हैं। इनमें सबसे ज्यादा 8200 वोटर जांगड़ा और कुम्हार जाति के हैं। इस चुनाव में कांग्रेस बिश्नोई और ओबीसी वोटरों में सेंध लगाने में सफल रही थी। ऐसे में बिश्नोई परिवार नाराज बिश्नोई वोटरों को मनाने का प्रयास कर रहा है। हार के बाद भावुक होकर रो पड़े थे कुलदीप बिश्नोई
8 अक्टूबर को मिली हार के बाद भजनलाल परिवार आदमपुर मंडी में पैतृक आवास पर पहुंचा था, जहां लोगों की भीड़ उमड़ी। इस दौरान कुलदीप बिश्नोई समर्थकों को संबोधित करते हुए भावुक हो गए और रोने लगे। इसके बाद समर्थकों ने कहा कि आदमपुर के लोग आपके साथ हैं। कुलदीप बिश्नोई को रोते देखकर समर्थकों ने चौधरी भजनलाल अमर रहे के नारे लगाए। बेटे भव्य बिश्नोई ने कुलदीप बिश्नोई को सांत्वना दी। भजनलाल के करीबी रहे रामजी लाल के भतीजे ने हराया
कांग्रेस ने इस बार भजनलाल परिवार की घेराबंदी की थी। भाजपा ने यहां कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई को दूसरी बार मैदान में उतारा था। भव्य बिश्नोई 2 साल पहले यहां से उप-चुनाव लड़े और जीत हासिल की थी। वहीं, कांग्रेस ने यहां से पूर्व IAS चंद्र प्रकाश को अपना उम्मीदवार बनाया। चंद्र प्रकाश पंडित रामजीलाल के भतीजे हैं। रामजीलाल को चौधरी भजनलाल का परम सखा माना जाता था। एक तरह से बिश्नोई परिवार के नजदीकी रहे परिवार में से ही कांग्रेस ने टिकट दिया। इसका लाभ कांग्रेस को मिला और नजदीकी मुकाबले में भव्य बिश्नोई 1768 वोटों से हार गए। आदमपुर सीट पर पहली बार 1967 में चौधरी भजनलाल जीते थे। इस चुनाव से पहले तक इस सीट पर भजनलाल परिवार के सदस्य ही चुनाव जीतते आ रहे थे।
हरियाणा BJP के घर बैठे नेताओं की छुट्टी होगी:RSS फीडबैक पर बदलेगा संगठन, 42 सीटों पर हार की समीक्षा, हारने की 5 वजहें
हरियाणा BJP के घर बैठे नेताओं की छुट्टी होगी:RSS फीडबैक पर बदलेगा संगठन, 42 सीटों पर हार की समीक्षा, हारने की 5 वजहें हरियाणा में लगातार तीसरी बार भले ही भाजपा ने सरकार बना ली हो, लेकिन पार्टी को 90 में से 42 सीटों पर हार भी मिली है। अब भाजपा ने इन सीटों पर हुई हार की समीक्षा भी कर ली है। एक महीने तक BJP ने हार के कारण जानने के लिए हारे उम्मीदवारों, जिलाध्यक्षों, पुराने कार्यकर्ताओं सहित RSS से भी फीडबैक लिया है। प्रदेश भाजपा इकाई ने यह रिपोर्ट पार्टी शीर्ष नेतृत्व को सौंप दी है। बताया जा रहा है कि हरियाणा में सदस्यता अभियान पूरा कर प्रदेश में संगठन के बदलाव के समय ही इन जिलों में जिलाध्यक्ष से लेकर जिला इकाई तक में बदलाव किए जाएंगे। ऐसे लोगों को किनारे लगाया जाएगा, जो पद लेकर बैठे रहे, मगर फील्ड में एक्टिव नहीं दिखे। इसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की रिपोर्ट की भूमिका सबसे अहम होगी। वहीं, टिकट वितरण में स्थानीय नेताओं की उपेक्षा भी हार का बड़ा कारण माना जा रहा है। इससे पार्टी में गलत मैसेज गया और कार्यकर्ता फील्ड में जाने के बजाय निष्क्रिय होकर बैठ गए। इन सब बिंदुओं को देखते हुए रिपोर्ट तैयार की गई। पार्टी के सह-प्रभारी बिप्लब देब भी भाजपा प्रदेशाध्यक्ष से इसे लेकर चर्चा कर चुके हैं। आने वाले समय में संगठन में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। संगठन मंत्री बोले- हमने समीक्षा कर ली, आगे भी करेंगे
भाजपा के प्रदेश संगठन मंत्री फणींद्र नाथ शर्मा ने बताया कि भाजपा हार की समीक्षा लगातार करती रही है। लोकसभा की तरह हमने विधानसभा में जिन सीटों पर हार हुई है, उनकी समीक्षा की है और रिपोर्ट शीर्ष नेतृत्व को दी है। भाजपा में समीक्षा कभी नहीं रुकती। लगातार चलती रहती है। BJP की रिपोर्ट में हार के 5 बड़े कारण… 1. पुराने नेताओं की अनदेखी
भाजपा ने कई सीटों पर पुराने कार्यकर्ताओं की अनदेखी की, जिसका खामियाजा भुगतना पड़ा। दूसरी पार्टी के कई नेताओं को चुनाव से ऐन वक्त पहले पार्टी में शामिल करवाया गया और टिकट दी, जिससे कई महीनों से फील्ड में तैयारी कर रहे नेताओं को झटका लगा और वह पूरे चुनाव में दूरी बनाकर रहे। उम्मीदवारों और संघ की रिपोर्ट में उन नेताओं के बाकायदा नाम भी लिखकर दिए गए हैं। 2. एंटी इनकम्बेंसी
