पंजाब के लुधियाना में बीती रात कुछ अज्ञात बाइक सवारों ने शिवसेना हिंदू सिख विंग के राष्ट्रीय अध्यक्ष हरकीरत सिंह खुराना के घर पर पेट्रोल बम से हमला कर दिया। धमाके का सीसीटीवी वीडियो भी सामने आया है। वीडियो में बाइक सवार साफ नजर आ रहे हैं। तीन बदमाशों ने इस वारदात को अंजाम दिया है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। बता दें कि पिछले 15 दिनों में यह दूसरी घटना है। इससे पहले कुछ शरारती युवकों ने शिवसेना भारतीय नेता योगेश बख्शी के घर के बाहर कांच की बोतल में भरा डीजल फेंक दिया था। इससे जोरदार धमाका हुआ था। हम खबर को अपडेट कर रहे है,,, पंजाब के लुधियाना में बीती रात कुछ अज्ञात बाइक सवारों ने शिवसेना हिंदू सिख विंग के राष्ट्रीय अध्यक्ष हरकीरत सिंह खुराना के घर पर पेट्रोल बम से हमला कर दिया। धमाके का सीसीटीवी वीडियो भी सामने आया है। वीडियो में बाइक सवार साफ नजर आ रहे हैं। तीन बदमाशों ने इस वारदात को अंजाम दिया है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। बता दें कि पिछले 15 दिनों में यह दूसरी घटना है। इससे पहले कुछ शरारती युवकों ने शिवसेना भारतीय नेता योगेश बख्शी के घर के बाहर कांच की बोतल में भरा डीजल फेंक दिया था। इससे जोरदार धमाका हुआ था। हम खबर को अपडेट कर रहे है,,, पंजाब | दैनिक भास्कर
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खालसा कॉलेज में एग्रीकल्चर विषय की 27 को परीक्षा अमृतसर| खालसा कॉलेज में दाखिला लेने के लिए पंजाब के अलावा हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और जम्मू से छात्र पहुंच रहे हैं। प्रिंसिपल डॉ. महल सिंह ने बताया कि कॉलेज में 1932 से स्थापित कृषि विभाग में अन्य विषयों के अलावा कृषि की सीटों के लिए प्रदेश भर से विद्यार्थियों ने आवेदन किया है। कालेज में एग्रीकल्चर विषय से संबंधित बीएससी (एग्रीकल्चर) और हार्टीकल्चर प्रवेश परीक्षा 27 जून को आयोजित की जा रही है। इस साल कंप्यूटर साइंस, फूड साइंस, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डेटा साइंस, मेडिकल, नॉन-मेडिकल और इकोनॉमिक्स, डेटा एनालिटिक्स, बीवाक फूड प्रोसेसिंग, थियेटर व स्टेज क्राफ्ट आदि विषयों में विद्यार्थी दिलचस्पी दिखा रहे हैं।
जालंधर में 5 कैंडिडेट डेरा बल्लां में हुए नतमस्तक:पार्टियों की नजर रविदास समाज की वोटों पर; संत निरंजन दास के दरबार लगी हाजिरी
जालंधर में 5 कैंडिडेट डेरा बल्लां में हुए नतमस्तक:पार्टियों की नजर रविदास समाज की वोटों पर; संत निरंजन दास के दरबार लगी हाजिरी पंजाब की राजनीति में डेरों का प्रभाव शुरू से ही रहा है। जब भी चुनाव आते हैं तो नेता डेरों के फेरे लगाने शुरू कर देते हैं। पंजाब का जिला जालंधर एक एससी (SC) लोकसभा सीट है। यहां पर एससी भाईचारे का प्रभाव बहुत ज्यादा है। क्योंकि पंजाब में एससी समाज का एक प्रमुख धाम डेरा सचखंड बल्लां जालंधर में ही स्थित है। लोकसभा चुनाव में 1 जून को वोट पड़ने हैं और ऐसे में राजनीतिक पार्टियों के नेताओं का डेरा बल्लां में आवागमन बढ़ गया है। सोशल मीडिया पर फोटो डाल रहे कैंडिडेट 24 घंटे में डेरा सचखंड बल्लां में जालंधर में चुनाव लड़ रहे पांच प्रमुख पार्टियों के उम्मीदवार नतमस्तक होने के लिए पहुंचे। बता दें कि शनिवार को अमर शहीद संत रामानंद जी महाराज की बरसी थी। इसी को लेकर बीजेपी, आप, कांग्रेस, शिअद और बसपा के उम्मीदावर बल्लां डेरे पहुंचे। इस दौरान उन्होंने संत निरंजन दास जी महाराज से आशीर्वाद भी प्राप्त किया। सभी ने वोटरों को लुभाने के लिए संत निरंजन दास के साथ खींचे फोटो सोशल मीडिया में शेयर किए हैं। जालंधर सीट पर सभी उम्मीदवार रविदास समाज से बता दे कि जालंधर में डेरा बल्लां को लुभाने के लिए हर पार्टी ने अपना उम्मीदवार रविदास समाज से संबंध रखने वाले को ही उतारा है। ताकि डेरा बल्लां और रविदास समाज का उन्हें स्पॉट मिल सके। क्योंकि डेला बल्लां जालंधर जिले से सहित पंजाब में अपना काफी प्रभाव रखता है। बता दें कि डेरा बल्लां में कई वरिष्ठ नेता संत निरंजन दास का आशीर्वाद लेने पहुंच चुके हैं। जिनमें दिल्ली की सीएम केजरीवाल, पंजाब के सीएम भगवंत मान, आप के वरिष्ठ नेता राघव चड्ढा और अन्य के नाम शामिल हैं। डेरों के फेरे जरूरी क्यों… पंजाब में बने ज्यादातर डेरे कभी किसी एक पार्टी या उम्मीदवार को खुले तौर पर समर्थन नहीं देते। राजनीतिक तौर पर डेरे निष्पक्ष रहते हैं। इसके बावजूद वोटरों में उनका सियासी दबदबा बरकरार रहता है। जालंधर चुनाव की बात करें तो यहां सबसे पावरफुल रविदासिया समाज का सबसे बड़ा धर्मस्थल डेरा सचखंड बल्लां हैं। उनके करीब पंजाब लाख अनुयायी जालंधर लोकसभा सीट पर वोटर हैं। इन्हीं वोटों पर नजर रख नेता डेरे पहुंचते हैं। दूसरे नंबर पर नूरमहल डेरा है। हालांकि फिलहाल यह डेरा ज्यादा एक्टिव नजर नहीं आ रहा।
धान लिफ्टिंग पर केंद्र और पंजाब सरकार की मीटिंग:इस मामले को लेकर हाईकोर्ट भी सख्त, सहमति से मामला सुलझाने के आदेश
धान लिफ्टिंग पर केंद्र और पंजाब सरकार की मीटिंग:इस मामले को लेकर हाईकोर्ट भी सख्त, सहमति से मामला सुलझाने के आदेश पंजाब में धान की लिफ्टिंग का मामला गर्माया हुआ है। इसी मामले को लेकर आज (वीरवार) को केंद्र और पंजाब सरकार के अधिकारियों की मीटिंग होने जा रही है। इस दौरान दोनों की तरफ से इस मुद्दे पर स्ट्रेटजी बनाई जाएगी। हालांकि इस मामले को लेकर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट भी सख्त है। 29 अक्टूबर को हाईकोर्ट ने इसी मामले से जुड़ी याचिका की सुनवाई करते हुए कहा था कि इस मसले को आपसी सहमति से हल किया जाए। यह मामला पूरे पंजाब से जुड़ा हुआ है। पंजाब कृषि प्रधान राज्य है। पहले भी पंजाब और केंद्र में मीटिंग हो चुकी है धान की लिफ्टिंग के मामले को लेकर पंजाब और केंद्र सरकार के बीच इससे पहले भी कई मीटिंग हो चुकी हैं। कुछ दिन पहले ही पंजाब के सीएम भगवंत मान अपनी पूरी टीम के साथ दिल्ली गए थे। वहां पर केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी की अगुआई में मीटिंग हुई थी।मीटिंग में केंद्रीय राज्यमंत्री रवनीत सिंह बिट्टू भी उपस्थित थे। इसके अलावा केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के समक्ष भी सीएम मान इस मामले को उठा चुके हैं। आरोप है कि शैलरों में पहले से खरीदा हुआ चावल पड़ा हुआ है। जिसे केंद्र सरकार द्वारा उठाया नहीं जा रहा है। इस वजह से यह दिक्कत आ रही है। वहीं, पंजाब सरकार दावा कर रही है कि वह मार्च से अब तक 15 पत्र केंद्र को लिख चुकी हैं, लेकिन इसके बाद भी धान की लिफ्टिंग नहीं हो रही है। एक हफ्ते से AAP और भाजपा आमने सामने करीब एक हफ्ते से इस मामले को लेकर पंजाब की आम आदमी पार्टी (AAP) और भाजपा आमने सामने आ गए हैं। यह स्थिति उस समय बनी जब पंजाब के विधायक और मंत्री इसके लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार बता रहे थे, तो भाजपा नेता आगे आए। इसका आगाज भी थोड़ा हटकर था। दो साल से सक्रिय राजनीति से दूर चल रहे पूर्व सीएम और भाजपा नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 26 अक्टूबर को खन्ना मंडी में पहुंचकर धान खरीद का जायजा लिया और किसानों की दिक्कतें सुनीं। 27 अक्टूबर को भाजपा नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने पंजाब गवर्नर गुलाब चंद कटारिया से मुलाकात की और खरीद में तेजी लाने के लिए पंजाब सरकार को आदेश देने की मांग रखी। इसी दिन केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने चंडीगढ़ पहुंचकर एफसीआई अधिकारियों से मीटिंग की। इसके बाद AAP ने जवाबी हमला बोला। वित्तमंत्री हरपाल चीमा की अगुआई में एक प्रतिनिधि मंडल ने सोमवार को गवर्नर से मुलाकात की और केंद्र सरकार से खरीद तेज करने की मांग रखी। इसके बाद फगवाड़ा पहुंचकर AAP सरकार के दो मंत्रियों ने किसानों से मीटिंग कर पांच हाईवे खुलवाएं और 30 अक्टूबर को चंडीगढ़ में केंद्र सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया।