सूर्य उपासना का महापर्व छठ नजदीक है। महापर्व को मनाने के लिए लोग अपने घरों को लौट रहे हैं। ऐसे में ट्रेनों में जबरदस्त भीड़ हो रही है। हालत यह है कि ट्रेन में पैर रखने तक को जगह नहीं है। यात्री घंटों लटककर सफर करने को मजबूर हैं। सबसे खराब स्थिति जनरल कोच में यात्रा करने वाले लोगों की है। ट्रेन में चढ़ने के लिए यात्री इमरजेंसी विंडो से अंदर जाते दिखे। एक बोगी में 500 से अधिक लोग यात्रा करने को मजबूर हैं। लोगों ने कहा- महापर्व है, हर हाल में घर जाना है, गेट पर बहुत भीड़ है, इसलिए विंडो से जाना पड़ रहा है। लखनऊ के चारबाग स्टेशन पर पहुंची ट्रेनों में यात्रियों की समस्या को लेकर दैनिक भास्कर ने पड़ताल की… मथुरा से ट्रेन में बैठी खो गए पति मथुरा से गोरखपुर जा रही महिला बुजुर्ग महिला राधिका की आंखों में आंसू थे। कहा- ट्रेन में हमारे पति खो गए हैं। उनका पता नहीं चल रहा है। इतनी भीड़ है कि बैठने को जगह नहीं मिल रही। टॉयलेट और गेट के पास में परिवार के तीन सदस्य बैठै हुए हैं। मथुरा से हम लोग बैठै थे। राधिका ने कहा- लोग कह रहे उतर जाओ, कहां जाओगी। गाड़ी में जगह नहीं है। टॉयलेट नहीं जा पा रहे हैं। लड़के दबा देते हैं। तीन दिन से खाना नहीं खाया है। थोड़ा सा चूरा और मीठा खा लेते हैं। पैसे नहीं हैं। पूरा परिवार परेशान हो गया है। इस दौरान यात्रियों ने ट्रेनों में व्यवस्था बढ़ाने की मांग की है। इमरजेंसी विंडो से महिला, बच्चे को अंदर किया चारबाग स्टेशन पर ट्रेन नंबर 15076 के पहुंचने पर यात्रियों में सीट पर कब्जे के लिए मारामारी शुरू हो गई। ट्रेन के रुकने के पहले ही लोग बैठने लगे। इस बीच धक्कामुक्की भी शुरू हो गई। लोग अपने बैग और बोरियों को लेकर दौड़ते रहे। अंदर सीट पर बैठने को लेकर भी झगड़ा भी होने लगा। कोई सीट पर बैठने के लिए गेट के रास्ते घुसने के लिए जबरदस्ती करता दिखा तो कोई खिड़की से ही बैग, बच्चों और महिलाओं सहित खुद ट्रेन के अंदर चला गया। मौके पर आरपीएफ के जवान भी तैनात किए गए थे, लेकिन स्थिति को नियंत्रण करने में उनके हाथ-पांव भी फूल गए। भीड़ में चोरी हो गया मोबाइल और सामान ट्रेन नंबर 15076 के लखनऊ पहुंचने पर चारबाग स्टेशन से एक व्यक्ति का मोबाइल चोरी हो गया। वहीं, एक व्यक्ति का पर्स और मोबाइल चोरों ने गायब कर दिया। गीता देवी ने बताया कि बेटे के साथ फाफामऊ इलाहाबाद जा रहे हैं। बेटे अवनीश द्विवेदी का मोबाइल लोगों ने जेब से निकाल लिया है। घंटी जा रही है, लेकिन फोन नहीं उठा है। मामले में जीआरपी से शिकायत की है। गीता ने कहा कि ट्रेन में बैठने के लिए मारामारी हो रही है। लोग परेशान हैं। रेलवे को इंतजाम करना चाहिए। मुंबई, दिल्ली, गुवाहटी, अहमदाबाद और चंढ़ीगढ़ की ट्रेनों में मारामारी लखनऊ आवाजाही करने वाली उन ट्रेनों के जनरल बोगी में अधिक भीड़ देखने को मिल रही है जो दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद और चंढीगढ़ से आ रही हैं। इसमें जनरल बोगी में बहुत खराब स्थिति है। लोगों को बैठने के लिए ट्रेन में जगह नहीं मिल रही है। लोग 24 घंटे खड़े होकर यात्रा करने को मजबूर हैं। इसमें सबसे अधिक यात्री पूर्वांचल और बिहार के हैं। टॉयलेट में खड़े होकर कर रहे यात्रा ट्रेनों में यात्रियों को 24 घंटे तक गेट, टॉयलेट में खड़े होकर यात्रा करना पड़ रहा है। यात्रियों ने रेलवे से शिकायत कर सुविधा बढ़ाने की मांग की, लेकिन निराशा का सामना करना पड़ रहा है। एक यात्री ने ट्रेन के लखनऊ पहुंचने पर कहा कि ट्रेन में खड़े होने की जगह नहीं है। हम खड़े होकर जा रहे हैं। 24 घंटे से अधिक का समय हो रहा है। यात्री जावेद का कहना है कि सीट नहीं मिली है। हम लोग परेशान हो गए हैं। रेलवे को सुविधा बढ़ानी चाहिए। अमन कश्यप ने कहा कि जयपुर से आ रहे हैं। जगह नहीं मिल रही है। ट्रेन रुकते-रुकते आ रही है। इस खबर को भी पढ़ें… संजय सिंह बोले- यूपी पुलिस बेलगाम, सीएम दे रहे संरक्षण:कहा- बंटो नहीं, मिलकर भाजपा को हराओ; उपचुनाव में आप का सपा को समर्थन यूपी में आम आदमी पार्टी ने सोमवार से सदस्यता अभियान शुरू किया। इस दौरान यूपी प्रभारी और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा- भाजपा सिर्फ झूठ का कारोबार कर रही है। पुलिस पूरी तरह से क्रूर और तानाशाह हो गई है। लखनऊ में मोहित पांडेय की हत्या हो या अमन गौतम की मौत। पढ़ें पूरी खबर… सूर्य उपासना का महापर्व छठ नजदीक है। महापर्व को मनाने के लिए लोग अपने घरों को लौट रहे हैं। ऐसे में ट्रेनों में जबरदस्त भीड़ हो रही है। हालत यह है कि ट्रेन में पैर रखने तक को जगह नहीं है। यात्री घंटों लटककर सफर करने को मजबूर हैं। सबसे खराब स्थिति जनरल कोच में यात्रा करने वाले लोगों की है। ट्रेन में चढ़ने के लिए यात्री इमरजेंसी विंडो से अंदर जाते दिखे। एक बोगी में 500 से अधिक लोग यात्रा करने को मजबूर हैं। लोगों ने कहा- महापर्व है, हर हाल में घर जाना है, गेट पर बहुत भीड़ है, इसलिए विंडो से जाना पड़ रहा है। लखनऊ के चारबाग स्टेशन पर पहुंची ट्रेनों में यात्रियों की समस्या को लेकर दैनिक भास्कर ने पड़ताल की… मथुरा से ट्रेन में बैठी खो गए पति मथुरा से गोरखपुर जा रही महिला बुजुर्ग महिला राधिका की आंखों में आंसू थे। कहा- ट्रेन में हमारे पति खो गए हैं। उनका पता नहीं चल रहा है। इतनी भीड़ है कि बैठने को जगह नहीं मिल रही। टॉयलेट और गेट के पास में परिवार के तीन सदस्य बैठै हुए हैं। मथुरा से हम लोग बैठै थे। राधिका ने कहा- लोग कह रहे उतर जाओ, कहां जाओगी। गाड़ी में जगह नहीं है। टॉयलेट नहीं जा पा रहे हैं। लड़के दबा देते हैं। तीन दिन से खाना नहीं खाया है। थोड़ा सा चूरा और मीठा खा लेते हैं। पैसे नहीं हैं। पूरा परिवार परेशान हो गया है। इस दौरान यात्रियों ने ट्रेनों में व्यवस्था बढ़ाने की मांग की है। इमरजेंसी विंडो से महिला, बच्चे को अंदर किया चारबाग स्टेशन पर ट्रेन नंबर 15076 के पहुंचने पर यात्रियों में सीट पर कब्जे के लिए मारामारी शुरू हो गई। ट्रेन के रुकने के पहले ही लोग बैठने लगे। इस बीच धक्कामुक्की भी शुरू हो गई। लोग अपने बैग और बोरियों को लेकर दौड़ते रहे। अंदर सीट पर बैठने को लेकर भी झगड़ा भी होने लगा। कोई सीट पर बैठने के लिए गेट के रास्ते घुसने के लिए जबरदस्ती करता दिखा तो कोई खिड़की से ही बैग, बच्चों और महिलाओं सहित खुद ट्रेन के अंदर चला गया। मौके पर आरपीएफ के जवान भी तैनात किए गए थे, लेकिन स्थिति को नियंत्रण करने में उनके हाथ-पांव भी फूल गए। भीड़ में चोरी हो गया मोबाइल और सामान ट्रेन नंबर 15076 के लखनऊ पहुंचने पर चारबाग स्टेशन से एक व्यक्ति का मोबाइल चोरी हो गया। वहीं, एक व्यक्ति का पर्स और मोबाइल चोरों ने गायब कर दिया। गीता देवी ने बताया कि बेटे के साथ फाफामऊ इलाहाबाद जा रहे हैं। बेटे अवनीश द्विवेदी का मोबाइल लोगों ने जेब से निकाल लिया है। घंटी जा रही है, लेकिन फोन नहीं उठा है। मामले में जीआरपी से शिकायत की है। गीता ने कहा कि ट्रेन में बैठने के लिए मारामारी हो रही है। लोग परेशान हैं। रेलवे को इंतजाम करना चाहिए। मुंबई, दिल्ली, गुवाहटी, अहमदाबाद और चंढ़ीगढ़ की ट्रेनों में मारामारी लखनऊ आवाजाही करने वाली उन ट्रेनों के जनरल बोगी में अधिक भीड़ देखने को मिल रही है जो दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद और चंढीगढ़ से आ रही हैं। इसमें जनरल बोगी में बहुत खराब स्थिति है। लोगों को बैठने के लिए ट्रेन में जगह नहीं मिल रही है। लोग 24 घंटे खड़े होकर यात्रा करने को मजबूर हैं। इसमें सबसे अधिक यात्री पूर्वांचल और बिहार के हैं। टॉयलेट में खड़े होकर कर रहे यात्रा ट्रेनों में यात्रियों को 24 घंटे तक गेट, टॉयलेट में खड़े होकर यात्रा करना पड़ रहा है। यात्रियों ने रेलवे से शिकायत कर सुविधा बढ़ाने की मांग की, लेकिन निराशा का सामना करना पड़ रहा है। एक यात्री ने ट्रेन के लखनऊ पहुंचने पर कहा कि ट्रेन में खड़े होने की जगह नहीं है। हम खड़े होकर जा रहे हैं। 24 घंटे से अधिक का समय हो रहा है। यात्री जावेद का कहना है कि सीट नहीं मिली है। हम लोग परेशान हो गए हैं। रेलवे को सुविधा बढ़ानी चाहिए। अमन कश्यप ने कहा कि जयपुर से आ रहे हैं। जगह नहीं मिल रही है। ट्रेन रुकते-रुकते आ रही है। इस खबर को भी पढ़ें… संजय सिंह बोले- यूपी पुलिस बेलगाम, सीएम दे रहे संरक्षण:कहा- बंटो नहीं, मिलकर भाजपा को हराओ; उपचुनाव में आप का सपा को समर्थन यूपी में आम आदमी पार्टी ने सोमवार से सदस्यता अभियान शुरू किया। इस दौरान यूपी प्रभारी और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा- भाजपा सिर्फ झूठ का कारोबार कर रही है। पुलिस पूरी तरह से क्रूर और तानाशाह हो गई है। लखनऊ में मोहित पांडेय की हत्या हो या अमन गौतम की मौत। पढ़ें पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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CM योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट HURL ने बदल दी गोरखपुर की तस्वीर, शहर में बनाई अलग पहचान <p style=”text-align: justify;”><strong>Gorakhpur HURL:</strong> हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड यानी HURL द्वारा स्थापित खाद कारखाना गोरखपुर के विकास में भरपूर योगदान तो दे ही रहा है, सामाजिक सरोकारों को निभाने में भी आगे हैं. स्थापना के महज तीन साल के भीतर इस खाद कारखाने ने कॉरपोरेट एन्वॉयरमेंट रिस्पांसिबिलिटी (सीईआर) फंड से 70 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि शिक्षा, स्वास्थ्य और नगरीय सुविधाओं के ढांचागत विकास पर खर्च की है. यहां के लोग इस सीएम योगी के संघर्ष के सुखद परिणाम मानते हैं.