हरियाणा के रेवाड़ी जिले में एक महिला ने अपने पति को दूसरी महिला के साथ पकड़ लिया। दोनों के बीच काफी देर बहसबाजी हुई और आरोपी पति ने पत्नी को बुरी तरह पीट दिया। महिला ने इसकी सूचना अपने मायके वाले को दे दी। इसके बाद मायके से आए महिला के परिजनों ने आरोपी पति की धुनाई कर दी। पीड़ित महिला ने अपने पति और महिला के खिलाफ रामपुरा थाना में केस दर्ज कराया है। मिली जानकारी के अनुसार, रामपुरा निवासी पीड़ित महिला ने बताया कि उसका पति हंसराज पूरे दिन से घर से लापता था। उसने काफी तलाश भी की, लेकिन कुछ पता नहीं चल पाया। इसी दौरान उसे पता चला कि उसका पति जसप्रीत नाम की महिला के साथ घूम रहा है। वह तुरंत मौके पर पहुंची और दोनों को एक साथ पकड़ लिया। इस दौरान पति-पत्नी के बीच बहसबाजी हुई। पीड़िता का आरोप है कि उसके पति हंसराज और महिला जसप्रीत ने उसे बुरी तरह पीटा। ससुरालियों ने आरोपी की धुनाई की किसी तरह बीच बचाव के बाद पीड़िता अपने घर पहुंची। पीड़िता के बेटे ने इसकी सूचना तुरंत महिला के परिजनों को दी। सूचना के बाद पीड़िता के मायके से आए परिजनों ने आरोपी हंसराज की धुनाई कर दी। जिससे उसे काफी चोटें भी आई। पीड़िता का आरोप है कि उसका पति जसप्रीत के साथ रहता है। इतना ही नहीं उसे खर्चा देने की बजाय अपनी कमाई का सारा पैसा भी उसी महिला को देता है। रामपुरा थाना पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। हरियाणा के रेवाड़ी जिले में एक महिला ने अपने पति को दूसरी महिला के साथ पकड़ लिया। दोनों के बीच काफी देर बहसबाजी हुई और आरोपी पति ने पत्नी को बुरी तरह पीट दिया। महिला ने इसकी सूचना अपने मायके वाले को दे दी। इसके बाद मायके से आए महिला के परिजनों ने आरोपी पति की धुनाई कर दी। पीड़ित महिला ने अपने पति और महिला के खिलाफ रामपुरा थाना में केस दर्ज कराया है। मिली जानकारी के अनुसार, रामपुरा निवासी पीड़ित महिला ने बताया कि उसका पति हंसराज पूरे दिन से घर से लापता था। उसने काफी तलाश भी की, लेकिन कुछ पता नहीं चल पाया। इसी दौरान उसे पता चला कि उसका पति जसप्रीत नाम की महिला के साथ घूम रहा है। वह तुरंत मौके पर पहुंची और दोनों को एक साथ पकड़ लिया। इस दौरान पति-पत्नी के बीच बहसबाजी हुई। पीड़िता का आरोप है कि उसके पति हंसराज और महिला जसप्रीत ने उसे बुरी तरह पीटा। ससुरालियों ने आरोपी की धुनाई की किसी तरह बीच बचाव के बाद पीड़िता अपने घर पहुंची। पीड़िता के बेटे ने इसकी सूचना तुरंत महिला के परिजनों को दी। सूचना के बाद पीड़िता के मायके से आए परिजनों ने आरोपी हंसराज की धुनाई कर दी। जिससे उसे काफी चोटें भी आई। पीड़िता का आरोप है कि उसका पति जसप्रीत के साथ रहता है। इतना ही नहीं उसे खर्चा देने की बजाय अपनी कमाई का सारा पैसा भी उसी महिला को देता है। रामपुरा थाना पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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बिश्नोई महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष की शराब संग फोटो वायरल:कुलदीप बिश्नोई को संरक्षक पद से हटाते ही सामने आई; उनके समर्थक जवाब मांग रहे
