लुधियाना में पूर्व मंत्री दर्शन बराड़ कांग्रेस से निष्कासित:प्रधान वड़िंग के खिलाफ बेटे ने लड़ा था चुनाव, दूसरी बार पार्टी से बाहर

लुधियाना में पूर्व मंत्री दर्शन बराड़ कांग्रेस से निष्कासित:प्रधान वड़िंग के खिलाफ बेटे ने लड़ा था चुनाव, दूसरी बार पार्टी से बाहर

पंजाब के कांग्रेस प्रदेश प्रधान और लुधियाना से नव नियुक्त सांसद अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग एक्शन मोड में आ गए हैं। प्रदेश कांग्रेस ने वडिंग के खिलाफ आजाद चुनाव लड़ने वाले कमलजीत सिंह बराड़ के पिता पूर्व मंत्री दर्शन सिंह बराड़ को पार्टी के खिलाफ काम करने को लेकर बाहर कर दिया गया। दर्शन बराड़ ने पहली बार 1992 में लड़ा चुनाव दर्शन सिंह बराड़ पहली बार जगराओं में 1992 में चुनाव लड़े थे और भाजपा के आयोध्या प्रकाश को 5541 वोट से हरा कर चुनाव जीता था जिसके बाद दर्शन सिंह बराड़ की कांग्रेस पार्टी में काफी पकड़ बन गई थी। उसके बाद दर्शन बराड़ ने 1997 में चुनाव लड़ा लेकिन वह अकालीदल से चुनाव हार गए जिसके बाद दर्शन सिंह बराड़ को 2002 में कांग्रेस ने झटका देते हुए उनकी टिकट काट डाली तो वह पार्टी के खिलाफ आजाद चुनाव लड़े तो कांग्रेस पार्टी ने दर्शन बराड़ को पार्टी से बाहर कर दिया। लेकिन इस दौरान उन्होंने चुनावों में आजाद उम्मीदवार होने पर भी 30595 वोट हासिल कर कांग्रेस पार्टी की जमानत जब्त करवा डाली हालाकि वह खुद मात्र 1557 वोट से अकाली दल से हार गए। आजाद तौर पर इतनी ज्यादा वोट लेने के बाद कांग्रेस पार्टी को उन्हें मजबूरन पार्टी में वापस लेना पड़ा था जिसके बाद 2007 में उन्होंने जगराओं को छोड़ते हुए बाघापुराना से चुनाव लड़ा था। इस के बावजूद भी उन्होंने जगराओं में अपना दबदबा बनाए रखा। वह जगराओं में अपने हर किसी वर्कर के खुख दुख में आते रहे इसी का फायदा अब लोकसभा चुनावों में दर्शन सिंह बराड़ के बेटे कमलजीत सिंह बराड़ को मिला। बराड़ को करीब 42211 वोट लोकसभा चुनाव में पड़ी। पंजाब के कांग्रेस प्रदेश प्रधान और लुधियाना से नव नियुक्त सांसद अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग एक्शन मोड में आ गए हैं। प्रदेश कांग्रेस ने वडिंग के खिलाफ आजाद चुनाव लड़ने वाले कमलजीत सिंह बराड़ के पिता पूर्व मंत्री दर्शन सिंह बराड़ को पार्टी के खिलाफ काम करने को लेकर बाहर कर दिया गया। दर्शन बराड़ ने पहली बार 1992 में लड़ा चुनाव दर्शन सिंह बराड़ पहली बार जगराओं में 1992 में चुनाव लड़े थे और भाजपा के आयोध्या प्रकाश को 5541 वोट से हरा कर चुनाव जीता था जिसके बाद दर्शन सिंह बराड़ की कांग्रेस पार्टी में काफी पकड़ बन गई थी। उसके बाद दर्शन बराड़ ने 1997 में चुनाव लड़ा लेकिन वह अकालीदल से चुनाव हार गए जिसके बाद दर्शन सिंह बराड़ को 2002 में कांग्रेस ने झटका देते हुए उनकी टिकट काट डाली तो वह पार्टी के खिलाफ आजाद चुनाव लड़े तो कांग्रेस पार्टी ने दर्शन बराड़ को पार्टी से बाहर कर दिया। लेकिन इस दौरान उन्होंने चुनावों में आजाद उम्मीदवार होने पर भी 30595 वोट हासिल कर कांग्रेस पार्टी की जमानत जब्त करवा डाली हालाकि वह खुद मात्र 1557 वोट से अकाली दल से हार गए। आजाद तौर पर इतनी ज्यादा वोट लेने के बाद कांग्रेस पार्टी को उन्हें मजबूरन पार्टी में वापस लेना पड़ा था जिसके बाद 2007 में उन्होंने जगराओं को छोड़ते हुए बाघापुराना से चुनाव लड़ा था। इस के बावजूद भी उन्होंने जगराओं में अपना दबदबा बनाए रखा। वह जगराओं में अपने हर किसी वर्कर के खुख दुख में आते रहे इसी का फायदा अब लोकसभा चुनावों में दर्शन सिंह बराड़ के बेटे कमलजीत सिंह बराड़ को मिला। बराड़ को करीब 42211 वोट लोकसभा चुनाव में पड़ी।   पंजाब | दैनिक भास्कर