<br /> <br />मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयास से करीब तीन दशक बाद HURL के खाद कारखाने के नाम यूरिया उत्पादन के साथ सामाजिक दायित्व निर्वहन की सतत उपलब्धियां दर्ज होती जा रही हैं. एचयूआरएल गोरखपुर इकाई के परियोजना प्रमुख दिप्तेन रॉय का कहना है कि ये खाद कारखाना यूरिया के लिए किसानों की दिक्कत को कम करने में मील का पत्थर साबित हुआ है तो साथ ही गोरखपुर के शिक्षा और स्वास्थ्य की आधारभूत संरचना को भी मजबूत बना रहा है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सामाजिक कामों में भी रहा योगदान</strong><br />एचयूआरएल ने अपने सीईआर फंड से गोरखपुर में दो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना कराई है, तो 16 स्वास्थ्य केंद्रों पर बच्चों के इलाज के लिए हाईटेक पीडियाट्रिक आईसीयू का निर्माण कराया है. इसके साथ ही उसने मानीराम के समीप स्थित सोनबरसा गांव को मॉडल विलेज के रूप में विकसित किया है, 12 प्राइमरी स्कूलों में आरओ प्लांट लगवाया है, कई सरकारी प्राथमिक विद्यालयों का जीर्णोद्धार कर उन्हें स्मार्ट बनाया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><br /><img src=”https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/07/20/a007b5e8bf988d1f942521d11c5e7fb71721449047900275_original.jpg” /><br /> <br />HURL के महाप्रबंधक संजय चावला और गोरखपुर यूनिट के उप महाप्रबंधक सुबोध दीक्षित ने बताया कि इनमें से कई कार्य पूरे हो गए हैं तो कुछ निर्माणाधीन हैं. ताजा पहल करते हुए HURL अब नगर निगम के माध्यम से शहर में 27 स्थानों पर इंटीग्रेटेड सोलर स्ट्रीट लाइटिंग सिस्टम की स्थापना करने जा रहा है. सीएम योगी खुद कई मंचों से एचयूआरएल की तारीफ करते हुए कह चुके हैं कि ये कारखाना खाद उत्पादन के साथ ही अपनी सामाजिक प्रतिबद्धताओं को आगे बढ़ा रहा है. <br /> <br /><strong>सीएम योगी का ड्रीम प्रोजेक्ट</strong><br />गोरखपुर में HURL की स्थापना का श्रेय सीएम योगी को जाता है. ये उनका ड्रीम प्रोजेक्ट रहा है. गोरखपुर में पूर्व में स्थापित खाद कारखाना 1990 में एक हादसे के बाद बंद कर दिया गया था. सांसद बनने के बाद 1998 से ही <a title=”योगी आदित्यनाथ” href=”https://www.abplive.com/topic/yogi-adityanath” data-type=”interlinkingkeywords”>योगी आदित्यनाथ</a> ने इसे दोबारा चलाने के लिए संघर्ष किया. उनकी पहल पर 22 जुलाई 2016 को प्रधानमंत्री <a title=”नरेंद्र मोदी” href=”https://www.abplive.com/topic/narendra-modi” data-type=”interlinkingkeywords”>नरेंद्र मोदी</a> ने पुराने खाद कारखाना परिसर में ही नये कारखाने का शिलान्यास किया. 2017 में उनके मुख्यमंत्री बनने के बाद इसके निर्माण का रास्ता और प्रशस्त हो गया.<br /> <br />600 एकड़ में 8603 करोड़ रुपये की लागत से बने और प्राकृतिक गैस आधारित इस खाद कारखाने की अधिकतम उत्पादन क्षमता प्रतिदिन 3850 मिट्रिक टन और प्रतिवर्ष 12.7 लाख मीट्रिक टन यूरिया उत्पादन की है. कमर्शियल उत्पादन शुरू होने के बाद कई दिन ऐसे भी रहे हैं जब खाद कारखाने में सौ प्रतिशत क्षमता से भी अधिक उत्पादन हुआ है. यहां बेस्ट क्वालिटी की नीम कोटेड यूरिया बन रही है. कारण, इस कारखाने की प्रीलिंग टावर की रिकार्ड ऊंचाई. यहां बने प्रिलिंग टॉवर की ऊंचाई 149.2 मीटर है. जो कुतुब मीनार से भी दोगुना ऊंचा है. प्रीलिंग टावर की ऊंचाई जितनी अधिक होती है, यूरिया के दाने उतने छोटे व गुणवत्तायुक्त बनते हैं.