हरियाणा के सोनीपत जिले के गोहाना क्षेत्र में इंडियन ऑयल कार्पोरेशन (IOCL) द्वारा कई गांवों के खेतों में बिछाई जा रही तेल पाइपलाइन को लेकर 3 दिन से माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है। किसान तेल कंपनी से अपनी जमीन का ज्यादा मुआवजा मांग रहे हैं। अब किसानों को जबरन हटा कर पाइप लाइन दबाने का काम चल रहा है। दो दिन से किसान प्रशासन आमने सामने हैं। आज किसानों की ओर से गांव कोहला में बड़ी किसान महापंचायत बुलाई गई है। पुलिस प्रशासन भी इसको लेकर अलर्ट पर है। ये है पूरा मामला गोहाना क्षेत्र के गांव कोहला व इसके आसपास के दर्जन भर गांवों में इंडियन ऑयल कार्पोरेशन द्वारा खेतों में तेल की पाइपलाइन बिछाई जा रही है। कोहला गांव में जागसी, कोहला, नूरन खेड़ा, बुटाना, गंगाना, घड़वाल समेत कई अन्य गांव के किसान 3 महीने से धरना दे रहे हैं। वे तेल की पाइप लाइन बिछाने का काम रोके हुए थे। मंगलवार को प्रशासन ने इस पर कार्रवाई करते हुए किसानों को जबरन वहां से हटा कर पाइप लाइन बिछाने का काम शुरू करा दिया। बुधवार को भी किसानों ने यहां तेल कंपनी के काम को रोक दिया और किसान पोकलेन मशीन पर चढ़ गए। इसको देखते हुए पुलिस ने दूसरे दिन भी किसानों को यहां से जबरन हटा दिया। इस दौरान 47 किसानों को हिरासत में लिया गया। पुलिस द्वारा किसानों को जबरन हाथ पांव पकड़ कर उठा ले जाने व महिलाओं की पुलिस के साथ झड़प के कई वीडियो वायरल हुए हैं। इससे पहले मंगलवार को 16 महिलाओं समेत 24 किसानों को पुलिस ने हिरासत में लिया था। मांग रहे हैं ज्यादा मुआवजा गुजरात से पानीपत रिफाइनरी में तेल पहुंचाने के लिए IOCL की ओर से खेतों के रास्ते पाइप लाइन बिछाई जा रही है। पाइप लाइन कोहला, गंगाना, नूरनखेड़ा, बुटाना व जागसी गांव से होकर गुजरेगी। किसानों को इसके लिए 4 लाख रुपए के हिसाब से मुआवजा दिया जा रहा है। किसान इसे कम बता कर 3 अगस्त से गांव कोहला में धरना दे रहे हैं। किसानों का कहना है कि पानीपत में ये मुआवजा राशि 10 लाख रुपए है। हमारे साथ भेदभाव हो रहा है। वे भी मुआवजा राशि बढ़ाने की मांग पर अड़े हैं। किसान यूनियन एकत्रित, SKM से मांगा सहयोग दो दिन से यहां किसानों व प्रशासन के बीच चल रहे टकराव, किसानों को जबरन हटाने, हिरासत में लेने को लेकर अब किसान यूनियन नेता कोहला में जुटने लगे हैं। किसान नेता रवि आजाद ने कहा कि पुलिस व प्रशासन किसानों पर ज्यादती कर रहा है। इसको लेकर गुरुवार 7 नवंबर को कोहला में किसान महापंचायत होगी। किसान नेताओं ने संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) से भी अपील की है कि वे किसानों के आंदोलन पर संज्ञान लें। आसपास के जिले के किसानों को कोहला आने को कहा गया है। पुलिस-प्रशासन अलर्ट पाइप लाइन के विरोध में किसानों के प्रोटेस्ट को देखते हुए सोनीपत प्रशासन व पुलिस भी अलर्ट हैं। किसानों की संख्या भी कोहला में हर दिन बढ़ती जा रही है। गोहाना के एसीपी ऋषिकांत का कहना है कि कोहला गांव में पाइप लाइन बिछाने का कार्य शुरू कराने के लिए तेल कंपनी ने पुलिस सुरक्षा मांगी है। इसी को लेकर ड्यूटी मजिस्ट्रेट के निर्देश पर पुलिस काम कर रही है। पुलिस हर प्रकार के हालात से निपटने को तैयार है। हरियाणा के सोनीपत जिले के गोहाना क्षेत्र में इंडियन ऑयल कार्पोरेशन (IOCL) द्वारा कई गांवों के खेतों में बिछाई जा रही तेल पाइपलाइन को लेकर 3 दिन से माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है। किसान तेल कंपनी से अपनी जमीन का ज्यादा मुआवजा मांग रहे हैं। अब किसानों को जबरन हटा कर पाइप लाइन दबाने का काम चल रहा है। दो दिन से किसान प्रशासन आमने सामने हैं। आज किसानों की ओर से गांव कोहला में बड़ी किसान महापंचायत बुलाई गई है। पुलिस प्रशासन भी इसको लेकर अलर्ट पर है। ये है पूरा मामला गोहाना क्षेत्र के गांव कोहला व इसके आसपास के दर्जन भर गांवों में इंडियन ऑयल कार्पोरेशन द्वारा खेतों में तेल की पाइपलाइन बिछाई जा रही है। कोहला गांव में जागसी, कोहला, नूरन खेड़ा, बुटाना, गंगाना, घड़वाल समेत कई अन्य गांव के किसान 3 महीने से धरना दे रहे हैं। वे तेल की पाइप लाइन बिछाने का काम रोके हुए थे। मंगलवार को प्रशासन ने इस पर कार्रवाई करते हुए किसानों को जबरन वहां से हटा कर पाइप लाइन बिछाने का काम शुरू करा दिया। बुधवार को भी किसानों ने यहां तेल कंपनी के काम को रोक दिया और किसान पोकलेन मशीन पर चढ़ गए। इसको देखते हुए पुलिस ने दूसरे दिन भी किसानों को यहां से जबरन हटा दिया। इस दौरान 47 किसानों को हिरासत में लिया गया। पुलिस द्वारा किसानों को जबरन हाथ पांव पकड़ कर उठा ले जाने व महिलाओं की पुलिस के साथ झड़प के कई वीडियो वायरल हुए हैं। इससे पहले मंगलवार को 16 महिलाओं समेत 24 किसानों को पुलिस ने हिरासत में लिया था। मांग रहे हैं ज्यादा मुआवजा गुजरात से पानीपत रिफाइनरी में तेल पहुंचाने के लिए IOCL की ओर से खेतों के रास्ते पाइप लाइन बिछाई जा रही है। पाइप लाइन कोहला, गंगाना, नूरनखेड़ा, बुटाना व जागसी गांव से होकर गुजरेगी। किसानों को इसके लिए 4 लाख रुपए के हिसाब से मुआवजा दिया जा रहा है। किसान इसे कम बता कर 3 अगस्त से गांव कोहला में धरना दे रहे हैं। किसानों का कहना है कि पानीपत में ये मुआवजा राशि 10 लाख रुपए है। हमारे साथ भेदभाव हो रहा है। वे भी मुआवजा राशि बढ़ाने की मांग पर अड़े हैं। किसान यूनियन एकत्रित, SKM से मांगा सहयोग दो दिन से यहां किसानों व प्रशासन के बीच चल रहे टकराव, किसानों को जबरन हटाने, हिरासत में लेने को लेकर अब किसान यूनियन नेता कोहला में जुटने लगे हैं। किसान नेता रवि आजाद ने कहा कि पुलिस व प्रशासन किसानों पर ज्यादती कर रहा है। इसको लेकर गुरुवार 7 नवंबर को कोहला में किसान महापंचायत होगी। किसान नेताओं ने संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) से भी अपील की है कि वे किसानों के आंदोलन पर संज्ञान लें। आसपास के जिले के किसानों को कोहला आने को कहा गया है। पुलिस-प्रशासन अलर्ट पाइप लाइन के विरोध में किसानों के प्रोटेस्ट को देखते हुए सोनीपत प्रशासन व पुलिस भी अलर्ट हैं। किसानों की संख्या भी कोहला में हर दिन बढ़ती जा रही है। गोहाना के एसीपी ऋषिकांत का कहना है कि कोहला गांव में पाइप लाइन बिछाने का कार्य शुरू कराने के लिए तेल कंपनी ने पुलिस सुरक्षा मांगी है। इसी को लेकर ड्यूटी मजिस्ट्रेट के निर्देश पर पुलिस काम कर रही है। पुलिस हर प्रकार के हालात से निपटने को तैयार है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा कांग्रेस में विधानसभा चुनाव से पहले हुड्डा Vs सैलजा:सांसद का ‘कांग्रेस संदेश यात्रा’ का ऐलान; पोस्टर से हुड्डा गुट के चेहरे गायब विधानसभा चुनाव से पहले हरियाणा कांग्रेस में गुटबाजी तेज हो गई है। पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा गुट के ‘हरियाणा मांगे हिसाब’ कैंपेन के बराबर सांसद कुमारी सैलजा ने ‘कांग्रेस संदेश यात्रा’ का ऐलान कर दिया है। सैलजा ने सोशल मीडिया पर 27 जुलाई से इसे शुरू करने का पोस्टर भी शेयर किया है। सैलजा के इस पोस्टर से पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान और प्रदेश इंचार्ज दीपक बाबरिया की फोटो गायब है। हालांकि हुड्डा गुट के कैंपेन की घोषणा, लॉन्चिंग और पोस्टर से भी कुमारी सैलजा गायब थी। सैलजा ने अपने पोस्टर में रणदीप सुरजेवाला को जगह दी लेकिन सबसे चौंकाने वाली फोटो पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह की है। बीरेंद्र सिंह कुछ दिन पहले ही हुड्डा गुट के साथ चंडीगढ़ प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिखे थे। बता दें कि हरियाणा की 10 में से 5 लोकसभा सीटें जीतने के बाद राहुल गांधी ने यहां के 38 नेताओं से मीटिंग की। जिसमें राहुल ने कहा था- ” गुटबाजी किसी की भी सहन नहीं की जाएगी। सभी नेता यूनिटी बनाएं। सार्वजनिक स्थानों, खासकर मीडिया के सामने एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी न करें।” कुमारी सैलजा का सोशल मीडिया पर डाला पोस्टर… पोस्टर के साथ सैलजा ने लिखा- लोकसभा में यात्रा का फायदा मिला
पोस्टर के साथ कुमारी सैलजा लोकसभा चुनाव में 10 में से 5 सीटों पर जीत का क्रेडिट लेने से भी नहीं चूकी। सैलजा ने लिखा- “कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व मल्लिकार्जुन खड़गे जी और राहुल गांधी जी का संदेश जन-जन तक पहुंचाने के लिए कांग्रेस संदेश यात्रा एक बार फिर से शुरू हो रही है। लोकसभा चुनाव से पहले यहां यात्रा हुई थी, जिसके अभूतपूर्व परिणाम लोकसभा चुनाव में देखने को मिले। 27 जुलाई को यह यात्रा अंबाला से फिर से आरंभ होगी। वरिष्ठ कांग्रेस नेता चौधरी बीरेंद्र सिंह जी एवं कांग्रेस राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला जी के साथ मिलकर, हम लोग इस यात्रा के माध्यम से BJP की झूठी नीतियों से लोगों को जागरूक कर, कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व के संदेश को घर-घर तक पहुंचाने के प्रण को पूर्ण करेंगे”। बीरेंद्र सिंह के जरिए किरण चौधरी की भरपाई
पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा गुट के खिलाफ कांग्रेस में सैलजा, सुरजेवाला और किरण चौधरी का SRK गुट मजबूत था। हालांकि लोकसभा में किरण चौधरी की बेटी श्रुति चौधरी की भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से टिकट काट दी गई। जिसके बाद किरण चौधरी BJP में शामिल हो चुकी हैं। हुड्डा गुट के खिलाफ खुद को मजबूत रखने के लिए सैलजा और सुरजेवाला अब पूर्व मंत्री बीरेंद्र सिंह को साथ जोड़ने में जुटे हुए हैं। बीरेंद्र सिंह लोकसभा चुनाव से पहले BJP छोड़ कांग्रेस में आए। हालांकि कांग्रेस ने हिसार से उनके सिटिंग सांसद बेटे बृजेंद्र सिंह की टिकट काट दी। वहीं जब हुड्डा गुट ने चंडीगढ़ में हरियाणा मांगे इंसाफ कैंपेन लॉन्च किया तो बीरेंद्र सिंह को मार्गदर्शक कह दिया। हालांकि बीरेंद्र ने खुद को एक्टिव पॉलिटिशियन बताया। लोकसभा नतीजे देख लड़ाई CM कुर्सी की
हरियाणा कांग्रेस की यह लड़ाई संगठन की मजबूती से ज्यादा 3 महीने बाद विधानसभा चुनाव में सरकार बनने की सूरत में CM कुर्सी की है। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने 10 में से 5 सीटें जीती लेकिन इस रिजल्ट को विधानसभा वाइज देखें तो 90 में से 46 सीटों पर कांग्रेस को ज्यादा वोट मिले। हरियाणा में BJP की लगातार 2 बार से सरकार है। कांग्रेस को एंटी इनकंबेंसी के भी फायदे की उम्मीद है। ऐसे में कांग्रेस के दिग्गज नेताओं को लग रहा है कि राज्य में उनकी सरकार बननी तय है। इसके बाद सीएम कुर्सी पर दावेदारी मजबूत हो, इसलिए दोनों गुट अलग-अलग जोर लगा रहे हैं। इसके जरिए वह एक तरफ पार्टी हाईकमान के आगे यात्रा और कैंपेन का क्रेडिट ले सकेंगे, वहीं उनके समर्थक ज्यादा MLA जीतकर आए तो सीएम कुर्सी के लिए दावा मजबूती से रख सकेंगे। कांग्रेस में कलह नई नहीं, 2019 में भी टिकट वितरण पर सवाल उठे
हरियाणा कांग्रेस में कलह नई नहीं है। 2019 में भी कांग्रेस में खूब गुटबाजी रही। जिस वजह से भाजपा 40 सीटें लेकर बहुमत से चूकी, लेकिन कांग्रेस को भी सिर्फ 31 सीटें मिली। वहीं पहला चुनाव लड़ने वाली दुष्यंत चौटाला की पार्टी JJP 10 सीटें जीत गई। नतीजा, उन्होंने भाजपा को समर्थन देकर उनकी सरकार बना दी।