महम के भिवानी बस स्टैंड पर यात्रियों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। स्टैंड पर बस क्यू शेल्टर की सुविधा न होने से भिवानी, गोहाना, लाखन माजरा, चांग, सीसर खास, निंदाना और खेड़ी महम जाने वाले यात्रियों को दुकानों के सामने खड़े होकर बसों का इंतजार करना पड़ता है। दुकानों में ले रहे शरण मौसम की मार झेल रहे यात्रियों को बारिश के दौरान दुकानों में शरण लेनी पड़ती है, वहीं छाया भी नहीं है। भिवानी स्टैंड चौक पर दिनभर वाहनों की भीड़ से जाम की स्थिति बनी रहती है। इस समस्या के समाधान के लिए यात्रियों ने एक प्रस्ताव रखा है। उनकी मांग है कि भिवानी और गोहाना रूट की बसों का स्टैंड सिविल अस्पताल के पास स्थानांतरित कर दिया जाए। इससे न केवल भिवानी स्टैंड पर जाम की समस्या से राहत मिलेगी, बल्कि अस्पताल के पास दोनों तरफ बस क्यू शेल्टर बनाने से यात्रियों को बैठने की उचित जगह भी मिल सकेगी। अधिकारियों को मांग पत्र सौंपेंगे सुनील कुमार, राजेश और प्रवीन ने बताया कि वे जल्द ही इस संबंध में अधिकारियों को एक मांग पत्र सौंपेंगे, जिससे यात्रियों की इस समस्या का समाधान हो सके। महम के भिवानी बस स्टैंड पर यात्रियों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। स्टैंड पर बस क्यू शेल्टर की सुविधा न होने से भिवानी, गोहाना, लाखन माजरा, चांग, सीसर खास, निंदाना और खेड़ी महम जाने वाले यात्रियों को दुकानों के सामने खड़े होकर बसों का इंतजार करना पड़ता है। दुकानों में ले रहे शरण मौसम की मार झेल रहे यात्रियों को बारिश के दौरान दुकानों में शरण लेनी पड़ती है, वहीं छाया भी नहीं है। भिवानी स्टैंड चौक पर दिनभर वाहनों की भीड़ से जाम की स्थिति बनी रहती है। इस समस्या के समाधान के लिए यात्रियों ने एक प्रस्ताव रखा है। उनकी मांग है कि भिवानी और गोहाना रूट की बसों का स्टैंड सिविल अस्पताल के पास स्थानांतरित कर दिया जाए। इससे न केवल भिवानी स्टैंड पर जाम की समस्या से राहत मिलेगी, बल्कि अस्पताल के पास दोनों तरफ बस क्यू शेल्टर बनाने से यात्रियों को बैठने की उचित जगह भी मिल सकेगी। अधिकारियों को मांग पत्र सौंपेंगे सुनील कुमार, राजेश और प्रवीन ने बताया कि वे जल्द ही इस संबंध में अधिकारियों को एक मांग पत्र सौंपेंगे, जिससे यात्रियों की इस समस्या का समाधान हो सके। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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खट्टर के बयान पर भड़के भूपेंद्र हुड्डा:मनोहर लाल को बताया एक्सीडेंटल सीएम, कहा- नेहरू को एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर कहना शोभा नहीं देता
खट्टर के बयान पर भड़के भूपेंद्र हुड्डा:मनोहर लाल को बताया एक्सीडेंटल सीएम, कहा- नेहरू को एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर कहना शोभा नहीं देता हरियाणा के रोहतक में केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने पंडित नेहरू को एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर कहकर एक नया विवाद शुरू कर दिया है। इसका जवाब देते हुए हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने मनोहर लाल को ही एक्सीडेंटल सीएम बता दिया। कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा रविवार को अपने रोहतक स्थित आवास पर कार्यकर्ताओं से मुलाकात करने के लिए पहुंचे थे। साथ ही उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को तुरंत बेमौसमी बरसात से खराब हुई फसलों की गिरदावरी कराकर मुआवजा देना चाहिए। खट्टर को शोभा नहीं देता कि वे किसी को एक्सीडेंटल पीएम कहें भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि जो खुद ही एक्सीडेंटल चीफ मिनिस्टर बना हो उसे किसी को एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर कहना शोभा नहीं देता। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर को जितना सम्मान दिया है, वह किसी पार्टी ने नहीं दिया। कांग्रेस पार्टी ने ही बाबा साहब भीमराव अंबेडकर को संविधान निर्मात्री सभा का चेयरमैन बनाया था। बेमौसमी बरसात से खराब फसल की गिरदावरी करवाकर दे मुआवजा
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने प्रदेश सरकार से मांग की कि बेमौसमी बरसात से खराब हुई फसलों की तुरंत गिरदावरी करवाए। साथ ही उसका मुआवजा दिया जाना चाहिए और बहुत से किसान बे मौसमी बरसात से खराब हुई फसलों को लेकर उनसे मिले हैं। भूपेंद्र हुड्डा ने मौजूदा प्रदेश सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि मौजूदा सरकार के दौरान अपराध दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। प्रदेश सरकार उसे पर लगाम लगाने में नाकाम साबित हुई है। अड़ियल रवैया त्यागकर किसानों से बात करे सरकार
किसान आंदोलन को लेकर भी भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने केंद्र सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि केंद्र सरकार को अपना अड़ियल रवैया त्याग कर किसानों से बातचीत करनी चाहिए। ताकि बातचीत से मुद्दे का समाधान निकाल सके। उन्होंने डल्लेवाल की बिगड़ती हालत को लेकर चिंता भी जताई है।
बिना नेता-प्रतिपक्ष हरियाणा मानवाधिकार आयोग में नियुक्ति संभव:केंद्रीय कानून में व्यवस्था; सरकार को HC दे चुका डेडलाइन, CM कर चुके सर्च कमेटी की बैठक
बिना नेता-प्रतिपक्ष हरियाणा मानवाधिकार आयोग में नियुक्ति संभव:केंद्रीय कानून में व्यवस्था; सरकार को HC दे चुका डेडलाइन, CM कर चुके सर्च कमेटी की बैठक हरियाणा में खाली पड़े ह्यूमन राइट्स कमीशन में बिना नेता प्रतिपक्ष के भी नियुक्तियां हो सकती हैं। केंद्रीय कानून में इसको लेकर भी व्यवस्था की गई है। कमीशन न केवल पिछले 19 महीनों से चेयरमैन (अध्यक्ष) विहीन है, बल्कि पिछले 14 महीने से इसमें कोई सदस्य भी नहीं है। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट भी सरकार को इसको लेकर फटकार लगा चुका है। साथ ही नियुक्तियों को लेकर 28 नवंबर की डेडलाइन भी चुका है। सरकार की ओर से आयोग के अध्यक्ष और अन्य दोनों मेंबरों के पदों को भरने के लिए संभावित नामों पर चर्चा के लिए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और हरियाणा विधानसभा स्पीकर हरविंद्र कल्याण सर्च कमेटी की मीटिंग कर चुके हैं, लेकिन बात सिरे नहीं चढ़ पाई। कारण यह कि सर्च कमेटी की बैठक में विपक्ष के नेता का होना अनिवार्य है। इसलिए अलर्ट है सरकार हरियाणा में मानवाधिकार आयोग में चेयरमैन और सदस्य न होने के चलते कामकाज ठप पड़ने पर पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट नाराजगी जाहिर कर चुका है। जिसके बाद आनन-फानन में सीएम नायब सैनी सर्च कमेटी की मीटिंग कर चुके हैं। लेकिन इस मीटिंग में कमीशन में नियुक्ति को लेकर कोई फैसला नहीं हो पाया है। यदि अगली सुनवाई यानी 28 नवंबर तक पद नहीं भरे गए तो संबंधित अधिकारी को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट के समक्ष पेश होकर याचिकाकर्ता को मुकदमे की लागत के रूप में 50 हजार रुपए अपनी जेब से देने होंगे। डेढ़ महीने से नेता प्रतिपक्ष का नहीं हुआ चुनाव मौजूदा 15वीं हरियाणा विधानसभा के गठन को करीब डेढ़ महीना बीत चुका है। इतना लंबा समय बीत जाने के बाद आज तक सदन में सबसे बड़े 37 सदस्यों का विपक्षी दल कांग्रेस के विधायक दल द्वारा अपना नेता नहीं चुना गया है। जिस कारण विधानसभा स्पीकर द्वारा उस चुने जाने वाले नेता को सदन के नेता प्रतिपक्ष का दर्जा दिया जाना भी लंबित है। कांग्रेस में नेता प्रतिपक्ष को लेकर चंडीगढ़ में हुई बैठक में भी नेता प्रतिपक्ष पर आम राय नहीं बन पाई। अब यहां पढ़िए क्यों नहीं नेता प्रतिपक्ष की है जरूरत…. आयोग में नियुक्ति के लिए चार मेंबरी कमेटी जरूरी पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार का कहना है, भारतीय संसद द्वारा अधिनियमित मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 जिसके अंतर्गत राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और सभी प्रदेशों में राज्य मानवाधिकार आयोग का गठन किया जाता है। इस अधिनियम की धारा 22 (1) के अनुसार राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति प्रदेश के राज्यपाल द्वारा गठित की जाने वाली 4 मेंबरी कमेटी की सिफारिश से की जाती है। मुख्यमंत्री होते हैं कमेटी के अध्यक्ष राज्यपाल के द्वारा गठित की गई कमेटी का प्रदेश का मुख्यमंत्री अध्यक्ष होता है। जबकि कमेटी के अन्य तीन मेंबरों में राज्य विधानसभा के स्पीकर, प्रदेश के गृह मंत्री एवं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शामिल होते हैं। अब चूंकि हरियाणा की मौजूदा नायब सैनी सरकार में प्रदेश का गृह विभाग भी मुख्यमंत्री