चुनाव के समय प्रदेश में भाजपा के खिलाफ एंटी इनकम्बेंसी की चर्चा रही। चर्चा यह भी थी कि भाजपा चुनाव हार रही है और कांग्रेस जीत रही है, जिसके कारण 5 प्रतिशत स्विंग वोटर्स कांग्रेस की तरफ चला गया। यही वजह रही कि कड़े मुकाबलों वाली सीटों पर भी भाजपा हार गई। रोहतक, सिरसा और फतेहाबाद में सबसे ज्यादा वोट स्विंग हुए। सिरसा और फतेहाबाद में भाजपा विधायकों और नेताओं की कार्यशैली को लेकर भी लोगों में नाराजगी रही। 3. किसानों और जाटों में नाराजगी
किसानों और जाटों की नाराजगी का भाजपा को नुकसान उठाना पड़ा। रोहतक, फतेहाबाद और सिरसा में जाट और किसान एग्रेसिव होकर भाजपा के खिलाफ वोट डालने निकले। सिरसा और फतेहाबाद की सभी 8 सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की। किसान आंदोलन का सबसे ज्यादा असर इन जिलों में देखने को मिला। यहां नशाखोरी का मुद्दा भी चुनाव में छाया रहा। नशाखोरी रोकने के लिए भाजपा सरकार द्वारा किए गए इंतजाम नाकाफी नजर आए। इन सीटों पर जाटों के साथ-साथ सिख मतदाताओं की नाराजगी भी देखने को मिली। दोनों जिलों की पंजाबी बेल्ट में भाजपा का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। 4. टिकट वितरण में गड़बड़ी
कुछ सीटों पर टिकटों का वितरण सही तरीके से नहीं हुआ। यहां पार्टी का सर्वे विफल रहा। इन सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार जीते, जिसमें हिसार, गन्नौर जैसी सीट भी शामिल हैं। इसके अलावा सिरसा जिले में सबसे ज्यादा टिकट वितरण में गड़बड़ी हुई। मजबूत चेहरों को दरकिनार किया गया। रणजीत सिंह, आदित्य चौटाला, मीनू बेनीवाल जैसे चेहरों को पार्टी ने दरकिनार किया, जिसका खामियाजा भुगतना पड़ा। 5. मेवात में मुसलमानों ने भाजपा को नकारा
मेवात की तीनों सीटों पर भाजपा कोई कमाल नहीं कर पाई। यहां नूंह दंगों का असर देखने को मिला। यहां के लोगों में BJP के खिलाफ नाराजगी दिखी। लोगों ने BJP सरकार पर क्षेत्र में विकास न होने और भेदभाव का आरोप लगाया था। BJP इन मुस्लिम बहुल इलाकों में अपना खाता भी नहीं खोल पाई। 5 जिलों में खाता नहीं खोल पाई पार्टी
भाजपा प्रदेश के 5 जिलों में अपना खाता भी नहीं खोल पाई। इन जिलों में नूंह, सिरसा, झज्जर, रोहतक और फतेहाबाद शामिल हैं। अगर बेल्ट के हिसाब से देखें तो ये जिले बागड़, देशवाल और नूंह बेल्ट में आते हैं। इन जिलों में कुल 19 विधानसभा सीटें हैं। बागड़ बेल्ट में भाजपा ने 8, कांग्रेस ने 10, इनेलो ने 2 और निर्दलीय ने 1 सीट जीती। वहीं, 2019 में भाजपा ने 8, कांग्रेस ने 4, JJP ने 5, इनेलो ने 1 और निर्दलीय ने 2 सीटें जीती थीं।
पंचकूला में सिलेंडर में ब्लास्ट:खड़क मंगोली में झोपड़ी में लगी आग; आसपास के क्षेत्र में हड़कंप, अन्य झोपड़ियों को बचाया
पंचकूला में सिलेंडर में ब्लास्ट:खड़क मंगोली में झोपड़ी में लगी आग; आसपास के क्षेत्र में हड़कंप, अन्य झोपड़ियों को बचाया हरियाणा के पंचकूला के सेक्टर 1 स्थित खड़क मंगोली में सिलेंडर फटने से झोपड़ी में आग लगने से हड़कंप मच गया। घटना की सूचना मिलने के बाद फायर ब्रिगेड और पुलिस टीम मौके पर पहुंची और राहत कार्य शुरू कर दिया। समय रहते आग पर काबू पाने से अन्य झोपड़ियों को आग से बचा लिया गया। स्थानीय लोगों ने बताया कि जिस समय झोपड़ी में आग लगी उस समय झोपड़ी में कोई मौजूद नहीं था। जिस किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। आग लगने का मुख्य कारण सिलेंडर का फटना बताया जा रहा है, जो झोपड़ी में रखा था। घटना के दौरान झोपड़ी के पास खड़ी एक मोटरसाइकिल बिहार की चपेट में आ गई जो जल गई। फायर ब्रिगेड की गाड़ी ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पा लिया। यदि समय रहते आप पर काबू नहीं पाया जाता तो आसपास की झोपड़ियां और अन्य मकान उसकी चपेट में आ सकते थे जिससे बड़ा हादसा हो सकता था।