लोग बिल्डिंग से कूदने का वीडियो बनाते रहे…मदद नहीं की:एटा में भाई रोते हुए बोला; पिता-बेटी और भतीजे का एक चिता पर अंतिम संस्कार

लोग बिल्डिंग से कूदने का वीडियो बनाते रहे…मदद नहीं की:एटा में भाई रोते हुए बोला; पिता-बेटी और भतीजे का एक चिता पर अंतिम संस्कार

‘हम लोग उस समय अपनी बहन के घर पर थे। घर पर भंडारा था। तभी भाई यशपाल के साले के मोबाइल पर कॉल आई कि हमारी बिल्डिंग में आग लग गई है। हम लोग तुरंत गाड़ी से मौके पर पहुंचे। लेकिन वहां न तो फायर टेंडर आए थे और न ही कोई मदद कर रहा था। जिन्हें यशपाल भइया ने फ्लैट से बाहर निकाल लिया था, वही लोग बाहर खड़े थे। फायर ब्रिगेड की गाड़ी आग लगने के करीब ढाई घंटे बाद आई। तब तक वहां सब कुछ खत्म हो चुका था। आस-पड़ोस के लोग वीडियो बना रहे थे। मदद के लिए कोई भी नहीं गया। अगर कोई मदद कर देता तो मेरा परिवार जिंदा बच जाता। बिल्डिंग में आग बुझाने की कोई व्यवस्था नहीं थी। सुरक्षा के नाम पर वहां कुछ नहीं था।’ ये दर्द है श्यामवीर का…। मंगलवार को दिल्ली में उसके भाई यशपाल के फ्लैट में आग लग गई। जिसमें खुद यशपाल (46), उनकी बेटी आशिमा (10) और श्यामवीर के 13 साल के बेटे शिवम की मौत हो गई। तीनों अपार्टमेंट में लगी आग से बचने के लिए बिल्डिंग की 9वीं मंजिल से कूद गए थे। सभी एटा के जैथरा थाना क्षेत्र के शाहबाजपुर गांव के रहने वाले थे। दिल्ली से तीनों शव गांव लाए गए
बुधवार शाम करीब 5 बजे दोनों बच्चों और यशपाल के शव एक साथ गांव लाए गए। हर तरफ से रोने चीखने की आवाजें आने लगीं। आशिमा की मां बेहोश हो गईं। गांव की महिलाओं ने उन्हें संभाला। बच्चों की बुआ कभी उनके चेहरे पर हाथ फेरती तो कभी उनका माथा चूमती। यह देख वहां मौजूद सभी की आंखों से आंसू छलक आए। 3 फोटो देखिए… अच्छा होता मैं भी बच्चों के साथ मर जाती
एक परिवार में तीन मौतों से पूरे गांव में मातम है। अंतिम संस्कार में आसपास के कई गांवों से लोग पहुंचे। पति और बच्चों के शव देखकर यशपाल की पत्नी ममता बेहोश हो गईं। गांव की महिलाओं ने पानी के छींटे मारे, तब होश आया। रोते हुए ममता ने कहा, मेरा बेटा काफी होनहार था। पति और बेटी चली गई। अब मैं जिंदा रहकर क्या करूंगी। इससे अच्छा होता कि मैं भी मर गई होती। मंगलवार को जब फ्लैट में आग लगी तो ममता भी बहन मीरा के घर पर थीं। गांव में हर तरफ रोने की आवाजें आ रही थीं। यशपाल की मां बोली- ये क्या हो गया?
यशपाल की मां सरोजनी देवी कुछ भी बोल नहीं पा रही थीं। वो लगातार रोए जा रही थीं। कुछ भी पूछने पर बस वो इतना ही कहती, सब खुश थे..एकदम से ये क्या हो गया। गांव की महिलाएं उनको शांत करा रही थीं, लेकिन वो बार-बार बिलख कर रोने लगतीं। 29 साल पहले दिल्ली में शिफ्ट हुए थे यशपाल
एटा के जैथरा थाना क्षेत्र के शाहबाजपुर गांव के रहने वाले यशपाल 29 साल पहले पत्नी के साथ दिल्ली में शिफ्ट हो गए थे। दिल्ली में वह फ्लेक्स, रूम डिजाइनिंग और एडवर्टाइजिंग का काम करते थे। उनके पास शबद अपार्टमेंट की नौवीं और दसवीं मंजिल पर फ्लैट था। दोनों फ्लैट एक सीढ़ी के जरिए आपस में जुड़े हैं। जिसमें यशपाल पत्नी ममता और बेटी आशिमा के साथ रहते थे। यशपाल ने रिश्तेदारों को बचाया, खुद फंस गया
यशपाल की बहन मीरा की शादी मैनपुरी में ही हुई है। उसका घर दिल्ली में भी है। मीरा के घर पर मंगलवार को कथा के बाद भंडारे का आयोजन हुआ। परिवार और रिश्तेदार सभी लोग बहन के घर पर जमा हुए। कुछ लोग यशपाल के घर पर भी रुके हुए थे। 10 बजे के आसपास अचानक 9वीं मंजिल पर बने यशपाल के फ्लैट में आग लग गई। यशपाल ने सभी रिश्तेदारों को किसी तरह से घर की खिड़की से बाहर निकाल दिया। लेकिन खुद अपनी बेटी और भतीजे के साथ फंस गया। यशपाल ने खुद को और बच्चों को बचाने के लिए 9वीं मंजिल से छलांग लगा दी। लेकिन गंभीर चोट आने से तीनों की अस्पताल में मौत हो गई। दिल्ली में हुई है यशपाल की बहन की शादी
यशपाल (45) पांच भाई थे। जिनके नाम शिवपाल (40), सुभाष (37), श्याम सिंह (35) और उजीर सिंह (27) हैं। दो बहनें मीरा और किताबा हैं। मीरा की ससुराल मैनपुरी में है। किताबा की ससुराल एटा में ही है। यशपाल के पिता की मौत हो चुकी है। भाई उजीर सिंह गांव में रहकर खेती-बाड़ी करते हैं। बाकी सभी भाई दिल्ली में ही रहते हैं। इन सभी को यशपाल ने ही दिल्ली में शिफ्ट करवाया था। सभी भाई अपना अलग-अलग काम करते हैं। एक चिता पर तीनों का अंतिम संस्कार परिवार ने बुधवार देर शाम यशपाल और दोनों बच्चों का अंतिम संस्कार किया। तीनों शवों को एक चिता बनाई गई थी। एक साथ तीनों को लिटाया गया। भाई ने मुखाग्नि दी। उस हादसे को जानिए, जिसमें तीनों की मौत
दिल्ली के द्वारका सेक्टर-13 स्थित शबद अपार्टमेंट की 9वीं मंजिल के एक फ्लैट में मंगलवार सुबह आग लग गई। फ्लैट के अंदर पिता यशपाल यादव (46) दो बच्चों आशिमा और शिवम के साथ फंस गए। बचने के लिए दोनों बच्चों ने अपार्टमेंट की करीब 100 फीट ऊंचाई पर बनी बालकनी से छलांग लगाई। पहले शिवम कूदा। फिर बेटी आशिमा ने छलांग लगाई। आखिर में यशपाल भी कूद गए। तीनों को अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। फायर सर्विस ने बताया, उन्हें सुबह 10:01 बजे इस घटना की सूचना मिली, जिसके बाद तुरंत आठ फायर टेंडर मौके पर भेजे गए। दमकल कर्मियों ने बिना देर किए बचाव और आग बुझाने का अभियान शुरू कर दिया था। आग कैसे लगी, पता लगाया जा रहा है। हादसे से जुड़ी फोटो देखिए… ————— यह खबर भी पढ़ें- सोनम का बॉयफ्रेंड राज यूपी के फतेहपुर का:दादी बोलीं- अपने पति को खा गई, अब पोते को फंसा रही