बिश्नोई महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष की शराब संग फोटो वायरल:कुलदीप बिश्नोई को संरक्षक पद से हटाते ही सामने आई; उनके समर्थक जवाब मांग रहे अखिल भारतीय बिश्नोई सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेंद्र बूड़िया की कुलदीप बिश्नोई को संरक्षक पद से हटाते ही मुश्किलें बढ़ गई हैं। देवेंद्र बूड़िया की एक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। फोटो में शराब से भरी एक बोतल और गिलास है और इस फोटो में देवेंद्र बुड़िया नजर आ रहे हैं। दैनिक भास्कर इस बात की पुष्टि नहीं करता कि यह फोटो नकली है या असली। यह फोटो तब से वायरल हो रही है जब से देवेंद्र बूड़िया ने कुलदीप बिश्नोई से बिश्नोई रत्न की उपाधि वापस ली और उन्हें संरक्षक पद से हटाया। इस फोटो के बाद बिश्नोई समाज के लोग देवेंद्र बूड़िया पर हमलावर हो रहे हैं, वहीं कुछ लोग इसे फर्जी और एडिटेड बता रहे हैं। हालांकि, जब हमने इस बारे में देवेंद्र बूड़िया से संपर्क करने की कोशिश की तो उनसे संपर्क नहीं हो पाया। बिश्नोई समाज के लोगों का भी कहना है कि देवेंद्र बूड़िया को इस वायरल फोटो पर आगे आकर बोलना चाहिए। एक कैलाश बिश्नोई नाम के X यूजर ने फोटो शेयर करते हुए लिखा कि ये बहुत निंदनीय है। बता दें कि बुधवार 13 नवंबर को बीकानेर जिले के नोखा स्थित मुकाम धाम में बिश्नोई समाज की एक बैठक हुई थी। जिसमें कुलदीप बिश्नोई के खिलाफ प्रस्ताव पारित किए गए थे। बिश्नोई समाज की बैठक में लिए गए 5 बड़े फैसले
1. संरक्षक का पद खत्म
कुलदीप बिश्नोई को संरक्षक पद से पदमुक्त कर दिया गया है। साथ ही फैसला लिया गया है कि अब महासभा के अंदर कोई संरक्षक होगा ही नहीं। यानी कि इस पद को ही खत्म कर दिया गया है। 2. लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव किया जाएगा
महासभा में नए प्रधान का चुनाव अब लोकतांत्रिक तरीके से होगा। पहले संरक्षक प्रधान को चुनते थे। 3. चुनाव तक देवेंद्र रहेंगे प्रधान
कुलदीप बिश्नोई ने ही देवेंद्र को प्रधान बनाया था और फिर उन्होंने ही एक पत्र जारी कर परसराम बिश्नोई को नया प्रधान नियुक्त किया था, लेकिन कुलदीप के इस कदम के बाद विवाद और बढ़ गया। इस विवाद को खत्म करने के लिए समाज ने फैसला लिया है कि चुनाव तक देवेंद्र ही प्रधान बने रहेंगे। 4. बिश्नोई रत्न वापस लेने का फैसला
बिश्नोई रत्न का सम्मान काफी खास है। आज तक ये सम्मान केवल दो ही लोगों को मिला है। एक पूर्व सीएम भजन लाल और दूसरा कुलदीप बिश्नोई को। उन्हें ये सम्मान चार साल पहले ही मिला है, लेकिन बैठक में फैसला लिया गया कि कुलदीप से ये सम्मान भी वापस लिया जाएगा। 5. कुलदीप बिश्नोई या उनके परिवार का सदस्य नहीं करेगा दखलअंदाजी
कुलदीप बिश्नोई का समाज और महासभा पर अच्छा प्रभाव था, लेकिन बैठक में फैसला लिया गया है कि कुलदीप बिश्नोई या फिर उनके परिवार का कोई भी सदस्य महासभा में कोई भी दखलअंदाजी नहीं करेगा। दोनों ने एक-दूसरे को पदों से हटाया था
महासभा के प्रधान देवेंद्र बूड़िया ने कुलदीप बिश्नोई को संरक्षक पद से हटाने के लिए एक पत्र जारी किया था जिसमें, लिखा था कि आपके बेटे ने अंतरजातीय विवाह किया है। इससे पूरे बिश्नोई समाज में भारी रोष है। ऐसे में आप इस पद पर नहीं रह सकते। वहीं इससे पहले कुलदीप बिश्नोई ने भी प्रधान देवेंद्र बूड़िया को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटा दिया था। उनकी जगह पर परसराम बिश्नोई को नया प्रधान घोषित किया गया था। कुलदीप बिश्नोई ने उन्हें समाज को तोड़ने वाला व्यक्ति बताया था। कैसे शुरू हुआ विवाद, किसने क्या कहा.. देवेंद्र बूड़िया ने कहा- मेरे साथ बुरा बर्ताव किया
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर लाइव आकर देवेंद्र बूड़िया ने कहा था कि, “मुझे 2 दिन से रणधीर पनिहार दिल्ली बुला रहे हैं। मैं आया तो मेरे साथ ट्रैजेडी की और मेरे साथ बहुत ही बुरा बर्ताव किया। ये सारी चीजें मैं समाज को बताउंगा। यह बहुत बड़ी घटना है और बहुत बड़ी मेरे साथ ट्रैजेडी हुई है। यह सब चीजें कैमरे में हैं। यह रणधीर पनिहार पता नहीं मुझसे क्या मांगता है।” पनिहार ने कहा- बूड़िया मेरे दोस्त, ऐसा क्यों बोला, मुझे पता नहीं
वहीं देवेंद्र बूड़िया के आरोपों पर विधायक रणधीर पनिहार ने कहा था कि जिस तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं, ऐसी कोई बात नहीं है। मनगढंत आरोपों का मैं क्या जवाब दूं। हां, मेरी किसी से कोई बात नहीं हुई। बूड़िया साहब आज भी मेरे अच्छे दोस्त हैं और उनसे मेरी अकसर मुलाकात होती रहती है। सोशल मीडिया पर उन्होंने ऐसा क्यों बोला मुझे इसकी जानकारी नहीं है। बिश्नोई संत बोले-रणधीर पनिहार को छोड़ेंगे नहीं
देवेंद्र बूड़िया के आरोपों पर बिश्नोई समाज के संत लालदास योग गुरु ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी। संत लालदास ने कहा था कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ बुरा व्यवहार करने वाले को छोड़ेंगे नहीं। संत ने कहा कि कुलदीप बिश्नोई के इशारे पर ही सब कुछ हुआ है। कुलदीप बिश्नोई अध्यक्ष से करोड़ों रुपए की डिमांड कर रहे थे। वे इतने पैसे नहीं दे पा रहे तो उसे पद से हटाया जा रहा था, जिसका उन्होंने विरोध किया था। संत लालदास ने कहा था कि हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ बहुत ही बड़ी घटना हुई है। रणधीर पनिहार के नाम वाले किसी व्यक्ति ने राष्ट्रीय अध्यक्ष जी के साथ निंदनीय घटना की है। वह कुलदीप बिश्नोई ने कराई है। संत लालदास ने कहा- कुलदीप बिश्नोई के खिलाफ कठोर फैसला लें
बिश्नोई संत लालदास योग गुरु ने कुलदीप बिश्नोई पर आरोप लगाते हुए कहा था कि कुलदीप बिश्नोई राष्ट्रीय अध्यक्ष बूड़िया से करोड़ों रुपए मांगते हैं। कुलदीप कहते हैं कि करोड़ों रुपए दोगे तो अध्यक्ष रहोगे नहीं तो हटा देंगे। उनके पास करोड़ों रुपए नहीं थे, इसलिए उन्होंने लौटा दिया। कुलदीप बिश्नोई कहते हैं कि मुझे और पैसे दोगे तो ही मैं आपको प्रधान रखूंगा, इसलिए आप इस्तीफा दो। इन्होंने इस्तीफा नहीं दिया तो प्रधान से बहुत बड़ी डिमांड की गई। मैं बिश्नोई समाज से निवेदन करना चाहता हूं कि आज देवेंद्र बूड़िया अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के अध्यक्ष हैं, कल को कोई और अध्यक्ष बन सकता है। क्या कोई इस तरह की डिमांड करेगा। यह तो कुलदीप बिश्नोई का निजी व्यवसाय बन गया है। इसलिए अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा की कार्यकारिणी और बिश्नोई समाज को मिलकर कठोर फैसला लेना चाहिए, ताकि समाज की इज्जत रह सके। देवेंद्र ने पनिहार और उनके बीच हुई घटना के बार में बताया…
1. रणधीर पनिहार ने हरियाणा भवन बुलाया
देवेंद्र बूड़िया ने कहा था कि मेरे पास रणधीर पनिहार का फोन आया कि आप कब आओगे। मैंने कहा मुझे तकलीफ है। मैं पहले मेदांता में दिखाऊंगा, फिर आऊंगा। पनिहार ने कहा नहीं, आप पहले यहां आओ। हरियाणा भवन में 30 व 31 नंबर में आ जाना। मैं वहां गया। अंदर बैठे रणधीर पनिहार ने कहा आओ अंदर। मुझसे चाय पूछी और कहा आगे क्या करना है। मैंने कहा कि इस्तीफा देना है। पनिहार ने कहा कि आपने कमिटमेंट पूरी नहीं की। मैंने कहा कि मुझसे हो नहीं पाया। 2. पनिहार ने इस्तीफा लिखवाना चाहा, मैंने नहीं लिखा
पनिहार ने मुझे दो कागज दिए और कहा कि इस पर साइन कर दो। मैंने कहा मैं साइन तो बॉस (कुलदीप बिश्नोई) के आगे करूंगा। पनिहार ने कहा कि वो तो आपका मुंह नहीं देखना चाहते। मैंने कहा मैं ऐसे साइन नहीं करूंगा। मैं साइन बॉस के सामने करूंगा। इसके बाद तू तड़ाक हुई। मुझसे पनिहार ने कहा कि आपको साइन करने पड़ेंगे। मैंने कहा मर जाऊंगा, मगर साइन नहीं करूंगा। वह 5 लोग थे, मैं अकेला। मैंने कहा आप ऐसा करो आप गाड़ी में चलो। उसने कहा चलो। इसके बाद एक ने मेरा हाथ पकड़ लिया और दूसरा मेरा वीडियो बनाने लगा। वहां से चलने के बाद मैं फुटपाथ पर आकर बैठ गया। 3. कुलदीप बिश्नोई को फोन मिलाया, मगर फोन नहीं उठाया
बूड़िया ने आगे कहा- मैंने कुलदीप जी को फोन मिलाया, उन्होंने फोन नहीं उठाया। मैंने भव्य जी को फोन मिलाया। नहीं उठाया, मगर उनका बाद में बैक कॉल आया। उन्होंने कुछ नहीं कहा और फोन काट दिया। इसके बाद मैंने कुलदीप बिश्नोई को वॉयस मैसेज वॉट्सऐप पर भेजे और कहा कि मेरे साथ इस तरह की घटना हो रही है और यह लोग मेरे साथ गलत कर रहे हैं। इसके बाद रणधीर पनिहार ने कहा कि इसको गाड़ी में डालो। इसके बाद मैंने देखा वहां मंत्रियों की गाड़ियां थी और पुलिस वाले भी थे। मैंने शोर मचाया तो वह गाड़ी दौड़ाकर भाग गए। मेरे पास टैक्सी थी। मैं वहां से निकल आया। मैंने इसके बाद कुलदीप जी को फोन किया तो उनका नंबर स्विच ऑफ आया। 4. जिस इंसान को इतना माना, उसने 15 घंटे बाद भी फोन नहीं किया
देवेंद्र बूड़िया ने कहा कि इस घटना के बाद मुझे लगा कहीं रात को मुझे कोई मार ना दे, इसलिए लाइव के माध्यम से मैंने आप लोगों को सब कुछ बताया। 3 साल में हम कोई पत्र भी लिखते हैं तो उनका नाम लिखना जरूरी है। भाषण देते हैं तो हम दुविधा में पड़ जाते हैं। कुलदीप कहते हैं मेरा नाम लेना जरूरी है और आप कहते हो आप उसके चमचे हो। मगर मेरा उद्देश्य समाज सेवा था, मैं समाज सेवा करना चाहता था ताकि दूसरे समाज के आगे बिश्नोई समाज एक उदाहरण बने। मैंने उस इंसान (कुलदीप बिश्नोई) को काफी माना, मगर 15 घंटे बीतने के बाद भी उसका फोन नहीं आया कि क्या हुआ। …………………………………………………………. अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा में बवाल,बैठक में लिए 5 फैसले; संरक्षक पद खत्म, कुलदीप से बिश्नोई रत्न वापस लिया जाएगा अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के प्रधान देवेंद्र बूड़िया और पूर्व सीएम भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई के बीच चल रहे विवाद में अब नया मोड आ गया है। बिश्नोई समाज के धार्मिक स्थल मुकाम धाम पर बुधवार को बैठक हुई। पूरी खबर पढ़ें..
पानीपत में योगेश्वर का निर्दलीय चुनाव लड़ने से इनकार:बोले- मैं टेंशन लेता तो शुगर हो जाती; पापियों को परीक्षा लेने का हक नहीं
पानीपत में योगेश्वर का निर्दलीय चुनाव लड़ने से इनकार:बोले- मैं टेंशन लेता तो शुगर हो जाती; पापियों को परीक्षा लेने का हक नहीं हरियाणा विधानसभा चुनावों के लिए बीजेपी ने बुधवार शाम बाद 67 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की। इस लिस्ट के जारी होते ही हरियाणा भाजपा में भगदड़ मच गई है। इस सूची के जारी होते ही कुछ ही मिनटों में सोशल मीडिया पर एक के बाद एक पार्टी पदाधिकारियों के इस्तीफे गिरने शुरू हो गए। गोहाना विधानसभा क्षेत्र से टिकट मांग रहे पहलवान और बीजेपी नेता योगेश्वर दत्त ने एक्स हैंडल पर गाने के साथ पोस्ट शेयर की। जिसमें उन्होंने लिखा कि चरित्र जब पवित्र है तो क्यों है ये दशा तेरी, ये पापियों को हक नहीं कि लें ये परीक्षा तेरी, तू ख़ुद की खोज में निकल, तू किस लिए हताश, तू चल तेरे वजूद को समय की भी तलाश है। इसके बाद उनके समर्थक फैसला लेने के लिए कह रहे थे। उन्हें निर्दलीय मैदान में आने के लिए कहा जा रहा था। जिस पर योगेश्वर दत्त ने निर्दलीय चुनाव लड़ने से साफ इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि आप सभी को राम राम। मैं शांति से अपनी एकेडमी में हूं। किसी बात की मैं टेंशन नहीं लेता, भाई जी इसलिए खुश हूं, नहीं तो शुगर हो जाती अब तक। गोहाना सीट से जताई थी चुनाव लड़ने की इच्छा
योगेश्वर दत्त गोहाना विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ना चाहते थे और उन्होंने नेतृत्व को भी यह बात बताई थी। रेसलर ने कहा था कि अब चुनाव का समय आ गया है, इसलिए मुझे गोहाना से चुनाव लड़ने का मौका मिलना चाहिए। मैं भविष्य के बारे में निश्चित नहीं हूं, लेकिन मैंने अपनी इच्छा जाहिर की है और नेतृत्व को बताया है कि मैं चुनाव लड़ना चाहता हूं। 2020 में बरोदा से लड़ा था चुनाव
साल 2012 ओलिंपिक में पदक जीतने वाले योगेश्वर दत्त को 2020 में बरोदा विधानसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार इंदूराज नरवाल ने हराया था। दत्त साल 2019 में भी कांग्रेस के तीन बार के विजेता कृष्ण हुड्डा से सीट हार गए थे।
महेंद्रगढ़ में पूर्व मंत्री रामबिलास शर्मा के तीखे तेवर:कल हर हाल में करेंगे नामांकन, कई पदाधिकारी दे सकते है इस्तीफा
