लखनऊ में गुरूवार को 9 साल के बच्चे के इलाज के लिए ग्रीन कॉरिडोर तैयार किया गया। एक प्रशासनिक अधिकारी का बच्चा फेफड़ों की गंभीर बीमारी से जूझ रहा है। जिसके इलाज के लिए कपूरथला स्थित मिडलैंड अस्पताल से एयरपोर्ट तक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। एम्बुलेंस से बच्चे को एयरपोर्ट पहुंचाया गया। लगभग 28 किलोमीटर की दूरी महज 30 मिनट में पूरी हो गई। अगर बच्चे को बिना ग्रीन कॉरिडोर के ले जाया जाता तो करीब डेढ़ घंटे लग जाते। जानकीपुरम सहारा स्टेट निवासी अभिषेक सिंह प्राशसिक अधिकारी हैं। उनके बच्चे को सर्दी-जुकाम, बुखार व सांस लेने में तकलीफ हुई। बच्चे के माता-पिता ने पास के प्राइवेट अस्पताल में इलाज शुरू कराया। लेकिन कोई फायदा नहीं मिला। इस पर परिवार 8 फरवरी को दोपहर 12 बजे कपूरथला के मिडलैंड अस्पताल पहुंचे। एयर एंबुलेंस से हैदराबाद जाना था जहां उसका इलाज शुरू हुआ तो जांच में निमोनिया की पुष्टि हुई। बच्चे के दोनों फेफड़े प्रभावित थे। इलाज के बावजूद मरीज की तबीयत में सुधार नहीं हुआ। अस्पताल के डॉक्टरों ने गुरुवार को बच्चे को हैदराबाद के किम्स हॉस्पिटल में रेफर करने के लिए कहा। इस पर परिवारीजन राजी हो गए। इस दौरान सुबह बच्चे की तबीयत और बिगड़ गई। उसे इक्मो पर रखना पड़ा। किम्स हॉस्पिटल की टीम लखनऊ मिडलैंड हॉस्पिटल आई। बच्चे को एयर एम्बुलेंस से हैदराबाद ले जाने की तैयारी हुई। जिसे एयरपोर्ट पहुंचाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर तैयार किया गया। लखनऊ में गुरूवार को 9 साल के बच्चे के इलाज के लिए ग्रीन कॉरिडोर तैयार किया गया। एक प्रशासनिक अधिकारी का बच्चा फेफड़ों की गंभीर बीमारी से जूझ रहा है। जिसके इलाज के लिए कपूरथला स्थित मिडलैंड अस्पताल से एयरपोर्ट तक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। एम्बुलेंस से बच्चे को एयरपोर्ट पहुंचाया गया। लगभग 28 किलोमीटर की दूरी महज 30 मिनट में पूरी हो गई। अगर बच्चे को बिना ग्रीन कॉरिडोर के ले जाया जाता तो करीब डेढ़ घंटे लग जाते। जानकीपुरम सहारा स्टेट निवासी अभिषेक सिंह प्राशसिक अधिकारी हैं। उनके बच्चे को सर्दी-जुकाम, बुखार व सांस लेने में तकलीफ हुई। बच्चे के माता-पिता ने पास के प्राइवेट अस्पताल में इलाज शुरू कराया। लेकिन कोई फायदा नहीं मिला। इस पर परिवार 8 फरवरी को दोपहर 12 बजे कपूरथला के मिडलैंड अस्पताल पहुंचे। एयर एंबुलेंस से हैदराबाद जाना था जहां उसका इलाज शुरू हुआ तो जांच में निमोनिया की पुष्टि हुई। बच्चे के दोनों फेफड़े प्रभावित थे। इलाज के बावजूद मरीज की तबीयत में सुधार नहीं हुआ। अस्पताल के डॉक्टरों ने गुरुवार को बच्चे को हैदराबाद के किम्स हॉस्पिटल में रेफर करने के लिए कहा। इस पर परिवारीजन राजी हो गए। इस दौरान सुबह बच्चे की तबीयत और बिगड़ गई। उसे इक्मो पर रखना पड़ा। किम्स हॉस्पिटल की टीम लखनऊ मिडलैंड हॉस्पिटल आई। बच्चे को एयर एम्बुलेंस से हैदराबाद ले जाने की तैयारी हुई। जिसे एयरपोर्ट पहुंचाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर तैयार किया गया। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
लखनऊ में बच्चे के इलाज के लिए बना ग्रीन कॉरिडोर:एयर एम्बुलेंस से हैदराबाद पहुंचाना था, 28 किमी की दूरी 30 मिनट में तय हुई
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