इंदौर के राजा रघुवंशी हत्याकांड की मुख्य आरोपी पत्नी सोनम का बॉयफ्रेंड राज कुशवाह यूपी के फतेहपुर का रहने वाला है। 15 साल पहले राज अपनी मां और दो बहनों के साथ इंदौर गया था। उसके पिता वहां फल की दुकान लगाते थे, लेकिन उनकी 5 साल पहले मौत हो गई। राज की बड़ी बहन फतेहपुर में ही रहकर पढ़ाई करती है। राज भी परिवार के साथ बीच-बीच में यहां आता रहता है। पढ़ें पूरी खबर… ‘हम लोग उस समय अपनी बहन के घर पर थे। घर पर भंडारा था। तभी भाई यशपाल के साले के मोबाइल पर कॉल आई कि हमारी बिल्डिंग में आग लग गई है। हम लोग तुरंत गाड़ी से मौके पर पहुंचे। लेकिन वहां न तो फायर टेंडर आए थे और न ही कोई मदद कर रहा था। जिन्हें यशपाल भइया ने फ्लैट से बाहर निकाल लिया था, वही लोग बाहर खड़े थे। फायर ब्रिगेड की गाड़ी आग लगने के करीब ढाई घंटे बाद आई। तब तक वहां सब कुछ खत्म हो चुका था। आस-पड़ोस के लोग वीडियो बना रहे थे। मदद के लिए कोई भी नहीं गया। अगर कोई मदद कर देता तो मेरा परिवार जिंदा बच जाता। बिल्डिंग में आग बुझाने की कोई व्यवस्था नहीं थी। सुरक्षा के नाम पर वहां कुछ नहीं था।’ ये दर्द है श्यामवीर का…। मंगलवार को दिल्ली में उसके भाई यशपाल के फ्लैट में आग लग गई। जिसमें खुद यशपाल (46), उनकी बेटी आशिमा (10) और श्यामवीर के 13 साल के बेटे शिवम की मौत हो गई। तीनों अपार्टमेंट में लगी आग से बचने के लिए बिल्डिंग की 9वीं मंजिल से कूद गए थे। सभी एटा के जैथरा थाना क्षेत्र के शाहबाजपुर गांव के रहने वाले थे। दिल्ली से तीनों शव गांव लाए गए
बुधवार शाम करीब 5 बजे दोनों बच्चों और यशपाल के शव एक साथ गांव लाए गए। हर तरफ से रोने चीखने की आवाजें आने लगीं। आशिमा की मां बेहोश हो गईं। गांव की महिलाओं ने उन्हें संभाला। बच्चों की बुआ कभी उनके चेहरे पर हाथ फेरती तो कभी उनका माथा चूमती। यह देख वहां मौजूद सभी की आंखों से आंसू छलक आए। 3 फोटो देखिए… अच्छा होता मैं भी बच्चों के साथ मर जाती
एक परिवार में तीन मौतों से पूरे गांव में मातम है। अंतिम संस्कार में आसपास के कई गांवों से लोग पहुंचे। पति और बच्चों के शव देखकर यशपाल की पत्नी ममता बेहोश हो गईं। गांव की महिलाओं ने पानी के छींटे मारे, तब होश आया। रोते हुए ममता ने कहा, मेरा बेटा काफी होनहार था। पति और बेटी चली गई। अब मैं जिंदा रहकर क्या करूंगी। इससे अच्छा होता कि मैं भी मर गई होती। मंगलवार को जब फ्लैट में आग लगी तो ममता भी बहन मीरा के घर पर थीं। गांव में हर तरफ रोने की आवाजें आ रही थीं। यशपाल की मां बोली- ये क्या हो गया?
