रोहतक में आम आदमी पार्टी के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा ने कहा कि भाजपा को न तो हरियाणा के छात्रों की चिंता है और न ही युवाओं के रोजगार की। भाजपा ने पिछले 10 सालों में पूरे हरियाणा की शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद कर दिया है। साढ़े 9 साल तक मनोहर लाल शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद करके चले गए। उन्हें सीएम पद से हटा दिया गया। अब नायब सैनी आए हैं, उनके कार्यकाल में भी वही स्थिति है जो पिछले साढ़े 9 सालों से चल रही है। उन्होंने कहा कि अगर हरियाणा के सरकारी स्कूलों में पीजीटी शिक्षकों की स्थिति की बात करें तो पीजीटी के 10 हजार से ज्यादा पद खाली हैं। वहीं सरकारी स्कूलों में पीजीटी और टीजीटी के 28 हजार से ज्यादा पद खाली हैं। भाजपा सरकार हरियाणा की शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद करना चाहती है। जब बच्चे पढ़कर तमाम मुश्किलों का सामना करके बाहर निकलते हैं तो हरियाणा सरकार के पास उनके लिए नौकरियां नहीं होती हैं। 2 लाख सरकारी नौकरियां खाली पड़ी हैं। युवा जमीन बेचकर विदेश जाने को मजबूर अनुराग ढांडा ने कहा कि हरियाणा के युवा नौकरी के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। वहीं अपनी जमीन बेचकर विदेश जाने को मजबूर हैं। लेकिन भाजपा उनके लिए कुछ नहीं सोच रही। इसलिए आज युवा दुखी है और विद्यार्थी परेशान हैं। उन्होंने कहा कि युवाओं ने इस लोकसभा चुनाव में भाजपा को हरियाणा में हाफ कर दिया। जिसकी पिछली बार 10 सीटें थी, वह इस बार 5 पर सिमट गई। अगर नायब सैनी युवाओं के रोजगार की मांग पूरी नहीं कर पाई तो आने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा की सरकार को युवा उखाड़ फेकेंगे। रोहतक में आम आदमी पार्टी के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा ने कहा कि भाजपा को न तो हरियाणा के छात्रों की चिंता है और न ही युवाओं के रोजगार की। भाजपा ने पिछले 10 सालों में पूरे हरियाणा की शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद कर दिया है। साढ़े 9 साल तक मनोहर लाल शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद करके चले गए। उन्हें सीएम पद से हटा दिया गया। अब नायब सैनी आए हैं, उनके कार्यकाल में भी वही स्थिति है जो पिछले साढ़े 9 सालों से चल रही है। उन्होंने कहा कि अगर हरियाणा के सरकारी स्कूलों में पीजीटी शिक्षकों की स्थिति की बात करें तो पीजीटी के 10 हजार से ज्यादा पद खाली हैं। वहीं सरकारी स्कूलों में पीजीटी और टीजीटी के 28 हजार से ज्यादा पद खाली हैं। भाजपा सरकार हरियाणा की शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद करना चाहती है। जब बच्चे पढ़कर तमाम मुश्किलों का सामना करके बाहर निकलते हैं तो हरियाणा सरकार के पास उनके लिए नौकरियां नहीं होती हैं। 2 लाख सरकारी नौकरियां खाली पड़ी हैं। युवा जमीन बेचकर विदेश जाने को मजबूर अनुराग ढांडा ने कहा कि हरियाणा के युवा नौकरी के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। वहीं अपनी जमीन बेचकर विदेश जाने को मजबूर हैं। लेकिन भाजपा उनके लिए कुछ नहीं सोच रही। इसलिए आज युवा दुखी है और विद्यार्थी परेशान हैं। उन्होंने कहा कि युवाओं ने इस लोकसभा चुनाव में भाजपा को हरियाणा में हाफ कर दिया। जिसकी पिछली बार 10 सीटें थी, वह इस बार 5 पर सिमट गई। अगर नायब सैनी युवाओं के रोजगार की मांग पूरी नहीं कर पाई तो आने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा की सरकार को युवा उखाड़ फेकेंगे। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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कांग्रेस MP कुमारी सैलजा ने किया किरण चौधरी का समर्थन:कहा- श्रुति के साथ इंसाफ नहीं हुआ, खफा होना स्वभाविक; मां-बेटी पार्टी छोड़ चुकीं हरियाणा में कांग्रेस छोड़ आज BJP जॉइन करने जा रहीं पूर्व मंत्री किरण चौधरी के समर्थन में कांग्रेस की सीनियर लीडर सिरसा सीट से सांसद कुमारी सैलजा भी उतर आई हैं। सैलजा ने कहा है कि श्रुति के साथ इंसाफ नहीं हुआ। उन्होंने कहा, ‘हम भिवानी हारे और गुरुग्राम भी हारे। गुरुग्राम जो अहीरवाल है, वहां कैप्टन अजय यादव लड़ लेते। यहां श्रुति लड़ लेती तो हम जीत जाते।’ सैलजा का कहना है, ‘टिकटों का वितरण ठीक होता तो और ज्यादा अच्छा रहता। उनका (किरण चौधरी) का खफा होना स्वाभाविक है। उनके परिवार का योगदान दशकों से रहा है। उनकी (किरण) बेटी (श्रुति) वहां से पहले भी MP रही है। मैंने खुद वहां जाकर देखा, क्योंकि जब हमने यात्रा निकाली थी तो वहां 3-4 दिन लगाए। श्रुति को टिकट मिलती तो जीतती।’ सैलजा ने आगे कहा, ‘मैं उनकी बात को सपोर्ट कर रही हूं। हमने यह बात पहले भी पार्टी प्लेटफॉर्म पर रखी और आगे भी रखेंगे। थोड़ा दुख होता है कि कहां हम 10 की 10 सीट जीत रहे थे और अब हम 5 पर आकर टिक गए। इसके पीछे का कारण टिकटों का सही वितरण न होना ही है।’ श्रुति का टिकट काटकर राव दान सिंह को मिला
लगातार 4 बार भिवानी की तोशाम सीट से MLA किरण चौधरी अपनी बेटी श्रुति चौधरी को भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से लोकसभा चुनाव लड़ना चाहती थीं। श्रुति पहले भी 2009 में इस सीट से सांसद रह चुकी है, लेकिन पिछले 2 चुनाव में लगातार हार के कारण पार्टी ने इस बार उनकी टिकट काटकर पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खास महेंद्रगढ़ से विधायक राव दान सिंह को दे दी। बेटी की टिकट कटते ही किरण ने बगावती तेवर अपना लिए थे, लेकिन चुनाव के वक्त पार्टी नहीं छोड़ी। किरण और उनकी बेटी श्रुति ने प्रचार से पूरी तरह किनारा कर लिया। दोनों तरफ से खूब बयानबाजी हुई। आखिर में भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट कांग्रेस के हाथ से निकल गई। कांग्रेस केंडिडेट ने हार का कारण भितरघात बताया। इसके बाद किरण ने फिर से मीडिया के सामने आकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का नाम लिए बगैर उन पर कई आरोप लगाए। इससे साफ होने लगा कि किरण अब बहुत जल्द पार्टी को अलविदा कह सकती है। सत्ता जाने के बाद हुड्डा से शुरू हुई अदावत
दरअसल, किरण चौधरी तत्कालीन हुड्डा सरकार के दोनों टर्म 2005 और 2009 में कैबिनेट मंत्री रहीं। उस समय राजनैतिक तौर पर किरण और हुड्डा की सही पटरी बैठ रही थी, लेकिन 2014 में कांग्रेस की सरकार जाने के बाद कांग्रेस में गुटबाजी और ज्यादा उभरकर आ गई। पहले से हुड्डा विरोधी रही कुमारी सैलजा के बाद रणदीप सुरजेवाला और किरण चौधरी के अलावा कैप्टन अजय सिंह की हुड्डा के साथ खटपट शुरू हो गई। हालांकि, पार्टी हाईकमान की तरफ से 2014 के विधानसभा चुनाव के बाद किरण को CLP लीडर बनाया गया, लेकिन 2019 के चुनाव आते-आते किरण और भूपेंद्र हुड्डा के बीच तनातनी पूरी तरह जगजाहिर हो गई। पिछले 3 साल में तो ये और ज्यादा बढ़ गई। सैलजा, रणदीप के साथ किरण भी शामिल हो गईं और इन तीनों सीनियर नेताओं ने अपनी अलग राह चुन ली। हरियाणा में एक गुट भूपेंद्र हुड्डा तो दूसरा SRK (सैलजा, रणदीप, किरण) के नाम से जाना जाने लगा। लोकसभा चुनाव के दौरान भी किरण और श्रुति सिरसा में कैंडिडेट सैलजा के प्रचार में तो जरूर गई, लेकिन अपने खुद के गढ़ में एक दिन भी प्रचार नहीं किया। बंसीलाल की विरासत संभाल रहीं किरण
किरण चौधरी पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी बंसीलाल की पुत्रवधू हैं। पति सुरेंद्र सिंह की मौत के बाद किरण ही 2005 से बंसीलाल की राजनीतिक विरासत को संभाले हुए हैं। किरण ने कई बार खुले तौर पर यह बात कही कि पार्टी के भीतर ही उनकी अनदेखी की जा रही है। उनके गढ़ में कांग्रेस के कार्यक्रम हो जाते हैं और उन्हें बुलाया तक नहीं जाता। ऐसे में किरण के सामने चुनौती बंसीलाल की विरासत को बचाने की आ गई। क्योंकि, कांग्रेस में रहते हुए बंसीलाल के कोर वोटर को रोकना किरण चौधरी के लिए मुश्किल हो रहा था। इसे बचाने के लिए उन्होंने कांग्रेस छोड़ BJP जॉइन करने का बड़ा फैसला लिया।
धारुहेड़ा के पास रेवाड़ी पलवल हाईवे जलमग्न:दो राज्य के बीच फंसा जलभराव का मामला; भिवाड़ी से आता रहा है प्रदूषित पानी
धारुहेड़ा के पास रेवाड़ी पलवल हाईवे जलमग्न:दो राज्य के बीच फंसा जलभराव का मामला; भिवाड़ी से आता रहा है प्रदूषित पानी हरियाणा के रेवाड़ी के धारुहेड़ा कस्बे से होकर गुजरने वाले रेवाड़ी- पलवल राष्ट्रीय राजमार्ग पर भिवाड़ी बाइपास के पास हाईवे की सड़क पर भारी जलभराव की स्थिति बनी हुई है। इससे इस हाइवे से गुजरने वाले हजारों लोग प्रभावित हो रहे हैं। धारुहेड़ा क्षेत्र में राजस्थान के औद्योगिक कस्बा भिवाड़ी से आने वाले प्रदूषित पानी को रोकने के लिए प्रशासन द्वारा उठाये गए कड़े कदमों के बाद भिवाड़ी की तरफ से आने वाले प्रदूषित पानी को धारुहेड़ा में आने से रोक दिया गया है। वही राजस्थान के भिवाड़ी प्रशासन द्वारा रेवाड़ी पलवल राष्ट्रीय राजमार्ग 919 को भी पिछले वर्ष मिट्टी डालकर बन्द कर दिया गया था, जो अभी तक बंद पड़ा है। इसकी वजह से रेंप व मिट्टी डाल बन्द किये हाईवे के बीच बारिश के समय जलभराव की स्थिति बन जाती है। दोनों राज्य में भाजपा सरकार फिर भी समाधान नही धारुहेड़ा में भिवाड़ी से आने वाला प्रदूषित पानी वर्षो से धारूहेड़ा पहुंच कर औद्योगिक क्षेत्र सहित नेशनल हाइवे व सेक्टरों के आसपास भरा खड़ा दिखाई देता था। इसको लेकर दोनों राज्यों के अधिकारियों के बीच इस मुद्दे को लेकर काफी बैठकें हुई, लेकिन कोई समाधान नही निकलने पर सामाजिक कार्यकर्ताओं की तरफ से नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में याचिका भी दर्ज की गई थी। इसपर राजस्थान पर एनजीटी कोर्ट द्वारा करोड़ों रुपए का जुर्माना भी लगाया गया। इसको लेकर अपील करते हुए राजस्थान की तरफ से सुप्रीम कोर्ट का रुख किया गया, वहां पर मामला अभी तक लंबित है। वर्ष 2023 तक हरियाणा सरकार की तरफ से राजस्थान में कांग्रेस की सरकार होने की बात कह कर अपना पल्ला झाड़ लिया जाता रहा, जबकि अब तो पिछले साल से ही दोनों राज्यों व केंद्र में भाजपा की सरकार होने के बावजूद अभी भी रेवाड़ी-पलवल हाइवे पर राजस्थान की तरफ से मिट्टी डाल बन्द किये हाईवे को नही खोला जा सका है। इसकी वजह से हाईवे बाधित होने के साथ ही जलभराव की समस्या बनी हुई है। दोनों राज्यों के अधिकारी एक दूसरे की जिम्मेदारी बता पल्ला झाड़ रहे हैं। भिवाड़ी की तरफ से हाईवे को बाधित किये जाने को लेकर इस हाइवे के रखरखाव का जिम्मा संभाल रहे पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारी इस समस्या को लेकर खैरथल तिजारा के डीसी को हाईवे से मिट्टी हटाये जाने के लिए कई बार पत्राचार कर चुके हैं, लेकिन एक साल से स्थिति में कोई बदलाव नही हुआ है। वही राजस्थान के भिवाड़ी के विकास का जिम्मा उठाने वाले बीड़ा कार्यालय के अधिकारी इस मामले पर दोनों राज्य के डीसी की बैठक होने की बात कह कर अपनी जिम्मेदारी से बच रहे है।
अभय सिंह चौटाला और पवन बेनीवाल फिर साथ-साथ:कांग्रेस छोड़ इनेलो में शामिल, भाजपा और कांग्रेस से अभय सिंह के सामने लड़ा था चुनाव
अभय सिंह चौटाला और पवन बेनीवाल फिर साथ-साथ:कांग्रेस छोड़ इनेलो में शामिल, भाजपा और कांग्रेस से अभय सिंह के सामने लड़ा था चुनाव हरियाणा के सिरसा जिले की ऐलनाबाद विधानसभा से 3 बार अभय चौटाला के सामने चुनाव लड़ने वाले पवन बैनीवाल ने रविवार रात इनेलो जॉइन कर ली। पवन बैनीवाल 2 बार BJP और 1 बार कांग्रेस की टिकट पर अभय चौटाला को चुनौती दे चुके हैं मगर हर बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। मगर बरसों पुरानी दोस्ती के खातिर दोनों नेताओं ने आपसी गिले शिकवे भुलाकर एक होना बेहतर समझा। दोनों नेताओं के बीच करीब 10 साल पहले राजनीतिक मतभेद पैदा हो गए थे जिसके चलते पवन बैनीवाल इनेलो छोड़ भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे। भाजपा ने उनको अभय सिंह चौटाला के सामने 2014 और 2019 में चुनाव लड़वाया था। इसके बाद किसान आंदोलन के समय पवन बैनीवाल ने भाजपा को अलविदा कह कांग्रेस का दामन थाम लिया था। ऐलनाबाद उपचुनाव में कांग्रेस की टिकट पर पवन ने अभय को तीसरी बार चुनौती मगर अबकी बार तीसरे नंबर पर रहे। रविवार शाम को अभय सिंह चौटाला दड़बा कलां स्थित पवन बैनीवाल के घर पर पहुंचे जहां पर पवन बैनीवाल ने अपने समर्थकों सहित उनका स्वागत किया और कांग्रेस छोड़कर इनेलो का दामन थामा। राजनीतिक रूप से दूर हुए थे सामाजिक रूप से एक थे : पवन बैनीवाल इस मौके पर पवन बैनीवाल ने कहा कि वह पहले इनेलो और अभय सिंह सिंह चौटाला के साथ रहे थे, लेकिन किसी बात को लेकर मनमुटाव के चलते उन्होंने अलग-अलग रास्ते अपना कर लिए थे। उन्होंने कहा कि उन्होंने अभय सिंह चौटाला के सामने 3 बार चुनाव भी लड़ा है लेकिन पारिवारिक और सामाजिक रिश्ते कभी भी कमजोर नहीं हुए और अब समय की नजाकत को देखते हुए एक बार फिर साथ हुए हैं और अब अभय सिंह चौटाला चुनाव में जो भी ड्यूटी लगाएंगे वह पूरी तरह निभाएंगे। पवन मेरा अजीज और छोटा भाई : अभय चौटाला इस मौके पर इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला ने कहा कि पवन बैनीवाल उसका सदा अजीज रहा है और छोटा भाई है और किसी एक बात को लेकर उनके बीच गलत फहमियां हो गई थी और अब सारे गिले शिकवे दूर हो गए हैं। उन्होंने कहा कि पवन बैनीवाल के साथ भाजपा और कांग्रेस ने विश्वासघात किया है। इसी प्रकार आदित्य चौटाला के साथ भी नाइंसाफी हुई थी। इसी को लेकर उन्होंने पुराने साथियों को एक साथ मिलाने का फैसला किया है।