महेंद्रगढ़ में पूर्व मंत्री रामबिलास शर्मा के तीखे तेवर:कल हर हाल में करेंगे नामांकन, कई पदाधिकारी दे सकते है इस्तीफा हरियाणा के महेंद्रगढ़ में पूर्व शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा ने आज चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। हालांकि भाजपा ने अभी महेंद्रगढ़ और एनआईटी फरीदाबाद विधानसभा की सीट होल्ड कर रखी है। सूची का इंतजार किए बिना ही उन्होंने चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया। वो कल दोपहर 1:15 बजे अपना नामांकन दाखिल करेंगे। उससे पहले 10 बजे महेंद्रगढ़ आवास जयराम दास सदन पर कार्यकर्ताओं की बैठक लेंगे। मीडिया से बचते नजर आए रामबिलास शर्मा भाजपा के कद्दावर नेता हैं। दूसरी लिस्ट में भी उनका नाम नहीं आने से कार्यकर्ता में रोष है। दूसरी लिस्ट जारी होने के बाद कार्यकर्ताओं की उनके आवास पर मीटिंग हुई और उस मीटिंग में कार्यकर्ताओं ने उनको चुनाव लड़ने को कहा है। इस दौरान पूर्व मंत्री रामबिलास शर्मा मीडिया से बचते हुए नजर आए। सूत्रों अनुसार अगर भाजपा ने पूर्व मंत्री को महेंद्रगढ़ विधानसभा से टिकट नहीं दिया, तो पार्टी के कई पदाधिकारी इस्तीफा दे सकते हैं। पांच बार महेंद्रगढ़ से जीत चुके चुनाव बता दें कि रामबिलास शर्मा हरियाणा भाजपा के भीष्म पितामह के रूप में जाने जाते हैं। वो जनता पार्टी के समय से पार्टी से जुड़े हुए हैं। 1982 में उन्होंने पहली बार भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ा था। उसके बाद से वो लगातार भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ते आ रहे हैं। वो पांच बार महेंद्रगढ़ विधानसभा से चुनाव जीत चुके हैं। दो बार प्रदेश अध्यक्ष और तीन बार कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं। 1991 में वो पूरे प्रदेश में अकेले भाजपा की टिकट पर चुनाव जीते थे। कार्यकर्ताओं में रोष व्याप्त 2014 में वो प्रदेश अध्यक्ष थे, तब उनके नेतृत्व में भाजपा ने हरियाणा में पहली बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी। भाजपा की दो लिस्ट जारी होने के बाद भी जब उनका नाम नहीं आया, तो कार्यकर्ताओं में रोष व्याप्त है। बता दें कि कुछ दिन पहले कैलाश चंद शर्मा पाली ने महेंद्रगढ़ विधानसभा से टिकट मिले बिना ही भाजपा की टिकट पर नामांकन कर दिया। कैलाश पाली स्वयं सेवक रहे हैं और संघ के आदेश पर उन्होंने यह फॉर्म भरा था। नारनौल सीट से यादव समाज पर खेला दाव महेंद्रगढ़ और नारनौल विधानसभा हमेशा ब्राह्मणों की होती थी। नारनौल से पूर्व विधायक कैलाश चंद शर्मा और महेंद्रगढ़ से रामबिलास शर्मा दोनों ही भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ते थे, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में भाजपा नारनौल सीट से यादव समाज पर दाव खेल रही थी। इस बार महेंद्रगढ़ विधानसभा से भी यादव समाज से चुनाव लड़वाना चाह रही है। हालांकि अभी टिकट की घोषणा होना बाकी हैं, लेकिन ऐसी चर्चा कार्यकर्ताओं से सुनने को मिल रही है।