यशपाल की मां सरोजनी देवी कुछ भी बोल नहीं पा रही थीं। वो लगातार रोए जा रही थीं। कुछ भी पूछने पर बस वो इतना ही कहती, सब खुश थे..एकदम से ये क्या हो गया। गांव की महिलाएं उनको शांत करा रही थीं, लेकिन वो बार-बार बिलख कर रोने लगतीं। 29 साल पहले दिल्ली में शिफ्ट हुए थे यशपाल
एटा के जैथरा थाना क्षेत्र के शाहबाजपुर गांव के रहने वाले यशपाल 29 साल पहले पत्नी के साथ दिल्ली में शिफ्ट हो गए थे। दिल्ली में वह फ्लेक्स, रूम डिजाइनिंग और एडवर्टाइजिंग का काम करते थे। उनके पास शबद अपार्टमेंट की नौवीं और दसवीं मंजिल पर फ्लैट था। दोनों फ्लैट एक सीढ़ी के जरिए आपस में जुड़े हैं। जिसमें यशपाल पत्नी ममता और बेटी आशिमा के साथ रहते थे। यशपाल ने रिश्तेदारों को बचाया, खुद फंस गया
यशपाल की बहन मीरा की शादी मैनपुरी में ही हुई है। उसका घर दिल्ली में भी है। मीरा के घर पर मंगलवार को कथा के बाद भंडारे का आयोजन हुआ। परिवार और रिश्तेदार सभी लोग बहन के घर पर जमा हुए। कुछ लोग यशपाल के घर पर भी रुके हुए थे। 10 बजे के आसपास अचानक 9वीं मंजिल पर बने यशपाल के फ्लैट में आग लग गई। यशपाल ने सभी रिश्तेदारों को किसी तरह से घर की खिड़की से बाहर निकाल दिया। लेकिन खुद अपनी बेटी और भतीजे के साथ फंस गया। यशपाल ने खुद को और बच्चों को बचाने के लिए 9वीं मंजिल से छलांग लगा दी। लेकिन गंभीर चोट आने से तीनों की अस्पताल में मौत हो गई। दिल्ली में हुई है यशपाल की बहन की शादी
यशपाल (45) पांच भाई थे। जिनके नाम शिवपाल (40), सुभाष (37), श्याम सिंह (35) और उजीर सिंह (27) हैं। दो बहनें मीरा और किताबा हैं। मीरा की ससुराल मैनपुरी में है। किताबा की ससुराल एटा में ही है। यशपाल के पिता की मौत हो चुकी है। भाई उजीर सिंह गांव में रहकर खेती-बाड़ी करते हैं। बाकी सभी भाई दिल्ली में ही रहते हैं। इन सभी को यशपाल ने ही दिल्ली में शिफ्ट करवाया था। सभी भाई अपना अलग-अलग काम करते हैं। एक चिता पर तीनों का अंतिम संस्कार परिवार ने बुधवार देर शाम यशपाल और दोनों बच्चों का अंतिम संस्कार किया। तीनों शवों को एक चिता बनाई गई थी। एक साथ तीनों को लिटाया गया। भाई ने मुखाग्नि दी। उस हादसे को जानिए, जिसमें तीनों की मौत
दिल्ली के द्वारका सेक्टर-13 स्थित शबद अपार्टमेंट की 9वीं मंजिल के एक फ्लैट में मंगलवार सुबह आग लग गई। फ्लैट के अंदर पिता यशपाल यादव (46) दो बच्चों आशिमा और शिवम के साथ फंस गए। बचने के लिए दोनों बच्चों ने अपार्टमेंट की करीब 100 फीट ऊंचाई पर बनी बालकनी से छलांग लगाई। पहले शिवम कूदा। फिर बेटी आशिमा ने छलांग लगाई। आखिर में यशपाल भी कूद गए। तीनों को अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। फायर सर्विस ने बताया, उन्हें सुबह 10:01 बजे इस घटना की सूचना मिली, जिसके बाद तुरंत आठ फायर टेंडर मौके पर भेजे गए। दमकल कर्मियों ने बिना देर किए बचाव और आग बुझाने का अभियान शुरू कर दिया था। आग कैसे लगी, पता लगाया जा रहा है। हादसे से जुड़ी फोटो देखिए… ————— यह खबर भी पढ़ें- सोनम का बॉयफ्रेंड राज यूपी के फतेहपुर का:दादी बोलीं- अपने पति को खा गई, अब पोते को फंसा रही
इंदौर के राजा रघुवंशी हत्याकांड की मुख्य आरोपी पत्नी सोनम का बॉयफ्रेंड राज कुशवाह यूपी के फतेहपुर का रहने वाला है। 15 साल पहले राज अपनी मां और दो बहनों के साथ इंदौर गया था। उसके पिता वहां फल की दुकान लगाते थे, लेकिन उनकी 5 साल पहले मौत हो गई। राज की बड़ी बहन फतेहपुर में ही रहकर पढ़ाई करती है। राज भी परिवार के साथ बीच-बीच में यहां आता रहता है। पढ़ें पूरी खबर…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर