लुधियाना में स्नेचिंग की वारदातें लगातार बढ़ रही है। बीते दिन एक्टिवा सवार महिला CA की बाइक सवार दो बदमाशों ने चैन झपट ली। महिला ने शोर भी मचाया और पीछा करने की भी कोशिश की लेकिन बदमाश मौके से भाग गए। महिला ने पुलिस चौकी कोछड़ मार्केट में शिकायत दर्ज करवाई है। एक्टिवा पर उसके साथ दो बच्चे भी बैठे थे। बेटे को स्कूल से वापस घर एक्टिवा पर लेकर जा रही थी CA जानकारी मुताबिक पीड़ित CA आइना आहूजा ने कहा कि वह बेटे की स्कूल से छुट्टी होने पर सोहन डेंटल क्लिनिक कोछड़ मार्केट नजदीक एक्टिवा पर जा रही थी। कुछ दूरी पर बाइक सवार लड़के उसका पीछा करने लगे। बदमाशों ने उसकी एक्टिवा के बराबर बाइक लगाया और अचानक गले में पहले डेढ़ तोले की सोने की चैन झपट ली। दंपती ने खुद इलाके में ढूंढी सीसीटीवी फूटेज आइना मुताबिक ग़नीमत रही कि स्कूटी का संतुलन बिगड़ने के कारण एक्टिवा स्लिप कर गई। बच्चे के भी चोटें आई। घटना के तुरंत बाद उसने अपने पति CA हरीश आहूजा को फोन किया। दंपती ने खुद इलाके में घुम कर देर रात तक कुछ सीसीटीवी क्लिप इकट्ठे किए। CA हरीश ने कहा कि पुलिस के काम भी खुद पीड़ितों को करने पड़ रहे है। बदमाशों की सीसीटीवी फुटेज ढूंढ कर पुलिस को दी है लेकिन अभी तक पुलिस के हाथ खाली है। पुलिस प्रशासन से मांग है कि स्नैचरों को दबोचा जाए। लुधियाना में स्नेचिंग की वारदातें लगातार बढ़ रही है। बीते दिन एक्टिवा सवार महिला CA की बाइक सवार दो बदमाशों ने चैन झपट ली। महिला ने शोर भी मचाया और पीछा करने की भी कोशिश की लेकिन बदमाश मौके से भाग गए। महिला ने पुलिस चौकी कोछड़ मार्केट में शिकायत दर्ज करवाई है। एक्टिवा पर उसके साथ दो बच्चे भी बैठे थे। बेटे को स्कूल से वापस घर एक्टिवा पर लेकर जा रही थी CA जानकारी मुताबिक पीड़ित CA आइना आहूजा ने कहा कि वह बेटे की स्कूल से छुट्टी होने पर सोहन डेंटल क्लिनिक कोछड़ मार्केट नजदीक एक्टिवा पर जा रही थी। कुछ दूरी पर बाइक सवार लड़के उसका पीछा करने लगे। बदमाशों ने उसकी एक्टिवा के बराबर बाइक लगाया और अचानक गले में पहले डेढ़ तोले की सोने की चैन झपट ली। दंपती ने खुद इलाके में ढूंढी सीसीटीवी फूटेज आइना मुताबिक ग़नीमत रही कि स्कूटी का संतुलन बिगड़ने के कारण एक्टिवा स्लिप कर गई। बच्चे के भी चोटें आई। घटना के तुरंत बाद उसने अपने पति CA हरीश आहूजा को फोन किया। दंपती ने खुद इलाके में घुम कर देर रात तक कुछ सीसीटीवी क्लिप इकट्ठे किए। CA हरीश ने कहा कि पुलिस के काम भी खुद पीड़ितों को करने पड़ रहे है। बदमाशों की सीसीटीवी फुटेज ढूंढ कर पुलिस को दी है लेकिन अभी तक पुलिस के हाथ खाली है। पुलिस प्रशासन से मांग है कि स्नैचरों को दबोचा जाए। पंजाब | दैनिक भास्कर
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गुरदासपुर में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए 32 करोड़ का प्रोजेक्ट:10 महीने में तैयार होगा अर्ली इंटरवेंशन सेंटर, नहीं जाना पड़ेगा अमृतसर पंजाब हेल्थ सिस्टम कॉर्पोरेशन के चेयरमैन रमन बहल द्वारा गुरदासपुर वासियों को मानक स्वास्थ्य सेवाएं देने के प्रयास लगातार जारी हैं। बहल द्वारा बीते दो वर्षों में विधानसभा हलका गुरदासपुर में मानक