रोहतक में गऊ कर्ण रोड पर संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती पर पहुंचे पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि डॉ. भीमराव अंबेडकर ने हमें एक मजबूत संविधान दिया है। उस संविधान का सम्मान करें। अगर कोई संविधान से छेड़छाड़ करेगा तो उसे कांग्रेस बर्दाश्त नहीं करेगी। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि आज का दिन कोई छोटा दिन नहीं है। बहुत लंबे संघर्ष के बाद व रूढ़िवादी समाज कैसे आर्य समाज ने बदला, महात्मा गांधी ने लोगों की सोच बदली, जिसके बाद डॉ. भीमराव अंबेडकर ने एक मजबूत संविधान जनता को समर्पित किया, जो पूरे देश को रूढ़िवादी सोच से अलग करते हुए एकजुट करता है। भीमराव अंबेडकर के बेटे के साथ किया काम
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि डॉ. भीमराव अंबेडकर ने जो संविधान बनाया, उस पर उनके पिता चौधरी रणबीर सिंह हुड्डा के हस्ताक्षर भी है। जब वह सांसद थे तो भीमराव अंबेडकर के पौत्र प्रकाश अंबेडकर के साथ संसद में एकसाथ काम किया है। रूढ़िवादी सोच के खिलाफ मातूराम ने उठाया कदम
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि दादा मातूराम क्षेत्र के पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने रूढ़िवादी सोच के खिलाफ कदम उठाया। जब रूढ़िवादी सोच हावी थी, तब मातूराम ने धामड़ गांव में एक दलित के घर जाकर खाना खाया था। उस समय पंचायत हुई और जनेऊ उतारने के लिए कहा। पंचायत में मातूराम ने जनेऊ उतारने से इनकार करते हुए कहा कि गर्दन काट दो, जनेऊ अपने आप उतर जाएगा। ऐसी सोच के साथ मातूराम ने रूढ़िवादी सोच के खिलाफ कदम उठाया था। शिक्षित हो, संगठित हो व संघर्ष करो
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि भीमराव अंबेडकर के लेख पढ़े हैं, उनका इतिहास व जीवन चरित्र पढ़ा है। एक गरीब घर में जन्म लेने के बाद कैसे रूढ़िवादी सोच से लड़कर संविधान निर्माता बने। भीमराव अंबेडकर ने कहा था कि शिक्षित बनो, संगठित हो, संघर्ष करो, तभी आगे बढ़ोगे। इसी सोच के साथ दुनिया में भारत सबसे अग्रणी देश बनेगा। रोहतक में गऊ कर्ण रोड पर संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती पर पहुंचे पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि डॉ. भीमराव अंबेडकर ने हमें एक मजबूत संविधान दिया है। उस संविधान का सम्मान करें। अगर कोई संविधान से छेड़छाड़ करेगा तो उसे कांग्रेस बर्दाश्त नहीं करेगी। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि आज का दिन कोई छोटा दिन नहीं है। बहुत लंबे संघर्ष के बाद व रूढ़िवादी समाज कैसे आर्य समाज ने बदला, महात्मा गांधी ने लोगों की सोच बदली, जिसके बाद डॉ. भीमराव अंबेडकर ने एक मजबूत संविधान जनता को समर्पित किया, जो पूरे देश को रूढ़िवादी सोच से अलग करते हुए एकजुट करता है। भीमराव अंबेडकर के बेटे के साथ किया काम
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि डॉ. भीमराव अंबेडकर ने जो संविधान बनाया, उस पर उनके पिता चौधरी रणबीर सिंह हुड्डा के हस्ताक्षर भी है। जब वह सांसद थे तो भीमराव अंबेडकर के पौत्र प्रकाश अंबेडकर के साथ संसद में एकसाथ काम किया है। रूढ़िवादी सोच के खिलाफ मातूराम ने उठाया कदम
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि दादा मातूराम क्षेत्र के पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने रूढ़िवादी सोच के खिलाफ कदम उठाया। जब रूढ़िवादी सोच हावी थी, तब मातूराम ने धामड़ गांव में एक दलित के घर जाकर खाना खाया था। उस समय पंचायत हुई और जनेऊ उतारने के लिए कहा। पंचायत में मातूराम ने जनेऊ उतारने से इनकार करते हुए कहा कि गर्दन काट दो, जनेऊ अपने आप उतर जाएगा। ऐसी सोच के साथ मातूराम ने रूढ़िवादी सोच के खिलाफ कदम उठाया था। शिक्षित हो, संगठित हो व संघर्ष करो
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि भीमराव अंबेडकर के लेख पढ़े हैं, उनका इतिहास व जीवन चरित्र पढ़ा है। एक गरीब घर में जन्म लेने के बाद कैसे रूढ़िवादी सोच से लड़कर संविधान निर्माता बने। भीमराव अंबेडकर ने कहा था कि शिक्षित बनो, संगठित हो, संघर्ष करो, तभी आगे बढ़ोगे। इसी सोच के साथ दुनिया में भारत सबसे अग्रणी देश बनेगा। हरियाणा | दैनिक भास्कर