के पास ही है, इसलिए हरियाणा में ये कमेटी तीन सदस्यीय हो जाती है। इस नियम की वजह से नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति जरूरी नहीं कानूनी विश्लेषक हेमंत ने बताया कि हरियाणा में नेता प्रतिपक्ष के न होने अर्थात कमेटी में उनकी अनुपस्थिति के कारण नियुक्ति पर कोई संकट नहीं है। हेमंत ने बताया कि केंद्र के अधिनियम की धारा 22(2) के स्पष्ट उल्लेख है कि राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति केवल इस कारण से अविधिमान्य (गैर-कानूनी) नहीं होगी, क्योंकि कमेटी में कोई रिक्ति है। हाईकोर्ट के रिटायर्ड चीफ जस्टिस भी बने चुके अध्यक्ष हरियाणा मानवाधिकार आयोग के पूर्व अध्यक्ष जस्टिस एसके मित्तल (सेवानिवृत्त) का 5 साल का कार्यकाल 19 महीने पहले 22 अप्रैल 2023 को पूर्ण हो गया था। हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस पद से सेवानिवृत्त हुए मित्तल को अप्रैल, 2018 में आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। उनके साथ आयोग में एक (न्यायिक) सदस्य के तौर पर नियुक्त जस्टिस केसी पुरी (सेवानिवृत्त) का 5 साल का कार्यकाल भी अप्रैल, 2023 में समाप्त हो गया था। हालांकि आयोग में एक अन्य गैर-न्यायिक पृष्ठभूमि के सदस्य नामत दीप भाटिया को 20 सितंबर 2018 को 5 वर्ष के कार्यकाल के लिए नियुक्त किया गया था, जो 11 मई 2023 तक पांच साल की अवधि के लिए इस पद पर बने रहे। इसके बाद 12 मई 2023 से 19 सितंबर 2023 तक भाटिया ने आयोग के कार्यवाहक अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया।
रोहतक पहुंचे मंत्री कृष्ण कुमार बेदी:बोले- वंचित और शोषित को सीएम ने दी बड़ी सौगात, एक-दूसरे पर भड़ास निकाल रहे कांग्रेस नेता
रोहतक पहुंचे मंत्री कृष्ण कुमार बेदी:बोले- वंचित और शोषित को सीएम ने दी बड़ी सौगात, एक-दूसरे पर भड़ास निकाल रहे कांग्रेस नेता हरियाणा प्रदेश के सामाजिक न्याय तथा अधिकारिता मंत्री कृष्ण कुमार बेदी रविवार को रोहतक स्थित भाजपा के प्रदेश कार्यालय पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने वंचित व शोषित (डीएससी) समाज को बड़ी सौगात दी है। उन्होंने कहा कि, लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करके मुख्यमंत्री ने बता दिया है कि डीएससी समाज का भला भारतीय जनता पार्टी ही कर सकती है। बेदी ने कहा कि अब डीएससी समाज मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का एक बड़ा सम्मेलन करके आभार व्यक्त करेगा। सम्मेलन के लिए प्रदेश व जिला स्तर पर कमेटियां गठित कर जिम्मेदारियां दी जाएंगी। इस दौरान कृष्ण बेदी ने कांग्रेस को भी घेरा। उन्होंने कहा कि हरियाणा कांग्रेस में बाप-बेटे ही बचे हैं और कांग्रेस में अब राष्ट्रीयता की कोई बात नहीं रह गई है। विधानसभा चुनाव में जनता ने कांग्रेस को पूरी तरह से नकार दिया है। 24 नवंबर को होगा सम्मेलन कैबिनेट मंत्री कृष्ण कुमार बेदी ने कहा कि डीएससी समाज अपने हक के लिए लंबे समय से संघर्ष कर रहा था। वर्ष 2020 में शिक्षा में वर्गीकरण किया गया था, लेकिन रोजगार का बहुत बड़ा विषय था। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की बैंच ने डीएससी समाज के हक में निर्णय दिया और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने भाजपा की तीसरी बार सरकार बनने पर पहली कैबिनेट की बैठक में कोर्ट के निर्णय को लागू कर दिया। उन्होंने कहा कि 24 नवंबर को सम्मेलन होगा और सीएम सैनी का आभार जताया जाएगा। कांग्रेस के नेता भ्रष्टाचार के दलदल में फंसे – कृष्ण बेदी कृष्ण कुमार बेदी ने कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला के बारे में पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि हम सुरजेवाला के प्रवक्ता नहीं हैं। सुरजेवाला वही है जिसने खुले मंच से भाजपा को वोट देने वालों को राक्षस कहा था। एक अन्य सवाल पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेता भ्रष्टाचार की दलदल में धंसे हुए हैं। कांग्रेस के सभी नेता एक दूसरे पर अपनी भड़ास निकालने में लगे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा के सभी विधायक और मंत्री अपने-अपने क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं। हरियाणा के विकास के लिए भाजपा संकल्पित है और बिना भेदभाव किए विकास कार्य किए जा रहे हैं।