स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा 32 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट लाए गए हैं। चेयरमैन रमन बहल ने बताया है कि 32 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट में मुख्य रुप से अर्बन कम्युनिटी सेंटर (पुराना सिविल अस्पताल) गुरदासपुर को अपग्रेड करने पर 3.50 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। इसके अलावा एक्स-रे रूम पर 5 लाख, फूड एवं ड्रग ज़ोनल दफ्तर गुरदासपुर के लिए 60 लाख, 50 बैड वाले जच्चा-बच्चा अस्पताल के लिए 10.50 करोड़, ज़िला अस्पताल की मरम्मत पर 2.50 लाख, क्रिटिकल केयर यूनिट पर 16.75 करोड़ रुपए, आईपीएचएल लैब गुरदासपुर के लिए 38 लाख रुपए और अल्ट्रासाउंड मशीन के लिए 25 लाख रुपए खर्च किए गए हैं। आधुनिक लैब में होंगे सभी टेस्ट रमन बहल ने कहा कि बीते दिनों ज़िला अस्पताल गुरदासपुर (बब्बरी) में 1.34 करोड़ रुपए की लागत से आरटीपीसीआर लैब स्थापित की गई है, जिसका आम जनता को बहुत लाभ हुआ है। उन्होंने कहा कि इस लैब में अब कोविड-19, एच1 एन1, इन्फ्लूएंजा, वायरल इन्फेक्शन के करीब 50 टेस्ट किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इससे पहले कोविड-19, स्वाइन फ्लू आदि के टेस्ट सैंपल अमृतसर मेडिकल कॉलेज भेजे जाते थे। लेकिन अब इस लैब के शुरू होने से यह सभी टेस्ट जिला अस्पताल गुरदासपुर में हो जाएंगे, जिससे मरीजों की मुश्किलें खत्म हो गई हैं। बनाया जाएगा अर्ली इंटरवेंशन सेंटर रमन बहल ने कहा कि बच्चों की स्वास्थ्य सुविधा के लिए जिला अस्पताल में डिस्ट्रिक्ट अर्ली इंटरवेंशन सेंटर बनाया जा रहा है जिसकी कुल लागत 1.30 करोड़ रुपए आएगी। अगले 10 महीनों में यह सेंटर तैयार हो जाएगा। उन्होंने बताया कि इस सेंटर में 6 साल तक के बच्चों के इलाज का प्रबंध होगा। विभिन्न स्वास्थ्य संस्थाओं और आरबीएसके टीमों द्वारा जिन बच्चों की बीमारियों और शारीरिक कमी की पहचान की जाएगी उनका इलाज भी यहीं किया जाएगा। चेयरमैन ने बताया कि निर्माणाधीन मदर एंड चाइल्ड हेल्थ विंग की बिल्डिंग भी आगामी फरवरी महीने में पूरी हो जाएगी। उन्होंने कहा कि नए साल के शुरुआती महीनों में ही यह विंग भी इलाज के लिए उपलब्ध होगा। उन्होंने कहा कि क्रिटिकल केयर सेंटर भी जल्द पूरा हो जाएगा।
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चंडीगढ़ हाईकोर्ट बार काउंसिल का पूर्व प्रधान गिरफ्तार:शुक्रवार देर रात पुलिस ने की कार्यवाही, वकील के साथ मारपीट का मामला पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट बार काउंसिल के पूर्व प्रधान विकास मलिक को चंडीगढ़ पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उनकी गिरफ्तारी शुक्रवार देर रात उनके घर से की गई है। उन पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के ही एक वकील रंजीत के साथ मारपीट का मामला दर्ज है। यह मामला चंडीगढ़ पुलिस ने 1 जुलाई को दर्ज किया था। सबूतों को मिटाने के लिए उनके ऊपर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट बार काउंसिल में लगे सीसीटीवी कैमरा की DVR को गायब करने का भी आरोप है। बार काउंसिल ने किया था लाइसेंस रद्द अभी पिछले दिनों पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट बार काउंसिल की अनुशासन कमेटी ने उनका लाइसेंस भी रद्द कर दिया था। उसके बाद से ही उनके ऊपर गिरफ्तारी की तलवार लटकी हुई थी। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने एक याचिका की सुनवाई करते हुए आदेश जारी किए गए थे कि विकास मलिक के खिलाफ जांच की जाए और 10 दिन के अंदर कार्रवाई की जाए। हाईकोर्ट के इसी आदेश के बाद उनका लाइसेंस रद्द किया गया था। यह था मामला मामले में हाईकोर्ट के ही एक वकील रंजीत सिंह ने शिकायत दी थी। शिकायत में उसने कहा कि वह विकास मलिक और स्वर्ण सिंह के खिलाफ कोई केस लड़ रहा है। वह इस केस के संबंध में वकील विकास मलिक के दफ्तर में एक समन देने गए थे। यहां पर 7-8 लोग बैठे हुए थे। जिनमें से वह कुछ लोगों को जानता है। इसी दौरान उसके साथ मारपीट की गई थी। पुलिस ने शिकायत के आधार पर यह मुकदमा दर्ज किया था।
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पंजाब में अकाली दल बचाओ लहर की तैयारियां शुरू:2022 जैसे हालात पैदा; बागी गुट ने दोहराया- सुखबीर बादल को पद से हटना चाहिए लोकसभा चुनाव में शिरोमणि अकाली दल (SAD) की हार के बाद असंतोष पैदा हो गया है। एक तरफ पार्टी में वरिष्ठ नेतृत्व है, जिसमें वो बड़े नेता और परिवार शामिल हैं, जिनके बिना अकाली दल अधूरा है। वहीं दूसरी तरफ पार्टी कार्यसमिति और जिला पदाधिकारी हैं, जिन्होंने लोकसभा चुनाव 2024 में हार के बाद भी सुखबीर सिंह बादल के प्रति संतोष जताया है। अकाली दल के विद्रोही समूह ने एक संयुक्त संवाददाता प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि एक धार्मिक और राजनीतिक व्यक्तित्व को अपनी परंपराओं के अनुरूप शिरोमणि अकाली दल का नेतृत्व करना चाहिए। सुखबीर बादल को इस्तीफा देना चाहिए। प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने यह भी कहा कि उनमें से कोई भी अकाली दल का अध्यक्ष नहीं बनना चाहता। जो भी पार्टी अध्यक्ष बनेगा उसे पार्टी का मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार नहीं होना चाहिए। पार्टी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के खिलाफ बगावत का झंडा बुलंद हो गया है। बागी गुट ने अकाली दल बचाओ लहर शुरू कर दी है। कल जालंधर में बैठक कर सुखबीर बादल को अध्यक्ष पद से हटाने का प्रस्ताव लिया गया। बुधवार को जालंधर में हुई पांच घंटे की बैठक के बाद सुखबीर सिंह बादल से पार्टी प्रधान पद से हटने की मांग की गई। बैठक में शामिल नेताओं में सिकंदर मलूका, सुरजीत रखड़ा, बीबी जागीर कौर, प्रेम सिंह चंदूमाजरा, किरणजोत कौर, मनजीत सिंह, सुरिंदर भुल्लेवाल, गुरप्रताप वडाला, चरणजीत बराड़, हरिंदर पाल टोहरा और गगनजीत बरनाला शामिल थे। 2022 में भी पैदा हुए थे यही हालात 2017 विधानसभा, 2019 लोकसभा और 2022 विधानसभा चुनावों में हार के बाद पार्टी ने हार की समीक्षा करने के लिए कमेटी का गठन किया था। ये कमेटी इकबाल सिंह झूंदा की अध्यक्षता में बनी। 2022 की हार के बाद विरोध शुरू हुआ और अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर बादल को बदलने की आवाज उठने लगी। इसी बीच 2022 में झूंदा रिपोर्ट बनकर तैयार थी। लेकिन इस पर अमल नहीं किया गया। ये कह कर रिपोर्ट को दबा दिया गया कि झूंदा रिपोर्ट में कहीं भी पार्टी प्रधान बदलने की बात नहीं की गई है। जबकि उसमें ये जरूर लिखा गया था कि पार्टी अध्यक्ष 10 साल के बाद रिपीट नहीं होना चाहिए। लेकिन, सुखबीर बादल के दोबारा प्रधान चुने जाने के बाद ये रिपोर्ट अकाली 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ही नहीं भारतीय राजनीति में अकाली दल की तूती बोलती थी, लेकिन धीरे-धीरे इसका प्रभुत्व समाप्त होता चला गया। आलम ये है कि अब इसके पास लोकसभा की केवल एक सीट है। विधानसभा में भी इसका प्रभाव लगातार खत्म हो रहा है। शिरोमणि अकाली दल बचाओ आंदोलन की होगी शुरुआत जालंधर में हुई बैठक के बाद बागी नेताओं ने ऐलान किया कि 1 जुलाई से शिरोमणि अकाली दल बचाओ आंदोलन की शुरुआत की जाएगी। बागी नेताओं ने मांग की कि पार्टी के प्रधान सुखबीर सिंह बादल को पार्टी के कार्यकर्ताओं की भावनाओं को समझते हुए त्याग की भावना दिखानी चाहिए और किसी ऐसे नेता के हाथ में पार्टी की कमान सौंपनी चाहिए जो अकाली दल को मजबूत कर सके और धर्म और राजनीति के बीच संतुलन भी कायम कर सके। अकाली दल के बागी नेताओं की बैठक में पार्टी का प्रधान पद संत समाज से जुड़े किसी बड़े चेहरे को देने पर भी विचार किया गया है। जाने कब बना अकाली दल 14 दिसंबर, 1920 को एक SAD का गठन किया गया था। इसके पीछे उद्देश्य यह बताया गया था कि गुरुद्वारों को ब्रिटिश सरकार द्वारा नियुक्त महंतों (पुजारियों) के नियंत्रण से मुक्त कराया जाएगा। SAD के गठन से एक महीना पहले 15 नवंबर को शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (SGPC) का गठन हुआ था। ननकाना साहिब में मत्था टेकते समय एक डिप्टी कमिश्नर की बेटी के साथ छेड़छाड़ की घटना हुई थी और इस वजह से लोगों में गुस्सा था। तब यह मांग उठी थी कि गुरुद्वारों को महंतों से मुक्त कराया जाना चाहिए। SAD ने इसके खिलाफ संघर्ष छेड़ा और यह चार साल तक चला। इस दौरान महंतों और ब्रिटिश प्रशासन के हमलों में 4,000 लोगों की मौत हुई थी। आखिरकार सिख गुरुद्वारा एक्ट 1925 बनाया गया और सभी गुरुद्वारे एसजीपीसी के नियंत्रण में आ गए। अकाली दल ने देश की आजादी से पहले कांग्रेस के साथ भी गठबंधन किया था। SAD के नेता मास्टर तारा सिंह की वजह से ही बंटवारे के दौरान पंजाब के आधे हिस्से को पाकिस्तान में जाने से रोका गया था। बहुमत सुखबीर बादल के साथ एक तरफ विद्रोह तेज हो रहा है, लेकिन दूसरी तरफ सुखबीर अभी भी मजबूती के साथ खड़े हैं। अकाली दल कोर कमेटी व जिला इकाइयों ने प्रस्तावों में पार्टी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के स्पष्टवादी, दूरदर्शी और दृढ़ नेतृत्व की पार्टी की ओर से पूरे दिल से सराहना की है और उसमें विश्वास जताया गया। पार्टी के मौजूदा 35 जिला जत्थेदारों में से 33 और मौजूदा 105 हलका प्रभारियों में से 96 ने सुखबीर सिंह बादल के नेतृत्व की सराहना की। इन 33 जिला अध्यक्षों में से 28 ने वास्तव में बैठक में भाग लिया, जबकि जो पांच उपस्थित नहीं हो सके, उन्होंने कुछ पारिवारिक कारणों से उपस्थित होने में असमर्थता व्यक्त करते हुए लिखित रूप में अध्यक्ष के लिए अपने समर्थन की पार्टी को सूचित किया था।