रोहतक में आढ़ती से ममेरा भाई बनकर ठगने का मामला समाने आया है। जिसके पास वाट्सअप पर कॉल आई और सामने वाले ने खुद को कनाडा में बैठा मामा का लड़का बताया। दोस्त की मां बीमार होने का झांसा देकर 9 ट्रांजेक्शन में कुल 12 लाख 20 हजार ठग लिए। जब मैसेज का रिप्लाई नहीं किया तो मामा के पास फोन किया और पता चला कि मामा का लड़का कभी कनाडा ही नहीं गया और ना ही पैसे मांगे। जिसके बाद मामले की शिकायत पुलिस को दी। रोहतक के गांव मदीना निवासी ओमप्रकाश ने साइबर क्राइम थाने में शिकायत दी। शिकायत में बताया कि वह रोहतक अनाज मंडी में आढ़ती है। 24 दिसंबर को उसके पास वाट्सएप पर बाहरी नंबर से कॉल आई। सामने वाले ने कहा कि पहचाना कौन बोल रहा हूं। मना करने पर खुद को मामा का लड़का योगी बताया। उसने कहा कि वह कनाड़ा में है। मां के इलाज के लिए 5 लाख रुपए मांगे उसने कहा कि उसके दोस्त मनिंद्र की मां अस्पताल में है। उसका ऑपरेशन होना है। वह फोन करके अपना अकाउंट नंबर देगा, उसमें पैसे ट्रांसफर कर देगा। कुछ देर बाद मनिंद्र का व्हाट्सएप कॉल आया और उसने अकाउंट नंबर देते हुए 5 लाख रुपए ट्रांसफर करने को कहा। उसने 3 ट्रांजेक्शन (2 लाख 50 हजार, 1 लाख 50 हजार और एक लाख रुपए) में 5 लाख रुपए बताए गए अकाउंट में भेज दिए। 1163500 रुपए की भेजी रसीद
25 दिसंबर को वाट्सअप पर एक बैंक रसीद भेजी, जिसमें 11 लाख 63 हजार 500 रुपए ओमप्रकाश के अकाउंट में भेजे हुए दिखाए। थोड़ी देर बार योगी का वाट्सअप कॉल आई और कहा कि आपके पास भेजे 1163500 रुपए में से 5 लाख अपने रख लें और 1 लाख 50 हजार वापस भेज दें। 26 दिसंबर को फिर कॉल आई और कहा जो 1163500 रुपए भेजे थे, वह ग्रीन कार्ड नहीं होने के कारण आपके अकाउंट में नहीं आ सके। ग्रीन कार्ड बनवाने के नाम पर ठगा
पहले ग्रीन कार्ड बनवाना पड़ेगा। उसके लिए आप 4 लाख 70 हजार रुपए भेज दें। 27 दिसंबर को फिर कॉल आई और कहा कि ग्रीन कार्ड बनवाने के लिए 1 लाख रुपए की और जरूरत है। जिसके बाद पैसे भेज दिए। जब 28 दिसंबर को वाट्सएप पर पैसे भेजने का मेसेज किया तो उसने मैसेज देखकर छोड़ दिया। जब अपने मामा से फोन किया तो उन्होंने बताया कि उनका लड़का योगी तो घर पर ही है। कभी कनाड़ा गया ही नहीं। जब उसे धोखाधड़ी का पता लगा। इस मामले की शिकायत पुलिस को दी। पुलिस ने केस दर्ज करके जांच शुरू कर दी। रोहतक में आढ़ती से ममेरा भाई बनकर ठगने का मामला समाने आया है। जिसके पास वाट्सअप पर कॉल आई और सामने वाले ने खुद को कनाडा में बैठा मामा का लड़का बताया। दोस्त की मां बीमार होने का झांसा देकर 9 ट्रांजेक्शन में कुल 12 लाख 20 हजार ठग लिए। जब मैसेज का रिप्लाई नहीं किया तो मामा के पास फोन किया और पता चला कि मामा का लड़का कभी कनाडा ही नहीं गया और ना ही पैसे मांगे। जिसके बाद मामले की शिकायत पुलिस को दी। रोहतक के गांव मदीना निवासी ओमप्रकाश ने साइबर क्राइम थाने में शिकायत दी। शिकायत में बताया कि वह रोहतक अनाज मंडी में आढ़ती है। 24 दिसंबर को उसके पास वाट्सएप पर बाहरी नंबर से कॉल आई। सामने वाले ने कहा कि पहचाना कौन बोल रहा हूं। मना करने पर खुद को मामा का लड़का योगी बताया। उसने कहा कि वह कनाड़ा में है। मां के इलाज के लिए 5 लाख रुपए मांगे उसने कहा कि उसके दोस्त मनिंद्र की मां अस्पताल में है। उसका ऑपरेशन होना है। वह फोन करके अपना अकाउंट नंबर देगा, उसमें पैसे ट्रांसफर कर देगा। कुछ देर बाद मनिंद्र का व्हाट्सएप कॉल आया और उसने अकाउंट नंबर देते हुए 5 लाख रुपए ट्रांसफर करने को कहा। उसने 3 ट्रांजेक्शन (2 लाख 50 हजार, 1 लाख 50 हजार और एक लाख रुपए) में 5 लाख रुपए बताए गए अकाउंट में भेज दिए। 1163500 रुपए की भेजी रसीद
25 दिसंबर को वाट्सअप पर एक बैंक रसीद भेजी, जिसमें 11 लाख 63 हजार 500 रुपए ओमप्रकाश के अकाउंट में भेजे हुए दिखाए। थोड़ी देर बार योगी का वाट्सअप कॉल आई और कहा कि आपके पास भेजे 1163500 रुपए में से 5 लाख अपने रख लें और 1 लाख 50 हजार वापस भेज दें। 26 दिसंबर को फिर कॉल आई और कहा जो 1163500 रुपए भेजे थे, वह ग्रीन कार्ड नहीं होने के कारण आपके अकाउंट में नहीं आ सके। ग्रीन कार्ड बनवाने के नाम पर ठगा
पहले ग्रीन कार्ड बनवाना पड़ेगा। उसके लिए आप 4 लाख 70 हजार रुपए भेज दें। 27 दिसंबर को फिर कॉल आई और कहा कि ग्रीन कार्ड बनवाने के लिए 1 लाख रुपए की और जरूरत है। जिसके बाद पैसे भेज दिए। जब 28 दिसंबर को वाट्सएप पर पैसे भेजने का मेसेज किया तो उसने मैसेज देखकर छोड़ दिया। जब अपने मामा से फोन किया तो उन्होंने बताया कि उनका लड़का योगी तो घर पर ही है। कभी कनाड़ा गया ही नहीं। जब उसे धोखाधड़ी का पता लगा। इस मामले की शिकायत पुलिस को दी। पुलिस ने केस दर्ज करके जांच शुरू कर दी। हरियाणा | दैनिक भास्कर