हरियाणा के पूर्व मंत्री बोले- हुड्‌डा ने बोगस वोटिंग कराई:कहा-BJP एजेंटों को डराया-धमकाया गया, बेटे को लोकसभा में भेजने के लिए साजिश रची

हरियाणा के पूर्व मंत्री बोले- हुड्‌डा ने बोगस वोटिंग कराई:कहा-BJP एजेंटों को डराया-धमकाया गया, बेटे को लोकसभा में भेजने के लिए साजिश रची

हरियाणा के रोहतक में पूर्व मंत्री एवं भाजपा नेता कृष्ण मूर्ति हुड्‌डा ने कहा कि लोकसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा ने रोहतक में बोगस (फर्जी) वोटिंग कराई। पुलिस और भाजपा के एजेंटों ने बोगस वोटिंग रोकने की पूरी कोशिश की। बावजूद इसके हुड्‌डा बोगस वोट डलवाने में कामयाब रहे। भाजपा एजेंटों को डराया और धमकाया गया। इसकी शिकायत चुनाव आयोग को दी जाएगी। कृष्ण मूर्ति हुड्‌डा ने सोमवार को अपने आवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई थी। उन्होंने कहा कि भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा ने अपने बेटे को लोकसभा में भेजने के लिए यह साजिश रची। 2019 में जो बाप-बेटे की हार हुई थी, उसका बदला लेने के लिए उन्होंने ऐसा किया। भूपेंद्र हुड्‌डा 10 साल मुख्यमंत्री रहे हैं। आज वे अनैतिक बात करके अपने बेटे को लोकसभा में भेजने की बात कर रहे हैं। इस प्रकार की ओच्छी व घटिया हरकत करके वह युवाओं का क्या संदेश देना चाहते हैं। 2019 में भी धांधली का आरोप लगाया
कृष्ण मूर्ति हुड्‌डा ने आरोप लगाया कि 2019 में भी वोटिंग के दौरान व्यापक स्तर पर धांधली की गई थी। पूर्व सीएम का भतीजा भी अधिकारी को धमका रहा था कि बोगस वोट क्यों नहीं पड़ने देते। यह ठीक नहीं है। पूर्व सीएम हुड्‌डा खुद को गांधी वादी व स्वतंत्रता सेनानी का बेटा बताते हैं, लेकिन उन्हें इस तरह की हरकत नहीं करनी चाहिए। उन्होंने चुनाव आयोग से मांग की कि महम, गढ़ी-सांपला-किलोई व बेरी विधानसभा में दोबारा चुनाव करवाया जाए। इस धांधली व बोगस वोटिंग के बाद भी उनका बेटा लोकसभा में जाने वाला नहीं है। 12 फरवरी को जॉइन की थी भाजपा
पूर्व मंत्री कृष्ण मूर्ति हुड्‌डा ने 10 फरवरी को कांग्रेस को अलविदा कह दिया था। उन्होंने अपना इस्तीफा ई-मेल के जरिए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को भेजा। इसके बाद 12 फरवरी को उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में भाजपा जॉइन कर ली थी। भाजपा जॉइन करने के बाद कृष्ण मूर्ति हुड्‌डा ने कहा था कि पार्टी में चल रही गलत नीतियों को लेकर उन्होंने राहुल गांधी से मिलने का प्रयास किया। वह पिछले 10 साल से केवल राहुल गांधी से मिलने के लिए समय मांगते रहे, लेकिन समय नहीं मिला। इसलिए कांग्रेस पार्टी छोड़ने का फैसला किया है। कांग्रेस पिता-पुत्र (भूपेंद्र हुड्‌डा-दीपेंद्र हुड्‌डा) की पार्टी बनकर रह गई है। दोनों किसी भी नेता को रोहतक में उभरने नहीं देते। वे अपनी मनमानी करते हैं। हरियाणा के रोहतक में पूर्व मंत्री एवं भाजपा नेता कृष्ण मूर्ति हुड्‌डा ने कहा कि लोकसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा ने रोहतक में बोगस (फर्जी) वोटिंग कराई। पुलिस और भाजपा के एजेंटों ने बोगस वोटिंग रोकने की पूरी कोशिश की। बावजूद इसके हुड्‌डा बोगस वोट डलवाने में कामयाब रहे। भाजपा एजेंटों को डराया और धमकाया गया। इसकी शिकायत चुनाव आयोग को दी जाएगी। कृष्ण मूर्ति हुड्‌डा ने सोमवार को अपने आवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई थी। उन्होंने कहा कि भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा ने अपने बेटे को लोकसभा में भेजने के लिए यह साजिश रची। 2019 में जो बाप-बेटे की हार हुई थी, उसका बदला लेने के लिए उन्होंने ऐसा किया। भूपेंद्र हुड्‌डा 10 साल मुख्यमंत्री रहे हैं। आज वे अनैतिक बात करके अपने बेटे को लोकसभा में भेजने की बात कर रहे हैं। इस प्रकार की ओच्छी व घटिया हरकत करके वह युवाओं का क्या संदेश देना चाहते हैं। 2019 में भी धांधली का आरोप लगाया
कृष्ण मूर्ति हुड्‌डा ने आरोप लगाया कि 2019 में भी वोटिंग के दौरान व्यापक स्तर पर धांधली की गई थी। पूर्व सीएम का भतीजा भी अधिकारी को धमका रहा था कि बोगस वोट क्यों नहीं पड़ने देते। यह ठीक नहीं है। पूर्व सीएम हुड्‌डा खुद को गांधी वादी व स्वतंत्रता सेनानी का बेटा बताते हैं, लेकिन उन्हें इस तरह की हरकत नहीं करनी चाहिए। उन्होंने चुनाव आयोग से मांग की कि महम, गढ़ी-सांपला-किलोई व बेरी विधानसभा में दोबारा चुनाव करवाया जाए। इस धांधली व बोगस वोटिंग के बाद भी उनका बेटा लोकसभा में जाने वाला नहीं है। 12 फरवरी को जॉइन की थी भाजपा
पूर्व मंत्री कृष्ण मूर्ति हुड्‌डा ने 10 फरवरी को कांग्रेस को अलविदा कह दिया था। उन्होंने अपना इस्तीफा ई-मेल के जरिए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को भेजा। इसके बाद 12 फरवरी को उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में भाजपा जॉइन कर ली थी। भाजपा जॉइन करने के बाद कृष्ण मूर्ति हुड्‌डा ने कहा था कि पार्टी में चल रही गलत नीतियों को लेकर उन्होंने राहुल गांधी से मिलने का प्रयास किया। वह पिछले 10 साल से केवल राहुल गांधी से मिलने के लिए समय मांगते रहे, लेकिन समय नहीं मिला। इसलिए कांग्रेस पार्टी छोड़ने का फैसला किया है। कांग्रेस पिता-पुत्र (भूपेंद्र हुड्‌डा-दीपेंद्र हुड्‌डा) की पार्टी बनकर रह गई है। दोनों किसी भी नेता को रोहतक में उभरने नहीं देते। वे अपनी मनमानी करते हैं।   हरियाणा | दैनिक भास्कर