हरियाणा में रेवाड़ी जिले के धारूहेड़ा कस्बा स्थित गांव मालाहेड़ा में शनिवार को करीब 50 साल के एक शख्स की लाश बरामद हुई। उसके सिर और चेहरे पर चोट के निशान मिले हैं। आशंका जताई जा रही है कि उसकी तेजधार हथियार से हमला कर हत्या की गई। हालांकि मृतक की शिनाख्त नहीं हो पाई है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए शवगृह में रखवा दिया है। मिली जानकारी अनुसार, शनिवार को गांव मालाहेड़ा के कुछ ग्रामीणों को मंदिर की तरफ जाने वाले रास्ते पर एक शव पड़ा दिखाई दिया। इससे ग्रामीणों में सनसनी फैल गई। सरपंच ने इसकी सूचना धारूहेड़ा थाना पुलिस को दी। सूचना मिलने के बाद एसएचओ अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। मृतक के सिर पर धारदार हथियार से वार किए हुए थे। उसका चेहरा पत्थर से कुचला हुआ था। शरीर पर पूरे कपड़े भी नहीं थे। हत्या कर फेंका शव शव को सड़क पर काफी दूर तक घसीटने के बाद मंदिर के रास्ते पर डाला गया था, जिससे सड़क पर दूर तक खून के निशान पाए गए। व्यक्ति की हत्या करने के बाद उसे फेंका गया था। पुलिस ने आसपास के इलाके में कई लोगों से पूछताछ भी की, लेकिन कुछ पता नहीं चल पाया। सीन ऑफ क्राइम की टीम ने की जांच एसएचओ धारूहेड़ा ने मौके पर पहुंचने के बाद सीन ऑफ क्राइम टीम को मौके पर बुलाया। टीम ने घटनास्थल व शव का बारीकी से निरीक्षण किया। पुलिस ने आसपास के गांवों में सूचना भिजवाकर शव की शिनाख्त कराने का प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिली। बाद में पुलिस ने हत्या का केस दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी। बता दें कि एक दिन पहले बावल में भी एक महिला की हत्या करने के बाद शव को एग्रीकल्चर कॉलेज के पास डाल दिया था। दो दिन में जिले में हत्या की यह दूसरी वारदात है। हरियाणा में रेवाड़ी जिले के धारूहेड़ा कस्बा स्थित गांव मालाहेड़ा में शनिवार को करीब 50 साल के एक शख्स की लाश बरामद हुई। उसके सिर और चेहरे पर चोट के निशान मिले हैं। आशंका जताई जा रही है कि उसकी तेजधार हथियार से हमला कर हत्या की गई। हालांकि मृतक की शिनाख्त नहीं हो पाई है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए शवगृह में रखवा दिया है। मिली जानकारी अनुसार, शनिवार को गांव मालाहेड़ा के कुछ ग्रामीणों को मंदिर की तरफ जाने वाले रास्ते पर एक शव पड़ा दिखाई दिया। इससे ग्रामीणों में सनसनी फैल गई। सरपंच ने इसकी सूचना धारूहेड़ा थाना पुलिस को दी। सूचना मिलने के बाद एसएचओ अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। मृतक के सिर पर धारदार हथियार से वार किए हुए थे। उसका चेहरा पत्थर से कुचला हुआ था। शरीर पर पूरे कपड़े भी नहीं थे। हत्या कर फेंका शव शव को सड़क पर काफी दूर तक घसीटने के बाद मंदिर के रास्ते पर डाला गया था, जिससे सड़क पर दूर तक खून के निशान पाए गए। व्यक्ति की हत्या करने के बाद उसे फेंका गया था। पुलिस ने आसपास के इलाके में कई लोगों से पूछताछ भी की, लेकिन कुछ पता नहीं चल पाया। सीन ऑफ क्राइम की टीम ने की जांच एसएचओ धारूहेड़ा ने मौके पर पहुंचने के बाद सीन ऑफ क्राइम टीम को मौके पर बुलाया। टीम ने घटनास्थल व शव का बारीकी से निरीक्षण किया। पुलिस ने आसपास के गांवों में सूचना भिजवाकर शव की शिनाख्त कराने का प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिली। बाद में पुलिस ने हत्या का केस दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी। बता दें कि एक दिन पहले बावल में भी एक महिला की हत्या करने के बाद शव को एग्रीकल्चर कॉलेज के पास डाल दिया था। दो दिन में जिले में हत्या की यह दूसरी वारदात है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हिसार के जिंदल पुल पर हादसा:ट्रक ने मोपेड सवार को कुचला, सिर से गुजरा टायर; मौके पर दम तोड़ा हिसार के जिंदल पुल के पास ट्रक और मोपेड (विक्की) की टक्कर हो गई। ट्रक का टायर मोपेड चलाने वाले के ऊपर से गुजर गया। जिससे उसकी मौत हो गई। मरने वाले की पहचान अर्बन एस्टेट में रहने रामचंद्र के रूप में हुई है। घटना के बाद ट्रक छोड़कर ड्राइवर फरार हो गया। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए हिसार के नागरिक अस्पताल में भिजवा दिया। पुलिस ने मृतक के भाई आनंद बल्लभ के बयान दर्ज कर ट्रक चालक के खिलाफ के दर्ज किया। मॉडल टाउन के रहने वाले आनंद वल्लभ ने बताया कि वह मॉडल टाउन में मां संतोषी आश्रम में पंडित का काम करता है। वह पांच भाई हैं। सभी शादीशुदा हैं। दो भाई गांव और तीसरा भाई गाजियाबाद में रहता है। हम दो भाई हिसार में रहते है। उसका सबसे छोटा भाई रमेश चन्द्र जो चाऊमीन बनाकर सप्लाई करने का काम करता था। वह अर्बन एस्टेट में बतौर किराएदार रहता था। वह बुधवार यानी आज मोपेड पर चाऊमीन सप्लाई के लिए घर से कैंट जा रहा था। शिकायतकर्ता ने बताया वह भी किसी काम से जिंदल पुल के पास आया हुआ था। जब मेरा भाई रमेश चंद्र अपने मोपेड पर सवार होकर पुल के पास पहुंचा तो पीछे से एक ट्रक भाई की मोपेड में सीधी टक्कर मारी। जिससे भाई सडक पर जा गिरा और ट्रक का टायर भाई के ऊपर चढ गया। उसके भाई को नागरिक अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने नागरिक अस्पताल में शव का पोस्टमॉर्टम करवाया। ट्रक ड्राइवर के खिलाफ धारा 281,106(2) के तहत केस दर्ज कर लिया है।
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रोहतक में पत्नी को सिर में मारी गोली:हालत गंभीर, आपसी कहासुनी के चलते की वारदात, आरोपी मौके से फरार रोहतक के गांव बलियाना में झगड़े के चलते व्यक्ति ने अपनी पत्नी को गोली मार दी। जिसके बाद महिला को उपचार के लिए रोहतक पीजीआई में भर्ती कराया गया है। उधर, मामले की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी है। घायल की पहचान गांव बलियाना निवासी 31 वर्षीय मोनिका के रूप में हुई है। पुलिस की प्रारंभिक जांच के अनुसार मोनिका गुरुवार को अपने घर पर थी। इस दौरान उसका अपने पति विनोद से किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया। लहूलुहान होकर जमीन गिरी महिला जिसके चलते विनोद ने मोनिका को गोली मार दी। जो सीधे मोनिका के सिर में जा लगी और मोनिका लहूलुहान होकर जमीन पर गिर गई। आरोपी पति वहां से फरार हो गया। इसकी जानकारी होते ही आसपास के लोग मौके पर पहुंचे और मोनिका को उपचार के लिए रोहतक पीजीआई ले गए। जहां महिला का उपचार चल रहा है। पुलिस मामले की जांच में जुटी आईएमटी थाना प्रभारी दिलबाग ने बताया कि गांव बलियाना में फायरिंग की सूचना मिली थी। प्रारंभिक जांच के अनुसार बलियाना निवासी मोनिका को उसके पति विनोद ने गोली मारी है। पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है। जांच के बाद ही मामला स्पष्ट हो सकेगा।
हरियाणा के सरकारी स्कूलों में 4 लाख फर्जी एडमिशन:स्कॉलरशिप-यूनिफॉर्म के नाम पर सरकारी फंड का मिसयूज किया; CBI ने 3 FIR दर्ज कीं
हरियाणा के सरकारी स्कूलों में 4 लाख फर्जी एडमिशन:स्कॉलरशिप-यूनिफॉर्म के नाम पर सरकारी फंड का मिसयूज किया; CBI ने 3 FIR दर्ज कीं हरियाणा के सरकारी स्कूलों में वर्ष 2014 से 2016 के बीच 4 लाख फर्जी दाखिले करने के मामले में चंडीगढ़ CBI ने अब 3 FIR दर्ज की हैं। छात्रवृति, वर्दी और मिड-डे मील के लिए सरकार से मिलने वाले फंड में गबन के लिए कागजी दाखिले किए गए थे। मामले में सरकारी कर्मी द्वारा गलत दस्तावेज तैयार करने, धोखाधड़ी, जालसाजी, आपराधिक साजिश रचने समेत भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धाराएं लगाई गई हैं। इससे पहले स्टेट विजिलेंस ब्यूरो ने कई साल तक इसी मामले की जांच कर 7 FIR दर्ज की थीं। इस मामले में 2 बार विजिलेंस की विशेष जांच टीम (SIT) भी बनी। 