रोहतक| डाक पासपोर्ट सेवा केंद्र में आज और कल आवेदन नहीं हो सकेंगे। डाक घर प्रशासन के अनुसार 30 अगस्त से तकनीकी अपडेशन का काम चल रहा है। इस करण नए पासपोर्ट बनाने की सेवा पूरी तरह से बाधित रहेगी। इसके बाद सबकुछ ठीक रहा तो 2 सितंबर से पासपोर्ट के लिए आवेदन शुरू हो जाएंगे। जिले में रोजाना करीब 45 हजार से ज्यादा आवेदक पासपोर्ट के लिए आवेदन करते हैं। फिलहाल आवेदन की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन ही होती है। तकनीकी अपडेशन के चलते दो दिन वेरिफिकेशन सहित अन्य कार्य बाधित रहेंगे। पहले आवेदन करने वालो आवेदकों को भी मोबाइल पर मैसेज भेजे गए हैं। रोहतक| डाक पासपोर्ट सेवा केंद्र में आज और कल आवेदन नहीं हो सकेंगे। डाक घर प्रशासन के अनुसार 30 अगस्त से तकनीकी अपडेशन का काम चल रहा है। इस करण नए पासपोर्ट बनाने की सेवा पूरी तरह से बाधित रहेगी। इसके बाद सबकुछ ठीक रहा तो 2 सितंबर से पासपोर्ट के लिए आवेदन शुरू हो जाएंगे। जिले में रोजाना करीब 45 हजार से ज्यादा आवेदक पासपोर्ट के लिए आवेदन करते हैं। फिलहाल आवेदन की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन ही होती है। तकनीकी अपडेशन के चलते दो दिन वेरिफिकेशन सहित अन्य कार्य बाधित रहेंगे। पहले आवेदन करने वालो आवेदकों को भी मोबाइल पर मैसेज भेजे गए हैं। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा की एक और शूटर आज मेडल पर निशाना लगाएगी:पेरिस ओलिंपिक में फाइनल खेलेगी रमिता जिंदल; 8 साल की उम्र में शुरू की थी शूटिंग मनु भाकर के बाद एक और इंडियन शूटर रमिता जिंदल पेरिस ओलिंपिक में फाइनल में पहुंच गई। रमिता आज यानी सोमवार दोपहर एक बजे 10 मीटर एयर राइफल इवेंट का फाइनल मैच खेलेंगी। रमिता ने रविवार को हुए क्वालिफिकेशन राउंड में 631.5 अंकों के साथ पांचवां स्थान हासिल कर फाइनल में जगह पक्की की थी। 20 वर्षीय रमिता हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले के लाडवा की रहने वाली है। साल 2022 एशियाई खेलों में सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल जीतकर रमिता ने अपनी पहचान बनाई थी। वह अपनी कोच सुमा शिरूर (एथेंस 2004) के बाद ओलिंपिक फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला राइफल शूटर हैं। पिता शूटिंग रेंज में लेकर गए तो दिलचस्पी बढ़ी रमिता जिंदल का जन्म 16 जनवरी 2004 को लाडवा में जिंदल परिवार में हुआ। वह दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज की छात्रा है। रमिता के पिता अरविंद जिंदल टैक्स एडवाइजर हैं। 8 साल की उम्र में रमिता ने शूटिंग शुरू की थी। अरविंद जिंदल बेटी रमिता को कुरुक्षेत्र के करण शूटिंग रेंज में ले गए। यहां से रमिता की शूटिंग में दिलचस्पी बढ़ गई। सुबह वह स्कूल जाने लगी और फिर शाम को अभ्यास के लिए करण शूटिंग रेंज जाने लगी। रमिता जिंदल को पहली सफलता तब मिली, जब वह 2018 की राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में शीर्ष 10 में रहीं। 2020 में रमिता ने नेशनल लेवल की प्रतियोगिताओं में मेडल जीतना शुरू किया। इसके बाद उसे भारतीय शूटर के रूप में पहचान मिली। 2023 में ओलिंपिक में स्थान फाइनल किया साल 2023 में बाकू में हुए विश्व चैम्पियनशिप में रमिता जिंदल ने गोल्ड मेडल हासिल किया। यहां मेडल जीतने के बाद उनका पेरिस ओलिंपिक 2024 में स्थान पक्का हो गया। रमिता जिंदल की प्रमुख उपलब्धियां 2021 : ISSF जूनियर विश्व चैम्पियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल 2022 : एशियाई खेलों में सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल 2022 : ISSF विश्व कप में गोल्ड और सिल्वर मेडल 2022 : विश्व चैम्पियनशिप में 2 गोल्ड मेडल 2023 : एशियाई शूटिंग चैम्पियनशिप में एक सिल्वर और 2 ब्रॉन्ज मेडल 2023 : विश्व चैम्पियनशिप में गोल्ड मेडल ये खबरें भी पढ़ें :- हरियाणवी छोरी ने देश को दिलाया पहला मेडल:पेरिस ओलिंपिक में जीता ब्रॉन्ज, पहली भारतीय महिला शूटर बनीं, दादी बोलीं- सोने की टूम पहनाऊंगी मनु भाकर बोलीं-फाइनल में दिमाग में गीता चल रही थी:कृष्ण ने अर्जुन को कहा था-लक्ष्य पर ध्यान दो, परिणाम पर नहीं; ओलिंपिक में ब्रॉन्ज जीता

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