<br /> <br /><strong>खाद के साथ इन क्षेत्रों में भी रहा योगदान </strong><br />- 72 लाख की लागत से हरनही और कैम्पियरगंज सीएचसी पर ऑक्सिजन प्लांट की स्थापना <br />- 14 लाख की लागत से 12 प्राथमिक विद्यालयों पर शुद्ध पेयजल के लिए आरओ प्लांट की स्थापना<br />- 3.29 करोड़ की लागत से रामगढ़ताल का सुंदरीकरण<br />- 12.30 करोड़ की लागत से सोनबरसा गांव का मॉडल विलेज के रूप में विकास <br />- 26.43 करोड़ की लगात से 16 सीएचसी पर पीडियाट्रिक आईसीयू की स्थापना <br />- 6.35 करोड़ की लागत से विभिन्न सरकारी विद्यालयों का कायाकल्प, शिक्षा क्षेत्र में आधारभूत ढांचे का विकास <br />- 21 करोड़ की लागत से 27 स्थानों पर इंटीग्रेटेड सोलर स्ट्रीट लाइटिंग सिस्टम की स्थापना</p>
<p style=”text-align: justify;”>गोरखपुर के खाद कारखाने की स्थापना व संचालन करने वाली हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) एक संयुक्त उपक्रम है, जिसमें कोल इंडिया लिमिटेड, एनटीपीसी, इंडियन ऑयल कोर्पोरेशन लीड प्रमोटर्स हैं. जबकि इसमें फर्टिलाइजर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड और हिंदुस्तान फर्टिलाइजर कॉर्पोरेशन लिमिटेड भी साझीदार हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/congress-targeted-bjp-by-sharing-pictures-said-people-will-break-pride-in-2027-bjp-mla-see-photo-2741397″>SDM की कुर्सी पर बैठे दिखे BJP विधायक, तस्वीर वायरल, कांग्रेस बोली- ‘इनका बचा हुआ घमंड…’ </a></strong></p>
पंजाबी युवक की कनाडा में मौत:5 साल पहले गया था विदेश, दोस्तों के साथ खाना खाते समय आया हार्ट अटैक
पंजाबी युवक की कनाडा में मौत:5 साल पहले गया था विदेश, दोस्तों के साथ खाना खाते समय आया हार्ट अटैक कनाडा गए फाजिल्का जिले के गांव कंधवाला हाजर खान निवासी एक युवक की मौत हो गई। मृतक रविंदर पाल सिंह उर्फ काका विर्क पिछले पांच वर्षों से कनाडा के टोरंटो शहर में रह रहा था। उसका आज वहां दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। मृतक की उम्र करीब 29 साल बताई जा रही है। वह 2019 में टोरंटो गए थे और वे बीटेक सिविल डिग्री पास थे। उनके पिता दर्शन सिंह पंजाब पुलिस में सब-इंस्पेक्टर रहे हैं। जिनकी पहले ही मौत हो चुकी है। काका विरक परिवार में अपनी 2 बहनों और एक भाई से छोटे थे। उन्हें गीत लिखने और गाने का शौक था। वह कनाडा गए और यूट्यूब चैनल काका विर्क पर ‘नो मनी’ और ‘वाहे यू हेट’ शीर्षक के तहत अपने दो गाने रिकॉर्ड किए।प दोस्त के साथ खाना खाने गया था मृतक परिजनों ने बताया कि वह बीती रात अपने दोस्तों के साथ होटल में खाना खाने गये थे। भोजन के बाद सभी मित्र चले गये और काका विर्क की कार में ही मृत्यु हो गयी। जिसका पता वहां तैनात सुरक्षा गार्ड से चला। परिजनों ने भारत सरकार के विदेश मंत्रालय और पंजाब सरकार से उनके शव को जल्द यहां लाने की गुहार लगाई है। यहां बता दें कि काका विरक की गायक शैली दिवंगत गायक सिद्धू मूसेवाला से मिलती जुलती थी।