3 स्तर पर जांच कर रिपोर्ट पेश की, लेकिन पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट जांच से संतुष्ट नहीं हुआ। हाई कोर्ट ने एक अपील केस में 30 मार्च, 2018 को दर्ज मामले में नवंबर 2019 को फैसला सुनाते हुए जांच CBI को सौंपी थी। कोर्ट ने CBI को 3 महीने में जांच कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए थे। अब करीब 4 साल बाद CBI ने केस दर्ज कर नए सिरे से जांच शुरू कर दी है। इन मामलों की जांच CBI की ASP सीमा पाहुजा और DSP राजीव गुलाटी को सौंपी गई है। कितने का घोटाला? एक दशक बाद भी आंकड़ा स्पष्ट नहीं
सालों की जांच के बाद भी अभी तक किसी भी FIR में यह स्पष्ट नहीं है कि कुल कितने का वित्तीय घोटाला हुआ है। इतना जरूर कहा गया कि छात्रवृति, वर्दी, मिड-डे मील के लिए मिलने वाले फंड में गबन किया गया। CBI में दर्ज FIR के मुताबिक हरियाणा के विभिन्न जिलों में 4 लाख से अधिक स्टूडेंट का दाखिला दिखाकर वित्तीय गबन किया गया। गबन करने वालों ने इन 4 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स के लिए अध्यापकों की आवश्यकता दिखाई गई थी। इस मामले में शक के दायरे में प्राथमिक शिक्षा विभाग है। पहले विजिलेंस और अब CBI ने भी किसी को नामजद नहीं किया है। अब फिर से संबंधित जिम्मेदारों से पूछताछ हो सकती है। कब खुलासा? गेस्ट टीचर केस में आंकड़ों से खुली परतें
जून 2015 में शिक्षा विभाग ने 719 गेस्ट टीचरों को हटाने का नोटिस जारी किया। गेस्ट टीचर हाईकोर्ट पहुंचे। कोर्ट ने 6 जुलाई, 2015 को याचिका खारिज कर दी। रिव्यू पिटीशन भी नहीं मानी। सितंबर, 2015 में डबल बेंच में पहुंचे। सरकार को नोटिस जारी हुआ। वहां जवाब में सरकार ने बताया कि सरकारी स्कूलों में छात्र घट गए हैं। कोर्ट ने रिकॉर्ड मांगा तो सामने आया कि 22 लाख बच्चों में 4 लाख के दाखिले फर्जी हैं। कोर्ट ने सरकारी धन की हेराफेरी की आशंका जताते हुए जांच कराने को कहा, जो उस वक्त नहीं कराई। कोर्ट ने शिक्षा विभाग के ACS को बुलाया। ब्लॉक व जिला स्तर पर जांच हुई, कोर्ट संतुष्ट नहीं हुआ तो विजिलेंस को सौंपी। कैसे बढ़ती गई जांच? दो बार SIT गठित, जिलों में टीमें बनीं
गुरुग्राम विजिलेंस के SP हामिद अख्तर, विजिलेंस ब्यूरो पंचकूला मुख्यालय की IG चारू बाली ने जांच की। फिर SIT बनी। रोहतक, हिसार, गुरुग्राम रेंज के स्कूलों में जांच के बाद मार्च-अप्रैल 2018 में 7 FIR दर्ज हुईं। गुरुग्राम के 10 स्कूलों में सामने आया कि 5,298 बच्चों का दाखिला था, लेकिन वार्षिक परीक्षा में 4232 ही बैठे। मार्च 2019 में नए सिरे से SIT बनाने की अनुमति मांगी गई। फिर 200 विजिलेंस कर्मियों ने 12,924 स्कूलों में प्रोफार्मा के जरिये डेटा मिलान किया। करनाल, पानीपत व जींद में 50,687 बच्चे नहीं मिले। अम्बाला में फर्जी दाखिले मिले। हिसार, भिवानी, सिरसा व फतेहाबाद जिलों में 5,735 बच्चे अनुपस्थित मिले। रोहतक, सोनीपत व झज्जर में सब कुछ ठीक मिला। क्यों जांच मुश्किल? छात्रों के पते अधूरे थे, दस्तावेजों में एंट्री नहीं
हैरान करने वाली बात थी कि गैर-हाजिरी के चलते नाम न काटने का नियम था। ऐसे में शैक्षणिक सत्र में छात्रों की संख्या में इतना बड़ा अंतर आना सहज नहीं था। ट्रांसफर/स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट और ड्रॉपआउट केसों को लेकर स्कूल के रिकॉर्ड में एंट्री होनी चाहिए थी। कई स्कूलों में बच्चों की गैर-मौजूदगी के चलते उनका नाम काट देना बताया गया, जबकि स्कूल से नाम न काटने की पॉलिसी थी। वहीं स्टूडेंट्स के पते भी अधूरे पाए गए थे।