गोरखपुर में रामगढ़ताल में शुरू हुआ लेक क्वीन क्रूज आर्थिक तंगी का शिकार हो गया है। शिप संचालक ने लाखों रुपए के नुकसान का हवाला देते हुए इसका परिचालन को बंद करने की मांग की। संचालक राजकुमार राय ने गोरखपुर विकास प्राधिकरण (GDA) को पत्र लिखा है। अपने पत्र में उन्होंने पर्यटकों की कमी का जिक्र किया। दो साल पहले ही सीएम योगी ने इस क्रूज का उद्घाटन किया था। ऐसे में अगर क्रूज का संचालन बंद होता है, तो इससे गोरखपुर में पर्यटन को एक बड़ा झटका दे सकता है। सस्ते टिकट पर भी नहीं आए पर्यटक
क्रूज संचालक राजकुमार राय ने बताया, शुरुआत में टिकट की कीमत 1500 रुपए प्रति व्यक्ति रखी गई थी, लेकिन पर्यटकों की मांग पर इसे घटाकर 300 रुपए कर दिया गया। इसके बावजूद, पर्यटकों की संख्या न के बराबर रही और क्रूज को लगातार घाटा होता रहा। संचालक का कहना है कि तमाम प्रयासों के बावजूद लोग क्रूज की ओर आकर्षित नहीं हुए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि GDA की ओर से क्रूज के प्रचार-प्रसार के लिए कोई पहल नहीं की गई। 2022 में हुआ था अनुबंध
संचालक का कहना है, 4 नवंबर 2022 को क्रूज संचालन का अनुबंध हुआ था। लेकिन, तब से लेकर अब तक कई चुनौतियां सामने आईं। इसके लिए कई बार GDA से प्लेटफार्म की भी मांग की गई, लेकिन मजबूरी में लोहे के प्लेटफार्म से ही संचालन करना पड़ा। इसके अलावा, GDA द्वारा जेट्टी उपलब्ध न कराने से सुरक्षा और संचालन में दिक्कतें बनी रहीं। क्रूज के लिए बनाए गए लोहे के प्लेटफार्म पर आने-जाने के दौरान यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ता है, जो सुरक्षा के लिहाज से भी उचित नहीं है। किराए में छूट भी नहीं मिली
राजकुमार राय ने बताया- अनुबंध के मुताबिक, क्रूज संचालन के शुरुआती 6 महीनों तक किराए में छूट दी जानी थी। लेकिन, ऐसा नहीं हुआ। बार लाइसेंस भी जारी नहीं किया गया, जिससे संचालन में और दिक्कतें आईं। क्रूज संचालन के लिए आवश्यक न्यूनतम जलस्तर तीन मीटर होना चाहिए, लेकिन रामगढ़ताल में पानी का स्तर डेढ़ मीटर के आसपास रहता है। इससे क्रूज के इंजन में बार-बार खराबी आ रही है, और तेल की खपत भी बढ़ गई है। संचालक ने कई बार जल निकासी व्यवस्था सुधारने के लिए अनुरोध किया, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। IRS से रजिस्टर्ड क्रूज
राजकुमार राय ने बताया- लेक क्वीन क्रूज इंडियन शिपिंग रजिस्टर (IRS) से पंजीकृत है। क्रूज का रजिस्ट्रेशन नंबर DW-1907 एलाट हुआ है। यह नंबर कोलकाता पोर्ट से एलाट होता है। उन्होंने बताया- इसे सभी सिक्योरिटी नॉर्म्स चेक करने के बाद ही पानी में उतारा गया। यह दिन व रात दोनों समय इसमें सवार होने वाले पैसेंजर्स पूरी तरह सेफ है। इमरजेंसी की स्थिति में क्रूज पर सभी तरह व्यवस्थाएं की गई हैं। पानी की गहराई बहुत कम है क्रूज संचालक राजकुमार राय ने बताया- क्रूज का संचालन के लिए मिनिमम वाटर लेवल 3 मीटर होना चाहिए। लेकिन, रामगढ़ताल में वाटर लेबल डेढ़ मीटर के आसपास रहता है। इसके चलते तीन बार क्रूज के इंजन में दिक्कत आ चुकी है। उन्होंने बताया- वाटर लेबल कम होने के चलते क्रूज में तेल की खपत भी अधिक होती है। उन्होंने बताया कि रामगढ़ताल में जलनिकासी के लिए केवल एक जगह पाम पैराडाइज के पास बना नाला है। यह खबर भी पढ़ें यूपी में मुजफ्फरनगर की हवा सबसे ज्यादा खराब: दशहरे पर AQI 238 पहुंचा, हापुड़ दूसरा; अब कोहरे और ठंड का अहसास दशहरे पर रावण दहन और पटाखे से शनिवार को यूपी में वायु प्रदूषण बढ़ा। प्रदेश में सबसे ज्यादा प्रदूषित हवा मुजफ्फरनगर की है। शनिवार को यहां का एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (AQI) 238 दर्ज किया गया। हापुड़ 211 AQI के साथ दूसरा सबसे प्रदूषित शहर रहा। पढ़ें पूरी खबर… गोरखपुर में रामगढ़ताल में शुरू हुआ लेक क्वीन क्रूज आर्थिक तंगी का शिकार हो गया है। शिप संचालक ने लाखों रुपए के नुकसान का हवाला देते हुए इसका परिचालन को बंद करने की मांग की। संचालक राजकुमार राय ने गोरखपुर विकास प्राधिकरण (GDA) को पत्र लिखा है। अपने पत्र में उन्होंने पर्यटकों की कमी का जिक्र किया। दो साल पहले ही सीएम योगी ने इस क्रूज का उद्घाटन किया था। ऐसे में अगर क्रूज का संचालन बंद होता है, तो इससे गोरखपुर में पर्यटन को एक बड़ा झटका दे सकता है। सस्ते टिकट पर भी नहीं आए पर्यटक
क्रूज संचालक राजकुमार राय ने बताया, शुरुआत में टिकट की कीमत 1500 रुपए प्रति व्यक्ति रखी गई थी, लेकिन पर्यटकों की मांग पर इसे घटाकर 300 रुपए कर दिया गया। इसके बावजूद, पर्यटकों की संख्या न के बराबर रही और क्रूज को लगातार घाटा होता रहा। संचालक का कहना है कि तमाम प्रयासों के बावजूद लोग क्रूज की ओर आकर्षित नहीं हुए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि GDA की ओर से क्रूज के प्रचार-प्रसार के लिए कोई पहल नहीं की गई। 2022 में हुआ था अनुबंध
संचालक का कहना है, 4 नवंबर 2022 को क्रूज संचालन का अनुबंध हुआ था। लेकिन, तब से लेकर अब तक कई चुनौतियां सामने आईं। इसके लिए कई बार GDA से प्लेटफार्म की भी मांग की गई, लेकिन मजबूरी में लोहे के प्लेटफार्म से ही संचालन करना पड़ा। इसके अलावा, GDA द्वारा जेट्टी उपलब्ध न कराने से सुरक्षा और संचालन में दिक्कतें बनी रहीं। क्रूज के लिए बनाए गए लोहे के प्लेटफार्म पर आने-जाने के दौरान यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ता है, जो सुरक्षा के लिहाज से भी उचित नहीं है। किराए में छूट भी नहीं मिली
राजकुमार राय ने बताया- अनुबंध के मुताबिक, क्रूज संचालन के शुरुआती 6 महीनों तक किराए में छूट दी जानी थी। लेकिन, ऐसा नहीं हुआ। बार लाइसेंस भी जारी नहीं किया गया, जिससे संचालन में और दिक्कतें आईं। क्रूज संचालन के लिए आवश्यक न्यूनतम जलस्तर तीन मीटर होना चाहिए, लेकिन रामगढ़ताल में पानी का स्तर डेढ़ मीटर के आसपास रहता है। इससे क्रूज के इंजन में बार-बार खराबी आ रही है, और तेल की खपत भी बढ़ गई है। संचालक ने कई बार जल निकासी व्यवस्था सुधारने के लिए अनुरोध किया, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। IRS से रजिस्टर्ड क्रूज
राजकुमार राय ने बताया- लेक क्वीन क्रूज इंडियन शिपिंग रजिस्टर (IRS) से पंजीकृत है। क्रूज का रजिस्ट्रेशन नंबर DW-1907 एलाट हुआ है। यह नंबर कोलकाता पोर्ट से एलाट होता है। उन्होंने बताया- इसे सभी सिक्योरिटी नॉर्म्स चेक करने के बाद ही पानी में उतारा गया। यह दिन व रात दोनों समय इसमें सवार होने वाले पैसेंजर्स पूरी तरह सेफ है। इमरजेंसी की स्थिति में क्रूज पर सभी तरह व्यवस्थाएं की गई हैं। पानी की गहराई बहुत कम है क्रूज संचालक राजकुमार राय ने बताया- क्रूज का संचालन के लिए मिनिमम वाटर लेवल 3 मीटर होना चाहिए। लेकिन, रामगढ़ताल में वाटर लेबल डेढ़ मीटर के आसपास रहता है। इसके चलते तीन बार क्रूज के इंजन में दिक्कत आ चुकी है। उन्होंने बताया- वाटर लेबल कम होने के चलते क्रूज में तेल की खपत भी अधिक होती है। उन्होंने बताया कि रामगढ़ताल में जलनिकासी के लिए केवल एक जगह पाम पैराडाइज के पास बना नाला है। यह खबर भी पढ़ें यूपी में मुजफ्फरनगर की हवा सबसे ज्यादा खराब: दशहरे पर AQI 238 पहुंचा, हापुड़ दूसरा; अब कोहरे और ठंड का अहसास दशहरे पर रावण दहन और पटाखे से शनिवार को यूपी में वायु प्रदूषण बढ़ा। प्रदेश में सबसे ज्यादा प्रदूषित हवा मुजफ्फरनगर की है। शनिवार को यहां का एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (AQI) 238 दर्ज किया गया। हापुड़ 211 AQI के साथ दूसरा सबसे प्रदूषित शहर रहा। पढ़ें पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर